कितनी संपत्ति के मालिक है कवि कुमार विश्वास, कवि सम्मेलन के लिए कितनी फीस लेते हैं?
Kumar Vishwas Net Worth: डॉ. कुमार विश्वास हिंदी साहित्य जगत के एक प्रतिष्ठित कवि, वक्ता और लेखक हैं. उनकी ओजपूर्ण कविताएं और प्रभावशाली वक्तृत्व शैली ने उन्हें देश और विदेश में अपार लोकप्रियता दिलाई है. उनकी संपत्ति, आय के स्रोत और कविता पाठ के लिए ली जाने वाली फीस को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है. इस लेख में हम इन्हीं पहलुओं पर विस्तृत जानकारी देंगे.
कितनी संपत्ति के मालिक हैं कुमार विश्वास?(Kumar Vishwas Net Worth)
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे के अनुसार, उनके पास लगभग 3.80 करोड़ रुपये की संपत्ति थी. उनके पास गाजियाबाद के पिलखुआ में एक घर है, जिसकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये आंकी गई थी. इसके अलावा, ऋषिकेश में उनके पास दो फ्लैट हैं, जिनकी कीमत क्रमशः 90 लाख रुपये और 12 लाख रुपये थी. उनके पास टोयोटा इनोवा और टाटा एरिया जैसी कारें भी हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 16.50 लाख रुपये थी.
हालांकि, वर्तमान में उनकी संपत्ति के सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति 5 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है. उनकी आय का मुख्य स्रोत कवि सम्मेलनों और साहित्यिक कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी है.
एक कविता पाठ के लिए कितनी फीस लेते हैं कुमार विश्वास?(Kumar Vishwas Fees for reciting a poem)
डॉ. कुमार विश्वास देश के सबसे महंगे कवियों में से एक माने जाते हैं. उनकी कविता पाठ की फीस आयोजन की प्रकृति, स्थान और आयोजकों के अनुसार बदलती रहती है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में आयोजित रामायण महोत्सव में कविता पाठ के लिए 60 लाख रुपये की फीस ली थी. सामान्यतः, वे 15-20 मिनट के कविता पाठ के लिए 10 लाख रुपये या उससे अधिक की फीस लेते हैं.
उनकी लोकप्रियता और मांग को देखते हुए, उनकी मासिक आय करोड़ों रुपये तक पहुंच सकती है. उनके कार्यक्रमों में भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे आयोजक भी उन्हें ऊंची फीस देने को तैयार रहते हैं.
कुमार विश्वास की राजनीतिक सफर(Political journey of Kumar Vishwas)
आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़ाव:
- कुमार विश्वास 2012 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े.
- वह पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई.
2014 लोकसभा चुनाव
- AAP ने उन्हें अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया.
- हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वह चौथे स्थान पर रहे.
AAP में मतभेद
- समय के साथ पार्टी में उनकी स्थिति कमजोर होती गई.
- उन्होंने कई बार अरविंद केजरीवाल और पार्टी की नीतियों पर खुलकर सवाल उठाए.
- पार्टी से नाराजगी के चलते 2018 में AAP से उनका रिश्ता लगभग खत्म हो गया.
राजनीति से दूरी
- AAP से दूरी बनाने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से खुद को अलग कर लिया.
- हालांकि, वह सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय ज़रूर रखते हैं.
- कई बार उनके नाम को बीजेपी और कांग्रेस से जोड़कर भी चर्चा हुई, लेकिन उन्होंने किसी भी पार्टी से जुड़ने से इनकार किया.
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