तत्त्वों का आवर्त वर्गीकरण

तत्त्वों का आवर्त वर्गीकरण

Science ( विज्ञान  ) लघु  उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. एक परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है, तो इस तत्त्व का नाम एवं परमाणु संख्या क्या है?

उत्तर⇒ तत्त्व का नाम-क्लोरीन, परमाणु संख्या-17.


प्रश्न 2. किसी तत्व का परमाणु क्रमांक 12 है। बताएँ कि यह तत्त्व किस आवर्त और किस वर्ग का है? यह तत्व कौन-सा है?

उत्तर⇒ आवर्त्त-3, वर्ग-12 और तत्त्व-Mg (मैग्नीशियम)।


प्रश्न 3. तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्व की स्थिति से क्या संबंध है?

उत्तर⇒ यदि तत्त्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ज्ञात हो तो आवर्त सारणी में उसकी स्थिति को ज्ञात किया जा सकता है, इसके विपरीत यदि आवर्त सारणी में तत्त्व की स्थिति का ज्ञान हो तो उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ज्ञात किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक तत्त्व स्तंभ 3 एवं वर्ग 15 से संबंधित है तथा उसके . बाह्यतम संयोजकता कक्ष में इलेक्ट्रॉन की संख्या 5 है क्योंकि यह तत्त्व स्तंभ 3 से संबंधित है, इसलिए इसका बाह्यतम संयोजकता कक्ष M होगा तथा इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होगा –
K L M
2 8 5
जैसे- K L M N
        2 8 18 7
क्योंकि तत्त्व के संयोजकता इलेक्ट्रॉन 7 है। इसलिए यह वर्ग 17 से संबंधित है। (10 +7) क्योंकि संयोजकता कक्ष चौथा कक्ष है, इसलिए तत्त्व स्तंभ 4 से संबंधित है अर्थात् यह तत्त्व ब्रोमीन (Br) है।


4. नाइटोजन (परमाणु संख्या 7) तथा फॉस्फोरस (परमाणु संख्या 15) आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्त्व है। इन दोनों तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए । इनमें से कौन-सा तत्त्व अधिक ऋण विधुत होगा और क्यों ?

उत्तर⇒ N(Z = 7)2,5               P(Z = 15) 2, 8, 5
N अधिक वैद्युत ऋणात्मक होगा, क्योंकि इसका परमाण्वीय आकार अपेक्षाकृत कम होता है। किसी वर्ग में जब शीर्ष से तल (आधार) की ओर बढ़ते हैं, प्रत्येक स्तर पर परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का एक कोश बढ़ता जाता है। इस प्रकार परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन कोशों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जाती है जिसके कारण परमाणुओं का आकार भी बढ़ता है। परमाणु के आकार में इस वद्धि के कारण, उसका नाभिक परमाणु में और अन्दर चला जाता है। आने वाले इलेक्ट्रॉन के लिए नाभिक K का आकर्षण कम हो जाता है, जिसके कारण परमाणु आसानी से ऋणायान नहीं बना सकता है और ऋण विधुत लक्षण कम होता जाता है।


प्रश्न 5. मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौन-सा मापदंड अपनाया ?

उत्तर⇒ मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए निम्न मापदंड अपनाए-
(i) बढ़ता हुए परमाणु द्रव्यमान
(ii) समान रासायनिक गुण ।


प्रश्न 6. मेंडलीफ के आवर्त सारणी के विसंगतियों को लिखें। अथवा, आधनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मेंडलीफ के आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया ?

उत्तर⇒ मेंडलीफ के आवर्त सारणी के विसंगतियाँ हैं –
(i) आधुनिक आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का प्रथम समूह में तर्क संगत स्थान है, क्योंकि हाइड्रोजन विधुत धनात्मक, होता है ।
(ii) आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु संख्या के क्रम में रखा गया है इसलिए किसी तत्त्व के समस्थानिकों को तत्त्व के साथ उसी स्थान पर आवर्त सारणी में रखा गया है।
(iii) भारी एवं हल्के तत्त्वों का क्रम भी आधुनिक आवर्त सारणी में सही है जो मेन्डेलीफ के आवर्त सारणी में नहीं था। (iv) अक्रिय गैसों का स्थान भी तर्कसंगत 18वें समूह में है।


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प्रश्न 7. आधुनिक आवर्त्त नियम क्या है?

