आधुनिक भारत
आधुनिक भारत
उत्तरकालीन मुगल सम्राट
◆ उत्तराधिकार युद्ध में गुरु गोविन्द सिंह ने बहादुरशाह का साथ दिया था ।
◆ बहादुरशाह का पूर्व नाम मुअज्जम था ।
◆ बहादुरशाह को शाह – बे-खबर के उपनाम से पुकारा जाता था । –
◆ जहाँदारशाह ने अपने शासन में लाल कुमारी नाम की वेश्या को हस्तक्षेप करने का आदेश दे रखा था ।
◆ मुगलकालीन इतिहास में सैयद बन्धु हुसैन अली खाँ एवं अब्दुल्ला खाँ को शासक निर्माता के रूप में जाना जाता है ।
◆ जहाँदरशाह को लम्पट – मूर्ख भी कहा जाता थू।
◆ फर्रुखसियर को मुगल वंश का घृणित कायर कहा गया है ।
◆ सुन्दर युवतियों के प्रति अत्यधिक रुझान के कारण मुहम्मदशाह को रंगीला बादशाह कहा जाता थी।
◆ तूरानी सैनिक हैदरबेग ने 9 अक्टूबर, 1720 ई० को सैय्यद बन्धु हुसैन अली खाँ की हत्या कर दी ।
◆ ईरान (फारस) के सम्राट नादिरशाह ने 1739 ई० में दिल्ली पर आक्रमण किया। उस समय दिल्ली का शासक मुहम्मदशाह था ।
◆ नादिर शाह को ईरान का नेपोलियन कहा जाता है । नादिर शाह लगभग 70 करोड़ रुपए की धनराशि और शाहजहाँ का बनवाया हुआ तख्ते ताऊस (Peacock throne ) तथा कोहिनूर हीरा लेकर फारस वापस लौटा ।
◆ तख्ते ताऊस (मयूर सिंहासन पर बैठने वाला अंतिम मुगल शासक मुहम्मदशाह था ।
◆ शाह-आलम-II (अली गौहर) के शासनकाल में 1803 ई० में अंग्रेजों ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया ।
◆ पानीपत का तृतीय युद्ध 1761 ई० में मराठा एवं अहमदशाह अब्दाली की सेना के बीच हुआ । इस युद्ध में मराठों की हार हुई थी ।
◆ गुलाम कादिर खाँ ने 1806 ई० को शाहआलम-II की हत्या करवा दी ।
◆ बहादुरशाह-II (जफर) अंतिम मुगल सम्राट था ।
◆ 1857 ई० की क्रांति में भाग लेने के कारण अंग्रेजों द्वारा बहादुरशाह जफर को बंदी बना लिया गया एवं रंगून भेज दिया ।
◆ अहमदशाह अब्दाली का वास्तविक नाम अहमद खाँ था । इसने आठ बार भारत पर आक्रमण किया ।
नोट : मुगल सम्राट मुहम्मद शाह ने सआदत खाँ को बुरहान-उल-मुल्क की उपाधि दी’सआदत खाँ का असली नाम मीर मुहम्मद अमीन था ।
भारत में यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों का आगमन
◆ 20 मई, 1498 ई० में वास्कोडिगामा ने भारत के पश्चिमी तट पर स्थित कालीकट बन्दरगाह पहुँचकर भारत एवं यूरोप के बीच नए समुद्री मार्ग की खोज की ।
◆ 1505 ई० में फ्रांसिस्को द अल्मेडा भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर आया ।
◆ 1509 ई० में अलफांस्को द अल्बुकर्क भारत में पुर्तगालियों का वायसराय बना ।
◆ अल्बुकर्क ने 1510 ई० में बीजापुर के युसुफ आदिल शाह से गोवा को जीता ।
◆ पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी कोचीन में खोली ।
◆ 1596 ई० में भारत में आनेवाला प्रथम डच नागरिक था—कारनेलिस डॅहस्तमान |
◆ डचों का भारत में अन्तिम रूप से पतन 1759 ई० को अंग्रेजों एवं डचों के मध्य हुए वेदरा युद्ध से हुआ ।
◆ 31 दिसम्बर, 1600 ई० को इंगलैंड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को अधिकार पत्र प्रदान किया ।
◆ प्रारंभ में ईस्ट इंडिया कम्पनी में 217 साझीदार थे और पहला गवर्नर टॉमस स्मिथ था ।
◆ मुगल दरबार में जाने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन हॉकिन्स था, जो जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में 1609 ई० में जहाँगीर के दरबार में गया था ।
◆ 1615 ई० में सम्राट जेस्म प्रथम ने ‘सर टॉमस रो’ को अपना राजदूत बनाकर मुगल सम्राट जहाँगीर के दरबार में भेजा ।
◆ अंग्रेजों की प्रथम व्यापारिक कोठी (फैक्ट्री) सूरत में 1608 ई० में खोली गयी ।
◆ 1611 ई० में द० पू० समुद्रतट पर सर्वप्रथम अंग्रेजों ने मुसलीपट्टम में व्यापारिक कोठी की स्थापना की ।
◆ 1668 में इंगलैंड के सम्राट चार्ल्स द्वितीय का विवाह पुर्तगाल की राजकुमारी कैथरीन से होने के कारण चार्ल्स को दहेज के रूप में बम्बई प्राप्त हुआ था, जिसे उन्होंने दस पौंड वार्षिक किराये पर ईस्ट इंडिया कम्पनी को दे दिया ।
◆ 1698 ई० में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी ने तीन गाँव सूतानुती, कालीघाट एवं गोविन्दपुरी की जमींदारी 1200 रुपये भुगतान कर प्राप्त की और यहाँ पर फोर्ट विलियम का निर्माण किया । कालान्तर में यही कलकत्ता (कोलकाता) नगर कहलाया, जिसकी नींव जॉर्ज चारनौक ने रखीं।
◆ भारत में प्रथम फ्रांसीसी की प्रथम कोठी फैंकों कैरों के द्वारा सूरत में 1668 ई० में स्थापित की गयी ।
◆ 1674 ई० में फ्रांसिस मार्टिन ने पांडिचेरी की स्थापना की।
◆ प्रथम कर्नाटक युद्ध 1746-48 ई० में आस्ट्रिया के उत्तराधिकार युद्ध से प्रभावित था । 1748 ई० में हुए ए-ला शापल की संधि के द्वारा आस्ट्रिया का उत्तराधिकार युद्ध समाप्त हो गया और इसी संधि के तहत प्रथम कर्नाटक युद्ध समाप्त हुआ ।
◆ दूसरा कर्नाटक युद्ध 1749-1754 ई० में हुआ। इस युद्ध में फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले की हार हुई । उसे वापस बुला लिया गया और उसकी जगह पर गोडेहू को भारत में अगला फ्रांसीसी गवर्नर बनाया गया। पांडिचेरी की संधि (जनवरी, 1755 ई०) के साथ युद्धविराम हुआ ।
◆ कर्नाटक का तीसरा युद्ध 1756-1763 ई० के बीच हुआ जो 1756 ई० में शुरू हुए सप्तवर्षीय युद्ध का ही एक अंश था । पेरिस की संधि होने पर यह युद्ध समाप्त हुआ ।
◆ 1760 ई० में अंग्रेजी सेना ने सर आयरकूट के नेतृत्व में वांडिवाश की लड़ाई में फ्रांसीसियों को बुरी तरह हराया ।
◆ 1761 ई० में अंग्रेजों ने पांडिचेरी को फ्रांसीसियों से छीन लिया ।
◆ 1763 ई० में हुई पेरिस संधि के द्वारा अंग्रेजों ने चन्द्रनगर को छोड़कर शेष अन्य प्रदेशों को लौटा दिया, जो 1749 ई० तक फ्रांसीसी कब्जे में थे, ये प्रदेश भारत की आजादी तक फ्रांसीसियों के कब्जे में रहे ।
• बंगाल पर अंग्रेजों का आधिपत्य
◆ मुगल साम्राज्य के अन्तर्गत आनेवाले प्रांतों में बंगाल सर्वाधिक सम्पन्न राज्य था ।
◆ प्लासी का युद्ध 23 जून, 1757 ई० को अंग्रेजों के सेनापति रॉबर्ट क्लाइव एवं बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुआ। जिसमें नवाब अपने सेनापति मीरजाफर की धोखाधड़ी करने के कारण पराजित हुआ। अंग्रेजों ने मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया ।
◆ क्लाइव के हाथों की कठपुतली नवाब मीरजाफर को अंग्रेजों ने 1760 ई० में हटाकर उसके दामाद मीरकासिम को बंगाल का नवाब बनाया ।
◆ मरिकासिम ने अपनी राजधानी को मुर्शिदाबाद से ) स्थानान्तरित किया ।
◆ बक्सर का युद्ध 1764 ई० में अंग्रेजों एवं मीरकासिम, अवध के नवाब शुजाद्दौला एवं मुंगल सम्राट शाहआलम द्वितीय के बीच हुआ। इस युद्ध में अंग्रेज विजयी हुए। इस युद्ध •में अंग्रेजी सेनापति हेक्टर मुनरो था ।
◆ बक्सर के युद्ध के बाद एक बार फिर मीरकासिम की जगह मीरजाफर को नवाब बना दिया गया । 5 जनवरी, 1765 ई० में मीरजाफर की मृत्यु हो गयी ।
अंग्रेजों के मैसूर से संबंध
◆ 1761 ई० में हैदर अली मैसूर का शासक बना ।
◆ हैदरअली की मृत्यु 1782 ई० में द्वितीय ऑग्ल मैसूर युद्ध के दौरान हो गयी ।
◆ हैदर अली का उत्तराधिकारी उसका पुत्र टीपू सुल्तान बना ।
◆ 1787 ई० में टीपू ने अपनी राजधानी श्री रंगपनम मे पादसाह की उपाधि धारण की ।
◆ टीपू ने अपनी राजधानी श्रीरंगपत्तनम में स्वतंत्रता का वृक्ष लगवाया और साथ ही जैकोबिन क्लब का सदस्य बना ।
◆ टीपू की मृत्यु चतुर्थ आँग्ल मैसूर युद्ध के दौरान 1799 ई० में हो गयी ।
सिक्ख एवं अंग्रेज़
◆ सिक्ख सम्प्रदाय की स्थापना का श्रेय गुरु नानक (प्रथम गुरु) को है । गुरु नानक के अनुयायी ही सिक्ख कहलाए। ये बादशाह बाबर एवं हुमायूँ के समकालीन थे
◆ सन् 1496 ई० को कार्तिक पूर्णिमा को नानक को आध्यात्मिक पुनर्जीवन का आभास हुआ।
◆ गुरु नानक ने गुरु का लंगर नामक निःशुल्क सहभागी भोजनालय स्थापित किए ।
◆ गुरु नानक ने अनेक स्थानों पर संगत (धर्मशाला) और पंगत ( लंगर) स्थापित किए ।
◆ संगत और पंगत ने गुरु नानक के अनुयायियों के लिए एक संस्था का कार्य किया जहाँ वे प्रतिदिन मिलते थे ।
◆ गुरु नानक की सन् 1539 ई० में करतारपुर में मृत्यु हो गयी ।
◆ गुरु अंगद (सन् 1539-52 ई०) में सिक्खों के दूसरे गुरु थे । इनका प्रारम्भिक नाम लहना था ।
◆ इन्होंने नानक द्वारा शुरू की गई लंगर-व्यवस्था को स्थायी बना दिया ।
◆ गुरुमुखी गुरु अंगद ने किया ।
◆ सिक्खों के तीसरे गुरु अमरदास (सन् 1552-74 ई०) थे ।
◆ गुरु अमरदास ने हिन्दुओं से पृथक् होनेवाली कई कार्य किए। हिन्दुओं से अलग विवाह पद्धति लवन को प्रचलित किया ।
◆ अकबर ने गुरु अमरदास से गोविन्वाल जाकर भेंट की और गुरु-पुत्री बीबी भानी को कई गाँव दान में दिए ।
◆ अमरदास ने 22 गद्दियों की स्थापना की और प्रत्येक पर एक महन्त की नियुक्ति की ।
◆ बीबी के पति रामदास (सन् 1574-81 ई०) सिक्खों के चौथे गुरु हुए। अकबर ने इन्हें 500 बीघा भूमि दी । इन्होंने अमृतसर नामक जलाशय खुदवाया और अमृतसर नगर की स्थापना की ।
◆ गुरु रामदास ने अपने तीसरे पुत्र अर्जुन को गुरु का पद सौंपा । इस प्रकार इन्होंने गुरु पद को पैतृक बनाया । .
