पटना और हाजीपुर क्यों बना वायु प्रदूषण का हॉट-स्पॉट? बिहार में सभी डीएम को मिले कार्रवाई करने के निर्देश
बिहार का मौसम बदला तो प्रदूषण (Air Pollution) की मार भी कई शहरों में बढ़ी है. खासकर राजधानी पटना में प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. शहर में पिछले एक सप्ताह में वायु प्रदूषण का स्तर 300 के पार जा चुका है. शहर में सबसे अधिक समनपुरा, दानापुर और राजवंशी नगर इलाके की हवा अधिक जहरीली दर्ज की गयी है. हालांकि मंगलवार को हवा की गति बढ़ने की वजह से वायु गुणवत्ता में थोड़ी सुधार दर्ज किया गया है. वहीं बिहार सरकार अब प्रदूषण को लेकर बेहद गंभीर दिख रही है. मुख्य सचिव ने सभी डीएम को वायु प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने का निर्देश दिया है. जिलों में वायु प्रदूषण फैलाने वाली एजेंसियों पर जुर्माना लगेगा.
पटना का एक्यूआई करीब 300
मंगलवार को पटना शहर का एक्यूआइ 295 दर्ज किया गया है जोकि खराब हवा की श्रेणी में ही आता है. प्रदूषण विशेषज्ञों की माने तो शहर की भौगोलिक संरचना, जलवायु परिवर्तन, निर्माण कार्यों की अनदेखी और घटती जल निकाय को प्रदूषण बढ़ने के प्रमुख कारण हैं. शहर में घटती जल निकाय भी इसकी एक वजह बतायी जा रही है. बिहार राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष डीके शुक्ला ने बताया कि जल निकायों के स्रोत को बढ़ाकर प्रदूषक सांद्रता को बेहतर ढंग से कम किया जा सकता है.
ALSO READ: बिहार के IAS संजीव हंस समेत कई अधिकारियों को मिलता था कमीशन! पर्चा पर लिखे ‘S सर’ कोड का राज खुला
क्यों बढ़ रहा है वायु प्रदूषण?
बिहार राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष बताते हैं कि अभी मौसम में हवा में नमी की मात्रा 70 से 75 प्रतिशत दर्ज की जा रही है. जिससे वातावरण के ऊपरी भाग में धूलकण एवं नमी की एक चादर बन गयी है.जिससे वायु गुणवत्ता का स्तर खराब दर्ज किया जा रहा है. निर्माण कार्यों में नियमों का पालन नहीं करना भी खतरनाक साबित हो रहा है. वहीं दूसरी ओर बिहार के मुख्य सचिव ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के साथ बैठक की और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सभी जिलाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं.
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव ने भी बतायी वजह…
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव द्वारा बताया गया कि गंगा के मैदानी क्षेत्र में हल्की जलोढ़ भूमि होने के कारण वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो रही है. इसके कारण वायु में कण पदार्थ सामान्य से ज्यादा पायी गयी है. गैसीय प्रदूषण में सल्फरडाइ ऑक्साइड, नाइट्रोजनऑक्साइड (कुछ स्थानों को छोड़कर) कार्बन मोनो ऑक्साइड, अमोनिया और ओजोन मानक के अधीन पाये गये हैं. शीतकाल में सामान्यत: वायु की गुणवत्ता खराब हो जाती है.
पटना और हाजीपुर क्यों बन गया हॉट-स्पॉट
मुख्य सचिव को बताया गया कि राज्य के 38 जिलों में से 23 जिलों में कुल 35 वायु गुणवत्ता केंद्र स्थापित किये गये हैं. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन सचिव द्वारा बताया गया कि पटना और हाजीपुर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के हॉट स्पॉट चिह्नित किये गये हैं. इसका प्रमुख कारण पटना और हाजीपुर में हो रहे निर्माण कार्य और हाजीपुर में कचरों के जलाने से वायु प्रदूषण हो रहा है. उन्होंने बताया कि पटना, मुजफ्फरपुर और गया शहरों के वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए एक कार्य योजना तैयार की गयी है.