कोचिंग सेंटर पर सख्ती, सरकारी कर्मचारियों को गिफ्ट, राजस्थान सरकार ने लिए कई फैसले

Rajasthan News: राजस्थान मंत्रिमंडल ने राज्य के कोचिंग संस्थानों को विनियमित (Regulate) करने, विद्यार्थियों को सुरक्षित और उनके अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी है. इसके अलावा भजन लाल शर्मा की सरकार ने कई और अहम फैसले लिए.

Rajasthan News: राजस्थान की भजन लाल शर्मा सरकार ने शनिवार को कैबिनेट की अहम बैठक की. जिसमें कई फैसले लिए गए. कैबिनेट ने कोचिंग सेंटर पर सख्ती लाने के लिए और छात्रों को बेहतर माहौल दिलाने के लिए ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025’ को अपनी मंजूरी दे दी है. मसौदा केंद्र सरकार से जारी दिशा-निर्देशों, राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं और विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है.

50 या उससे अधिक छात्रों वाले कोचिंग सेंटर आएंगे कानून के दायरे में

विधेयक के अनुसार राजस्थान के वैसे कोचिंग सेंटर, जिसमें 50 या उससे अधिक छात्र पढ़ाई करते हैं, वो कानून के दायरे में आएंगे. उन्हें रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा. संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कोचिंग संस्थानों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय पोर्टल स्थापित किया जाएगा. विद्यार्थियों की ‘काउंसलिंग’ के लिए एक हेल्पलाइन नंबर और राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी.

सरकारी कर्मचारियों को होली से पहले गिफ्ट

भजनलाल शर्मा की अगुआई में कैबिनेट ने सरकार की कर्मचारियों को होली से पहले बड़ी सौगात दी है. सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार की तर्ज पर ग्रेच्युटी दिया जाएगा. कैबिनेट ने ग्रेच्युटी की सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने का फैसला किया है.

कौशल विकास नीति को मंजूरी

भजन लाल शर्मा सरकार ने कौशल विकास नीति को भी मंजूरी दी है. जिसके तहत युवाओं को विशेष कौशल में प्रशिक्षित करना है. यह नीति राज्य के औद्योगिक विकास में मदद करेगी और युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी. इस नीति के तहत एआई, मशीन लर्निंग, स्मार्ट विनिर्माण और साइबर सुरक्षा जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण दिया जाएगा.

दिव्यांगजन के लिए समान अवसर नीति

राजस्थान मंत्रिमंडल ने दिव्यांगजन के लिए समान अवसर नीति को भी मंजूरी दी. यह दिव्यांगजन (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप है. इस नीति को राज्य सरकार के नियंत्रण में आने वाले सभी सरकारी विभागों, स्वायत्त निकायों और संस्थानों में लागू किया जाएगा.

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