इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को मोदी सरकार का तोहफा! 11,500 करोड़ की बांटेगी सब्सिडी
FAME II Subcidy Scheme: भारत में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को केंद्र की मोदी सरकार ने तोहफा दिया है. खबर है कि सरकार ने फेम-II योजना के तहत सब्सिडी में करीब 1500 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी कर दी है. इससे पहले सरकार की ओर से फेम-II योजना के तहत करीब 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही थी, लेकिन उसने इसे बढ़ाकर करीब 11,500 करोड़ रुपये कर दिया है. सरकार की यह योजना 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी.
13.41 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों मिली सब्सिडी
बता दें कि फेम (फास्टर एडॉप्टिव एंड मैन्युफैक्चरर ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) के तहत केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर ग्राहकों को सब्सिडी उपलब्ध कराती है. सरकार की योजना फेम-II के जरिए देश में 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, 5 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन और 55,000 इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों साथ ही 7,000 इलेक्ट्रिक बसों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की थी. सरकार ने 31 जनवरी 2024 तक इस योजना के माध्यम से 13.41 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को कुल 5,790 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे दिया है. इसमें 11.86 लाख दोपहिया, 1.39 लाख तिपहिया और 16,991 चार-पहिया वाले इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं.
दोपहिया वाहनों पर 5,311 करोड़ की सब्सिडी
इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने विभिन्न शहरों, राज्य परिवहन उपक्रमों और राज्य सरकार की संस्थाओं को अंतर-शहरी परिवहन के लिए 6,862 इलेक्ट्रिक बसों के साथ-साथ 7,432 इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों के लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 800 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. सरकार की ओर से खर्च में संशोधन किए जाने के बाद सब्सिडी के लिए 7,048 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें से दोपहिया वाहनों को 5,311 करोड़ रुपये मिलेंगे. इलेक्ट्रिक बसों और चार्जिंग स्टेशन की स्थापना करने के लिए कुल अनुदान को भी संशोधित कर 4,048 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
12.11 लाख से अधिक दोपहिया वाहनों पर मिल गई सब्सिडी
फेम-II योजना के जरिए सरकार की ओर से अब तक 12,11,843 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी का वितरण कर दिया गया है. इसके अलावा, तकरीबन 1,42,713 इलेक्ट्रिक तिपहिया और 17,301 इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों को भी इस सब्सिडी का लाभ दिया जा चुका है. फेम-II योजना का शुरुआती लक्ष्य 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, 5 लाख तिपहिया वाहन, 55000 पैसेंजर कार और 7000 इलेक्ट्रिक बसों को लाभ प्रदान करना था.