उत्तर⇒ तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु संख्या के आवर्त फलन होते हैं। इस नियम का प्रतिपादन हेनरी मोस्ले ने किया था।


प्रश्न 8. उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया है ?

उत्तर⇒ उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में रखा गया है, क्योंकि ये अक्रिय होती हैं और अन्य किसी भी तत्त्व या यौगिक से अभिक्रिया नहीं करती हैं।


प्रश्न 9. निष्क्रिय गैसीय तत्त्वों की आवर्त सारणी के शून्य वर्ग में क्यों रखा गया है? अथवा, उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया है?

उत्तर⇒ इस परिवार के सदस्यों को शून्य वर्ग में रखा गया है। वास्तव में ये सभी सदस्य 0 संयोजकता प्रदर्शित करते हैं। इसका अर्थ यह है कि ये अन्य तत्त्वों के साथ संयोजित होने की प्रवृत्ति नहीं रखते । हीलियम के संयोजकता शैल (केवल एक ही शैल) में 2 इलेक्ट्रॉन हैं। अन्य परिवार से सदस्यों के संयोजकता शैल में आठ-आठ इलेक्ट्रॉन होते हैं। संयोजकता (8-संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या) के बराबर होती है। इसलिए ये शन्य संयोजकता प्रदर्शित करते हैं।


प्रश्न 10. (a) वर्ग 13 के दो तत्त्वों के नाम लिखें।
(b) आवर्त सारणी के सबसे विधुत ऋणात्मक तत्त्व का नाम लिखें। उसका परमाण संख्या है?

उत्तर⇒ (a) बोरॉन (B), ऐल्युमीनियम (AI)
(b) आवर्त सारणी में उपस्थित सर्वाधिक विधुत-ऋणात्मक तत्त्व फ्लोरीन (F) है। इसकी परमाणु संख्या 9 है।


प्रश्न 11. दूसरे आवर्त में सोडियम (Na) से क्लोरिन (Cl) की ओर बढ़ने पर परमाणु की त्रिज्या क्यों घटती जाती है।

उत्तर⇒ दूसरे आवर्त में सोडियम से क्लोरिन की ओर बढ़ने पर परमाणु त्रिज्या घटती है। ऐसा इसलिए होता है कि नाभिक पर आवेश बढ़ने के कारण नाभिक, इलेक्ट्रॉनों को अपनी तरफ अधिक बल से आकर्षित करते हैं।


प्रश्न 12. तत्त्वों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है ? आवर्त सारणी में वर्ग तथा आवर्त्त क्या हैं ?

उत्तर⇒ तत्त्वों के गुण उनके परमाणु क्रमाकों के आवर्त फलन होते हैं। जब तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु संख्या के आधार पर रखा जाए तो समान गुणों वाले तत्व नियमित अंतर के बाद प्रकट होते हैं । इलेक्ट्रॉन विन्यास इसका मूल आधार है ।
वर्ग : आवर्त सारणी में उर्ध्वाधर (खड़े) कालम समूह वर्ग कहलाते हैं।
आवर्त : आवर्त सारणी में क्षैतिज कॉलम आवर्त कहलाते हैं।


प्रश्न 13. आधुनिक आवर्त्त-सारणी में तत्वों के व्यवस्थापन का क्या आधार है ? आवर्त्त-सारणी में बायें से दायें जाने पर तत्वों का गुण किस तरह बदलता है ?

उत्तर⇒ आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों का व्यवस्थापन परमाणु क्रमांक पर आधारित है। आवर्त सारणी में बायें से दायें तरफ चलने पर तत्वों का धात्विक एवं वैद्युत धनात्मक गुण घटता जाता है।


प्रश्न 14.आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों के व्यवस्थापन का क्या आधार है ? यह मेंडलीफ की आवर्त सारणी से किस प्रकार भिन्न है।

उत्तर⇒ आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों के व्यवस्थापन का आधार उसकी परमाणु संख्या को रखा गया।

भिन्नता :

(1) मेंडलीफ की आवर्त सारणी में तत्त्वों के परमाणु भार को आधार माना गया जबकि आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्वों के परमाणु-संख्या को आधार माना गया ।
(2) आधुनिक आवर्त सारणी में विभिन्न तत्त्वों के समस्थानिकों का स्थान सुनिश्चित किया गया ।


प्रश्न 15.(a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तंभ के सभी तत्त्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं?
(b) आवर्त सारणी में फ्लुओरीन के स्तंभ के सभी तत्त्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं ?

