इंडसइंड बैंक को मिला नया सीईओ, राजीव आनंद संभालेंगे कमान

IndusInd Bank CEO Rajeev Anand: इंडसइंड बैंक को एक महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन मिला है. अनुभवी बैंकर राजीव आनंद ने अब बैंक के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पदभार संभाल लिया है. उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब वित्तीय क्षेत्र में लगातार बदलाव और नई चुनौतियां सामने आ रही हैं. आनंद के व्यापक अनुभव और रणनीतिक दृष्टि से बैंक को आगे बढ़ने और नए लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे ग्राहकों और शेयरधारकों दोनों में नई उम्मीद जगी है. यह कदम बैंक के भविष्य की दिशा तय करेगा.

राजीव आनंद का नया कार्यकाल और बैंक के लिए इसका महत्व

इंडसइंड बैंक को एक नया प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD & CEO) मिल गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने राजीव आनंद की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. बैंक ने सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज को आधिकारिक रूप से घोषणा की कि राजीव आनंद को 25 अगस्त, 2025 से तीन साल की अवधि के लिए बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी गई है. यह कार्यकाल 24 अगस्त, 2028 तक चलेगा. हालांकि, इस नियुक्ति के लिए बैंक की आगामी आम बैठक में शेयरधारकों की मंजूरी मिलना बाकी है.

राजीव आनंद का विस्तृत अनुभव

राजीव आनंद बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में 35 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव रखते हैं. उनके पास परिसंपत्ति प्रबंधन (asset management), खुदरा बैंकिंग (retail banking) और थोक बैंकिंग (wholesale banking) जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता है. 59 वर्षीय राजीव आनंद एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन भी किया है.

  • उन्होंने 2009 में एक्सिस एसेट मैनेजमेंट कंपनी के संस्थापक प्रबंध निदेशक के रूप में एक्सिस समूह में अपनी यात्रा शुरू की थी.
  • 2013 में, वे एक्सिस बैंक में खुदरा बैंकिंग के प्रमुख बने.
  • 2018 में, उन्हें बैंक की थोक बैंकिंग शाखा की कमान भी सौंपी गई.
  • इंडसइंड बैंक में आने से पहले, वे एक्सिस बैंक में उप प्रबंध निदेशक (Deputy Managing Director) के पद पर कार्यरत थे और 3 अगस्त को अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद इस पद से रिटायर हुए थे.

विश्लेषकों का मानना है कि राजीव आनंद वैश्विक वित्तीय संस्थानों में विभिन्न कार्यों में अपने अनुभव का लाभ उठा सकते हैं. उनकी विशेषज्ञता और नेतृत्व से इंडसइंड बैंक को नई दिशा और स्थिरता मिलने की उम्मीद है.

नियुक्ति की पृष्ठभूमि और बैंक की मौजूदा स्थिति

यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब इंडसइंड बैंक एक चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है. बैंक लगभग चार महीने से बिना पूर्णकालिक सीईओ के कामकाज कर रहा था. दरअसल, बैंक के पूर्व सीईओ सुमंत कठपालिया और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने अप्रैल महीने में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. यह इस्तीफा बैंक में डेरिवेटिव ट्रेडिंग से जुड़े गलत हिसाब-किताब के मामले के बाद आया, जिसके कारण बैंक को लगभग 1,959. 98 करोड़ रुपये (लगभग 230 मिलियन डॉलर) का बड़ा नुकसान हुआ था. बैंक के मुताबिक, यह नुकसान उन अंदरूनी डेरिवेटिव सौदों की गलत अकाउंटिंग की वजह से हुआ, जिन्हें समय से पहले खत्म कर दिया गया था. इन गलतियों की वजह से कई तिमाहियों तक डेरिवेटिव पोर्टफोलियो की असली वित्तीय स्थिति छिपी रही और नकली मुनाफा दिखाया जाता रहा.

इस संकट के चलते बैंक के जनवरी-मार्च तिमाही (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) के शुद्ध लाभ में 72 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई और बैंक ने 2,328. 87 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछले 20 सालों में पहली बार हुआ था. सुमंत कठपालिया के इस्तीफे के बाद, वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति, जिसमें उपभोक्ता बैंकिंग प्रमुख सौमित्र सेन और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अनिल राव शामिल थे, बैंक का कामकाज संभाल रही थी.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 30 जून 2025 तक इंडसइंड बैंक को संभावित सीईओ उम्मीदवारों के नाम जमा करने के निर्देश दिए थे. बैंक द्वारा भेजे गए तीन नामों में राजीव आनंद पहली प्राथमिकता थे.

विभिन्न हितधारकों के विचार और निहितार्थ

राजीव आनंद की नियुक्ति के बाद मंगलवार को इंडसइंड बैंक के शेयरों में तेजी दर्ज की गई, शुरुआती कारोबार में यह 6 प्रतिशत तक उछल गया था. यह नियुक्ति निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखी जा रही है, खासकर इसलिए क्योंकि एक निजी बैंकर को इस पद पर नियुक्त किया गया है. पहले निवेशक एक सार्वजनिक बैंकर के एमडी पद पर आसीन होने को लेकर चिंतित थे.

इंडसइंड बैंक के निदेशक मंडल के अध्यक्ष सुनील मेहता ने राजीव आनंद की नियुक्ति पर बोर्ड की तरफ से बधाई दी है. उन्होंने कहा, “बोर्ड की ओर से, मैं राजीव आनंद को बैंक के एमडी और सीईओ के रूप में उनकी नियुक्ति पर बधाई देता हूं. बोर्ड, राजीव और प्रबंधन टीम के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर है ताकि शासन के उच्चतम मानकों को प्राथमिकता देते हुए मजबूत और सुदृढ़ विकास प्रदान किया जा सके.” उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड पूरी प्रक्रिया में दिए गए अमूल्य सहयोग के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के प्रति आभार व्यक्त करता है.

ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने इस नियुक्ति को एक ‘बड़ा पॉजिटिव ट्रिगर’ बताया है. जेफरीज का कहना है कि नए सीईओ से फीस, परिसंपत्ति और संचालन दक्षता (operating efficiency) के मामले में और सुधार की उम्मीद है. उन्होंने इंडसइंड बैंक के शेयर पर 920 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग दी है, जो मौजूदा स्तर से 17 फीसदी की संभावित बढ़त को दर्शाता है. सीआईटीआई (CITI) ने अपने नोट में कहा कि राजीव आनंद के जुड़ने से विश्वसनीयता में सुधार आएगा और स्थिरता आएगी.

पहलू विवरण
नियुक्ति तिथि 25 अगस्त, 2025 से प्रभावी.
कार्यकाल 3 साल (24 अगस्त, 2028 तक).
पूर्व सीईओ सुमंत कठपालिया (अप्रैल में इस्तीफा).
खाली पद की अवधि लगभग 4 महीने.
बैंक को हुआ नुकसान लगभग 1,960 करोड़ रुपये (डेरिवेटिव ट्रेडों की गलत अकाउंटिंग के कारण).
जनवरी-मार्च 2025 में शुद्ध घाटा 2,328. 87 करोड़ रुपये.

नए सीईओ के सामने बैंक की छवि बहाल करना और उसे स्थिरता की राह पर लाना एक बड़ी चुनौती होगी. बैंक को गवर्नेंस के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए मजबूत विकास प्रदान करना होगा.

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