दो अरबपति उद्योगपतियों ने फिर मिलाया हाथ, देश में तेल-गैस की करेंगे बिक्री
Ambani Adani Deal: देश के दो सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी एक बार फिर साझेदारी के लिए आगे आए हैं. दोनों ने अपने ईंधन खुदरा नेटवर्क को मिलाकर भारत में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी बेचने के लिए समझौता किया है. यह उनका दूसरा व्यावसायिक सहयोग है, जो ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी हलचल पैदा कर सकता है.
जियो-बीपी और एटीजीएल की रणनीतिक साझेदारी
इस सहयोग के तहत, मुकेश अंबानी की जियो-बीपी (ब्रिटिश पेट्रोलियम के साथ संयुक्त उपक्रम) और अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल), अपने-अपने फ्यूल स्टेशनों पर एक-दूसरे के उत्पाद उपलब्ध कराएंगे.
- एटीजीएल की सीएनजी दुकानों पर जियो-बीपी द्वारा पेट्रोल और डीजल डिस्पेंसर लगाए जाएंगे.
- जियो-बीपी के फ्यूल स्टेशनों पर एटीजीएल अपने सीएनजी डिस्पेंसर स्थापित करेगा.
देशभर में मौजूद नेटवर्क का लाभ
इस साझेदारी का लाभ दोनों कंपनियों के मौजूदा और भविष्य के नेटवर्क को मिलेगा.
- जियो-बीपी के पास 1,972 पेट्रोल पंपों का नेटवर्क है.
- एटीजीएल देशभर के 34 भौगोलिक क्षेत्रों में 650 से अधिक सीएनजी स्टेशन संचालित करती है.
यह समझौता उपभोक्ताओं को बेहतर ईंधन पहुंच और गुणवत्ता उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
उपभोक्ताओं के लिए बढ़ेगी सुविधा
संयुक्त बयान में कहा गया कि यह सहयोग भारतीय उपभोक्ताओं के वाहन ईंधन अनुभव को फिर से परिभाषित करेगा. अब ग्राहक एक ही आउटलेट से पेट्रोल, डीजल और सीएनजी जैसी सभी प्रमुख ईंधन सेवाएं पा सकेंगे. इससे लॉजिस्टिक लागत घटेगी और ईंधन उपलब्धता में सुधार होगा.
इससे पहले भी हो चुका है सहयोग
यह दूसरी बार है, जब अंबानी और अदाणी साथ आए हैं. इससे पहले मार्च 2023 में, दोनों समूहों ने मध्यप्रदेश में बिजली परियोजना को लेकर समझौता किया था. रिलायंस ने अदाणी पावर की परियोजना में 26% हिस्सेदारी खरीदी थी और संयंत्र से 500 मेगावाट बिजली खुद उपयोग करने का अनुबंध किया था.
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ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा बदलाव
मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी की यह साझेदारी न केवल प्रतिस्पर्धा को सहयोग में बदलने का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत का ऊर्जा और ईंधन खुदरा बाजार किस तरह से एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है. आने वाले वर्षों में इस सहयोग के असर व्यापक रूप से देखने को मिल सकते हैं.
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