उत्तर⇒ (a) आवर्त सारणी में बोरॉन स्तंभ के सभी तत्त्व 13 से संबंध रखते हैं। इसलिए इन सबके बाह्यतम संयोजकता कोश में इलेक्ट्रॉन की संख्या तीन (3) होगी। केवल बोरॉन (B) को छोड़कर क्योंकि यह एक अधातु है और शेष तत्त्व धातुएँ हैं, जैसे – AI, Ga, In एवं Th |

(b) फ्लुओरीन के स्तंभ में आने वाले सभी तत्त्व उत्कृष्ट तत्त्व हैं तथा वर्ग 17 से संबंध रखते हैं। इसलिए उनके ब्राह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉन की संख्या 7 होगी। यह सभी तत्त्व (F, C1, Br, I) अधातुएँ हैं।


प्रश्न 16. न्यूलैंड के अष्टक सिद्धांत की क्या सीमाएँ हैं ?

उत्तर⇒ न्यूलैंड के अष्टक सिद्धांत की सीमाएँ हैं-

(i) अष्टक का सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागू होता था, क्योंकि कैल्सियम के बाद प्रत्येक आठवें तत्त्व का गुणधर्म पहले तत्त्व से नहीं मिलता।
(ii) बाद में कई नये तत्त्व पाए गये जिनके गुणधर्म अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे।
(iii) अपनी सारणी में इन तत्त्वों को समंजित करने के लिए न्यूलैंड ने दो तत्त्वों को एक साथ रख दिया और कुछ असमान तत्त्वों को एक स्थान में रख दिया ।

उदाहरण- कोबाल्ट तथा निकेल एक साथ हैं तथा इन्हें एक साथ उसी स्तम्भ में रखा गया है जिसमें फ्लुओरीन, क्लोरीन एवं ब्रोमीन हैं यद्यपि इनके गुणधर्म उन दोनों तत्त्वों से भिन्न हैं। आयरन को कोबाल्ट एवं निकेल से दूर रखा गया है जबकि उनके गुणधर्मों में समानता होती है।


प्रश्न 17. इनके नाम बताइए- (a) तीन तत्त्वों जिनके बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन हो ।
(b) दो तत्त्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हों ।
(c) तीन तत्त्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हो।

उत्तर⇒ (a) Li, Na, K (लीथियम, सोडियम, पोटैशियम) (b) Mg, Ca (मैग्नीशियम, कैल्सियम) (c) हीलियम (He), नियॉन (Ne), आर्गन (Ar)।


प्रश्न 18. मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्त्वों के नाम लिखिए । आपके चयन का क्या आधार है ?

उत्तर⇒ कैल्सियम (Ca) एवं बेरियम (Ba) क्योंकि-

(i) ये दोनों तत्त्व मैग्नीशियम समूह के हैं। (ii) इन दोनों तत्त्वों में मैग्नीशियम की तरह 2 संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं।


प्रश्न 19. (a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम, ये सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्त्वों के परमाणओं में कोई समानता है ?
(b) हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है । इनके परमाणुओं में कोई समानता है ?

उत्तर⇒ (a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम धातुओं के बाह्यतम कक्षा में केवल एक इलेक्ट्रॉन है।
(b) इन दोनों तत्त्वों की बाह्यतम कक्षा पूर्णतः इलेक्ट्रॉनों से भरी है।


प्रश्न 20. क्या नाम दिया गया है? (a) आवर्त सारणी में तत्त्वों की क्षैतिक पंक्तियों को (b) आवर्त सारणी में तत्त्वों के ऊर्ध्वाधर स्तंभों को

उत्तर⇒ (a) आवर्त  (b) वर्ग।


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प्रश्न 21. एक धातु के क्लोराइड का सूत्र MCI है। उसके सल्फेट तथा नाइट्रेट का सूत्र लिखें।

उत्तर⇒ धातु सल्फेट-M2SO4
धातु नाइट्रेट-MNO3


प्रश्न 22. निम्न तत्त्वों को वैद्युत धनात्मक एवं वैद्युत ऋणात्मक में वर्गीकृत करें:  Ba, Cl, AI, Na, F, I, O

उत्तर⇒ वैद्युत धनात्मक – Ba, Al, Na
वैद्युत ऋणात्मक- Cl, F, I,O


प्रश्न 23. निम्नलिखित तत्त्वों पर विचार करें
Na, Ca, Al, K, Mg, Li.
(a) इन तत्त्वों में से कौन आवर्त सारणी के एक ही आवर्त से सम्बद्ध है?
(b) इन तत्त्वों में से कौन आवर्त सारणी के एक ही वर्ग से सम्बद्ध है ?