◆ गुरु अर्जुन (सन् 1581-1605 ई०) सिक्खों के पाँचवें गुरु हुए। इन्होंने सिक्खों के धार्मिक ग्रंथ आदिग्रंथ की रचना की। इसमें गुरु नानक की प्रेरणाप्रद प्रार्थनाएँ और गीत संकलित हैं।
◆ गुरु अर्जुन ने अमृतसर जलाशय के मध्य में हरमन्दर साहब का निर्माण करवाया ।
◆ राजकुमार खुसरो की सहायता करने के कारण जहाँगीर ने 1606 ई० में गुरु अर्जुन को मरवा दिया ।
◆ सिक्खों के छठे गुरु हर गोविन्द (1606-1644 ई०) में हुए । इन्होंने सिक्खों को सैन्य संगठन का रूप दिया तथा अकाल तख्त या ईश्वर के सिंहासन का निर्माण करवाया ।
◆ ये दो तलवार बाँधकर गद्दी पर बैठते थे एवं दरबार में नगाड़ा बजाने की व्यवस्था की ।
◆ इन्होंने अमृतसर की किलेबंदी की।
◆ हरगोविन्द ने अपने आपको सच्चा पादशाह कहना शुरू किया ।
◆ इन्होंने सिक्खों को मांस खाने की भी आज्ञा दी ।
◆ सिक्खों के सातवें गुरु हराय (1644-61 ई०) हुए। इन्होंने दाराशिकोह के मिलने आने पर आशीर्वाद दिया ।
◆ सिक्खों के आठवें गुरु हरकिशन (1661-64 ई०) में हुए । इनकी मृत्यु चेचक से हो गयी। इन्हें दिल्ली जाकर गुरुपद के बारे में औरंगजेब को समझाना पड़ा था ।
◆ सिक्खों के नौवें गुरु तेगबहादुर (1664-75 ई०) हुए । इस्लाम स्वीकार नहीं करने के • कारण औरंगजेब ने इन्हें वर्तमान शीशगंज में गुरुद्वारा के निकट मरवा ।
◆ सिक्खों के दसवें एवं अंतिम गुरु, गुरु गोविन्द सिंह (1675-1708 ई०) में हुए । इनका जन्म 1666 ई० में पटना में हुआ था ।
◆ गुरु गोविन्द सिंह ने अपने को सच्चा पादशाह कहा । इन्होंने सिक्खों के लिए पाँच ‘ककार’ अनिवार्य किया अर्थात् प्रत्येक सिक्ख को केश, कंघा, कृपाण, कच्छा और कड़ा रखने की अनुमति दी और सभी लोगों को अपने नाम के अन्त में ‘सिंह’ शब्द जोड़ने के लिए कहा ।
◆ गुरु गोविन्द सिंह का निवास स्थान आनंदपुर साहिब था एवं कार्यस्थली पाओता थी ।
◆ इनके दो पुत्र फतह सिंह एवं जोरावर सिंह को सरहिंद के मुगल फौजदार वजीर खाँ ने दीवार में चिनवा दिया ।
◆ 1699 ई० में वैशाखी के दिन गुरु गोविन्द सिंह खालसा पंथ की स्थापना की ।
◆ पाहुल प्रणाली की शुरुआत गुरु गोविन्द सिंह ने किया ।
◆ गुरुगोविन्द सिंह ने सिक्खों के धार्मिक ग्रंथ आदिग्रंथ को वर्त्तमान रूप दिया और कहा कि अब ‘गुरुवाणी’ सिक्ख सम्प्रदाय के गुरु का कार्य करेगी ।
◆ गुरुगोविन्द सिंह की हत्या 1708 ई० में नादेड़ नामक स्थान पर गुल खाँ नामक पठान ने कर दी ।
◆ बन्दा बहादुर — इनका जन्म 1670 ई० में पुंछ जिले के रजौली गाँव में हुआ था। इनके बचपन का नाम लक्ष्मणदास था। इनके पिता रामदेव भारद्वाज राजपूत थे ।
◆ बन्दा का उद्देश्य पंजाब में एक सिक्ख राज्य स्थापित करने का था। इसके लिए इन्होंने लौहगढ़ को राजधानी बनाया । इन्होंने गुरु नानक एवं गुरु गोविन्द सिंह नाम के सिक्के चलवाए ।
◆ बन्दा ने सरहिन्द के मुगल फौजदार वजीर खाँ की हत्या कर दी ।
◆ मुगल बादशाह फर्रुखसियर के आदेश पर 1716 ई० में बन्दा सिंह को गुरुदासपुर नांगल नामक स्थान पर पकड़कर मौत के घाट उतार दिया गया ।
◆ शाहदरा कत्लगढ़ी के नाम से विख्यात है जहाँ बन्दा ने हजारों मुगल सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था ।
◆ बन्दा की मृत्यु के बाद सिक्ख कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बँट गये थे, 1748 ई० में नवाब कर्पूर सिंह की पहल पर, सभी सिक्ख टुकड़ियों का दल खालसा में विलय हुआ।
◆ दल खालसा को जस्सा सिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में रखा गया, जिसे बाद में बारह दलों में विभाजित किया गया । इसे मिसल कहा गया ।
◆ मिसल अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ ‘समान’ होता है ।
◆ रणजीत सिंह- रणजीत सिंह का जन्म गुजराँवाला में 2 नवम्बर, 1780 ई० को सुकरचकिया मिसल के मुखिया महासिंह के यहाँ हुआ था। इनके दादा चरतसिंह ने 12 मिसलों में सुकरचकिया मिसल को प्रमुख स्थान दिला दिया ।
◆ 1798-99 ई० में रजणीत सिंह लाहौर का शासक बना ।
◆ 25 अप्रैल, 1809 ई० को चार्ल्स मेटकाफ और महाराजा रणजीत सिंह के बीच अमृतसर की संधि हुई ।
◆ रणजीत सिंह का राज्य चार सूबों में बँटा था-पेशावर, कश्मीर, मुल्तान एवं लाहौर।
◆ महाराजा रणजीत सिंह का विदेश मंत्री फकीर अजीजुद्दीन एवं वित्त मंत्री दीनानाथ था।
◆ 7 जून, 1839 ई० में रणजीत सिंह की मृत्यु हो गयी ।
◆ प्रथम आँग्ल-सिक्ख युद्ध 1845-46 ई० में हुआ।
◆ द्वितीय आँग्ल-सिक्ख युद्ध 1849 ई० में हुआ ।
◆ 29 मार्च, 1849 को लॉर्ड डलहौजी ने पंजाब को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया ।
◆ अंग्रेजी एवं सिक्खों के मध्य हुई संधि –
(1) लाहौर की संधि – 9 मार्च, 1846 ई०
(2) भैरोवार की संधि-22 दिसम्बर, 1846 ई० । इस संधि के तहत राजा दलीप सिंह के संरक्षण हेतु अंग्रेजी सेना का प्रवास पंजाब में मान लिया गया ।
◆ 20 अगस्त, 1847 ई० को महारानी जिंदा को राजा दलीप सिंह से अलग कर 48,000 रु० वार्षिक पेंशन देकर शेखपुरा भेज दिया गया ।
◆ द्वितीय-आँग्ल सिक्ख युद्ध के दौरान पहली लड़ाई चिलियानवाला की लड़ाई सिक्ख नेता शेर सिंह एवं अंग्रेज कमांडर गफ के मध्य लड़ी गयी । दूसरी लड़ाई गुजरात के चिनाव नदी के किनारे चार्ल्स नेपियर के नेतृत्व में अंग्रेजों ने 21 फरवरी, 1849 ई० को लड़ी । इस युद्ध में सिक्ख बुरी तरह पराजित हुए ।
◆ लॉर्ड डलहौजी की 29 मार्च, 1849 ई० की घोषणा द्वारा संपूर्ण पंजाब का विलय अंग्रेजी राज्य में कर लिया गया। महाराजा दलीप सिंह को 50,000 पौंड की वार्षिक पेंशन दे दी गयी और उसे शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंगलैंड भेज दिया गया । सिक्ख राज्य का प्रसिद्ध हीरा कोहिनूर को महारानी विक्टोरिया को भेज दिया गया ।
कम्पनी के अधीन गवर्नर जेनरल
बंगाल के गवर्नर
राबर्ट क्लाइप (1757-60 ई० एवं पुनः 1765-67 ई० )
◆ इसने बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था की, जिसके तहत राजस्व वसूलने, सैनिक संरक्षण एवं विदेशी मामले कम्पनी के अधीन थे, जबकि शासन चलाने की जिम्मेवारी नवाब के हाथों में थी ।
◆ इसने मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय को इलाहाबाद की द्वितीय संधि (1766 ई०) के द्वारा कम्पनी के संरक्षण में ले लिया ।
◆ राबर्ट क्लाइव ने बंगाल के समस्त क्षेत्र के लिए दो उप-दीवान, बंगाल के लिए मुहम्मद राजा खाँ और बिहार के लिए राजा शिताब राय को नियुक्त किया ।
◆ अन्य गवर्नर बरेलास्ट (1767-69 ई०), कार्टियर (1769-72 ई०), वारेन हेस्टिंग्स (1772-74 ई०) ।
कम्पनी के अधीन गवर्नर जेनरल
◆ रेग्यूलेटिंग एक्ट 1773 ई० के अनुसार बंगाल के गवर्नर को अब अंग्रेजी क्षेत्रों का गवर्नर जेनरल कहा जाने लगा, जिसका कार्यकाल 5 वर्षों का निर्धारित किया गया । मद्रास एवं मुम्बई के गवर्नर को इसके अधीन कर दिया गया । इस प्रकार भारत में कम्पनी के अधीन प्रथम गवर्नर जेनरल वारेन हेस्टिंग्स (1774-85 ई०) हुआ ।
◆ वारेन हेस्टिंग्स 1750 ई० में कम्पनी के एक क्लर्क के रूप में कलकत्ता आया था और अपनी कार्यकुशलता के कारण कासिम बाजार का अध्यक्ष, बंगाल का गवर्नर एवं कम्पनी का गवर्नर जेनरल बना ।
वारेन हेस्टिंग्स (1774-85 ई० )
◆ इसने राजकीय कोषागार को मुर्शिदाबाद से हटाकर कलकत्ता लाया ।
◆ 1772 ई० में इसने प्रत्येक जिले में एक फौजदारी तथा दीवानी अदालतों की स्थापना की।
◆ इसने 1781 ई० में कलकत्ता में मुस्लिम शिक्षा के विकास के लिए प्रथम मदरसा स्थापित किया ।
◆ इसी के समय 1782 ई० में जोनाथन डंकन ने बनारस में संस्कृत विद्यालय की स्थापना की।
◆ गीता के अंग्रेजी अनुवादकार विलियम विलकिन्स को हेस्टिंग्स ने आश्रय प्रदान किया ।
◆ इसी के समय में सर विलियम जोंस ने 1784 ई० में द एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल की स्थापना की ।
◆ इसने मुगल सम्राट को मिलने वाला 26 लाख रुपए की वार्षिक पेंशन बन्द करवा दी ।
◆ इसी के समय में रेग्युलेटिंग एक्ट के तहत 1774 ई० में कलकत्ता में एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गयी, जिसका अधिकार क्षेत्र कलकत्ता तक था; कलकत्ता के बाहर का मुकदमा तभी सुना जाता था जब दोनों पक्ष सहमत हों ।
◆ इसने बंगाली ब्राह्मण नंद कुमार पर झूठा आरोप लगाकर न्यायालय से फाँसी की सजा दिलवा दी थी ।
◆ प्रथम एवं द्वितीय आँग्ल-मराठा युद्ध इसी के समय में लड़े गए ।
◆ इसी के काल में ‘बोर्ड ऑफ रेवेन्यु’ की स्थापना हुई ।
नोट : पिट्स इंडिया एक्ट (1784 ई०) के विरोध में इस्तीफा देकर जब वारेन हेस्टिंग्स फरवरी 1785 ई० में इंगलैंड पहुँचा तो बर्क द्वारा इसके ऊपर महाभियोग लगाया गया । परन्तु 1795 ई० में इसे आरोपों से मुक्त कर दिया गया ।
सर जॉन मैकफरसन (1785-86 ई० )
इसे अस्थायी गवर्नर जेनरल नियुक्त किया गया था ।
लॉर्ड कॉर्नवालिस (1786-93 और 1805 ई० )
◆ इसके समय में जिले के समस्त अधिकार कलेक्टर के हाथों में दे दिए गए ।
◆ इसने भारतीय न्यायाधीशों से युक्त जिला फौजदारी अदालतों को समाप्त कर उसके स्थान पर चार भ्रमण करनेवाली अदालतें, जिनमें तीन बंगाल के लिए और एक बिहार के लिए, नियुक्त की ।
◆ कॉर्नवालिस ने 1793 ई० में प्रसिद्ध कॉर्नवालिस कोड का निर्माण करवाया, जो शक्तियों के पृथक्कीकरण सिद्धान्त पर आधारित था ।
◆ पुलिस कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस अधिकार प्राप्त जमींदारों को इस अधिकार से वंचित कर दिया ।
◆ कम्पनी के कर्मचारियों के व्यक्तिगत व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया ।
◆ जिला में पुलिस थाना की स्थापना कर एक दारोगा को इसका इंचार्ज बनाया ।
◆ भारतीयों के लिए सेना में सूबेदार, जमादार, प्रशासनिक सेवा में मुसिफ, सदर, अमीन या डिप्टी कलेक्टर से ऊँचा पद नहीं दिया जाता था ।
◆ इसने 1793 ई० में स्थायी बन्दोवस्त की पद्धति लागू की, जिसके तहत जमींदारों को अब भू-राजस्व का 90% कम्पनी को तथा 10% अपने पास रखना था ।
◆ कॉर्नवालिस को भारत में नागरिक सेवा का जनक माना जाता है । सर जॉन शोर ( 1793-98 ई० )
◆ इसने अहस्तक्षेप नीति अपनाई ।
लॉर्ड वेलेजली (1798-1805 ई० )
◆ इसने सहायक संधि की पद्धति शुरू की। भारत में सहायक संधि का प्रयोग वेलेजली से पूर्व फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले ने किया था ।
◆ सहायक संधि करनेवाले राज्य थे – हैदराबाद (1798 ई०), मैसूर (1799 ई०), तंजौर (अक्टूबर, 1799 ई०), अवध (1801 ई०), पेशवा (दिसम्बर, 1801 ई०), बरार एवं भोंसले (दिसम्बर, 1803 ई०), सिंधिया (1804 ई०) एवं अन्य सहायक संधि करनेवाले राज्य जोधपुर, जयपुर, मच्छेड़ी, बूँदी तथा भरतपुर ।
◆ इसी के समय टीपू सुल्तान चौथे आँग्ल-मैसूर युद्ध (1799 ई०) में मारा गया ।
◆ इसी ने 1800 ई० में कलकत्ता में नागरिक सेवा में भर्ती किए गए युवकों को प्रशिक्षित करने के लिए फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की ।
◆ यह स्वयं को बंगाल का शेर कहा करता था ।
◆ लॉर्ड कॉर्नवालिस का (1805 ई०) में दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ, परन्तु शीघ्र ही इसकी मृत्यु हो गयी ।
सर जार्ज वार्लो (1805-1807 ई० )
◆ वेल्लोर में सिपाही विद्रोह इसके काल की महत्त्वपूर्ण घटना है ।
लार्ड मिन्टो प्रथम (1807-1813 ई० )
◆ इसके काल में रणजीत सिंह एवं अंग्रेजों के बीच 25 अप्रैल, 1809 ई० को मृत संधि हुई । चार्टर एक्ट 1813 पास हुआ ।
लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823 ई० )
◆ इसी के समय आँग्ल-नेपाल युद्ध 1814-16 ई० में हुई; इसमें नेपाल के अमर सिंह थापा को आत्मसमर्पण करना पड़ा । मार्च, 1816 में अंग्रेजों एवं गोरखों के बीच संगोली की संधि हुई ।
◆ इसके समय में पिंडारियों का दमन कर दिया गया। पिंडारियों के प्रमुख नेताओं में वासिल मुहम्मद, चीतू एवं करीम खाँ थे ।
◆ इसने मराठों की शक्ति को अंतिम रूप से नष्ट कर दिया ।
◆ इसने प्रेस पर लगे प्रतिबंध को समाप्त कर प्रेस के मार्गदर्शन के लिए नियम बनाए ।
◆ इसी के समय 1822 ई० का टैनेन्सी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम लागू किया गया ।
लॉर्ड एमहर्स्ट (1823-1828 ई० )
◆ इसके समय में प्रथम आँग्ल-बर्मा युद्ध (1824-1826 ई० ) लड़ा गया ।
◆ 1826 ई० में बर्मा एवं अंग्रेजों के बीच यान्डबू की संधि हुई ।
◆ 1824 ई० में बैरकपुर का सैन्य विद्रोह भी इसी के समय में हुआ ।
लॉर्ड विलियम बैंटिक (1828-1835 ई० )
◆ 1803 ई० में यह मद्रास का गवर्नर था; इसी के समय 1806 ई० में माथे पर जातीय चिह्न न लगाने तथा कानों में बालियाँ न पहनने देने पर वेल्लोर के सैनिकों ने विद्रोह कर दिया ।
◆ 1833 ई० के ‘चार्टर एक्ट’ द्वारा बंगाल के गवर्नर जेनरल को भारत का गवर्नर जेनरल बना दिया गया । इस प्रकार भारत का पहला गवर्नर जेनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक हुआ ।
◆ राजा राम मोहन राय के सहयोग से बेंटिक ने 1829 ई० में सती प्रथा को समाप्त कर दिया। बेंटिक ने इस प्रथा के खिलाफ कानून बनाकर दिसम्बर, 1829 ई० में धारा 17 के द्वारा विधवाओं के सती होने को अवैध घोषित कर दिया ।
◆ बेंटिक ने कर्नल सलीमन की सहायता से सन् 1830 ई० तक ठगी प्रथा को पूर्णत: समाप्त कर दिया ।
◆ सन् 1835 ई० में बेंटिक ने कलकत्ता में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना की ।
◆ इसी के समय मैकाले की अनुशंसा पर अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया गया । मैकाले द्वारा कानून का वर्गीकरण भी किया गया ।
◆ बेंटिक ने सन् 1831 ई० में मैसूर तथा सन् 1834 ई० में कुर्ग एवं मध्यकचेर को हड़प लिया ।
◆ इसने भारतीयों को उत्तरदायी पदों पर नियुक्त किया ।
◆ इसने शिशु बालिका की हत्या पर भी प्रतिबंध लगा दिया ।
चार्ल्स मेटकॉफ (1835-36 ई०)
◆ इसने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में प्रेस पर से नियंत्रण हटाया । इसीलिए इसे भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता कहा जाता है ।
लॉर्ड ऑकलैण्ड (1836-42 ई० )
◆ इसके समय की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना है- प्रथम आँग्ल-अफगान युद्ध (1839-42 ई०) ।
◆ 1839 ई० में इसने कलकत्ता से दिल्ली तक ग्रांड ट्रंक रोड का मरम्मत करवाया । लॉड एलिनबरो ( 1842-44 ई०)
◆ प्रथम आँग्ल-अफगान युद्ध समाप्त हुआ ।
◆ सिन्ध को अगस्त, 1843 ई० में पूर्ण रूप से ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया गया ।
◆ दास प्रथा का उन्मूलन इसी के समय में हुआ ।
लॉर्ड हार्डिंग (1844-1848 ई० )
◆ इसके काल की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना थी – प्रथम आँग्ल-सिक्खं युद्ध (1845-46 ई०) । इसमें अंग्रेज विजयी हुए।
◆ इसने नरबलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाया ।.
लॉर्ड डलहौजी (1848-56 ई०)
◆ द्वितीय आँग्ल सिक्ख युद्ध (1848-49 ई०) तथा पंजाब का ब्रिटिश शासन में विलय (1849 ई०) ।
◆ द्वितीय आँग्ल-बर्मा युद्ध, और सन् 1852 ई० में लोअर बर्मा एवं पीगू को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया ।
◆ डलहौजी ने सिक्किम पर दो अंग्रेज डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर सन् 1850 ई० में उस पर अधिकार कर लिया ।
◆ 1852 ई० में एक इनाम कमीशन की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य भूमिकर रहित • जागीरों का पता करके उन्हें छीनना था ।
◆ डलहौजी का शासनकाल उसके व्यपगत सिद्धान्त (Doctrine of Lapse) के कारण अधिक याद किया जाता है। इस नीति के तहत अंग्रेजी साम्राज्य में विलय किए गए राज्य थे- सर्वप्रथम सतारा 1848 ई० में, जैतपुर और संभलपुर 1849 ई० में, बघाट 1850 ई० में, उदयपुर 1852 ई० में, झाँसी 1853 ई० में, नागपुर 1854 ई० में ।
◆ सन् 1856 ई० में अवध को कुशासन का आरोप लगाकर अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया । उस समय अवध का नवाब वाजिद अली शाह था ।
◆ सन् 1856 ई० में इसने तोपखाने के मुख्यालय को कलकत्ता से मेरठ स्थानान्तरित किया और सेना का मुख्यालय शिमला में स्थापित किया ।
◆ शिक्षा संबंधी सुधारों में डलहौजी ने सन् 1854 ई० के वुड डिस्पैच को लागू किया । इसके अनुसार जिलों में एंग्लो-वर्नाक्यूलर स्कूल, प्रमुख नगरों में सरकारी कॉलेजों तथा 1857 ई० में तीनों प्रेसीडेंसियों कलकत्ता, मद्रास एवं बम्बई में एक-एक विश्वविद्यालय स्थापित किए गए और साथ ही प्रत्येक प्रदेश में एक शिक्षा निदेशक नियुक्त किया गया ।
◆ डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक माना जाता है। इसी के समय भारत में पहली बार 16 अप्रैल, 1853 ई० में बम्बई से थाणे के बीच (34 किमी०) प्रथम रेल चलायी गयी ।
◆ सन् 1854 ई० में नया पोस्ट ऑफिस एक्ट पारित हुआ और भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन प्रारंभ हुआ ।
◆ इसने पृथक् रूप से भारत में पहली बार सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की।
◆ इसने सन् 1854 ई० में एक स्वतंत्र विभाग के रूप में लोक सेवा विभाग की स्थापना की ।
◆ इसी के समय में कलकत्ता एवं आगरा के बीच पहली बार बिजली से संचालित तार-सेवा शुरू हुई ।
◆ इसने शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया ।
◆ इसी के समय में भारतीय नागरिक सेवा हेतु पहली बार प्रतियोगिता परीक्षा शुरू हुई ।
◆ डलहौजी ने नर बलि प्रथा को रोकने का भी प्रयास किया ।
लॉर्ड कैनिंग (1856-62 ई० )
◆ यह भारत में कम्पनी द्वारा नियुक्त अन्तिम गवर्नर जेनरल तथा ब्रिटिश सम्राट के अधीन नियुक्त भारत का प्रथम वायसराय था ।
◆ इसके समय की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना थी सन् 1857 ई० का ऐतिहासिक विद्रोह । इसी विद्रोह के बाद प्रशासनिक सुधार के अन्तर्गत भारत का शासन कम्पनी के हाथों से सीधे ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में ले लिया गया ।
◆ कैनिंग के समय इंडियन हाइकोर्ट एक्ट पारित हुआ, जिसके द्वारा बम्बई, कलकत्ता तथा मद्रास में एक-एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गई । (1856 ई० में)
◆ कैनिंग के समय में ही सन् 1856 ई० में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित हुआ ।
◆ मैकाले द्वारा प्रारूपित दंडसंहिता को 1858 ई० में कानून बना दिया गया तथा सन् 1859 ई० में अपराध विधान संहिता लागू की गयी ।
◆ व्यपगत सिद्धान्त (Doctrine of Lapase) यानी राज्य – विलय की नीति को समाप्त कर दिया गया ।
◆ 1861 ई० में इंडियन कौंसिल एक्ट पारित हुआ तथा पोर्टफोलियो प्रणाली लागू की गयी ।
लॉर्ड एल्गिन (1862-63 ई०)
◆ इसने वहाबी आन्दोलन का दमन किया । 1863 ई० में धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में इसकी मृत्यु हो गयी ।
लॉर्ड लारेंस ( 1864-69 ई० )
◆ 1865 ई० में भूटान ने ब्रिटिश साम्राज्य पर आक्रमण किया ।
◆ अफगानिस्तान के संबंध में इसने अहस्तक्षेप की नीति अपनाई, जिसे ‘शानदार निष्क्रियता’ के नाम से जाना जाता है ।
◆ इसी के समय में उड़ीसा में सन् 1866 ई० में तथा बुन्देलखण्ड एवं राजपूताना में 1868-69 ई० में भीषण अकाल पड़ा ।
◆ इसने कैम्पवेल हेनरी के नेतृत्व में एक अकाल आयोग का गठन किया ।
◆ सन् 1865 ई० में इसके द्वारा भारत एवं यूरोप के बीच प्रथम समुद्री टेलीग्राफ सेवा शुरू की गयी ।
लॉर्ड मेयो (1869-72 ई०
◆ लॉर्ड मेयो ने अजमेर में मेयो कॉलेज की स्थापना की।
◆ इसने सन् 1872 ई० में एक कृषि विभाग की स्थापना की ।
◆ एक अफगान ने सन् 1872 ई० में चाकू मार कर इसकी हत्या कर दी ।
लॉर्ड नार्थब्रुक (1872-76 ई० )
◆ इसके समय में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा ।
◆ इसने बड़ौदा के मल्हारराव गायकवाड़ को भ्रष्टाचार के आरोप में पदच्युत कर मद्रास भेज दिया ।
◆ लॉर्ड नार्थबुक ने यह घोषणा की— “मेरा उद्देश्य करों को हटाना तथा अनावश्यक वैधानिक कार्रवाइयों को बन्द करना है । “
◆ पंजाब का प्रसिद्ध कूका आन्दोलन इसी के समय में हुआ ।
◆ इसी के समय में स्वेज नहर खुल जाने से भारत एवं ब्रिटेन के बीच व्यापार में वृद्धि हुई ।
लॉर्ड लिटन (1876-80)
◆ यह एक प्रसिद्ध उपन्यासकार, निबंध लेखक एवं साहित्यकार था। साहित्याकाश में इसे ओवन मैरिडिथ के नाम से जाना जाता था ।
◆ इसके समय में बम्बई, मद्रास, हैदराबाद, पंजाब, मध्य भारत आदि में अकाल पड़ा ।
◆ लिटन ने रिचर्ड स्टेची की अध्यक्षता में एक अकाल आयोग की स्थापना की ।
◆ 1 जनवरी, 1879 ई० को ब्रिटेन की महारानी
विक्टोरियां को कैसर-ए-हिन्द की उपाधि से सम्मानित करने के लिए दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया ।
◆ मार्च, 1878 ई० में लिंटन ने भारतीय समाचार पत्र अधिनियम (वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट) पारित कर भारतीय समाचारपत्रों पर कठोर प्रतिबंध लगा दिए ।
नोट: पायनियर अखबार ने वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट 1878 का समर्थन किया ।
◆ इसी के समय में सन् 1878 ई० को भारतीय शस्त्र अधिनियम पारित हुआ, जिसके तहत शस्त्र रखने एवं व्यापार करने के लिए लाइसेंस को अनिवार्य बना दिया गया ।
◆ इसने सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश की अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दी ।
◆ लिटन ने अलीगढ़ में एक मुस्लिम एंग्लो प्राच्य महाविद्यालय की स्थापना की । लॉर्ड रिपन (1880-84 ई० )
◆ रिपन ने सर्वप्रथम समाचारपत्रों की स्वतंत्रता को बहाल करते हुए सन् 1882 ई० में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को समाप्त कर दिया ।
◆ इसने सिविल सेवा में प्रवेश की आयु को 19 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया ।
◆ इसने स्थानीय स्वशासन की शुरूआत की ।
◆ इसके समय में ही भारत में सन् 1881 ई० में सर्वप्रथम नियमित जनगणना करवायी गयी । तब से लेकर अब तक प्रत्येक 10 वर्ष के अन्तराल पर जनगणना की जाती है
नोट : भारत में पहली बार जनगणना सन् 1872 ई० में हुई ।
◆ रिपन के द्वारा ही सन् 1881 ई० में प्रथम कारखाना अधिनियम लाया गया ।
◆ रिपन के समय में शैक्षिक सुधारों के अन्तर्गत विलियम हण्टर की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया गया ।
◆ इसके समय में यूरोपियों के विरूद्ध भारतीय न्यायाधीशों द्वारा मुकदमे की सुनवाई के लिए इल्बर्ट विधेयक प्रस्तुत किया गया, लेकिन यूरोपवासियों के प्रबल विरोध के कारण इसे वापस लेना पड़ा । अंग्रेजों द्वारा इस विधेयक के विरोध में किए विद्रोह को श्वेत विद्रोह के नाम से जाना जाता है ।
◆ फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने रिपन को भारत का उद्धारक की संज्ञा दी ।
लॉर्ड डफरिन (1884-88 ई० ).
