किस देश में तकिए के नीचे रखा है अरबों का सोना! मुश्किल में अर्थव्यवस्था
Under Pillow Gold: अप्रैल 2025 में पहलगाम हमले के बाद मई में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के वक्त पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्किए की अर्थव्यवस्था हांफ रही है. पूरी अर्थव्यवस्था मुश्किल में पड़ी है और इस देश के प्रत्येक घरों में तकिए के नीचे रखे सोने को निकालने में तुर्किए सरकार का दम निकल रहा है. लोगों का भरोसा बैंकों से उठ गया है और वे कीमती पीली धातु को बैंकों में रखने के बजाए अपने घरों में रखना अधिक मुफीद समझते हैं. तुर्किए में तकिए के नीचे सोना (अंडर द पिलो गोल्ड) रखने की परंपरा काफी पुरानी है. यह सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक कारणों से सदियों से प्रचलित है. आइए, जानते हैं कि आखिर परंपरागत तरीके से तुर्किए के लोग तकिए के नीचे सोना क्यों रखते हैं.
सांस्कृतिक परंपरा
तुर्किए में सोने को एक सुरक्षित और मूल्यवान संपत्ति के रूप में देखा जाता है. इसे शादी, धार्मिक समारोहों और दूसरे विशेष अवसरों पर उपहार के रूप में देने की परंपरा है. विशेष रूप से “गोल्डन डेज” जैसे सामाजिक आयोजनों में महिलाएं एक-दूसरे को सोने के सिक्के या गहने उपहार में देती हैं, जो परिवार की बचत का हिस्सा बन जाते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह अनातोलिया और मेसोपोटामिया की संस्कृति से जुड़ी है, जहां सोना शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता रहा है.
आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई
तुर्किए में महंगाई सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुका है और तुर्की लीरा के मूल्य में उतार-चढ़ाव के कारण लोग सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं. सोना मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव का काम करता है और इसकी कीमत समय के साथ स्थिर रहती है. इससे लोग इसे बैंकों में जमा करने के बजाय घर पर रखना पसंद करते हैं.
बैंकों पर घटा भरोसा
तुर्किए में बैंकों पर भरोसे की कमी और वित्तीय प्रणाली में अस्थिरता के कारण लोग अपने सोने को घर पर रखना पसंद करते हैं. बैंक जमा पर टैक्स और बड़े लेन-देन की सरकारी निगरानी भी इस प्रथा को बढ़ावा देती है. उदाहरण के लिए मार्च में सोने की खरीद पर 0.2% टैक्स लगाए जाने के बाद लोग नकद में सोना खरीदने लगे.
तकिए के नीचे क्यों रखते हैं सोना
घर पर रखा गया सोना कर-मुक्त होता है, जबकि बैंक में जमा सोने पर कर और सरकारी निगरानी लागू होती है. इससे लोग अपने सोने को “तकिए के नीचे” रखना पसंद करते हैं. तुर्किए में सोने का उत्पादन 3000 ईसा पूर्व से हो रहा है और यह ओटोमन साम्राज्य में भी शक्ति का प्रतीक था. इस्तांबुल का ग्रैंड बाजार 15वीं सदी से सोने के व्यापार का केंद्र रहा है. इस ऐतिहासिक महत्व ने सोने को बचत का एक विश्वसनीय साधन बनाया है.
तकिए के नीचे कितना सोना
तुर्की में घरों में रखे गए सोने की मात्रा के बारे में विभिन्न प्रकार के अनुमान हैं. तुर्की सेंट्रल बैंक के एक अनुमान के अनुसार, 2024 की तीसरी तिमाही तक तुर्किए के घरों में लगभग 2,200 से 5,000 टन सोना “तकिए के नीचे” रखा गया है, जिसकी अनुमानित कीमत 311 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 26,544,200 करोड़ रुपये है. साल 2013 के वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुमान में बताया गया है कि तुर्किए के घरों में 3,500 टन सोना है, जो प्रति परिवार औसतन 200 ग्राम सोने के बराबर है.
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सोना निकालने के सरकारी प्रयास
तुर्किए की सरकार ने इस सोने को बैंकिंग सिस्टम में लाने के लिए कई प्रयास किए हैं. 1980 में तुर्गुत ओजाल और 2016 में राष्ट्रपति एर्दोगन ने घरों में तकिए के नीचे से सोना निकालने अपील की थी. साथ ही, 2022 में गोल्ड कन्वर्जन सिस्टम की शुरुआत की गई थी. हालांकि, इन प्रयासों का प्रभाव सीमित रहा है, क्योंकि केवल 5-10% सोना ही बैंकिंग सिस्टम में आ पाया है.
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