उत्तर⇒ (a) एक ही आवर्त-Na, Mg, Al’
(b) एक ही वर्ग-Li, Na, K


प्रश्न 24. निम्न तत्त्वों को अभिक्रियाशीलता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए
(i) आयोडीन, क्लोरीन, ब्रोमीन
(ii) सोडियम, मैग्नीशियम, तांबा

उत्तर⇒ (i) आयोडीन, ब्रोमीन, क्लोरीन ।
(ii) ताँबा, मैग्नीशियम, सोडियम।


प्रश्न 25. धनायन का आकार परमाणु से कम क्यों होता है ? व्याख्या कीजिए।

उत्तर⇒ धनायन को धन आयन भी कहते हैं। यह परमाणु द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन खो देने पर बनता है । इलेक्ट्रॉन खोने पर प्रायः शैलों की संख्या कम हो जाती है। इसलिए धनायन का आकार परमाणु के आकार से कम होता है ।

उदाहरणस्वरूप-

जाति इलेक्ट्रॉनिक वितरण शैलों की संख्या आकार
Na परमाणु 2, 8, 1 3 1.54 Å
Na+ परमाणु 2, 8 2 0.95 Å

प्रश्न 26. Li’ और Na’ में से किस आयन का आकार अधिक है और क्यों ?

उत्तर⇒ Li+ आयन का अर्द्धव्यास छोटा होगा। परमाणु अर्द्धव्यास वर्ग के नीचे की ओर बढ़ता है। क्योंकि धनायन का अर्द्धव्यास परमाणु पर निर्भर करता है, इसलिए अनायन के अर्द्धव्यास की वर्ग में वृद्धि होती है। इसलिए Li+ आयन का अर्द्धव्यास कम होगा।


प्रश्न 27. क्षार धातुओं एवं हैलोजन कुल की समानता को ध्यान में रखते हुए हाइड्रोजन को मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में उचित स्थान पर रखिए।

उत्तर⇒ हाइड्रोजन को मेन्डेलीफ आवर्त सारणी के क्षारीय धातुओं के साथ रखा गया है किन्तु इसके कुछ गुण हैलोजन से भी मिलते हैं। आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान उचित है क्योंकि इसके गुण क्षारीय धातुओं के समान ज्यादातर हैं । जैसे यह इलेक्ट्रॉन का त्याग कर विधुत धनात्मकता के गुण को प्रदर्शित करता है ।


प्रश्न 28. किसी तत्त्व के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से आप उसकी संयोजकता का परिकलन कैसे करेंगे?

उत्तर⇒ अगर बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 1, 2, 3 या 4 है, तो उन तत्त्वों की संयोजकता क्रमशः 1, 2, 3 या 4 होती है। अगर बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 5, 6 या 7 है तो उन तत्त्वों की संयोजकता क्रमशः 3, 2 या 1 होती है। अगर बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है, तो उस तत्त्व की संयोजकता शून्य (0) होती है।


प्रश्न 29. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी तथा आधुनिक आवर्त सारणी की परिभाषा लिखिए।

उत्तर⇒ मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी – मेन्डेलीफ ने तत्त्वों की जो सारणी बनाई, उसे मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी कहते हैं, जिसका आधार परमाणु द्रव्यमान है।
आधुनिक आवर्त सारणी – मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी के संशोधन के बाद जो सारणी बनाई गई उसे आधुनिक आवर्त सारणी या आवर्त सारणी का दीर्घ रूप कहते हैं। इसका आधार परमाणु क्रमांक है।


प्रश्न 30. तत्त्वों के आवर्त वर्गीकरण के लिए परमाणु द्रव्यमान संख्या की अपेक्षा परमाणु संख्या को उत्तम आधार क्यों माना गया है?

