ईरान पर इजरायली हमले से शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स में 573 अंकों की बड़ी गिरावट

Stock Market: ईरान पर इजरायली हमले, पश्चिम एशियाई देशों में बढ़ते तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल से शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में चौतरफा हाहाकार मच गया. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई. कारोबार के आखिर में बीएसई सेंसेक्स 573.38 अंक यानी 0.70% गिरकर 81,118.60 पर बंद हुआ. हालांकि, शुरुआती कारोबार में यह 1,337 अंक तक टूट गया था. वहीं, एनएसई निफ्टी 169.60 अंक यानी 0.68% फिसलकर 24,718.60 पर बंद हुआ.

इजराइल-ईरान तनाव से निवेशकों की चिंता बढ़ी

विश्लेषकों का कहना है कि इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर किए गए कथित हमले ने पश्चिम एशिया में पूर्ण युद्ध की आशंका को जन्म दिया है. इससे निवेशकों के मन में अस्थिरता और जोखिम को लेकर डर बढ़ा है, जिसके चलते उन्होंने जोखिम वाले शेयरों से दूरी बनानी शुरू कर दी है.

तेल की कीमतें पहुंचीं उच्चतम स्तर पर

इस भू-राजनीतिक तनाव का सीधा असर वैश्विक तेल बाजार पर भी पड़ा. ब्रेंट क्रूड की कीमतें 7.44% उछलकर 74.52 डॉलर प्रति बैरल हो गईं. हालांकि, कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह आंकड़ा कुछ ही घंटों में और बढ़कर 76 डॉलर तक पहुंच गया, जो इस साल का सबसे ऊंचा स्तर है. इससे दुनिया भर में महंगाई बढ़ने की चिंता भी बढ़ गई है.

बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट

सेंसेक्स की कंपनियों में अदाणी पोर्ट्स, आईटीसी, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, टाइटन और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे प्रमुख शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. वहीं, टेक महिंद्रा, टीसीएस, सन फार्मा और मारुति के शेयरों में बढ़त रही.

वैश्विक बाजारों में भी छाई रही कमजोरी

एशिया के दूसरे प्रमुख शेयर बाजारों जैसे जापान का निक्केई, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग भी लाल निशान में बंद हुए. यूरोपीय बाजार भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. हालांकि, अमेरिकी बाजार गुरुवार को मामूली बढ़त के साथ बंद हुए थे.

एफआईआई की भारी बिकवाली

बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 3,831.42 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की, जिससे घरेलू बाजार पर और दबाव बढ़ा. विश्लेषक विनोद नायर का कहना है कि बाजार पर भू-राजनीतिक तनाव, विदेशी निवेश की निकासी और महंगाई की चिंता का समग्र असर पड़ा है.

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तनाव और तेल की कीमतों से निवेशकों में घबराहट

पश्चिम एशिया में तनाव की स्थिति और बढ़ती तेल कीमतों ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया है. अगर तनाव आगे भी बना रहता है, तो भारतीय शेयर बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है. निवेशकों को सावधानी से कदम उठाने की सलाह दी जा रही है.

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