कुड़मी समाज के जागरण में दिखी संस्कृति की झलक

वक्ताओं ने कहा : कुड़मि को साजिश के तहत एसटी की सूची से हटाया गयाजुलूस में शामिल बालिकाएंDhanbad News: कुड़मालि भाखि चारि आखड़ा के बैनरतले कुडमि समाज ने रविवार को राजगंज के बागदाहा में दिवारात्रि जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, कोडरमा के अलावा बंगाल, आसाम व ओडिशा से समाज के पांच हजार से अधिक लोगों का जुटान हुआ. कार्यक्रम में कुड़मि संस्कृति का नजारा दिखा. इससे पूर्व मशाल जुलूस निकाला गया. बूढ़ा बाबा व स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा की गयी. महतो राजू सांखुआर ने आखडा सेउरन की शुरुआत की. शाम में 81 गुष्टी का दीया जलाकर पुरखों को याद किया गया. पश्चिम बंगाल के कुड़मालि गायक गोविंदलाल हस्तुआर, कीर्तन मुतरूआर, लालजी हिंदइआर, पार्वती हिंदइआर ने तेरह ताल झुमर, भक्तिमति बानूआर का पातानाच, निचितपुर भाखिचारी दल, बोकारो के कुड़मालि आखड़ा दलों द्वारा नृत्य व गीत प्रस्तुत किया गया.

अपनी भाषा-संस्कृति को बचाने की जरूरत

कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि कुड़मि अपनी भाषा, संस्कृति व पहचान को भूलते जा रहे हैं. यही स्थिति रही, तो हमारी जनजातीय पहचान विलुप्त हो जायेगी. वक्ताओं ने अपनी भाषा-संस्कृति को बचाने पर बल दिया. वर्तमान परिवेश में नयी पीढ़ी को इस कार्यक्रम के जरिये अपनी संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. कहा कि कुड़मि जाति को साजिश के तहत अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाया गया. अध्यक्षता बासुदेव महतो सांखुआर व संचालन महादेव डुंगरिआर एवं पांडव पुनरिआर ने किया.

इन्होंने किया संबोधित :

प्राचार्य डॉ बीएन महतो, ज्योतिलाल बंसरिआर (बंगाल), वाणी देवी (जिप सदस्य), दीपक पुनरिआर कसमार, हलधर महतो, सुरेश सांखुआर (असम), तरनि बानूआर, गणपत महतो, भुवनेश्वर नवाखुरि, ओमप्रकाश बंशीआर (ओडिशा), निपेन केसरिआर (पुरुलिया), हीरालाल महतो आदि.

इनकी रही भागीदारी : कार्यक्रम को लेकर हीरालाल महतो (अध्यक्ष), मुखिया बाबूलाल महतो, पंसस धनंजय प्रसाद महतो, रेवती रमण महतो, गणेश महतो, रामचन्द्र महतो, गीत गोविंद महतो, राजू महतो, मनीषा महतो, सुभाष महतो, सूदन महतो, प्रवीण महतो, सरोज महतो, सन्तोष महतो, मुक्तेश्वर महतो, सुबोध महतो, महावीर महतो आदि सक्रिय हैं.

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