उत्तर⇒ तत्त्व का परमाणु द्रव्यमान नाभिक के कारण है । नाभिक तत्त्व के केन्द्र में स्थित है। इसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन हैं, जिनका पुंज होता है। तत्त्व का नाभिक गुणों की व्याख्या नहीं करता। वास्तव में तत्त्वों के गुण इलेक्ट्रॉनिक वितरण से संबंधित हैं । ज्यों-ज्यों परमाणु संख्या बदलती है वैसे-वैसे इलेक्ट्रॉनिक वितरण भी बदलता जाता है। इसलिए परमाणु तत्त्वों के वर्गीकरण का उत्तम आधार है।


प्रश्न 31: तत्त्व X,XCI, सूत्र वाला एक क्लोराइंड बनाता है, जो एक ठोस है और जिसका गलनांक अधिक है। आवर्त सारणी में यह तत्त्व संभवतः किस समूह के अंतर्गत होगा?
(a) Na (b) Mg (c)Al (d) Si.

उत्तर⇒ यदि तत्त्व X, XCl2 सूत्र का क्लोराइड बनाता है तो X तत्त्व के संयोजक इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 होगी अर्थात् उसके बाह्यतम कक्ष में संयोजकता इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 होगी । आवर्त सारणी के अनुसार केवल वर्ग 2 के तत्त्व Be, Mg, Ca, Sr, Ba एवं Ra की संयोजकता इलेक्ट्रॉन संख्या दो है। इसलिए तत्त्व X Mg (मैग्नीशियम) है, क्योंकि मैग्नीशियम एक धातु होते हुए भी एक आयनिक 3 क्लोराइड बनाने की क्षमता रखता है जिसका उच्च गलनांक हो । अतः, कथन (b)
सही है।

 

Science ( विज्ञान  ) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

 

1. आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा मेंडलीफ की आवर्त सारणी की विसंगतियों का निवारण कैसे किया गया है ?

उत्तर⇒ आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा मेंडलीफ की आवर्त सारणी की विसंगतियों का निवारण (farginferent ara farur (Removal of anomalies of Mendeleev’s periodic table by Modern periodic table)-आधुनिक आवर्त नियम के प्रतिपादन से मेंडलीफ की आवर्त सारणी के अधिकांश दोष दूर हो गये जबकि मेंडलीफ की आवर्त सारणी के तत्त्व आधुनिक आवर्त सारणी में ठीक उसी जगह पर हैं। जैसे कोबाल्ट (Co) का परमाणु संख्या 27 एवं निकेल (Ni) का परमाणु संख्या 28 है। इसलिए आधुनिक आवर्त सारणी में कोबाल्ट को पहले रखा गया और निकेल को बाद में रखा गया।

किसी तत्त्व के सभी समस्थानिकों में प्रोटॉनों की संख्या समान होती है इसलिए उनके परमाणु संख्या भी समान होते हैं। अतः एक तत्त्व के सभी समस्थानिकों (जैसे—क्लोरीन के समस्थानिक CI-35 और C1-37) को तत्त्व के साथ आधुनिक आवर्त सारणी के उसी समूह में एक ही स्थान पर रखा गया।

तत्त्व की परमाणु संख्या एक पूर्ण संख्या होती है, जैसे—1, 2, 3, …… इत्यादि। अतः यदि किसी तत्त्व की परमाणु संख्या पूर्णांक
जैसे—1.5, 2.5, 3.5, …… इत्यादि हो, तो उसे आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान मिलना संभव नहीं होगा।
हाइड्रोजन (H) विद्युत धनात्मक तत्त्व है और इसके गुण क्षारीय धातुओं के समान है। अतः हाइड्रोजन को आधुनिक आवर्त सारणी में प्रथम आवर्त एवं प्रथम समूह में रखा गया है।


2. मेंडलीफ के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं ?