◆ इसके समय में तृतीय ऑग्ल-बर्मा युद्ध (1885-88 ई०) हुआ और बर्मा को अन्तिम रूप से अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया ।
◆ इसी के समय में बंगाल टेनेन्सी एक्ट, अवध टेनेन्सी एक्ट तथा पंजाब टेनेन्सी एक्ट पारित हुआ ।
◆ इसके समय की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना थी – 28 दिसम्बर, 1885 ई० को बम्बई में ए० ओ० ह्यूम के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना ।
लॉर्ड लैन्सडाऊन (1888-94 ई०)
◆ भारत और अफगानिस्तान के मध्य सीमा-रेखा (डूरण्ड रेखा) का निर्धारण इसी के समय हुआ ।
◆ 1891 ई० में दूसरा कारखाना अधिनियम लाया गया, जिसमें स्त्रियों को 11 घंटे प्रतिदिन से अधिक काम करने का प्रतिबंध लगाया गया। साथ ही सप्ताह में एक दिन छुट्टी की व्यवस्था की गयी ।
लॉर्ड एल्गिन द्वितीय (1894-99 ई० )
◆ “भारत को तलवार के बल पर विजित किया गया है, और तलवार के बल पर ही इसकी रक्षा की जाएगी” यह कथन- लॉर्ड एल्गिन द्वितीय का है ।
◆ 1895-98 ई० के मध्य उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब एवं मध्य प्रदेश में भयंकर अकाल पड़ा।
लॉर्ड कर्जन (1899-1905 ई० )
◆ कर्जन ने सन् 1901 ई० में सर कॉलिन स्कॉट मॉनक्रीफ की अध्यक्षता में एक सिंचाई आयोग 1902 ई० में सर एण्ड्यू फ्रेजर की अध्यक्षता में एक पुलिस आयोग एवं सर टॉमस रैले की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग की स्थापना की ।
◆ 1904 ई० में भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पास किया गया ।
◆ इसने सर एण्टनी मैकडॉनल की अध्यक्षता में एक अकाल आयोग का गठन किया
◆ इसने सैन्य अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए क्वेटा में एक कॉलेज की स्थापना की।
◆ प्राचीन स्मारक परीक्षण अधिनियम 1904 ई० के द्वारा कर्जन ने भारत में पहली बार ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा एवं मरम्मत की ओर ध्यान दिया। इस कार्य के लिए कर्जन ने भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की ।
◆ इसी के कार्यकाल के दौरान कलकता में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल का निर्माण हुआ।
◆ कर्जन के भारत विरोधी कार्यों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य था- 1905 ई० में बंगाल का विभाजन ।
लॉर्ड मिन्टो द्वितीय (1905-10 ई० )
◆ इसके समय में आगाँ खाँ एवं सलीम उल्ला खाँ के द्वारा ढाका में 1906 ई० में मुस्लिम लीग की स्थापना की गयी ।
◆ 1907 ई० के काँग्रेस के सूरत अधिवेशन में काँग्रेस का विभाजन हो गया ।
◆ इसके शासनकाल में 1907 ई० में आँग्ल एवं रूसी प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक हुई।
◆ मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन व्यवस्था मिन्टोमार्ले सुधार अधिनियम 1909 ई० के द्वारा किया गया ।
लॉड हार्डिंग द्वितीय (1910-15 ई०)
◆ इसके समय में ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम भारत आए। 12 दिसम्बर, 1911 ई० में दिल्ली
में एक भव्य दरबार का आयोजन हुआ। यहाँ पर बंगाल – विभाजन को रद्द करने की घोषणा की गयी एवं भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानान्तरित करने की घोषणा की गयी । 1912 ई० में दिल्ली भारत की राजधानी बनी ।
◆ 23 दिसम्बर, 1912 ई० को लॉर्ड हार्डिंग पर दिल्ली में बम फेंका गया ।
◆ इसी के समय 4 अगस्त, 1914 ई० को प्रथम विश्व युद्ध प्रारंभ हुआ ।
◆ इसी के शासनकाल में फिरोजशाह मेहता ने ‘बाम्बे क्रोनिकल’ एवं गणेश शंकर विद्यार्थी ने ‘प्रताप’ का प्रकाशन किया ।
◆ 1916 ई० में लॉर्ड हार्डिंग को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का कुलाधिपति नियुक्त किया गया ।
लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-21 ई० )
◆ काँग्रेस के लखनऊ अधिवेशन (1916 ई०) में काँग्रेस का एकीकरण हुआ एवं मुस्लिम लीग के साथ समझौता हुआ ।
◆ 1916 ई० में पूना में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई ।
◆ इसके काल में 1917 ई० में शिक्षा पर सैडलर आयोग का गठन किया गया ।
◆ इसी के काल में 1919 ई० में रौलेट एक्ट पारित हुआ ।
◆ इसी के काल में 13 अप्रैल, 1919 ई० को जालियाँवाला बाग (अमृतसर) हत्याकांड हुआ ।
◆ खिलाफत आन्दोलन एवं गाँधीजी का असहयोग आन्दोलन इसी के समय प्रारंभ हुआ।
◆ तृतीय अफगान युद्ध इसी के समय हुआ ।
लॉर्ड रीडिंग (1921-26 ई० )
◆ 5 फरवरी, 1922 ई० को घटी चौरी-चौरा काण्ड (उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में) के बाद महात्मा गाँधी ने अपना असहयोग आन्दोलन वापस लिया ।
◆ 1923 ई० में चित्तरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू ने इलाहाबाद में काँग्रेस के अंतर्गत स्वराज्य पार्टी की स्थापना की ।
◆ इसके काल में ही प्रिंस ऑफ वेल्स ने नवम्बर, 1921 ई० में भारत की यात्रा की । इस दिन पूरे भारत में हड़ताल का आयोजन किया गया ।
◆ 1921 ई० में मोपला विद्रोह हुआ ।
◆ 1922 ई० में विश्वभारती विश्वविद्यालय ने कार्य करना प्रारंभ किया ।
◆ 1921 ई० में एम० एन० राय द्वारा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का गठन किया गया ।
◆ 1925 ई० में प्रसिद्ध आर्यसमाजी राष्ट्रवादी नेता स्वामी श्रद्धानन्द की हत्या कर दी गयी ।
लॉर्ड इरविन (1926-31 ई० )
◆ 3 फरवरी, 1928 ई० में साइमन कमीशन बम्बई पहुँचा ।
◆ 12 मार्च, 1930 ई० में गाँधीजी के द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ किया गया ।
◆ लाला लाजपत राय की मृत्यु के बदले में भारतीय चरमपंथियों द्वारा दिल्ली के असम्बेली हॉल में 1929 ई० में बम फेंका ।
◆ 1929 ई० में ही जतिनदास की 64 दिन के भूख हड़ताल के बाद जेल में मृत्यु हो गई ।
◆ 1929 ई० में काँग्रेस के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण-स्वराज’ का लक्ष्य निर्धारित किया गया और 26 जनवरी, 1930 ई० को स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की गयी ।
◆ 12 नवम्बर, 1930 ई० में लंदन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में काँग्रेस ने भाग नहीं लिया ।
◆ 4 मार्च, 1931 ई० को गाँधी-इरविन समझौते पर हस्ताक्षर किया गया और साथ ही ‘सविनय अवज्ञा आन्दोलन’ को स्थगित किया गया ।
लॉर्ड वेलिंगटन (1931-36 ई० )
◆ इसके समय में लंदन में 7 सितम्बर से 1 दिसम्बर, 1931 ई० तक द्वितीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में काँग्रेस ने भी भाग लिया। काँग्रेस का प्रतिनिधित्व महात्मा गाँधी ने किया ।
◆ दूसरे गोलमेज सम्मेलन की असफलता के बाद महात्मा गाँधी ने 3 जनवरी, 1932 ई० को दुबारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ किया ।
◆ महात्मा गाँधी एवं अम्बेदकर के बीच 25 सितम्बर, 1932 ई० को पूना समझौता हुआ ।
◆ 16 अगस्त, 1932 ई० में रैम्जै मैकडानल्ड ने विवादास्पद ‘साम्प्रदायिक पंचाट’ की घोषणा की। इसके अनुसार दलितों को हिन्दुओं से अलग मानकर उन्हें अलग प्रतिनिधित्व देने को कहा गया और दलित वर्गों के लिए अलग निर्वाचन मंडल का प्रावधान किया गया ।
◆ 17 नवम्बर से 24 दिसम्बर, 1932 ई० तक लंदन में तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन हुआ । काँग्रेस ने इसमें भाग नहीं लिया ।
◆ भारत सरकार अधिनियम-1935 पास किया गया ।
◆ बिहार में 1934 ई० में भयंकर भूकम्प आया ।
◆ लॉर्ड विलिगटन ने काँग्रेस के बम्बई अधिवेशन- 1915 ई० में हिस्सा लिया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता सर सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा ने की थी ।
लॉर्ड लिनलिथगो (1936-43 ई० )
◆ इसके समय में पहली बार चुनाव कराए गए । काँग्रेस ने ग्यारह में से आठ प्रान्तों में अपनी सरकारें बनाई ।
◆ 1 सितम्बर, 1939 ई०को द्वितीय विश्वयुद्ध प्रारंभ हुआ। ब्रिटिश सरकार ने बिना भारतीयों से पूछे भारत को भी युद्ध में झोंक दिया । काँग्रेस ने इसका विरोध करते हुए नारा दिया, ‘न कोई भाई, न कोई पाईं’ और इसने अपने द्वारा शासित प्रांतों के सभी मंत्रिमंडलों से त्यागपत्र दे दिया ।
◆ 1 मई, 1939 ई० में सुभाष चन्द्र बोस ने फारवर्ड ब्लॉक नाम की एक नयी पार्टी बनाई ।
◆ 1940 ई० में लीग के लाहौर अधिवेशन में पहली बार पाकिस्तान की माँग की गयी ।
◆ 8 अगस्त, 1940 ई० को अगस्त प्रस्ताव अंग्रेजों के द्वारा लाया गया ।
◆ 1942 ई० में क्रिप्स मिशन भारत आया ।
◆ 9 अगस्त, 1942 ई० को काँग्रेस ने ‘भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारंभ किया ।
◆ 1943 ई० में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा ।
लॉर्ड वेवेल (1944-47 ई० ).
