गौतम अदाणी रिश्वत मामले में आया नया मोड़, सामने आया ग्रुप के सीएफओ का बयान
Gautam Adani: अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स की ओर से लगाए गए रिश्वत के आरोप मामले में एक नया मोड़ आ गया है. अदाणी ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) जुगेशिंदर सिंह ने शुक्रवार को कहा कि कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि अगर किसी बड़ी राशि का भुगतान किया जाता, तो उन्हें निश्चित रूप से उसकी जानकारी होती.
अमेरिकी आरोप ग्रुप पर हमला नहीं
जुगेशिंदर सिंह ने वित्तीय सेवा मंच ट्रस्ट ग्रुप के एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘हम शत-प्रतिशत इस बात से अवगत हैं कि इस तरह का कोई भी मामला नहीं है. इसका कारण यह है कि अगर आप किसी को इतनी बड़ी राशि का भुगतान कर रहे हैं, तो मुझे निश्चित रूप से पता होगा.’’ उन्होंने कहा कि ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी सहित अन्य के खिलाफ अमेरिका में लगाए गए आरोप ‘अभियोजन अधिकार के अनूठे उपयोग’ का मामला है. उन्होंने यह भी कहा कि यह ग्रुप पर हमला नहीं है.
उचित प्लेटफॉर्म पर देंगे आरोपों का जवाब
अदाणी ग्रुप के सीएफओ ने कहा कि आरोपों में जिन व्यक्तियों के नाम है, वे मामले में उचित मंच पर जवाब देंगे. अमेरिका में लगाए गए इन आरोपों के बाद किसी भी बैंक ने समीक्षा के लिए ग्रुप से संपर्क नहीं किया है. हर कोई ग्रुप को बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए जो कुछ भी चाहिए, वह देने को तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘बुनियादी रूप से हमारे बैंक साझेदार समझते हैं कि हमें उनके पैसे की जरूरत नहीं है. हमें इसकी जरूरत नहीं है. लिहाजा यह हमारे लिए उपलब्ध है.’’
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अदाणी ग्रुप के पास है कर्ज चुकाने की क्षमता
जुगेशिंदर सिंह ने कहा कि अदाणी ग्रुप के पास 30 महीने के कर्ज दायित्वों को चुकाने की पर्याप्त क्षमता है. अगले 12 महीनों में लगभग तीन अरब डॉलर का कर्ज चुकाया जाना है. उन्होंने भरोसा जताया कि ज्यादातर बैंक इस कर्ज भुगतान के लिए वित्तपोषण कर देंगे. उन्होंने कहा कि अदाणी ग्रुप की इच्छा घरेलू बाजारों से भारतीय रुपये में यथासंभव कर्ज जुटाने की है, लेकिन लंबी अवधि की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए दीर्घकालिक वित्त की कमी होने से उसे अमेरिका जाना पड़ रहा है. हालांकि, अदाणी ग्रुप खुदरा निर्गमों जैसे साधनों के जरिये ऐसी परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए घरेलू बाजारों की क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.
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आरोप लगने के वक्त लंदन में थे गौतम अदाणी
उन्होंने कहा कि अदाणी ग्रुप अमेरिकी कानूनों का सम्मान करता है और मामले में सहयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब आरोप सार्वजनिक हुए, तो वह लंदन में गौतम अदाणी के साथ थे और उन्हें इस पर आश्चर्य हुआ था. आंध्र प्रदेश में बिजली खरीद समझौते को रद्द के मामले पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है. ऐसा होने पर वे खुश होंगे. इसका कारण यह है कि आंध्र प्रदेश सरकार के साथ समझौता रद्द होते ही वे अधिक कीमत पर बिजली बेच सकेंगे.
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