तीन महीने में बना सबसे भव्य हॉरर-फैंटेसी सेट
the raja saab movie set :प्रभास और संजय दत्त अभिनीत हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘द राजासाब’ का टीजर हाल ही में जारी किया गया है. 5 दिसंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज को शेड्यूल हुईफैंटेसी जॉनर की इस फिल्म का खास आकर्षण है 41,256 वर्ग फीट में फैला विशाल और भव्य सेट, जिसे भारत का अब तक का सबसे बड़ा हॉरर सेट बताया जा रहा है. जानें सेट की मेकिंग और फिल्म से जुड़ी खास बातों के बारे में उर्मिला कोरी के इस आलेख में
सेट के निर्माण में चार करोड़ से अधिक रुपये खर्च हुए
आर्ट डायरेक्टर राजीवन नांबियार इस सेट की मेकिंग से जुड़े रहे हैं. उनकी मानें, तो सबसे मुश्किल काम सही आइडिया को फाइनल करना था. इंटीरियर के लिए 15 और एक्सटीरियर के लिए 55 स्केच तैयार किये गये, जिनके आधार पर फाइनल डिजाइन तय हुआ. डिजाइनिंग में करीब डेढ़ महीने और निर्माण में तीन महीने लगे. फिल्म के लिए तीन सेट बनाये गये हैं. मुख्य लोकेशन पर हवेली का इंटीरियर, उससे आधे घंटे दूर एक्सटीरियर और एक चर्च का सेट. टीजर में दिखी लटकी सीलिंग के लिए भी विशेष सेट तैयार किया गया है. सेट का बजट शुरुआत में साढ़े चार करोड़ रखा गया था, पर वह उसको भी पार गया, क्योंकि सेट का पूरा फ्लोर भी कंक्रीट से बनाया गया था. सेट का पूरा काम लकड़ी,पत्थर और फाइबर के इस्तेमाल करके बनाया हुआ है.जहां तक मजदूरों की बात है. यह आंकड़ा 1200 में पहुंच गया था.उन्होंने दिन रात काम किया तब जाकर यह भव्य सेट खड़ा हुआ.
लीज पर जमीन लेकर बनायी गयी भव्य हवेली
प्रोड्यूसर टीजी विश्व प्रसाद के अनुसार, उनका विजन डिज्नी जैसी पैन इंडिया फिल्म बनाने का था, इसलिए किसी स्तर पर समझौता नहीं किया गया. आमतौर पर सेट रामोजी फिल्म सिटी में बनते हैं, पर इस बार लीज पर जमीन लेकर अलग से सेट तैयार किया गया.अजीजनगर गांव में हमने इस सेट को तैयार किया. फिल्म को बनने में ढाई साल लगे. अगर हम किसी स्टूडियो में यह शूट करते तो इतने लम्बे समय तक शूट करना हमारे लिए आसान नहीं होता था.हमने हवेली को केवल पृष्ठभूमि नहीं, बल्कि एक अहम किरदार माना, जिसके ऊंचे दरवाजे, गलियारे और कमरे कहानी के साथ-साथ अपने रहस्य खोलते हैं.
सेट इतना बड़ा था कि लाइटिंग में लगे तीन दिन
फिल्म के डीओपी कार्तिक बताते हैं कि सेट इतना बड़ा था कि उसे लाइट अप करने में तीन दिन लग गया था. फिल्म की शूटिंग आमतौर पर सुबह सात बजे शुरू हो जाती थी और रात के नौ बजे तक खत्म होती थी. फिल्म हॉरर जॉनर की है तो अंधेरा कहानी का अहम हिस्सा है. महल के सेट पर बड़ी-बड़ी खिड़कियों को रोस्ट्रम की मदद से पूरी तरह से ढंक दिया जाता था. इसके बाद दिन में ही रात वाले सीन भी आसानी से फिल्मा लिए जाते थे.
महाभारत की महासभा से मिली प्रेरणा
फिल्म के निर्देशक मारुति बताते हैं कि यह हॉरर फिल्म का सेट है, पर इसकी प्रेरणा महाभारत में महासभा वाला दृश्य बना है. सेट पर आदमकद स्टैच्यू रखने का आइडिया मेरा था, ताकि उनसे आत्माएं निकलकर फाइट करें. सेट पर फर्श से लेकर दीवार तक में आंखों की अलग-अलग पेंटिंग लगी हुई है. इसका मकसद है कि जो भी इस भव्य हवेली में आयेगा, वह इन आंखों में मोहित हो जाना चाहिए.हॉरर फिल्म है तो जादू टोना इससे जुड़ा ही होगा तो हमने इस सेट के कई कमरे में इस पहलू को भी जोड़ा है, जो फिल्म देखते हुए आपको और करीब से जानने को मिलेगा. एक कमरा टॉर्चर का भी होगा.फिल्म में 80 प्रतिशत रियल है और 20 प्रतिशत वीएफएक्स है, इसको रियल बनाने में बड़े एक्टर्स के साथ-साथ इस सेट का भी अहम रोल है.