ऑनलाइन गेमिंग पर बैन वाले कानून से निवेशकों में दहशत, 14% तक गिरा नजारा टेक का शेयर
Share Price: ऑनलाइन गेमिंग पर नए प्रतिबंधों वाले विधेयक ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है. इसका सीधा असर नजारा टेक्नोलॉजीज और डेल्टा कॉर्प जैसे शेयरों पर देखा गया, जहां लगातार दो दिनों तक भारी गिरावट दर्ज की गई. पिछले दो दिनों में नजारा टेक का शेयर में 14% तक गिर गया. संसद में पास हुए इस कानून ने बाजार में अस्थिरता को और गहरा दिया है.
नज़ारा टेक्नोलॉजीज के शेयर में गिरावट
गुरुवार को बीएसई में नजारा टेक्नोलॉजीज का शेयर दिन के कारोबार में 11.18% टूटकर 1,085 रुपये पर आ गया. हालांकि, बाद में इसमें कुछ रिकवरी हुई और यह 1.31% की गिरावट के साथ 1,205.60 रुपये पर बंद हुआ. बुधवार को भी कंपनी के शेयर में लगभग 13% की गिरावट आई थी. इस तरह, दो कारोबारी दिनों में कुल 13.96% का नुकसान दर्ज किया गया.
डेल्टा कॉर्प पर भी दबाव
ऑनलाइन गेमिंग उद्योग से जुड़ी दूसरी बड़ी कंपनी डेल्टा कॉर्प का शेयर भी गुरुवार को दबाव में रहा. कंपनी का शेयर 2.79% टूटकर 91.21 रुपये पर बंद हुआ. निवेशकों का मानना है कि नए कानून से इसकी आय और कारोबार पर सीधा असर पड़ सकता है.
विधेयक का उद्देश्य और दायरा
संसद ने “ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025” को पारित किया. इसमें सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाया गया है. वहीं, ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को प्रोत्साहन देने की बात कही गई है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के दो-तिहाई हिस्से को बढ़ावा देगा और युवाओं को सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराएगा.
नजारा टेक की सफाई
नजारा टेक्नोलॉजीज ने बीएसई को दी सूचना में स्पष्ट किया कि उसका रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) कारोबार से कोई सीधा संबंध नहीं है. कंपनी ने कहा कि उसका एकमात्र अप्रत्यक्ष निवेश मूनशाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (पोकरबाजी) में है, जिसमें उसकी 46.07% हिस्सेदारी है. कंपनी का कहना है कि मुख्य रूप से उसका ध्यान ई-स्पोर्ट्स और अन्य सुरक्षित गेमिंग सेवाओं पर है.
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निवेशकों की चिंता
विश्लेषकों का मानना है कि हालांकि नजारा टेक का सीधा संबंध प्रतिबंधित गेमिंग से नहीं है, लेकिन नए कानून के चलते निवेशकों में घबराहट और बाजार में अस्थिरता बनी हुई है. अल्पकाल में कंपनी के शेयर पर दबाव रह सकता है. हालांकि, दीर्घकालिक दृष्टि से ई-स्पोर्ट्स और सामाजिक गेमिंग को बढ़ावा मिलने से सकारात्मक असर दिख सकता है.
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