पाकिस्तान को महंगा पड़ रहा भारत से पंगा, सर्जिकल स्ट्राइक के खौफ से शेयर बाजार में हाहाकार
Pakistan Stock Exchange: आर्थिक तौर पर कंगाल पाकिस्तान को भारत से पंगा लेना महंगा पड़ता दिखाई दे रहा है. पिछले मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से किए जा रहे कूटनीतिक उपाय के बाद वह सर्जिकल स्ट्राइक के खौफ में जी रहा है. सर्जिकल स्ट्राइक के खौफ में गुरुवार को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में भारी गिरावट दर्ज की गई. आलम यह है कि कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE 100) में हाहाकार मचा हुआ है और दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर यह करीब 1.37% या फिर 1,623.88 अंक गिरकर 115,618.52 अंक पर कारोबार करता दिखाई दिया. इससे पहले, बुधवार को भी इसमें तेज गिरावट दर्ज की गई थी.
भारत के डर से गिर रहा पाकिस्तानी बाजार
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने और वाघा-अटारी सीमा को तत्काल बंद करने सहित कई निर्णयों की घोषणा की है. इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) ढांचे के तहत वीजा छूट भी रद्द कर दी गई है. यह घटना बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को घटाकर 2.6% करने के कदम के बाद PSX में पहले से ही भारी गिरावट के एक दिन बाद हुई है.
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भारत की सख्त कूटनीतिक कार्रवाई
- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा.
- एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. वैध समर्थन वाले लोग 1 मई, 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं.
- सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा. एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं.
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है. उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है. भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना, वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा. संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को निरस्त माना जाएगा. दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा.
- उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसे 1 मई, 2025 तक और कम किया जाएगा.
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