कौन हैं भारत का सबसे अमीर मुसलमान, जो गरीबों में बांटते हैं 27 करोड़? जिन्ना को बताई थी औकात
Azim Premji India’s Richest Muslim Family: भारत में मुस्लिम समुदाय ने कला, साहित्य, संगीत और अभिनय के क्षेत्र में कई मशहूर हस्तियां दी हैं. हालांकि, व्यापार और सरकारी सेवाओं में उनकी उपस्थिति अपेक्षाकृत कम दिखाई देती है. लेकिन एक मुस्लिम परिवार ऐसा भी है, जिसने तीन पीढ़ियों से व्यापार जगत में अपनी मजबूत पहचान कायम रखी है.
जब जिन्ना ने दिया था पाकिस्तान आने का प्रस्ताव
यह कहानी है प्रेमजी परिवार की, जिसके मुखिया अजीम प्रेमजी हैं. यह परिवार 1947 के बंटवारे के दौरान पाकिस्तान नहीं गया, जबकि मोहम्मद अली जिन्ना ने अजीम प्रेमजी के पिता मोहम्मद प्रेमजी को पाकिस्तान आने और उन्हें वित्त मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन उन्होंने भारत में रहकर अपने कारोबार को आगे बढ़ाने का फैसला किया. आज प्रेमजी परिवार भारत का सबसे अमीर मुस्लिम परिवार है.
इस्माइली मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक
अजीम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को मुंबई में हुआ. उनके पिता मोहम्मद प्रेमजी एक चावल कारोबारी थे, जो मूल रूप से म्यांमार में व्यापार करते थे. 1940 के दशक में वे भारत आए और यहीं बस गए. विभाजन के बाद उनके बड़े बेटे फारुख प्रेमजी पाकिस्तान चले गए, जबकि अजीम प्रेमजी भारत में ही रहे.
जब मजबूरी में संभालनी पड़ी कंपनी
अजीम प्रेमजी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई भारत में पूरी की और फिर अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा के लिए गए. लेकिन 1966 में उनके पिता का निधन हो गया, जिससे उन्हें पढ़ाई छोड़कर भारत लौटना पड़ा और पारिवारिक बिजनेस संभालना पड़ा.
कर्ज में डूबी कंपनी को बनाया दिग्गज ब्रांड
जब अजीम प्रेमजी ने बिजनेस संभाला, उस वक्त उनकी कंपनी ‘वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड’ संकट में थी और उस पर भारी कर्ज था. लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से इसे न केवल कर्ज से उबारा, बल्कि इसे कई नए क्षेत्रों में आगे बढ़ाया.
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आईटी सेक्टर में बनाई नई पहचान
1977 में अजीम प्रेमजी ने कंपनी का नाम बदलकर ‘विप्रो’ रख दिया और 1980 के दशक में भारत में उभरते आईटी सेक्टर में कदम रखा. उन्होंने कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट पर फोकस किया और विप्रो को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान दिलाई.
Wipro: दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनियों में शामिल
आज विप्रो भारत की टॉप आईटी कंपनियों में से एक है, जिसका मार्केट कैप 3 ट्रिलियन (तीन लाख करोड़ रुपये) से अधिक है. यह कंपनी दुनियाभर में लाखों लोगों को रोजगार दे रही है और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभा रही है.
अजीम प्रेमजी: भारत के सबसे बड़े दानवीर
अजीम प्रेमजी सिर्फ एक सफल बिजनेसमैन ही नहीं, बल्कि भारत के सबसे बड़े परोपकारी (फिलैंथ्रॉपिस्ट) व्यक्तियों में से एक हैं. फोर्ब्स के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपये) है. उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान करने का फैसला किया है. वह अब तक 2.3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का दान कर चुके हैं, जो किसी भी भारतीय द्वारा दान की गई सबसे बड़ी राशि है.
प्रेमजी फाउंडेशन: शिक्षा और समाज सेवा में योगदान
उन्होंने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की, जो भारत में शिक्षा और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में काम कर रहा है. इस फाउंडेशन के तहत कई स्कूल और विश्वविद्यालय खोले गए हैं, जिनमें गरीब और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा दी जाती है.
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