दही वाली मंगम्मा

दही वाली मंगम्मा

Hindi ( हिंदी )

लघु उतरिये प्रश्न

प्रश्न 1. रंगप्पा कौन था और वह मंगम्मा से क्या चाहता था ?

उत्तर ⇒ रंगप्पा गाँव का लंपट और जुआड़ी था। वह मंगम्मा से धन चाहता था । इतना ही नहीं वह मंगम्मा को अनाथ समझकर उसकी इज्जत भी लूटना चाहता था।


प्रश्न 2. मंगम्मा ने अपना ‘धरम’ नहीं छोड़ा, कैसे ?

उत्तर ⇒ रंगप्पा को घास नहीं डालकर मंगम्मा ने अपने धर्म की रक्षा की। रंगप्पा उसकी इज्जत लूटना चाहता था, पर मंगम्मा ने उससे दूरी बनाए रखी।


प्रश्न 3. मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था ?

उत्तर ⇒ मंगम्मा का अपनी बहू के साथ अधिकार को लेकर विवाद था। मंगम्मा अपने बेटे-पोते और बहू पर भी अपना अधिकार बनाये रखना चाहती थी, जिसे उसकी बहू मानने को तैयार नहीं थी और यही विवाद का कारण था ।


प्रश्न 4. मंगम्मा की बहू ने विवाद निपटाने में पहल क्यों की ?

उत्तर ⇒ मंगम्मा को बेटा एवं बहु से अलग रहने पर रंगप्पा उसके धन और प्रतिष्ठा पर गिद्ध दृष्टि जमाये हुए था। बहु की पैनी निगाहों ने ताड़ लिया कि हमारी सास का अलग रहना ठीक नहीं है। इसलिए बहु ने अपनी बुद्धिमानी से विवाद निपटाने का पहल शुरू कर दिया।


प्रश्न 5. ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी में बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?
अथवा, बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?

उत्तर ⇒ उत्तर – बहू बुद्धिमती थी। उसने सोच-समझकर बच्चे को दादी के पास भेज दिया । बच्चा जब दादी के साथ बाजार जाने को मचल रहा था, तो बेटा-बहू ने उसे समझाया, अपनी गलती भी उन्होंने स्वीकार की । पोता ही समझौते का जरिया बन गया, जो बहू की योजना थी।


प्रश्न 6. मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए।

उत्तर ⇒ मंगम्मा गाँव की सीधी-सादी नारियों का प्रतिनिधित्व करती है। आज गाँव-शहर सभी जगह मंगम्मा की प्रतिमूर्ति मिलती है। वह कष्ट सहकर भी प्रतिष्ठा से रहना चाहती है। वह बेटे-बहू और पोते पर अपना स्वत्व सर्वदा बनाये रखना चाहती है । इस प्रकार वह एक भारतीय नारी है जो सम्मान के साथ जीना चाहती है।


प्रश्न 7. ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का कथावाचक कौन है? उसका परिचय दीजिए।

उत्तर ⇒ इस कहानी का कथावाचक बेंगलूर की रहनेवाली एक संभ्रान्त महिला थी जिसे मंगम्मा माँ जी कहती थी। वह अंधविश्वासों से दूर और समझदार थी तथा सांसारिक परिस्थितियों को भलीभाँति समझती थी।


प्रश्न 8. कथावाचक ने सास और बहू की उपमा किससे दी ?

उत्तर ⇒ कथावाचक ने पानी में खड़े बच्चे का पाँव खींचनेवाले मगरमच्छ से बहू को और ऊपर से बाँह पकड़कर बचनेवाला रक्षक की उपमा सास को दी है।


प्रश्न 9. ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का संदेश स्पष्ट करें।

उत्तर ⇒ यह कहानी आधुनिक बहुओं को सन्देश देती है कि वे आवेश देखाकर सभी सदस्यों को मिलाकर रखें। इसके लिए बुद्धि का प्रयोग करना ‘नंजम्मा’ के चरित्र से सीखें। ..


प्रश्न 10. इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर ⇒ इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को बुढ़ापे में अधिकार के पचड़े में न पड़कर योग्य उत्तराधिकारी को स्वयं अधिकार सौंप देना चाहिए, जिससे न समाज में उपहास हो और न मूरों की दाल ही गले।


प्रश्न 11. शीर्षक की सार्थकता सिद्ध करें।

उत्तर ⇒ इस कथा का मुख्य पात्र हैं ‘मंगम्मा’ उसी को लेकर माँजी कहानी प्रारंभ करती है और सर्वत्र वह बनी रहती है। उसकी दही बेचने की क्रिया भी अद्योपान्त है। अत: दही वाली मंगम्मा बहुत उचितं शीर्षक है।


प्रश्न 12. मंगम्मा और नंजम्मा में कौन अधिक बुद्धिमती है ?

उत्तर ⇒ दोनों नारियाँ अधिकार के लिए झगड़ती हैं, किन्तु नंजम्मा अपनी नाटकीय योजना से उसे परास्त कर. यहाँ तक कि दही बेचने वाला आय का साधन भी उसके हाथ से खुशी-खुशी ले लेती है । अत: इस व्यवहार से कथाकार ने नंजम्मा को मंगम्मा से अधिक बुद्धिमती बना दिया है।


दीर्घ उतरिये प्रश्न

प्रश्न 1. कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर ⇒ मंगम्मा अवलूर के समीप वेंकटपुर के रहनेवाली थी और रोज दही बेचने बेंगलूर आती थी। मंगम्मा का पति नहीं था और बेटा-बहू से गृह-कलह के कारण अलग हो गई। प्रत्यक्ष में तो झगड़े का कारण पोते की पिटाई थी किन्तु मूल रूप में सास-बहू की अधिकार सम्बन्धी ईर्ष्या थी।
औरत को अकेली जानकर कुछ अवांछित तत्व के लोग उसके धन और प्रतिष्ठा पर भी आँखें उठाते । रंगप्पा ने भी ऐसा ही किया, जिसे बहू की पैनी निगाहों ने ताड़ लिया। उसने पोते को उसके पास भेजने का एक नाटक किया । अब मंगम्मा पोते के लिए मिठाई भी बाजार से खरीदकर ले जाने लगी। एक दिन कौवे ने उसके – माथे से मिठाई का दोना ले उड़ा । अंधविश्वास के कारण मंगम्मा भयभीत हो उठी। बहू के द्वारा नाटकीय ढंग से पोते को दादी के पास भेजने का बहू का मंत्र बड़ा कारगर हुआ । दूरी बढ़ने से भी प्रेम बढ़ता है। मानसिक तनाव घटता है। हुआ भी ऐसा ही। मंगम्मा को भी बहू में सौहार्द, बेटे और पोते में स्नेह नजर आने लगी। बड़े-बूढों ने भी समझाया । बहू ने मंगम्मा का काम अपने जिम्मे ले लिया।
बहू ने बड़ी कुशलता से पुनः परिवार में शान्ति स्थापित कर लिया और पूर्ववत रहने लगी।

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