इसलिए मनाया जाता है छठ महापर्व, जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व

Chhath Puja 2024: धर्मशास्त्रों के अनुसार, चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व छठ पूजा, छठी माई पूजा, डाला छठ, सूर्य षष्ठी पूजा और छठ पर्व के नामों से प्रसिद्ध है. यह पर्व मुख्य रूप से सूर्य देव की आराधना के लिए मनाया जाता है, ताकि परिवार के सदस्यों को उनका आशीर्वाद मिल सके.

Chhath Puja 2024: नवंबर में मनाई जाएगी छठ पूजा, जानें कब है नहाय-खाय और कब दे सकेंगें सूर्यदेव को अर्घ्य 

इस साल कब है छठ महापर्व ?

नहाय खाय- 05 नवंबर 2024
खरना- 06 नवंबर 2024
शाम का अर्घ्य- 07 नवंबर
सुबह का अर्घ्य- 08 नवंबर

षष्ठी तिथि 07 नवंबर 2024 को प्रातः 12 बजकर 41 मिनट पर आरंभ होगी और 08 नवंबर को प्रातः 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार छठ पूजा 07 नवंबर 2024, गुरुवार को आयोजित की जाएगी.

क्यों मनाया जाता है छठ महापर्व ?

यह पर्व मुख्यतः सूर्य देव की पूजा के लिए मनाया जाता है, ताकि परिवार के सदस्यों को उनका आशीर्वाद मिल सके. इसके साथ ही, संतान के सुखद भविष्य की कामना के लिए भी इस व्रत का आयोजन किया जाता है. कहा जाता है कि छठ पर्व का व्रत करने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी छठ माई का व्रत किया जाता है.

छठ महापर्व का प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

छठ पूजा भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण अंग है. इस अवसर पर भक्त अपनी प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से जुड़ते हैं और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं. यह चार दिनों की एक विशेष अनुष्ठान है, जिसमें भक्त अपनी कृतज्ञता और भक्ति के साथ पूजा करते हैं. छठ पूजा विभिन्न रीति-रिवाजों और समारोहों के साथ मनाई जाती है. इस पूजा से संबंधित कई कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें राजा प्रियवंद, भगवान राम, पांडवों और दानवीर कर्ण की कहानियों का उल्लेख मिलता है.

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