◆ शिमला समझौता 1945 ई० में हुआ ।
◆ कैबिनेट मिशन 1946 ई० में भारत आया । इस मिशन के सदस्य थे-स्टेफोर्ड क्रिप्स, पैथिक लारेंस, ए० बी० अलेक्जेंडर ।
◆ 20 फरवरी, 1947 ई० में प्रधानमंत्री लॉर्ड क्लीमेंट एंटली (लेबर पार्टी) ने हाउस ऑफ कॉमर्स में यह घोषणा की कि जून, 1948 ई० तक प्रभुसत्ता भारतीयों के हाथ में दे देंगे।
लॉर्ड माउण्टबेटन (मार्च, 1947 से जून, 1948 ई० )
◆ 4 जुलाई, 1947 ई० को ब्रिटिश संसद में एटली द्वारा भारतीय स्वतंत्रता विधेयक प्रस्तुत किया गया, जिसे 18 जुलाई को स्वीकृति मिली । विधेयक के अनुसार भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र राष्ट्रों की घोषणा की गयी ।
◆ 15 अगस्त, 1947 ई० को भारत स्वतंत्र हुआ ।
◆ स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जेनरल लॉर्ड माउण्टबेटन हुए ।
नोट – स्वतंत्र भारत के प्रथम एवं अंतिम भारतीय गवर्नर जेनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी हुए।
1857 ई० की महान क्रांति
◆ 29 मार्च, 1857 ई० को मंगल पांडे नामक एक सैनिक ने बैरकपुर में गाय की चर्बी मिले कारतूसों को मुँह से काटने से स्पष्ट मना कर दिया था, फलस्वरूप उसे गिरफ्तार कर 8 अप्रैल, 1857 ई० को फाँसी दे दी गई ।
◆ 10 मई, 1857 ई० के दिन मेरठ की पैदल टुकड़ी 20N. I. से 1857 ई० की क्रांति की शुरूआत हुई ।
नोट – तात्या टोपे का वास्तविक नाम रामचन्द्र पांडुरंग था ।
◆ 1857 ई० के क्रांति के स्थानीय विद्रोही नेताओं में प्रसिद्ध सतारा के रंगा बापूजी गुप्ते, हैद्राबाद के सोनाजी पंडित, रंगाराव पांगे, मौलवी सैयद अलाउद्दीन, कर्नाटक के भीमराव मुंडर्गी, छोटा सिंह, कोल्हापुर के अण्णाजी फड़नवीस, तात्या मोतित, मद्रास के गुलाम गौस, सुल्तान बख्श, चिगलपुट के अरणागिरि, कृष्णा, कोयंबटूर के मुलबागल स्वामी, केरल के विजय कुदारत कुंजी मामा, मुल्ला सली कोनजी मरकार, गोवा में दीपूजी राणा, गोलकुंडा क्षेत्र में चिंताभूपति और उसका भतीजा संन्यासी भूपति, गंजम में राधाकृष्ण दंडसेन थे ।
नोट – भगत जवाहर मल के शिष्य राम सिंह ने 1872 में अंग्रेजों का कड़ाई से सामना किया, बाद में इन्हें कैद कर रंगून भेज दिया गया जहाँ 1885 ई० में इनकी मृत्यु हो गयी ।
भारत का स्वतंत्रता संघर्ष: महत्त्वपूर्ण तथ्य
◆ पहला अंग्रेज विरोधी संघर्ष संन्यासियों के द्वारा शुरू किया गया ।
◆ संन्यासी – विद्रोह का उल्लेख बकिमचन्द्र चटर्जी के उपन्यास ‘आनन्दमठ’ में किया गया है ।
◆ 1887 ई० में दादा भाई नौरोजी ने इंगलैंड में भारतीय सुधार समिति की स्थापना की ।
◆ 1887 ई० के बाद ब्रिटिश सरकार का रुख काँग्रेस के प्रति कठोर होता चला गया ।
◆ डफरिन ने कहा, “काँग्रेस केवल सूक्ष्मदर्शी अल्पसंख्या का प्रतिनिधित्व करती है ।’
◆ कर्जन ने कहा, “काँग्रेस अपने पतन की ओर लड़खड़ाती हुई जा रही है । “
◆ नौरोजी, दत्त एवं वाचा ने धन निकास के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया ।
◆ लॉर्ड कर्जन ने 20 जुलाई, 1905 ई० को बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा की।
◆ बंगाल विभाजन 16 अक्टूबर, 1905 ई० को प्रभावी हुआ । इस दिन पूरे बंगाल में शोक – दिवस मनाया गया ।
◆ बंगाल विभाजन के विरोध में 7 अगस्त, 1905 ई० को कलकत्ता के टाऊन हॉल में स्वदेशी आन्दोलन की घोषणा की गयी ।
◆ 1906 ई० में कलकत्ता में हुए काँग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए दादाभाई नौरोजी ने पहली बार स्वराज्य की माँग प्रस्तुत की।
◆ स्वदेशी आन्दोलन चलाने के तरीके को लेकर ही काँग्रेस 1907 ई० के सूरत अधिवेशन में उग्रवादी (गरम दल) एवं उदारवादी (नरम दल) नामक दो दलों में विभाजित हो गयी । ‘इस सम्मेलन की अध्यक्षता रास बिहारी बोस ने की थी ।
◆ स्वदेशी आन्दोलन के अवसर पर ही रवीन्द्र नाथ ठाकुर अपना प्रसिद्ध गीत “आमार सोनार बंगला” लिखा । बाद में यहीं गीत बाङ्ला देश का राष्ट्रीय गीत बना ।
◆ बाल गंगाधर तिलक पहले काँग्रेसी नेता थे, जिन्होंने देश के लिए कई बार जेल की यात्रा की ।
◆ प्लेग के समय की ज्यादतियों से प्रभावित होकर पूना के चापेकर बन्धुओं (दामोदर एवं बालकृष्ण) ने प्लेग अधिकारी रैंड एवं एयर्स्ट की हत्या कर दी ।
◆ बंगाल में क्रांतिकारी विचारधारा को वारीन्द्र कुमार घोष एवं भूपेन्द्रनाथ दत्त ने फैलाया । 1906 ई० में इन दोनों ने मिलकर ‘युंगातर’ नामक समाचारपत्र का प्रकाशन किया ।
◆ बंगाल में पी० मित्रा ने “अनुशीलन समिति” का गठन किया, जिसका उद्देश्य था- खून का बदला खून । अनुशीलन समिति की 500 शाखाएँ खोली गयीं ।
◆ अनुशीलन समिति ने हेमचन्द्र को रूसी क्रांतिकारियों से बम बनाने की कला सीखने के लिए रूस भेजा ।
◆ महाराष्ट्र में विनायक दामोदर सावरकर ने 1904 ई० में ” अभिनव भारत” नामक संस्था स्थापित की ।
◆ अभिनव भारत संगठन के सदस्य पी० एन० वापट बम बनाने की कला सीखने के लिए पेरिस गए ।
◆ महाराष्ट्र में क्रांतिकारी आन्दोलन उभारने का श्रेय तिलक के पत्र ‘केसरी’ को जाता है ।
◆ तिलक ने 1893 ई० में गणपति एवं 1895 ई० में शिवाजी उत्सव मनाना प्रारंभ किया ।
◆ महाराष्ट्र से महत्त्वपूर्ण क्रांतिकारी पत्र ‘काल’ का सम्पादन परांजपे ने किया ।
◆ प्रफुल्ल चाकी और खुदीराम बोस ने 30 अप्रैल, 1908 ई० को मुजफ्फरपुर के जज किंग्जफोर्ड की हत्या का प्रयत्न किया ।
◆ चाकी ने आत्महत्या कर ली और खुदीराम बोस को 15 वर्ष की अवस्था में 11 अगस्त, 1908 ई० को फाँसी दे दी गयी ।
◆ 1905 ई० में लन्दन में श्याम जी कृष्ण वर्मा ने इंडियन होमरूल सोसायटी की स्थापना की ।
◆ 30 दिसम्बर, 1906 ई० को ढाका के नवाब सलीम उल्ला खाँ के निमंत्रण पर सम्मेलन हुआ । नवाब वकारुल मुल्क इसके अध्यक्ष थे। इसी सम्मेलन में अखिल भारतीय मुस्लिम लीग का उदय हुआ। लीग का संविधान 1907 ई० में कराँची में बना और इस संविधान के अनुसार प्रथम अधिवेशन 1908 ई० में अमृतसर में हुआ जहाँ आगा खाँ को इसका अध्यक्ष बना दिया गया ।
◆ 1 जुलाई, 1909 ई० को मदन लाल ढींगरा ने विलियम कर्जन वाइली को गोली मारकर हत्या कर दी । 16 अगस्त, 1909 को मदन लाल ढींगरा को मृत्यु दंड दिया गया । –
◆ 21 दिसम्बर, 1909 ई० को अनंत कान्हरे ने जैक्सन को गोली मार दी।
◆ वायसराय लॉर्ड हार्डिंग ने 1911 ई० में दिल्ली में भव्य दरबार का आयोजन इंगलैंड के सम्राट जॉर्ज पंचम एवं मेरी के स्वागत में किया। इस दरबार में निम्न घोषणाएँ हुई
1. बंगाल-विभाजन को रद्द किया गया ।
2 बंगाली भाषी क्षेत्रों को मिलाकर अलग एक प्रांत बनाया गया ।
3. बिहार एक अलग राज्य बना, जिसमें उड़ीसा भी शामिल था ।
4. राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानान्तरित करने की घोषणा हुई । 1912 ई० में दिल्ली, भारत की राजधानी बनी ।
◆ ‘कोमागातामारु जहाज को बाबा गुरुदत्त सिंह (1914 ई०) ने किराया पर लिया था। यह जलयान 351 यात्रियों के साथ 26 सितम्बर, 1914 को हुगली पहुँचा । बजबज नामक बंदरगाह पर जहाज पहुँचने पर तलाशी हुई और संघर्ष हुआ। 18 यात्री मार दिए गए और लगभग 25 यात्री घायल हुए ।
◆ 23 दिसम्बर, 1912 ई० को रासबिहारी बोस ने दिल्ली में वायसराय लॉर्ड हार्डिंग पर बम फेका । इसके परिणाम स्वरूप 13 व्यक्ति गिरफ्तार किये गये इसमें प्रमुख थे- मास्टर अमीचन्द, दीनानाथ, अवधबिहारी लाल, बाल मुकुंद, बसंत कुमार विश्वास, हनुमंत सहाय एवं बलराज | दीनानाथ दवाब में आकर सरकारी गवाह बन गये और मास्टर अमीचन्द अवधबिहारी लाल, बाल मुकुंद एवं बसंत कुमार विश्वास को फाँसी दे दी गयी ।
◆ 1 नवम्बर, 1913 ई० में अनेक भारतीयों ने लाला हरदयाल के नेतृत्व में सैनफ्रांस्किो (अमेरिका) में गदर पार्टी की स्थापना की, सोहनसिंह भाक्खना इसके प्रथम अध्यक्ष, लाला हरदयाल इसके प्रथम मंत्री एवं काशीराम कोषाध्यक्ष चुने गये थे ।
◆ 1915 ई० में अंग्रेज सरकार ने कैंसर-ए-हिन्द की उपाधि से महात्मा गाँधी को सम्मानित किया ।
◆ काँग्रेस के लखनऊ अधिवेशन (1916 ई०) में काँग्रेस के दोनों दलों में एकता हो गयी । इसी अधिवेशन में मुस्लिम लीग ने भी काँग्रेस से मिलकर एक संयुक्त समिति की स्थापना की ।
◆ बाल गंगाधर तिलक ने स्वशासन प्राप्ति हेतु मार्च, 1916 ई० को पुना में होमरूल लीग की स्थापना की ।
◆ ऐनी बेसेन्ट ने सितम्बर, 1916 ई० में मद्रास में होमरूल लीग की स्थापना की । जार्ज अरुण्डेल को लीग का सचिव बनाया ।
◆ गाँधीजी ने प्रथम विश्वयुद्ध के समय लोगों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित किया; इसलिए लोगों ने इन्हें भर्ती कराने वाला सार्जेन्ट कहने लगे ।
◆ 1916 ई० में गाँधीजी ने अहमदाबाद के करीब साबरमती आश्रम की स्थापना की ।
◆ बिहार के एक किसान नेता राजकुमार ने गाँधीजी को चम्पारण आने को प्रेरित किया ।
◆ गाँधीजी ने ‘सत्याग्रह’ का सर्वप्रथम प्रयोग द० अफ्रीका में किया। भारत में ‘सत्याग्रह’ का पहला प्रयोग 1917 ई० में चम्पारण (बिहार) में किया गया ।
◆ चम्पारण विद्रोह के कारण अंग्रेजों को तीनकठिया प्रथा को समाप्त करना पड़ा ।
◆ एनी बेसेन्ट ने 20 अगस्त, 1917 ई० को होमरूल लीग को समाप्त करने की घोषणा की।
◆ महात्मा गाँधी ने पहली बार भूख हड़ताल अहमदाबाद मिल मजदूरों के हड़ताल (1918 ई०) के समर्थन में की थी ।
◆ गाँधीजी ने 1918 ई० में गुजरात के खेड़ा जिले में ” कर नहीं आन्दोलन” चलाया ।
◆ 19 मार्च, 1919 ई० को रौलट एक्ट लागू किया गया । इसके अनुसार किसी भी संदेहास्पद व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए गिरफ्तार किया जा सकता था, परन्तु उसके विरूद्ध ‘न कोई अपील, न कोई दलील और न कोई वकील’ किया जा सकता था ।
◆ गाँधी ने इस कानून के विरुद्ध 6 अप्रैल, 1919 ई० को देशव्यापी हड़ताल करवायी ।
◆ 13 अप्रैल, 1919 ई० को अमृतसर में जालियाँवाला बाग हत्याकांड हुआ। डॉ० सतपाल और सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के विरोध में हो रही जनसभा पर जेनरल डायर ने अंधाधुंध गोली चलवायी । सरकारी रिपोर्ट के अनुसार इसमें 379 व्यक्ति एवं काँग्रेस समिति के अनुसार लगभग 1000 व्यक्ति मारे गए ।
◆ जालियाँवाला बाग हत्याकांड में हंसराज नामक भारतीय ने डायर का सहयोग किया था।
◆ शंकरन नायर ने जालियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वायसराय की कार्यकारिणी परिषद् के सदस्यता से इस्तीफा दे दिया ।
◆ जालियाँवाला बाग हत्या कांड के विरोध में महात्मा गाँधी ने ‘कैसर-ए-हिन्द’ की उपाधि, जमनालाल बजाज ने ‘राय बहादुर’ की उपाधि एवं रवीन्द्र नाथ टैगोर ने ‘सर’ की उपाधि वापस लौटा दी ।
◆ जालियाँवाला बाग हत्याकांड की जाँच के लिए सरकार ने 19 अक्टूबर, 1919 ई० में लॉर्ड हंटर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया। इसमें पाँच अंग्रेज एवं तीन भारतीय (सर चिमन लाल शीतलवाड, साहबजादा सुल्तान अहमद एवं जगत नारायण) सदस्य थे।
◆ काँग्रेस ने जालियाँवाला बाग हत्याकांड की जाँच के लिए मदन मोहन मालवीय के नेतृत्व में एक आयोग नियुक्त किया। इसके अन्य सदस्यों में मोतीलाल नेहरू और गाँधीजी थे ।
◆ जालियाँवाला बाग कभी जल्ली नामक व्यक्ति की संपत्ति थी ।
◆ खिलाफल आंदोलन भारतीय मुसलमानों का मित्र राष्ट्रों के विरूद्ध विशेषकर ब्रिटेन के खिलाफ टर्की के खलीफा के समर्थन में आंदोलन था ।
◆ 19 अक्टूबर, 1919 ई० को समूचे देश में ‘खिलाफत दिवस’ मनाया गया ।
◆ 23 नवम्बर, 1919 ई० को हिन्दू और मुसलमानों की एक संयुक्त कांफ्रेंस हुई, जिसकी अध्यक्षता महात्मा गाँधी ने की ।
◆ रॉलेट एक्ट, जालियाँवाला बाग कांड और खिलाफत आंदोलन के उत्तर में गाँधीजी ने । अगस्त, 1920 ई० को असहयोग आंदोलन प्रारंभ किया। असहयोग आन्दोलन की पुष्टि भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस ने दिसम्बर, 1920 ई० के नागापुर अधिवेशन में की।
◆ मुहम्मद अली को सर्वप्रथम असहयोग आन्दोलन में गिरफ्तार किया गया ।
◆ मुहम्मद अली जिन्ना, ऐनी बेसेंट तथा विपिन चन्द्रपाल काँग्रेस के असहयोग आन्दोलन से सहमत नहीं थे, अतः उन्होंने काँग्रेस छोड़ दी।
◆ 5 फरवरी, 1922 ई० को गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा नामक स्थान पर असहयोग आन्दोलनकारियों ने क्रोध में आकर थाने में आग लगा दी, जिससे एक थानेदार एवं 21 सिपाहियों की मृत्यु हो गयी। इस घटना से दुखित होकर गाँधीजी ने 11 फरवरी, 1922 ई० को असहयोग आन्दोलन स्थगित कर दिया ।
◆ 13 मार्च, 1922 ई० को गाँधीजी को गिरफ्तार कर 6 वर्ष की कड़ी कारावास की सजा सुनाई गयी । स्वास्थ्य संबंधी कारणों से गाँधी को 5 फरवरी, 1924 ई० को रिहा कर दिया गया ।
◆ 1922 ई० के मेवाड़ भील आन्दोलन का नेता मोतीलाल तेजावत था ।
◆ 1923 ई० में इलाहाबाद में चितरंजनदास एवं मोतीलाल नेहरू ने काँग्रेस के अंतर्गत स्वराज्य पार्टी की स्थापना की ।
◆ महात्मा गाँधी सिर्फ एक बार काँग्रेस के बेलगाँव अधिवेशन (1924) में इसके अध्यक्ष चुने गए ।
