क्रिप्टो एक्सचेंजों से 9 अरब डॉलर से ज्यादा के लाखों Bitcoin कोल्ड स्टोरेज में पहुंचे

क्रिप्टो एक्सचेंजों से 9 अरब डॉलर से ज्यादा के लाखों Bitcoin कोल्ड स्टोरेज में पहुंचे

क्रिप्टो एक्सचेंजों से 9 अरब डॉलर से ज्यादा के लाखों Bitcoin कोल्ड स्टोरेज में पहुंचे

मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में इस वर्ष भारी गिरावट आई है। ऐसा अनुमान है कि मौजूदा वर्ष में लगभग 5.5 लाख बिटकॉइन क्रिप्टो एक्सचेंजों से निकल गए हैं। बिटकॉइन के 16,858 डॉलर के मौजूदा प्राइस पर इनकी वैल्यू 9.2 अरब डॉलर से अधिक की है।

ऑन-चेन एनालिटिक्स फर्म Glassnode का कहना है कि ये बिटकॉइन कोल्ड स्टोरेज में पहुंचे हैं, जो नॉन-इंटरनेट क्रिप्टो वॉलेट्स होते हैं। इनमें हार्डवेयर वॉलेट्स या पेपर वॉलेट्स शामिल हैं। इस वर्ष कुछ बड़ी क्रिप्टो फर्में बैंकरप्ट हुई हैं। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल FTX के बैंकरप्ट होने से इस मार्केट को काफी नुकसान हुआ है। FTX के सॉफ्टवेयर में बदलाव कर क्लाइंट्स के फंड का इस्तेमाल किया गया था। एक्सचेंज के चीफ इंजीनियर ने कोड में बदलाव कर FTX के फाउंडर Sam Bankman Fried की फर्म Alameda Research को उधार ली गई रकम पर नुकसान उठाने के बावजूद उसके एसेट्स बेचने से छूट दी थी। इस छूट से फर्म को FTX से फंड उधार लेने की अनुमति मिल गई थी चाहे उसके बदले में कोलेट्रल की वैल्यू कितनी भी हो। इसके अलावा क्रिप्टो एक्सचेंजों और फर्मों पर हैकर्स के लगातार हमलों से भी क्रिप्टो इनवेस्टर्स की चिंता बढ़ी है। क्रिप्टोकरेंसीज को सुरक्षित रखने के लिए कुछ इनवेस्टर्स इन्हें हार्डवेयर या पेपर वॉलेट्स में ट्रांसफर कर देते हैं या इन्हें बेचकर अपनी रकम विड्रॉ करते हैं।

बिटकॉइन की लगभग 2.1 करोड़ टोकन्स की कुल निर्धारित सप्लाई में से मार्केट में 1.92 करोड़ से कुछ अधिक टोकन्स ही हैं। Glassnode ने बताया कि क्रिप्टो एक्सचेंजों पर स्टोर बिटकॉइन रिजर्व सर्कुलेशन में मौजूद इसकी सप्लाई का 12 प्रतिशत से कम हैं। क्रिप्टो एक्सचेंजों  FTX, Binance और Coinbase से क्रमशः लगभग 70,000 बिटकॉइन, 90,000 बिटकॉइन और दो लाख बिटकॉइन मूव किए जाने की रिपोर्ट है।

पिछले वर्ष क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 3 लाख करोड़ डॉलर से अधिक था, जो इस वर्ष घटकर लगभग 808 अरब डॉलर रह गया है। पिछले सात वर्षों में बिटकॉइन खरीदने वाले लगभग तीन चौथाई लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है। यह जानकारी बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के इकोनॉमिस्ट्स की ओर से पिछले सात वर्षों में लगभग 95 देशों के क्रिप्टोकरेंसी इनवेस्टर्स के डेटा की स्टडी से मिली है। इस अवधि में बिटकॉइन का प्राइस लगभग 250 डॉलर से बढ़कर पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 68,000 डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंचा था।

source – gadgets360

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