गूगल क्रोम यूज करते हैं तो हो जाएं सावधान! सरकार ने जारी की गंभीर चेतावनी, डेटा की गोपनीयता पर मंडरा रहा खतरा

हाइलाइट्स

सीईआरटी ने क्रोम ब्राउजर को लेकर जारी किया सिक्योरिटी अलर्ट.
गूगल क्रोम ब्राउजर के रिमोटली कंट्रोल होने का है रिस्क.
हैकर मैलेशियस कोड डालकर चुरा सकते हैं गोपनीय जानकारी.

Google Chrome Security Alert: अगर आप गूगल क्रोम यूजर हैं और अपने मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी डिवाइस में क्रोम ब्राउज़र (Chrome Browser) का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है. भारत सरकार की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पाॅन्स टीम (CERT) ने गूगल क्रोम से जुड़े एक खतरे को लेकर एक हाई रिस्क अलर्ट (High Risk Alert) जारी किया है.

बता दें कि मौजूदा समय में करीब 66 फीसद सर्च मार्केट पर गूगल क्रोम की हिस्सेदारी है. ऐसे में सभी मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर यूजर्स को ध्यान देना चाहिए. सीईआरटी द्वारा जारी एक अलर्ट के मुताबिक इसके इस्तेमाल पर आपकी संवेदनशील जानकारी चोरी होने का खतरा है.

क्या है क्रोम ब्राउजर से जुड़ा अलर्ट
केंद्र सरकार की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी सीईआरटी की मानें, तो गूगल क्रोम में कई सारी खांमियां का पता लगाया गया है. सीईआरटी की टीम ने गूगल क्रोम से जुड़े इस रिस्क की जानकारी दी है. सीईआरटी का मानना है कि गूगल क्रोम को रिमोटली कंट्रोल किया जा सकता है. साथ ही इसमें मैलेशियस कोड डाला जा सकता है. इस तरह हैकर्स यूजर्स का संवेदनशील डेटा चोरी कर सकते हैं. सीईआरटी की ओर से सिक्योरिटी एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें वेब पेज पर अटैकर्स हमला कर सकते हैं.

किसे है खतरा और कैसे रहे सुरक्षित?
सीईआरटी के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) के लिए गूगल क्रोम ब्राउजर के वर्जन 122.0.6167.160/161 और इससे पहले के वर्जन में सिक्योरिटी रिस्क पाया गया है. वहीं, मैक और लिनक्स ओएस में क्रोम वर्जन 122.0.6167.160 और उससे पहले का वर्जन प्रभावित है.

अगर आप इस सिक्योरिटी रिस्क से सुरक्षित रहना चाहते हैं तो आप अपने गूगल क्रोम ब्राउजर को फटाफट अपडेट कर लें. गूगल ने सिक्योरिटी रिस्क में सुधार के लिए स्टेबल अपडेट की लिस्ट जारी की है.

CERT ने पिछले सप्ताह उपयोगकर्ताओं को Android OS में पाई जाने वाली कमजोरियों के बारे में भी चेतावनी दी थी. ये सिक्योरिटी रिस्क एंड्रॉइड वर्जन 11, 12, 13 और 14 को प्रभावित करती हैं. इससे प्रभावित होने वाले डिवाइस मीडियाटेक, यूनिसोक, क्वालकॉम और क्वालकॉम क्लोज-सोर्स फ्रेमवर्क सिस्टम और आर्म कॉम्पोनेन्ट पर काम कर रहे हैं.

Tags: Alert, Google chrome, Tech news, Tech News in hindi

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