ईशा अंबानी ने म्यूचुअल फंड कारोबार में रखा कदम, सेबी से मिली हरी झंडी

Mutual Fund: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की बेटी और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) की गैर-कार्यकारी निदेशक ईशा अंबानी ने म्यूचुअल फंड क्षेत्र में कदम रख दिया है. जेएफएसएल की सहायक कंपनी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से म्यूचुअल फंड कारोबार शुरू करने की अनुमति मिल गई है. कंपनी ने मंगलवार को इसकी आधिकारिक जानकारी दी.

जियो और ब्लैकरॉक का 50:50 संयुक्त उद्यम

जियोब्लैकरॉक एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और अमेरिका की प्रमुख निवेश कंपनी ब्लैकरॉक का 50:50 का संयुक्त उपक्रम है. इस संयुक्त उद्यम को ‘जियोब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड’ के नाम से पंजीकरण प्रमाणपत्र 26 मई, 2025 को जारी किया गया.

ईशा अंबानी का विजन: निवेश को सरल और समावेशी बनाना

ईशा अंबानी ने अपने बयान में कहा, “ब्लैकरॉक के पास वैश्विक निवेश की विशेषज्ञता है, जबकि जियो के पास डिजिटल-फर्स्ट इनोवेशन की ताकत. दोनों मिलकर हर भारतीय के लिए निवेश को सुलभ, सरल और समावेशी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह साझेदारी भारत में वित्तीय सशक्तिकरण के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

प्रबंधन में नई नियुक्ति: सिड स्वामीनाथन बने सीईओ

कंपनी ने जियोब्लैकरॉक एसेट मैनेजमेंट का नेतृत्व करने के लिए सिड स्वामीनाथन को प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है. उन्होंने अपनी नियुक्ति पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, “हम भारत में निवेशकों को उच्च गुणवत्ता वाले संस्थागत निवेश उत्पाद प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

शुरुआती निवेश और सेबी को आवेदन

जियो फाइनेंशियल और ब्लैकरॉक फाइनेंशियल मैनेजमेंट इंक ने इस इकाई में कुल 82.5 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया है. दोनों कंपनियों ने म्यूचुअल फंड कारोबार के लिए अनुमति लेने के लिए 19 अक्टूबर, 2023 को सेबी के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए थे.

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निवेशकों को मिलेगा सशक्त विकल्प

ईशा अंबानी की अगुआई में जियोब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड भारतीय निवेशकों को एक नया डिजिटल और सशक्त विकल्प प्रदान करेगा. यह कदम भारत के तेजी से बढ़ते फाइनेंशियल सेक्टर में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है, जिससे छोटे और मध्यम निवेशकों को भी गुणवत्ता सेवाएं मिल सकेंगी.

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