उत्तर⇒ (i) हाइड्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्षार धातुओं से मिलता है। क्षार धातुओं की भाँति हाइड्रोजन भी हैलोजन, ऑक्सीजन एवं सल्फर के साथ एक जैसे सूत्र वाले यौगिक बनाती है। दूसरी ओर हैलोजन की भाँति हाइड्रोजन भी द्विपरमाणुक अणु के रूप में पाई जाती है एवं धातुओं और अधातुओं के साथ यह संयोजक यौगिक बनाती है।

निश्चित रूप से आवर्त सारणी में हाइड्रोजन को नियत स्थान नहीं दिया जा सकता है। यह मेंडलीफ के आवर्त सारणी की पहली कमी थी। उन्होंने अपनी सारणी में हाइड्रोजन को उचित स्थान नहीं दे सके।

(ii) मेंडलीफ आवर्त सारणी में समस्थानिकों और नोबुल गैसों के लिए कोई स्थान नहीं दिया गया।

(iii) मेंडलीफ आवर्त सारणी में एक तत्त्व से दूसरे तत्त्व की ओर बढ़ने पर परमाणु द्रव्यमान नियमित रूप से नहीं बढ़ते। इसलिए यह अनुमान लगाना होगा कि दो तत्त्वों के बीच कितने तत्त्व खोजे जा सकते हैं। जब भारी तत्त्वों पर विचार करते हैं तो कठिनाई उत्पन्न हो जाती है।


3. आधुनिक आवर्त सारणी के उपलब्धियों को लिखें।

उत्तर⇒(i) आधुनिक आवर्त सारणी परमाणु-संख्या पर आधारित है जो कि अधिक वैज्ञानिक है।
(ii) हाइड्रोजन को निश्चित स्थान प्रदान किया गया है।
(iii) प्रत्येक तत्त्व की स्थिति उसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के क्रम में है।
(iv) प्रत्येक आवर्त क्षार धातु (प्रथम आवर्त को छोड़कर) से प्रारंभ होता है और अक्रिय तत्त्व से समाप्त होता है।
(v) अज्ञात तत्त्वों के लिए आवर्त सात में रिक्त स्थान छोड़ा गया है जिससे बहुत से तत्त्वों की खोज हुई है।
(vi) आधुनिक आवर्त सारणी में धातु एवं अधातु को उपधातुओं द्वारा अलग किया गया है।
(vii) आधुनिक आवर्त सारणी में सामान्य तत्त्वों, संक्रमण तत्त्वों एवं अक्रिय गैसों को स्पष्ट रूप से पृथक रखा गया है।


4. आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेंडलीफ की आवर्त सारणी में तत्त्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।

उत्तर⇒आधुनिक आवर्त सारणी में 18 ऊर्ध्व स्तंभ जिन्हें समूह कहा जाता है तथा 7 क्षैतिज कतारें हैं। मेंडलीफ आवर्त सारणी में 8 समूह और 6 क्षैतिज कतारें हैं। आधुनिक आवर्त सारणी में मेंडलीफ की आवर्त सारणी की तीनों कमियों को सुधारा गया है।
आधुनिक आवर्त सारणी तत्त्वों के परमाणु संख्या पर आधारित है, जबकि मेंडलीफ की आवर्त सारणी परमाणु द्रव्यमान पर।
आधुनिक आवर्त सारणी के समूह 1 में उपस्थित तत्त्व (H, Li, Na, K, Rb और Cs) है। इन तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर पाया जाता है कि इनकी संयोजकता इलेक्ट्रॉन की संख्या समान है अर्थात् संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 1 है।
इसी प्रकार फ्लोरीन और क्लोरीन समूह 17 के तत्त्व हैं। इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर संयोजकता इलेक्ट्रॉन की संख्या 7 है। इससे यह पता चलता है कि आधुनिक आवर्त सारणी में समूह, बाहरी कोश के सर्वसम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को दर्शाता है। समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर कोशों की संख्या बढ़ती जाती है। मेंडलीफ आवर्त सारणी में सोना (Au) को समूह 1 में रखा गया है जबकि आधुनिक आवर्त सारणी में इसे समूह 2 और आवर्त 6 में रखा गया है। मेंडलीफ के आवर्त सारणी में Hg को समूह 2 में और आधुनिक आवर्त सारणी में इसे समूह 12 में रखा गया है। इस प्रकार आधुनिक आवर्त सारणी में मेंडलीफ के आवर्त सारणी के विसंगतियों को सुधारा गया है।


5. न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की सीमाएँ क्या हैं ?

