चीन का नया जासूस है ये उड़ता ‘मच्छर’, बिना दुश्मन को नजर आए ले लेगा चप्पे-चप्पे की टोह
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Mosquito-Sized Micro Drone- चीन ने एक मच्छर जितना छोटा ड्रोन बनाया है. दुनिया में अब माइक्रोबॉटिक्स जोर पकड़ रही है. सुक्ष्म ड्रोन से लेकर चिकित्सा उपकरण बनाने में कई देश जुटे हैं. नॉर्वे पहले ही “ब्लैक हॉरन…और पढ़ें

ड्रोन में सेंसर, पावर डिवाइस, नियंत्रण सर्किट और अन्य तकनीकी घटक जोड़े गए हैं.
हाइलाइट्स
- यह माइक्रो ड्रोन लगभग 1.3 से 2 सेंटीमीटर लंबा है.
- इसकी बनावट और उड़ान मच्छर जैसी ही है.
- इसे स्मार्टफोन के ज़रिए नियंत्रित किया जा सकता है.
नई दिल्ली. सैन्य अभियानों में अब ड्रोन का महत्व लगातार बढता ही जा रहा है. ड्रोन का इस्तेमाल जासूसी के साथ ही हमले करने में भी हो रहा है. यूक्रेन ने रूस के एक सैन्य ठिकाने पर ड्रोन से हमला कर पूरी दुनिया को पिछले दिनों चौंका दिया था. ड्रोन की बढती अहमियत से अब हर देश ड्रोन बनाने में जुटा है. चीन ने अब एक सुक्ष्म ड्रोन तैयार किया है, जिसका आकार एक मच्छर जितना है. इसे चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी (NUDT) ने बनाया है.
इंजीनियरिंग का अजूबा है यह माइक्रो ड्रोन
जोर पकड़ रही है माइक्रोबॉटिक्स
दुनिया में अब माइक्रोबॉटिक्स जोर पकड़ रही है. सुक्ष्म ड्रोन से लेकर चिकित्सा उपकरण बनाने में कई देश जुटे हैं. नॉर्वे पहले ही “ब्लैक हॉरनेट” नामक सूक्ष्म ड्रोन बना चुका है. इसका आकार एक व्यक्ति की हथेली जितना है. यह हेलीकॉप्टरनुमा ड्रोन है, जिसे सेना के जवान निगरानी के लिए उपयोग करते हैं. इसमें कैमरा और सेंसर लगे हैं. इसके नवीनतम संस्करण, ब्लैक हॉरनेट 4 को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने Blue UAS Refresh Award से सम्मानित किया है. 2019 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने “RoboBee” नामक माइक्रोड्रोन पर काम शुरू किया था.
2021 में अमेरिकी वायु सेना ने भी सूक्ष्म ड्रोन तैयार करने की बात कही थी. हालांकि तब से अब तक इस तकनीक के पूर्ण विकास या इस्तेमाल को लेकर कोई नई जानकारी सामने नहीं आई है. माइक्रोबॉटिक्स का क्षेत्र केवल सैन्य इस्तेमाल तक ही सीमित नहीं है. चिकित्सा विज्ञान में भी माइक्रो और नैनोरोबोटिक्स का प्रयोग थेरैपी, सर्जरी और मेडिकल इमेजिंग जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है.