छठ पर्व 2022 : 5:39 मिनट पर सूर्यास्‍त, अर्घ्‍य के लिए रहें तैयार, सोमवार के सूर्योदय का भी समय नोट करें

छठ पर्व 2022 : 5:39 मिनट पर सूर्यास्‍त, अर्घ्‍य के लिए रहें तैयार, सोमवार के सूर्योदय का भी समय नोट करें

छठ पर्व 2022 : 5:39 मिनट पर सूर्यास्‍त, अर्घ्‍य के लिए रहें तैयार, सोमवार के सूर्योदय का भी समय नोट करें

बिहार : आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को छठव्रतियों ने खरना किया। इसके लिए रोटी और खीर का प्रसाद बनाया गया। खरना के दिन छठव्रतियों ने गंगा स्नान किया, उसके बाद नदी तट स्थित मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई। कुछ व्रतियों ने गंगा के घाट पर और कुछ ने अपने घरों में खरना का प्रसाद बनाया। रविवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया जाएगा। सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का चारदिवसीय महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा। खरना को लेकर शनिवार की सुबह से ही भागलपुर के गंगा तट पर व्रतियों की भीड़ जुटने लगी थी। भागलपुर में गंगा के अलावा कोसी, चंपा, चांदन, अंधरी सहित कई नदियों, तालाबों व घरों में बने छोटे कुंड में व्रत करेंगी। पूर्व‍ बिहार, सीमांचल व कोसी के जिलों में भी बेहतर व्‍यवस्‍था की गई है।

शनिवार को दिन चढ़ने के साथ व्रतियों की भीड़ भी बढ़ती चली गई। गंगा के घाटों पर काफी संख्या में व्रती पहुंचे। गंगा घाट के आसपास रहने वाली महिला व्रती पैदल ही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ तट पर पहुंच रही थीं। इस दौरान वे छठी माई के गीत गा रही थीं। स्नान करने के बाद व्रतियों ने भगवान भास्कर को जल अर्पित किया। इसके बाद तट पर स्थित मंदिरों में व्रतियों ने पूजा-अर्चना की। शाम को घरों में व्रतियों ने रोटी एवं खीर का प्रसाद बनाया। उसके बाद पूजा-अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया। इसके उपरांत परिवार के अन्य सदस्यों ने प्रसाद लिया। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा।

  • रविवार को सूर्यास्त 5 बजकर 39 मिनट पर होगा।
  • सोमवार को सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा।

खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू

कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि यानी शनिवार शाम को व्रतियों ने पूरी नेम निष्ठा के साथ खरना का प्रसाद बना उसे पहले छठ मां को अर्पित किया, फिर स्वजनों के साथ उसे खुद भी ग्रहण किया। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। रविवार को अस्ताचलगामी और सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। खरना के दिन व्रती सूर्यास्त से पहले पानी की एक बूंद भी ग्रहण नहीं करती हैं। व्रतियों ने नए परिधान धारण कर नए चूल्हे पर खरना का प्रसाद तैयार किया। भगवान सूर्य का पूजन कर चावल, गुड़ से बने रसिया और खीर अर्पित किया। फिर एकांत में रहकर खुद भी उसे ग्रहण किया। मध्य रात्रि व्रतियों ने विशेष प्रसाद ठेकुआ तैयार किया। छठ के पावन अवसर पर चारो ओर कर्णप्रिय छठ के गीतों से वातावरण भक्तिमय हो गया है। शारदा सिन्हा और सोनू निगम के गाये गीतों को सबसे अधिक पसंद किए जा रहे हैं।

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