दिल्ली में ‘ड्रग फ्री कैंपस’ निरामय पहल की शुरुआत, कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज से हुआ आगाज

Drug Free Campus: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अपने 39वें स्थापना दिवस के अवसर पर दिल्ली में ‘ड्रग फ्री कैंपस’ पहल की शुरुआत की. यह पहल दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज से शुरू की गई है. इस अभियान का उद्देश्य पूरे देश में ‘ड्रग फ्री कैंपस’ पहल के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है.

कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में उद्घाटन कार्यक्रम

‘निरामय’ पहल के तहत कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में एनसीबी के उत्तर क्षेत्रीय उप महानिदेशक नीरज कुमार गुप्ता और अन्य विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के प्राचार्य प्रो शिव कुमार सहदेव के स्वागत भाषण से हुई.

शैक्षिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नशे के प्रभाव पर चर्चा

कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्रिंसिपल प्रो शिव कुमार सहदेव ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्ति का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करती है. लेकिन, नशे की लत युवाओं के जीवन और शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है. इस पहल का उद्देश्य युवाओं को नशे से दूर रखना है.

‘निरामय’ पहल और इसके उद्देश्य

कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज की निदेशक डॉ सविता झा ने कहा कि भारत सरकार की प्राथमिकताओं में नशामुक्त भारत प्रमुख है. ‘निरामय’ पहल न केवल एक अभियान है, बल्कि यह युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल नशे से मुक्त समाज की दिशा में एक बड़ा योगदान देगी.

ड्रग फ्री कैंपस से संबंधित दिशा-निर्देश और हस्ताक्षर अभियान

कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज ने ड्रग फ्री कैंपस से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए. इसके साथ ही ई-प्रतिज्ञा ली गई और हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई. इस पहल के तहत छात्रों ने नशा मुक्त परिसर के लिए एकजुट होकर अपना समर्थन दिया.

मुक्तिवीरों का सम्मान और नुक्कड़ नाटक का आयोजन

कार्यक्रम में 11 ‘मुक्तिवीरों’ को सम्मानित किया गया. दो मुक्तिवीरों ने अपने नशे से मुक्ति के अनुभव साझा किए. इसके अलावा कॉलेज के छात्रों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसमें नशा मुक्त परिसर का संदेश दिया गया.

आने वाली प्रतियोगिताओं और पहल का उद्देश्य

17 मार्च 2025 से 17 अप्रैल 2025 तक पांच प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें लघु फिल्म/डॉक्यूमेंट्री प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, स्लोगन लेखन, कविता लेखन और नाटक/नुक्कड़ नाटक अवधारणा शामिल हैं. इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य युवाओं को नशे से दूर रखना और शिक्षण संस्थानों को नशामुक्त बनाना है.

इसे भी पढ़ें: बलूचिस्तान के अलग होते बर्बाद हो जाएगा पाकिस्तान, हाथ से निकल जाएगा सोने का अकूत भंडार

कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ. इस अवसर पर करीब 500 छात्रों ने भाग लिया. कार्यक्रम के अंत में स्वास्थ्य और स्वच्छता समिति के संयोजक डॉ अभिषेक प्रियदर्शी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया.

इसे भी पढ़ें: कितनी अमीर हैं महिला क्रिकेट टीम की धाकड़ बल्लेबाज शेफाली वर्मा, कितनी मिलती है मैच फीस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *