आपदा काल में वैकल्पिक संचार-व्यवस्था

आपदा काल में वैकल्पिक संचार-व्यवस्था

Aapda Prabandhan लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. प्राकृतिक आपदा में उपयोग होने वाले किसी एक वैकल्पिक संचार-माध्यम की चर्चा कीजिए।

उत्तर⇒ रेडियो संचार वैकल्पिक संचार माध्यम रेडियो-तरंग इलेक्ट्रोमैगनेटिक है। जिसे एंटिना द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक प्रेषित किया जाता है । रेडियो-तरंग निम्न, उच्च और अत्यधिक उच्च फ्रीक्वेंसी की हो सकती है । रेडियो रिसीवर का किसी खास फ्रीक्वेंसी पर रखकर हम खास संकेत प्राप्त कर सकते हैं । लम्बी दूरी से सम्पर्क साधने के लिए उच्च फ्रीक्वेंसी की तरंग बहुत अधिक फ्रीक्वेंसी . वाले तरंगों का प्रयोग कम दूरी के लिए किया जाता है।


प्रश्न 2. हैम रेडियो के उपयोग पर प्रकाश डालिए। अथवा, निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए :
(i) हैम रेडियो (ii) उपग्रह संचार ।

उत्तर⇒ (i) हैम रेडियो— हैम रेडियो को एमेच्योर रेडियो भी कहा जाता है। एमेच्योर का तात्पर्य है, गैर-वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए रेडियो-संचार का प्रयोग करना । इसके संचालन के लिए सीमित ऊर्जा की आवश्यकता होती है । जिसकी पूर्ति बैटरियों या जेनरेटरों द्वारा हो सकती है। हमारे देश में लगभग 15,000 लाइसेंस होल्डर एमेच्योर ऑपरेटर हैं। भारत में यह संचार-प्रणाली एक सृजनशील हाबी के रूप में विकसित हो रहा है।
हैम रेडियो ने बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में अन्य संचार साधनों के अवरुद्ध होने पर भी सफलतापूर्वक कार्य किया है । इसे वैकल्पिक संचार माध्यमों में सबसे अधिक प्रभावशाली अनुभव किया गया है।
(ii) उपग्रह संचार—अंतरिक्ष में प्रस्थापित उपग्रह कई प्रकार के होते हैं । इनमें संचार उपग्रह प्रमुख हैं। संचार उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित रेडियो रिले ही है । इसमें सेटकाम उपग्रह आधारित संचार के लिए और सेटफोन उपग्रह आधारित फोन टर्मिनल के लिए प्रयोग किये जाते हैं । उपग्रह संचार का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य मोबाइल और ई-कम्यूनिकेशन होता है। इस प्रणाली में रेडियो रिले स्टेशन तथा संचार उपग्रह अंतरिक्ष में होता है और पृथ्वी पर घटने वाली किसी भी प्राकृतिक आपदा से इसे कोई नुकसान नहीं होता है, इसलिए यह आपदा के समय सबसे अधिक विश्वसनीय है ।


प्रश्न 3. सामान्य संचार-व्यवस्था के बाधित होने के प्रमुख कारणों को लिखिए।

उत्तर⇒ संचार-व्यवस्था के बाधित होने के कई कारण हैं—
(i) केबुल टूट जाना ।
(ii) बिजली-आपूर्ति का बाधित होना ।
(iii) संचार-भवनों के ध्वस्त होने पर संचार-यंत्रों का क्षतिग्रस्त हो जाना ।
(iv) ट्रांसमीशन टावर का क्षतिग्रस्त हो जाना आदि ।


प्रश्न 4. प्राकृतिक आपदा में वैकल्पिक संचार माध्यमों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर⇒ प्राकृतिक आपदा में वैकल्पिक संचार के माध्यम निम्नलिखित हैं—
रेडियो-संचार, हैम रेडियो, उपग्रह संचार आदि ।
रेडियो-संचार—रेडियो तरंग इलेक्ट्रो मैग्नेटिक होती है, जिसे एंटिना द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक प्रेषित किया जाता है । रेडियो तरंग उच्च, निम्न और अत्यधिक फ्रीक्वेंसी की हो सकती है । लम्बी दूरी से सम्पर्क-साधनों के लिए उच्च फ्रीक्वेंसी की तरंगें, बहुत अधिक फ्रीक्वेंसी वाली तरंगों का प्रयोग कम दूरी के लिए किया जाता है। अत्यधिक उच्च फ्रीक्वेंसी के बेडों का प्रयोग हाथ वाला वायरलेस कहा जाता है।
हैम रेडियो या एमेच्योर—एमेच्योर शब्द का अर्थ है गैर-वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए रेडियो संचार का प्रयोग करना । इसका संचालन के लिए सीमित ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जिसकी पूर्ति जेनरेटरों या बैटरियों से आसानी से की जा सकती है। हैम रेडियो ने बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में अन्य संचार साधनों के अवरुद्ध होने पर भी सफलतापूर्वक कार्य किया है।
उपग्रह संचार—संचार उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित रेडियो रिले स्टेशन ही है। इसमें जेटकाम उपग्रह आधारित संचार के लिए और सेटफोन उपग्रह आधारित फोन टर्मिनल के लिए उपयोग किया जाता है। संचार उपग्रह का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य मोबाइल और ई-कम्युनिकेशन होता है।


प्रश्न 5. सुनामी के समय सर्वाधिक योगदान किस वैकल्पिक संचार-साधन का हुआ है?

उत्तर⇒ हैम ऑपरेटर ।


प्रश्न 6. संचार उपग्रह का सबसे महत्वपूर्ण कार्य क्या है ?

उत्तर⇒ मोबाइल और ई-कम्युनिकेशन।


प्रश्न 7. हैम (HAM) के लिए एक सूक्ष्म तरंग वाले सेटेलाइट का निर्माण किसके द्वारा किया गया है ?

उत्तर⇒ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा ।


प्रश्न 8. एमेच्योर शब्द का अर्थ क्या है

उत्तर⇒ गैर-वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए रेडियो-संचार का प्रयोग करना ।


प्रश्न 9. भारत में चक्रवात प्रभावित क्षेत्र कौन-कौन हैं ?

उत्तर⇒ भारत में चक्रवात प्रभावित क्षेत्र पूर्वी तटीय भाग, गुजरात का तटीय क्षेत्र एवं अंडमान-निकोबार द्वीप समूह हैं।


प्रश्न 10. उपग्रह पर आधारित संचार प्रणाली का क्या अर्थ है?

उत्तर⇒ उपग्रह संचार प्रणाली वह संचार प्रणाली है जो पृथ्वी पर संचार के लिए । प्रयोग की जाती है। परन्तु इसके कुछ उपकरण (जैसे-उपग्रह) अंतरिक्ष में होते हैं। उपग्रह भिन्न-भिन्न कार्य करते हैं जैसे मौसम का चित्र लेना, भू-संपदा की खोज करना आदि।


प्रश्न 11. किसी मुख्य प्राकृतिक आपदा के समय दूर-संचार व्यवस्था बाधित हो जाती है। क्यों?

उत्तर⇒ किसी मुख्य प्राकृतिक आपदा के समय प्रायः टेलीफोन एक्सचेंज तथा ट्रांसमिशन टावर (रिले केन्द्र) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसी कारण दूर-संचार व्यवस्था बाधित हो जाती है।


प्रश्न 12. किसी भीषण आपदा के समय किस प्रकार की संचार व्यवस्था का होना अनिवार्य है और क्यों?

उत्तर⇒ भीषण आपदा के समय संचार संपर्क टूट जाते हैं और आपदा प्रभावित प्रदेश की सही स्थिति की जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसी स्थिति में ऐसे संचार प्रणाली की आवश्यकता पड़ती है जो हरदम क्रियाशील रहे।


प्रश्न 13. भू-कक्ष स्थिर (Geo-stationary Orbit) उपग्रह क्या होता है?

उत्तर⇒ भू-कक्ष स्थिर उपग्रह वह विशेष उपग्रह है जिसे विषुवत् रेखा से लगभग 36000 कि. मी. की ऊँचाई पर स्थापित किया जाता है। यह पृथ्वी के ऊपर स्थिर रहता है यह कई प्रकार का होता है। मौसम उपग्रह से हमें मौसम का पूर्वानुमान लगाने में सहायता मिलती है।


प्रश्न 14. सामान्य रेडियो संचार व्यवस्था की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।

उत्तर⇒ सामान्य रेडियो संचार व्यवस्था की कोई दो विशेषताएँ हैं—
(i) सामान्य रेडियो संचार व्यवस्था बेतार संचार व्यवस्था है। इसके संदेश को छोटी तथा लंबी दूरियों तक सुना जा सकता है। ऐसा रेडियो की विभिन्न आवृत्तियों के कारण संभव है।
(ii) किसी आपदा के समय यह एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक संचार व्यवस्था है।


प्रश्न 15. वैकल्पिक संचार प्रणालियाँ क्यों स्थापित की जानी चाहिए?