◆ शचीन्द्र सान्याल ने 1924 ई० में ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन’ की स्थापना की । भगत सिंह ने 1928 ई० में इसका नाम बदल कर ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसियेशन’ रख दिया ।
◆ 9 अगस्त, 1925 ई० को जब रेलगाड़ी से सरकारी खजाना सहारनपुर से लखनऊ की ओर जा रहा था, तो इसे काकोरी नामक स्टेशन पर लूट लिय गया, इसे ही काकोरी कांड कहा गया । सरकारी खजाना लूटने का विचार राम प्रसाद बिस्मल का था । इसमें राम प्रसाद बिस्मल, राजेन्द्र लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं अशफाकउल्ला खाँ को दिसम्बर, 1927 ई० में फाँसी दे दी गई एवं शचीन्द्र सान्याल को आजीवन कारावास की सजा मिली । मन्मथनाथ गुप्त को 14 वर्ष की कैद हुई ।
◆ संभवत: अशफाकउल्ला खाँ पहले भारतीय क्रांतिकारी मुसलमान थे, जो देश की स्वतंत्रता के लिए फाँसी के तख्ते पर लटके थे ।
◆ साइमन कमीशन 3 फरवरी, 1928 ई० को भारत आया । इसे वाइट मैन कमीशन भी कहते हैं । 30 अक्टूबर, 1928 ई० को लाहौर में साइमन आयोग के विरूद्ध प्रदर्शन करते समय पुलिस की लाठी से लाला लाजपत राय घायल हो गये और बाद में उनकी मृत्यु हो गयी ।
◆ साइमन कमीशन का बहिष्कार न करने वाले दो दल थे जस्टिस पार्टी एवं पंजाब यूनियस्टि पार्टी ।
◆ भगत सिंह के नेतृत्व में पंजाब के क्रांतिकारियों ने 17 दिसम्बर, 1928 ई० को लाहौर के तत्कालीन सहायक पुलिस कप्तान सॉण्डर्स को गोली मार दी।
◆ ‘पब्लिक सेफ्टी बिल’ पास होने के विरोध में 8 अप्रैल, 1929 ई० को बटुकेश्वर दत्त एवं भगत सिंह ने सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली में खाली बेंचों पर बम फेंका ।
◆ 1929 ई० के काँग्रेस के लाहौर अधिवेशन में काँग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज्य’ का अपना लक्ष्य घोषित किया । इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहर लाल नेहरू कर रहे थे । 31 दिसम्बर, 1929 ई० को रात के 12 बजे जवाहर लाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर नव गृहीत तिरंगे झण्डे को फहराया । इसी अधिवेशन में 26 जनवरी, 1930 ई० को ‘प्रथम स्वाधीनता दिवस’ के रूप में मनाने का निश्चय किया गया । इसी के साथ प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाए जाने की परम्परा शुरू हुई ।
◆ 12 मार्च, 1930 ई० को गाँधीजी ने अपने 79* समर्थकों के साथ साबरमती स्थित अपने आश्रम से 322 किमी०* दूर डाण्डी के लिए प्रस्थान किया । लगभग 24 दिनों बाद 6 अप्रैल, 1930 ई० को डाण्डी पहुँचकर ने नमक कानून तोड़ा। सुभाष चन्द्र बोस ने गाँधीजी के नमक सत्याग्रह की तुलना नेपोलियन के पेरिस यात्रा से की ।
◆ 8 मार्च, 1931 ई० को गाँधी-इरविन पैक्ट हुआ, इसके बाद गाँधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित कर दिया ।
◆ गाँधी इरविन समझौता को दिल्ली समझौता के नाम से भी जाना जाता है ।
◆ दूसरा गोलमेज सम्मेलन 7 सितम्बर, 1931 ई० को हुआ। महात्मा गाँधी ने काँग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में इसमें भाग लिया: परन्तु यह सम्मेलन साम्प्रदायिक प्रतिनिधित्व के कारण असफल रहा।
* (वर्ग-VIII आधुनिक भारत बिहार स्टेट टेक्टबुक प० कॉ० लि०)
नोट : प्रथम गोलमेज सम्मेलन 12 नवम्बर, 1930 ई० एवं तृतीय गोलमेज सम्मेलन 17 नवम्बर, 1932 ई० में हुआ ।
◆ तीनों गोलमेज सम्मेलन के समय इंगलैंड का प्रधानमंत्री जेम्स रेम्जे मैकडोनाल्ड था ।
◆ दूसरे गोलमेज सम्मेलन की असफलता के बाद गाँधी ने 3 जनवरी, 1932 ई० में पुनः सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ कर दिया । सविनय अवज्ञा आन्दोलन अंतिम रूप से 7 अप्रैल, 1934 को वापस लिया गया ।
◆ सविनय अवज्ञा आन्दोलन में पठान सत्या ग्रहियों पर गोली चलाने से गढ़वाल राइफल्स ने इन्कार कर दिया ।
◆ 23 मार्च, 1931 ई० को सुखदेव, भगत सिंह एवं राजगुरु को फाँसी पर लटका दिया गया ।
◆ मई, 1934 ई० में काँग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना हुई ।
◆ 1939 ई० में महात्मा गाँधी द्वारा प्रस्तावित प्रत्याशी पट्टाभि सीता रमैय्या को हटाकर सुभाष चन्द्र बोस काँग्रेस के अध्यक्ष चुने गए ।
◆ 1 मई, 1939 ई० को सुभाष चंद्र बोस ने काँग्रेस के भीतर ही एक नए गुट का गठन किया, जिसे फॉरवर्ड ब्लॉक (Forward Block) कहा गया । सुभाष चन्द्र बोस ने स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान फ्री इण्डियन लीजन नामक सेना बनायी थी ।
◆ 13 मार्च, 1940 ई० को लंदन में पंजाब के सुनाम नामक स्थान के सरदार ऊधम सिंह ने पंजाब के भूतपूर्व लैफ्टिनेंट गवर्नर डायर की गोली मारकर हत्या कर दी।
◆ गाँधीजी ने 17 अक्टूबर, 1940 ई० को पावनार में व्यक्तिगत सत्याग्रह आन्दोलन शुरू किया । इस आन्दोलन के प्रथम सत्याग्रही बिनोबा भावे, दूसरे सत्याग्रही जवाहर लाल नेहरू एवं तीसरे सत्याग्रही ब्रह्मदत्त थे । इस आन्दोलन को ‘दिल्ली चलो’ आन्दोलन भी कहा गया ।
◆ 24 मार्च, 1940 ई० को मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्षता करते हुए मुहम्मद अली जिन्ना ने भारत से अलग मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान की माँग की। मुस्लिम लीग के 1940 ई० के दिल्ली अधिवेशन (अध्यक्ष अल्लाबक्श) में खलीकुज्जमान ने पाकिस्तान नाम से अलग राष्ट्र का प्रस्ताव रखा ।
◆ वर्धा (1942 ई०) में काँग्रेस ने ‘अंग्रेज भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पारित किया ।
◆ 7 अगस्त, 1942 ई० काँग्रेस की बैठक बम्बई के ऐतिहासिक ग्वालियर टैंक से हुई ।
◆ गाँधी के भारत छोड़ो प्रस्ताव को काँग्रेस कार्य समिति ने 8 अगस्त, 1942 ई० को स्वीकार कर लिया ।
◆ भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरुआत 9 अगस्त, 1942 ई० को हुई । इसी आन्दोलन में गाँधीजी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया ।
◆ 9 अगस्त, 1942 ई० को सवेरे ही गाँधीजी एवं काँग्रेस के अन्य सभी महत्त्वपूर्ण नेता गिरफ्तार कर लिए गए । गाँधीजी को पूना के आगा खाँ महल में तथा काँग्रेस कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों को अहमदनगर के दुर्ग में रखा गया था । राजेन्द्र प्रसाद को भी नजरबंद कर दिया गया था । 9 मई, 1944 ई० को गाँधीजी को जेल से छोड़ा गया ।
◆ आजाद हिन्द फौज की स्थापना का विचार सर्वप्रथम कैप्टन मोहन सिंह के मन में आया ।
◆ आजाद हिन्द फ़ौज की प्रथम डिवीज़न का गठन 1 सितम्बर, 1942 ई० को कैप्टन मोहन सिंह के द्वारा किया गया परन्तु वह असफल रहा ।
◆ आजाद हिन्द फौज का सफलतापूर्वक स्थापना का श्रेय रास बिहारी बोस को दिया जाता है ।
◆ अक्टूबर, 1943 ई० में सुभाष चन्द्र बोस को आजाद हिन्द फौज का सर्वोच्च सेनापति बनाया गया था । आजाद हिन्द फौज के तीन ब्रिगेडों के नाम सुभाष बिग्रेड, गाँधी बिग्रेड एवं नेहरू ब्रिगेड । महिलाओं के ब्रिगेड का नाम ‘लम्क्षीबाई रेजीमेंट’ था ।
◆ आजाद हिन्द फौज का झंडा काँग्रेस के तिरंगे झंडे की भाँति था, जिस पर दहाड़ते हुए शेर का चिह्न था ।
◆ 8 नवम्बर, 1943 ई० को जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप सुभाष चन्द्र बोस को सौंप दिए । नेताजी ने इनका नाम क्रमश: ‘शहीद द्वीप’ और ‘स्वराज्य द्वीप’ रखा ।
◆ टोकियो जाते हुए फार्मूसा द्वीप के बाद अचानक हवाई चन्द्र बोस 18 अगस्त, 1945 ई० को मारे गए, परन्तु इस दुर्घटना को अभी तक प्रमाणिक नहीं माना गया है ।
नोट: सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 ई० को कटक (उड़ीसा) में हुआ था।
◆ आजाद हिन्द फौज के गिरफ्तार अधिकारी पी० के० सहगल, कर्नल गुरुदयाल दिल्लन एवं मेजर शाहनवाज खाँ पर राजद्रोह का आरोप लगाकार दिल्ली के लाल किले पर नवम्बर, 1945 ई० में मुकदमा चलाया गया । वायसराय ने इनकी सजा माफ कर दी । म
◆ आजाद हिन्द फौज के अभियुक्तों की तरफ से तेजबहादुर सप्रू, जवाहर लाल नेहरू, भोला भाई देसाई एवं के० एन० काटजू ने पैरवी की।
◆ कराची में 20 फरवरी, 1946 ई० में वायु सेना के कुछ सैनिकों ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध हड़ताल कर दी । बम्बई, दिल्ली में भी यह शीघ्र ही फैल गयी । इसमें लगभग 5,200 सैनिकों ने भाग लिया। इनकी प्रमुख माँग थी कि भारतीय और अंग्रेज सैनिकों में बराबरी का व्यवहार किया जाये ।
◆ नौसेना विद्रोह 19 फरवरी, 1946 ई० को मुम्बई में आई० एन० एस० तलवार नामक जहाज के नौसेनिक के द्वारा किया गया । 5,000 सैनिकों ने आजाद हिन्द फौज के बिल्ले लगाये । इन्होंने भी बराबरी की माँग की ।
◆ कैबिनेट मिशन योजना को मुस्लिम लीग ने 6 जून, 1946 ई० को और काँग्रेस ने 25 जून, 1946 ई० को स्वीकार कर लिया ।
◆ कैबिनेट मिशन योजना को स्वीकार किए जाने के पश्चात् संविधान सभा के निर्माण के लिए हुए चुनाव (जुलाई 1946 ई०) में काँग्रेस ने 214 सामान्य स्थानों में से 205 स्थान प्राप्त किए और मुस्लिम लीग ने 78 मुस्लिम स्थानों में से 73 स्थान प्राप्त किए। काँग्रेस को 4 सिक्ख सदस्यों का भी समर्थन प्राप्त था ।
◆ मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त, 1946 ई० को सीधी कार्रवाई दिवस मनाया |
◆ 27 मार्च, 1947 ई० को मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान दिवस के रूप में मनाया ।
◆ जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अन्तरिम सरकार का गठन 2 सितम्बर, 1946 ई० को हुआ 1 26 अक्टूबर, 1946 ई० को लीग अंतरिम सरकार में सम्मिलित हुई ।
◆ स्वतंत्रता प्राप्ति के समय काँग्रेस के अध्यक्ष जे० बी० कृपलानी एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेन्ट एटली (लेबर पार्टी) थे ।
◆ भगत सिंह के विरूद्ध मुखबिरी करने के कारण फणीन्द्र घोष की हत्या बैकुण्ठ शुक्ल ने की थी ।
◆ महात्मा गाँधी द्वारा स्थापित हरिजन सेवक संघ के संस्थापक अध्यक्ष घनश्याम दास बिड़ला थे ।
◆ गाँधीजी ने काँग्रेस की सदस्यता से दो बार त्यागपत्र दिया – 1925 में और 1930 ई० में ।
◆ बाँटो और छोड़ो का नारा लीग ने दिसम्बर 1943 ई० के कराची अधिवेशन में दिया ।
◆ काँग्रेस का प्रथम ब्रिटिश अध्यक्ष जॉर्ज यूल थे ।
◆ मैं देश की बालू से ही काँग्रेस से भी बड़ा आन्दोलन खड़ा कर दूँगा । यह कथन है- महात्मा गाँधी ।
◆ डंडा फौज का गठन पंजाब में चमनदीव ने किया ।
◆ दीनबंधु मित्र का नाटक ‘नील दर्पण’ में नील की खेती करने वाले पर हुए अत्याचार का उल्लेख है ।
◆ राष्ट्रवादी अहरार आंदोलन मजहर-उल-हक ने प्रारंभ किया। –
◆ आत्मसम्मान आंदोलन की शुरूआत रामस्वामी नायकर ने की ।
◆ निरंकारी आंदोलन की शुरूआत दयालदास ने की ।
◆ ब्रह्मसमाज का प्रतिज्ञापत्र देवेन्द्रनाथ ठाकुर ने तैयार किया ।
◆ देवसमाज के संस्थापक शिव नारायण अग्निहोत्री थे।
◆ तरुण स्त्री सभा की स्थापना कलकत्ता में की गयी ।
◆ ‘भारत, भारतीयों के लिए ‘ – यह नारा आर्यसमाज ने दिया । –
◆ अखिल भारतीय किसान सभा की स्थापना लखनऊ में हुई ।
◆ स्वामी विवेकानन्द ने 1893 ई० में शिकागो में विश्व धर्मसम्मेलन को संबोधित किया ।
◆ दिल्ली षड्यंत्र केस में दीनानाथ के द्वारा मुखबिरी की गयी थी ।
◆ अलीपुर केस में सरकारी गवाह नरेन्द्र गोसाई बन गया था ।
◆ चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 ई० को मध्य भारत के भावना नामक गाँव में हुआ था ।
◆ सबसे कम उम्र में फाँसी की सजा पानेवाला क्रान्तिकारी खुदीराम बोस था ।
◆ ‘इन्कलाब जिन्दाबाद’ का नारा भगत सिंह ने दिया ।
◆ शहीद – ए – आजम के नाम से भगत सिंह को जाना जाता है ।
◆ भगत सिंह को फाँसी की सजा सुनानेवाला न्यायाधीश जी० सी० हिल्टन था ।
◆ सबके लिए एक जाति, एक धर्म, एक ईश्वर का नारा श्री नारायण गुरु ने दिया ।
◆ सवर्ण हिन्दुओं की फाँसीवादी काँग्रेस कहकर काँग्रेस का चरित्र निरूपण मोहम्मद अली जिन्ना ने किया ।
◆ ‘मैं एक क्रांतिकारी के रूप में कार्य करता हूँ ।’ यह कथन है- जवाहर लाल नेहरू का ।
◆ महात्मा गाँधी को रवीन्द्र नाथ टैगोर ने सर्वप्रथम ‘महात्मा’ कहा ।
◆ महात्मा गाँधी को सर्वप्रथम ‘राष्ट्रपिता’ कहकर संबोधित सुभाष चन्द्र बोस ने किया ।
◆ बल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार की उपाधि’ बारदोली सत्याग्रह की सफलता के बाद वहाँ के महिलाओं की ओर से गाँधीजी ने प्रदान की ।
◆ सुभाष चन्द्र बोस को सर्वप्रथम ‘नेताजी’ एडोल्फ हिलटर ने कहा था ।
◆ गोखले के आध्यात्मिक एवं राजनीतिक गुरु एम० जी० रानाडे थे ।
◆ महात्मा गाँधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे ।
◆ सुभाष चन्द्र बोस के राजनीतिक गुरु देशबन्धु चितरंजन दास थे।
◆ भारत का बिस्मार्क सरदार बल्लभ भाई पटेल को कहा जाता है ।
◆ शुद्धि आंदोलन के प्रवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती थे ।
◆ 19वीं शताब्दी के भारतीय पुनर्जागरण का पिता राजा राममोहन राय को कहा जाता है.