उत्तर⇒(i) यह सिद्धांत केवल कैल्सियम (Cu) तक ही लागू हो सका। इसके बाद प्रत्येक आठवें तत्त्व का गुणधर्म पहले तत्त्व से नहीं मिलता है।

(ii)यह केवल हल्के तत्त्वों के लिए ही ठीक से लागू नहीं हो सका।

(iii) यह अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्वों पर लागू नहीं हो सका।

(iv)तत्त्वों को समंजिल करने के लिए दो-दो तत्त्वों को एक साथ रखा।
जैसे-Co तथा Ni, Ce तथा La

(v)कुछ असमान तत्त्वों को एक स्थान में रखा। जैसे—Co तथा Ni को F, CI तथा Br के साथ रखा जबकि इनके गुणधर्म CO तथा Ni से भिन्न है। Fe को Co तथा Ni से अलग रखा जबकि उनके गुणधर्मों में समानता है।

(vi)निष्क्रिय गैस का आविष्कार हो जाने पर आठवें तत्त्व के बदले नवम् तत्त्व प्रथम तत्त्व के समान गुण वाला होने लगा।

(vii)न्यूलैंड्स ने माना कि प्रकृति में केवल 56 तत्त्व विद्यमान हैं, अन्य तत्त्वों का भविष्य में भी आविष्कार संभव नहीं है। लेकिन बाद में कई नए तत्त्व पाए गए जिनके गुणधर्म, अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे।


6. निष्क्रिय गैसीय तत्त्वों को आवर्त सारणी के शून्य वर्ग में क्यों रखा गया है ?

उत्तर⇒इस परिवार के सदस्यों को शून्य वर्ग में रखा गया है। क्योंकि ये सभी सदस्य O संयोजकता प्रस्तुत करते हैं। इसका अर्थ यह है कि ये अन्य तत्त्वों के साथ संयोजित होने की प्रवृत्ति नहीं रखते। हीलियम की संयोजकता शेल (केवल एक ही शेल) में केवल 2 इलेक्ट्रॉन हैं। अन्य परिवार के सदस्यों की संयोजकता शेल में आठ-आठ इलेक्ट्रॉन होते हैं। संयोजकता (8-संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या) के बराबर होती है। इसलिए ये शून्य संयोजकता प्रस्तुत करते हैं।


7. आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में तत्त्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।अथवा, मेंडेलीफ के आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में क्या अन्तर है ?
उत्तर⇒

मेण्डलीफ की आवर्त सारणी आधुनिक आवर्त सारणी
(i) तत्त्वों को बढ़ते परमाणु द्रव्यमानों में व्यवस्थित किया गया है। (i) तत्त्वों को बढ़ते परमाणु क्रमांक में व्यवस्थित किया गया है।
(ii) इस आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर स्तंभ केवल 8 हैं जो कि वर्ग कहलाते हैं (ii) इस आवर्त सारणी 18 ऊर्ध्वाधर स्तंभ है जो कि वर्ग कहलाते हैं।
(iii) सभी संक्रमण तत्त्वों को एक ही स्थान पर वर्ग VIII में रखा तत्त्व रखे गए हैं। (iii) वर्ग 3 से वर्ग 12 में संक्रमण तत्व रखे गये है ।
(iv) मेण्डेलीफ के साथ उत्कृष्ट गैसों की खोज ही नहीं हुई थी (iv) आधुनिक आवर्त सारणी में उत्कृष्ट गैसों को वर्ग 18 में व्यवस्थित किया गया है।
(v) तत्त्वों के समस्थानिकों को उचित स्थान नहीं मिला है। (v) तत्त्वों के समस्थानिकों को उनके संगत तत्त्वों के स्थान पर ही रखा गया है क्योंकि उनके परमाणु क्रमांक समान होते हैं।
(vi) रासायनिक रूप से असमान तत्त्वों को एक साथ रखे गए हैं। (vi)रासायनिक रूप से असमान तत्त्वों को पृथक्-पृथक् वर्गों में रखा गया है।
(vii) कुछ स्थानों पर उन तत्त्वों को जिनका परमाणु द्रव्यमान उच्च है, उन तत्त्वों से पहले रखा गया है। (vii) इसमें वर्गीकरण का आधार परमाणु क्रमांक है। इस प्रकार मैण्डेलीफ में वर्णित प्रतिलोम जिन तत्त्वों का परमाणु द्रव्यमान क्रम सम्बन्धी दोष को दूर कर निम्न है।

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