उत्तर⇒ किसी भीषण आपदा के समय प्रभावित क्षेत्र का संपर्क बाहरी संसार से टूट सकता है। ऐसी स्थिति में पीड़ित लोगों की तत्काल आवश्यकताओं की जानकारी नहीं मिल पाती जिससे जन-धन की भारी नुकसान हो सकता है। इसी कारण वैकल्पिक संचार प्रणाली का होना आवश्यक है।


प्रश्न 16. संचार उपग्रह के क्या कार्य हैं ?

उत्तर⇒ संचार उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित रेडियो रिले स्टेशन (कामसेट्स, सेटकाम्स, सेटफोन) ही है। इसमें ‘सेटकाम’ उपग्रह आधारित संचार के लिए और ‘सेटफोन’ उपग्रह आधारित फोन टर्मिनल के लिए प्रयोग किए जाते हैं। संचार उपग्रह का सबसे महत्वपूर्ण कार्य मोबाइल और e-कम्युनिकेशन होता है। ‘ट्रॉन्सपोंडर’ निश्चित एक फ्रीक्वेंसी पर बातचीत को पकड़ता है और उसे विस्तारित कर अन्य फ्रीक्वेंसी की मदद से पृथ्वी पर वापस भेजता है।


प्रश्न 17. उपग्रह पर आधारित संचार प्रणाली की मुख्य विशेषता ट्रांसपोंडर है। उदाहरण देकर समझाएँ।

उत्तर⇒ ट्रांसपोंडर वास्तव में ही उपग्रह संचार प्रणाली की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता है यह पृथ्वी के किसी केन्द्र से प्रसारित कम आवृत्ति की सूचना तरंगों को ग्रहण करता है और उनकी आवृत्ति को बढ़ाकर पुनः पृथ्वी पर प्रसारित कर देता है। इस प्रकार सूचना दूर-दूर तक प्राप्त की जा सकती है।


प्रश्न 18. सरकार बहु-पक्षीय आपदा संभावित प्रदेशों में किस प्रकार की फोन सेवा को बढ़ावा दे रही है और क्यों?

उत्तर⇒ सरकार बहु-पक्षीय आपदा संभावित प्रदेशों में ऐसी फोन सेवा को बढ़ावा दे रही है जिसका स्थान आसानी से बदला जा सके। यदि मुख्य संचार लाइनें क्षतिग्रस्त हो जाएँ तो इस सेवा से स्थानीय तथा राज्य प्रशासन के बीच सूचना संपर्क बनाने में सुविधा रहती है।


प्रश्न 19. रेडियो ‘लहरें’ सीधी रेखा में चलती हैं, जबकि पृथ्वी गोल है। : ऐसे में उन स्थानों के लोगों से बातचीत कैसे संभव है, जो हमें दिखाई नहीं देते?

उत्तर⇒ रेडियो ‘लहरें’ सीधी रेखा में चलती हैं, जबकि पृथ्वी गोल है। फिर भी हम उन स्थानों के लोगों से संपर्क स्थापित कर सकते हैं। इसका कारण यह है कि रेडियों में उच्च, कम तथा अति आवृष्टियों के बैंड होते हैं। उच्च आवृत्ति की तरंगें आयनमंडल से परिवर्तित होकर विश्व भर में फैल सकती है।


प्रश्न 20. आज के युग में किस संचार साधन का महत्त्व सबसे अधिक है और क्यों?

उत्तर⇒ आज के युग में दूर-संचार का महत्त्व सबसे अधिक है। इसमें लैंडलाइन टेलीफोन की विशेष भूमिका है। इसका कारण यह है कि इस संचार व्यवस्था द्वारा सभी सरकारी, निजी कार्यालयों, पुलिस स्टेशनों, अग्नि-शामक केन्द्रों तथा जनसाधारण का आपस में सम्पर्क बना हुआ है। आज मोबाइल फोनों का चलन भी बढ़ता जा रहा है।

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