◆ अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना महात्मा गाँधी ने की थी ।
◆ चर्चिल ने महात्मा गाँधी को अर्द्धनग्न फकीर कहा था ।
◆ राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानन्द से संबंधित है. ।
◆ यंग बंगाल आंदोलन का प्रवर्तक विवियन डेरीजियो था ।
◆ काँग्रेस ने मौलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में भारत छोड़ो प्रस्ताव को पारित किया ।
◆ भारत के पितामाह (ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया) दादाभाई नौरोजी को कहा जाता है ।
◆ गोपाल हरिदेशमुख को लोकहितवादी के नाम से भी जाना जाता है ।
◆ बिना ताज का बादशाह सुरेन्द्रनाथ बनर्जी को कहा जाता है ।
◆ ए० ओ० ह्यूम को “हरमिट ऑफ शिमला” कहा जाता है. 1
◆ ए० ओ० ह्यूम 1885-1907 ई० तक काँग्रेस के महामंत्री रहे ।
◆ काँग्रेस के प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयबजी थे ।
◆ रौलेट एक्ट को बिना अपील, बिना वकील तथा बिना दलील का कानून कहा गया ।
◆ मुहम्मद अली एवं शौकत अली ने 1920 ई० में खिलाफत आंदोलन की शुरुआत की ।
◆ तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लेने वाले भरतीय नेता थे – डॉ० भीमराव अम्बेदकर ।
◆ 22 दिसम्बर 1939 ई० को काँग्रेस मंत्रिमंडल ने सामूहिक रूप से त्यागपत्र दिया । इस दिन को मुस्लिम लीग ने ‘मुक्ति दिवस’ के रूप में मनाया ।
◆ पाकिस्तान शब्द का जन्मदाता चौधरी रहमत अली थे ।
◆ गाँधीजी ने क्रिप्स प्रस्ताव पर कहा- यह एक आगे की तारीख का चेक है, जिसका बैंक नष्ट होने वाला है । (“It is a post dated cheque”)
◆ तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा एवं जय हिन्द यह नारा सुभाष चन्द्र बोस ने दिया ।
◆ इण्डिपेण्ड्स फोर इंडिया लीग की स्थापना जवाहर लाल नेहरू और सुभाष चन्द्र बोस ने की थी ।
◆ इण्डिया इण्डिपेण्ड्स लीग की स्थापना रास बिहारी बोस ने की थी ।
◆ राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान कुख्यात सेलुलर जेल अण्डमान में स्थित है ।
1. पुनर्जागरण
◆ पुनर्जागरण का प्रारंभ इटली के फ्लोरेंस नगर से माना जाता
◆ इटली के महान कवि दाँते (1260-1321 ई०) को पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है । इनका जन्म फ्लोरेन्स नगर में हुआ था ।
◆ दाँते ने प्राचीन लैटिन भाषा को छोड़कर तत्कालीन इटली की बोलचाल की भाषा “टस्कन” में ‘डिवाइन कॉमेडी’ नामक काव्य लिखा । इसमें दाँते ने स्वर्ग और नरक की एक काल्पनिक यात्रा का वर्णन किया है ।
◆ दाँते के बाद पुनर्जागरण की भावना का प्रश्रय देनेवाला दूसरा व्यक्ति पेट्रॉक (1304-1367) था ।
◆ पेट्रॉक को मानववाद का संस्थापक माना जाता है । वह इटली का निवासी था ।
◆ इटालियन गद्य का जनक कहानीकार बोकेशियो (सन् 1313-1375 ई०) को माना जाता है ।
◆ कहानीकार बोकेशियो की डेकामेरॉन। (Decameron) प्रसिद्ध पुस्तक
◆ आधुनिक विश्व का प्रथम राजनीतिक चिन्तक फ्लोरेंस निवासी मैकियावेली (1469-1567 ई०) को माना जाता है ।
◆ मैकियावेली की प्रसिद्ध पुस्तक है – द प्रिन्स, जो राज्य का एक नवीन चित्र प्रस्तुत करती है ।
◆ आधुनिक राजनीतिक दर्शन का जनक मैकियावेली को कहा जाता है ।
◆ पुनर्जागरण की भावना की पूर्ण अभिव्यक्ति इटली के तीन कलाकारों की कृतियों में मिलती । ये कलाकार थे—लियोनार्दो द विंची, माइकेल एंजलो और राफेल । लियोनार्दो द विंची एक बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न व्यक्ति था । वह चित्रकार, मूर्तिकार, इंजीनियर, वैज्ञानिक, दार्शनिक, कवि और गायक था ।
◆ लियोनार्दो द विंची ‘द लास्ट सपर’ और ‘मोनालिसा’ नामक अमर चित्रों के रचयिता होने के प्रसिद्ध है।
◆ माइकल एंजलो भी एक अद्भुत मूर्तिकार एवं चित्रकार था ।
◆ द लास्ट जजमेंट एवं द फाल ऑफ मैन माइकल एंजलो की कृतियाँ हैं ।
◆ सिस्तान के गिरजाघर की छत में माइकल एंजलो के द्वारा ही चित्र बनाए गए हैं।
◆ राफेल भी इटली का एक चित्रकार था, इसके सर्वश्रेष्ठ कृति जीसस क्राइस्ट की माता मेडोना का चित्र है I
◆ पुनर्जागरण काल में चित्रकला का जनक जियाटो को माना जाता है ।
◆ पुनर्जागरण काल का सर्वश्रेष्ठ निबंधकार इंगलैंड का फ्रांसीस बेकन था ।
◆ हॉलैंड के इरासमस ने अपनी पुस्तक द प्रेज आप फौली में व्यंग्यात्मक ढंग से पारियों के अनैतिक जीवन एवं ईसाई धर्म की कुरीतियों पर प्रहार किया ।
◆ इंग्लैंड के लेखक टामस मूर ने अपनी पुस्तक यूटोपिया में आदर्श समाज का चित्र प्रस्तुत किया है ।
◆ मार्टिन लूथर ने जर्मन भाषा में बाइबिल का अनुवाद प्रस्तुत किया है ।
◆ ‘रोमियो एण्ड जुलियट’ शेक्सपीयर (इंग्लैंड) की अमर कृति है ।
◆ इंग्लैंड के रोजर बेकन को आधुनिक प्रयोगात्मक विज्ञान का जन्मदाता माना जाता है ।
◆ पृथ्वी सौरमंडल का केन्द्र हैइसका खंडन सर्वप्रथम पोलैंड निवासी कोपरनिकस ने किया ।
◆ गैलीलिओ (1560-1642 ई०) ने भी कोपरनिकस के सिद्धान्त का समर्थन किया ।
◆ जर्मनी के प्रसिद्ध वैज्ञानिक केपला या केपलर (1571-1630 ई०) ने गणित की सहायता से यह बतलाया कि ग्रह सूर्य के चारों ओर किस प्रकार घूमते हैं ।
◆ न्यूटन (1642-1726 ई०) ने गुरुत्वाकर्षण के नियम का पता लगाया ।
◆ धर्म – सुधार आन्दोलन की शुरूआत 16वीं सदी में हुई । धर्म
◆ धर्म-सुधार आन्दोलन का प्रवर्तक मार्टिन लूथर था, जो जर्मनी का रहनेवाला था । इसने बाइबिल का अनुवाद जर्मन भाषा में किया ।
◆ धर्म-सुधार आन्दोलन की शुरूआत इंगलैंड में हुई ।
◆ जॉन विकलिफ को धर्म-सुधार आन्दोलन का प्रातः कालीन तारा कहा जाता है । इसके अनुयायी लोलार्डस कहलाते थे ।
◆ अमरीका की खोज क्रिस्टोफर कोलम्बस ने की थी ।
◆ अमंरिगो बेस्पुसी (इटली) के नाम पर अमेरिका का नाम अमेरिका पड़ा
◆ प्रशान्त महासागर का नामकरण स्पेन निवासी मैगलन ने किया ।
◆ समुद्री मार्ग से सम्पूर्ण विश्व का चक्कर लगानेवाला प्रथम व्यक्ति मैगलन था ।
2. अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम
◆ अमेरिका में ब्रिटिश औपनिवेशिक साम्राज्य की नींव जेम्स प्रथम के शासनकाल में डाली गयी ।
◆ रेड इंडियन अमेरिका के मूल निवासी थे ।
◆ अमेरिका का स्वतंत्रता – युद्ध 1783 ई० में पेरिस की संधि के तहत समाप्त हुआ ।
◆ अमेरिका को पूर्ण स्वतंत्रता 4 जुलाई, 1776 ई० को मिली ।
◆ अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम का नायक जॉर्ज वाशिंगटन थे, जो बाद में अमेरिका का प्रथम राष्ट्रपति बने ।
◆ अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम का तात्कालिक कारण ‘बोस्टन की चाय पार्टी’ थी, जो 16 दिसम्बर, 1773 ई० को हुई थी । इसी घटना से अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम प्रारंभ हुआ । इस घटना का नायक सैम्युल एडम्स था ।
◆ प्रजातंत्र की स्थापना सर्वप्रथम अमेरिका में हुई । इसे ही आधुनिक गणतंत्र की जननी कहा जाता है । धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना भी सर्वप्रथम अमेरिका में हुई ।
◆ अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अमेरिकावासियों का नारा था- .’ प्रतिनिधित्व नहीं तो कर नहीं ।’
◆ संसार में सर्वप्रथम लिखित संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका में 1789 ई० में लागू हुआ ।
◆ 1781 ई० में उपनिवेशी सेना के सम्मुख आत्मसमर्पण करनेवाला ब्रिटेन का सेनापति लॉर्ड कार्नवालिस था ।
◆ अमेरिका विश्व का पहला देश था, जिसने मनुष्यों की समानता तथा उसके मौलिक अधिकारों की घोषणा की।
◆ अमेरिका में दासों के आयात को 1808 ई० में अवैध घोषित किया गया ।
◆ अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति 1860 ई० में हुए ।
◆ अमेरिका में गृह युद्ध की शुरूआत 12 अप्रैल, 1861 ई० में दक्षिण एवं उत्तरी राज्यों के बीच हुई । दक्षिणी राज्य दासता के समर्थक एवं उत्तरी राज्य उसके विरोधी थे ।
◆ अमेरिकी गृह युद्ध की शुरूआत दक्षिणी कैरोलिना राज्य से हुई । इसी युद्ध के फलस्वरूप ही दासप्रथा का अंत हुआ ।
◆ 1 जनवरी, 1863 ई० को अब्राहम लिंकन ने दास प्रथा का उन्मूलन किया ।
◆ ‘प्रजातंत्र जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए शासन है’ – प्रजातंत्र की यह परिभाषा अब्राहम लिंकन ने ही दी है ।
◆ अब्राहम लिंकन की हत्या जॉन विल्कीज बूथ नामक व्यि कर दी । व्यक्ति ने 4 मार्च, 1865 ई० को
◆ अमेरिकी गृह युद्ध की समाप्ति 26 मई, 1865 ई० को हुई ।
◆ अमेरिका फिलोसोफिल सोसाइटी की स्थापना बेंजामिन फ्रैंकलिन ने की थी ।
3. फ्रांस की राज्यक्रांति
◆ फ्रांस को राज्यक्रांति 1789 ई० में लूई सोलहवाँ के शासनकाल में हुई । इस समय फ्रांस में सामन्ती व्यवस्था थी ।
◆ 14 जुलाई, 1789 ई० को क्रांतिकारियों ने बास्तील के कारागृह के फाटक को तोड़कर बंदियों को मुक्त कर दिया। तब से 14 जुलाई को फ्रांस में ‘राष्ट्रीय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है ।
◆ समानता, स्वतंत्रता और बन्धुत्व का नारा फ्रांस की राज्यक्रांति की देन है ।
◆ “मैं ही राज्य हूँ और मेरे शब्द ही कानून हैं।” यह कथन है-लूई चौदहवाँ का ।
◆ वर्साय के शीशमहल का निर्माण लूई चौदहवाँ ने करवाया था ।
◆ वर्साय को फ्रांस की राजधानी लूई चौदहवाँ ने बनाया था ।
◆ लूई सोलहवाँ 1774 ई० में फ्रांस की गद्दी पर बैठा ।
◆ लूई सोलहवाँ की पत्नी मेरी एंत्वानेत आस्ट्रिया की राजकुमारी थी ।
◆ राष्ट्र की समाधि वर्साय की भड़कीला राजदरबार था ।
◆ लूई सोलहवाँ को देशद्रोह के अपराध में फाँसी दी गई ।
◆ टैले एक प्रकार का भूमि कर था ।
◆ फ्रांसीसी क्रांति में वाल्टेयर, मॉटेस्क्यू एवं रूसो ने सर्वाधिक योगदान किया।
◆ वाल्टेयर चर्च का विरोधी था ।.
◆ रूसो फ्रांस में प्रजातंत्रात्मक शासन पद्धति का समर्थक था ।
◆ “सौ चूहों की अपेक्षा एक सिंह का शासन उत्तम है” यह उक्ति वाल्टेयर की है ।
◆ सोशल कांट्रेक्ट रूसो की एवं लेटर्स ऑन इंगलिश वाल्टेयर की रचना है।
◆ ‘कानून की आत्मा’ की रचना माँटेस्क्यू ने की थी ।
◆ स्टेट्स जनरल के अधिवेशन की शुरूआत 5 मई, 1789 ई० में हुई थी ।
◆ माप-तौल की दशमलव प्रणाली फ्रांस की देन है ।
◆ सांस्कृतिक राष्ट्रीयता का जनक हर्डर को कहा जाता है ।
◆ नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त, 1769 ई० को कोर्सिका द्वीप की राजधानी अजासियो में हुआ था ।
◆ नेपोलियन के पिता का नाम कार्लो बोनापार्ट था ।
◆ नेपोलियन ने ब्रिटेन के सैनिक अकादमी में शिक्षा प्राप्त की।
◆ 1796 ई० में नेपोलियन ने इटली में आस्ट्रिया के प्रभुत्व को समाप्त किया ।
◆ फ्रांस में डायरेक्टरी के शासन का अन्त 1799 ई० में हुआ ।
◆ नेपोलियन 1799 ई० में प्रथम कॉन्सल बना और 1802 ई० में जीवनभर के लिए कॉन्सल बना ।
◆ 1804 ई० में नेपोलियन फ्रांस का सम्राट बना ।
◆ आधुनिक फ्रांस का निर्माता नेपोलियन को माना जाता है ।
◆ नेपोलियन ने ही सर्वप्रथम इंगलैंड को ‘बनियों का देश’ कहा था ।
◆ नेपोलियन ने पत्नी जोजेफाइन को तलाक देकर आस्ट्रिया की राजकुमारी मोरिया लूइसा से शादी की ।
◆ ट्राल्फगर का युद्ध 21 अक्टूबर, 1805 ई० में इंगलैंड एवं नेपोलियन के बीच हुआ ।
◆ नेपोलियन ने बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना 1800 ई० में की।
◆ नेपोलियन ने कानूनों का संग्रह तैयार करवाया, जिसे नेपोलियन का कोड कहा जाता है।
◆ नेपोलियन को नील नदी के युद्ध में अंग्रेजी जहाजी बेड़े के नायक नेल्सन के हाथों बुरी तरह पराजित होना पड़ा ।
◆ यूरोप के राष्ट्रों ने मिलकर 1813 ई० में नेपोलियन को लिपजिग नामक स्थान पर हरा दिया और उसे बन्दी बनाकर एल्बा के टापू पर भेज दिया गया; परन्तु वह एल्बा से भाग निकला और पुनः फ्रांस का सम्राट बना ।
◆ अन्ततः मित्रराष्ट्रों की सेना ने नेपोलियन को 18 जून, 1815 ई० को वाटरलू के युद्ध में पराजित कर बन्दी बना लिया और उसे सेंट हेलना द्वीप पर भेज दिया। वहाँ 1821 ई० में उसकी मृत्यु हो गयी । नेपोलियन लिट्ल कारपोरल के नाम से जाना जाता है ।
◆ नेपोलियन के पतन का कारण था, उसका रूस पर आक्रमण करना ।
◆ इंगलैंड के वाणिज्य एवं व्यापार का बहिष्कार करने के लिए नेपोलियन ने महाद्वीपीय व्यवस्था का सूत्रपात किया था ।
◆ विएना काँग्रेस समझौता के तहत यूरोप के राष्ट्रों ने 1815 ई० में फ्रांस के प्रभुत्व को समाप्त किया ।
◆ 19वीं सदी के पूर्वार्द्ध में इटली में 13 राज्य थे ।
◆ इटली के एकीकरण का जनक जोसेफ मेजिनी को माना जाता है ।
◆ मेजिनी का जन्म जेनेवा में हुआ था ।
◆ इटली के एकीकरण में सबसे बड़ा बाधक आस्ट्रिया था ।
◆ इटली के एकीकरण में सार्डिनिया पीडमौंट राज्य ने अगुआई की थी ।
◆ इटली की समस्या को काउण्ट काबूर ने अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बना दिया ।
◆ इटली के एकीकरण की तलवार गैरीबाल्डी को कहा जाता है ।
◆ इटली के एकीकरण का श्रेय मेजिनी, काऊण्ट काबूर और गैरीबाल्डी को दिया जाता है।
◆ ‘यंग इटली’ की स्थापना 1831 ई० में जोसेफ मेजिनी ने की ।
◆ गैरीबाल्डी ‘लाल कुरती’ नाम से सेना का संगठन किया था ।
◆ ‘कार्बोनरी सोसायटी’ का संस्थापक गिवर्टी था
◆ विक्टर एमैनुएल सार्डिनिया का शासक था ।
◆ इटली के एकीकरण की शुरुआत लोम्बार्डी और सार्डिनिया राज्यों के मेल से हुई ।
◆ इटली राष्ट्र का जन्म 2 अप्रैल, 1860 ई० को माना जाता है ।
◆ 1871 ई० में रोम को संयुक्त इटली का राजधानी घोषित किया गया ।
◆ ‘यदि समाज में क्रांति लानी हो तो क्रांति का नेतृत्व नवयुवकों के हाथ में दे दो ” यह कथन जोसेफ मेजिनी का है ।
◆ इटली का एकीकरण 1871 ई० में काऊण्ट काबूर ने किया ।
◆ इटली की एकता का जन्मदाता नेपोलियन था ।
5. जर्मनी का एकीकरण
◆ जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क ने किया । बिस्मार्क प्रशा के शासक विलियम प्रथम का प्रधानमंत्री था ।
◆ जर्मनी का सबसे शक्तिशाली राज्य प्रशा था ।
◆ बिस्मार्क जर्मनी का एकीकरण प्रशा के नेतृत्व में चाहता था ।
◆ विलियम को जर्मन संघ के सम्राट का ताज 8 फरवरी, 1871 ई० में पहनाया गया ।
◆ बिस्मार्क को सबसे अधिक भय फ्रांस से था ।
◆ जर्मनी में राष्ट्रीयता का संदेशवाहक नेपोलियन बोनापार्ट को माना जाता है ।
◆ जर्मनी के आर्थिक राष्ट्रवाद का पिता फ्रेडरिक लिस्ट को माना जाता है
◆ जर्मनी राष्ट्रीय सभा को डायट के नाम से जाना जाता था, यह फ्रैंकफर्ट में होती थी ।
◆ 1815 ई० से 1850 ई० के बीच जर्मन साम्राज्य पर आस्ट्रिया का आधिपत्य था ।
◆ आस्ट्रिया का चान्सलर मेटरनिख था ।
◆ एकीकृत जर्मन राष्ट्र के निर्माण में राके, बोमर, लसर इत्यादि दार्शनिकों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
◆ फ्रैंकफर्ट संविधान सभा का गठन मई, 1848 ई० में किया गया ।
◆ विलियम प्रथम के शासनकाल में प्रशा का रक्षामंत्री वानरून एवं सेनापति वान माल्टेक था ।
◆ 23 सितम्बर, 1862 ई० को बिस्मार्क प्रशा का चांसलर बना ।
◆ बिस्मार्क का जन्म 1 अप्रैल, 1815 ई० को ब्रेडनबर्ग में हुआ था ।
◆ विलियम प्रथम ने बिस्मार्क को बाजीगर कहा था ।
◆ सेरेजोवा का युद्ध में 1866 ई० में आस्ट्रिया ने प्रशा के आगे आत्मसमर्पण कर दिया ।
◆ 23 अगस्त, 1866 ई० के प्राग संधि के तहत आस्ट्रिया जर्मन संघ में शामिल हुआ ।
◆ फ्रांस एवं प्रशा के बीच सेडान का युद्ध 15 जुलाई, 1870 ई० को हुआ ।
◆ नेपोलियन तृतीय ने प्रशा के आगे 1 सितम्बर, 1870 को आत्मसमर्पण किया ।
◆ बिस्मार्क ने जर्मनी के सम्राट विलियम प्रथम का राज्याभिषेक वर्साय के राजमहल में किया ।
◆ फ्रैंकफर्ट की संधि 10 मई, 1871 ई० को फ्रांस और प्रशा के बीच हुई ।
◆ सूडान के युद्ध के बाद जर्मनी का एकीकरण संभव हो सका । क़े
6. रूसी क्रांति
◆ समाजवाद शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम राबर्ट ओवेन ने किया था । वह वेल्स का रहनेवाला था ।
◆ आदर्शवादी समाजवाद का प्रवक्ता राबर्ट ओवेन को माना जाता है ।
◆ वैज्ञानिक समाजवाद का संस्थापक कार्ल मार्क्स था । कार्ल मार्क्स जर्मनी का निवासी था ।
◆ कार्ल मार्क्स ने दास कैपिटल और कम्यूनिस्ट मैनीफेस्टो नामक पुस्तक लिखी है ।
◆ फ्रांसीसी साम्यवाद का जनक सेंट साइमन को माना जाता है ।
◆ फेबियन सोशलिज्म का नेतृत्व जार्ज बर्नाड शॉ ने किया ।
◆ लदन में फेबियन सोसायटी की स्थापना 1884 ई० में हुई ।
◆ ‘दुनिया के मज़दूरों एक हो’ का नारा कार्ल मार्क्स ने दिया ।
◆ रूस के शासक को ‘जार’ कहा जाता था । यह जारशाही व्यवस्था मार्च, 1971 ई० में समाप्त हुई ।
◆ जार मुक्तिदाता के नाम से अलेक्जेंडर द्वितीय को जाना जाता है ।
◆ रूस का अंतिम जार शासक जार निकोलस द्वितीय था ।
◆ 1917 ई० में हुई रूसी क्रांति का तात्कालिक कारण प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराजय थी ।
◆ 7 नवम्बर, 1917 ई० की वोल्शेविक क्रांति का नेता लेनिन था ।
◆ लेनिन ने चेका का संगठन किया था ।
◆ लाल सेना का संगठन ट्राटस्की ने किया था ।
◆ रूस के जार शासक अलेक्जेंडर द्वितीय की हत्या बम विस्फोट में हुई ।
◆ एक जार, एक चर्च और एक रूस का नारा जार निकोलस द्वितीय ने दिया था ।
◆ रूस में सबसे अधिक जनसंख्या स्लाव लोगों की थी ।
◆ अन्ना कैरेनिना के लेखक लियो टाल्सटाय थे ।
◆ शून्यवाद का जनक तुर्गनेव को माना जाता है।
◆ रूसी साम्यवाद का जनक प्लेखानोव को माना जाता है ।
◆ सोशल डेमोक्रेटिक दल की स्थापना 1903 ई० में रूस में हुई ।
◆ यह दल दो गुटों में विभाजित था वोल्शेविक और मेन्शेविक ।
◆ वोल्शेविक का अर्थ ‘बहुसंख्यक’ एवं मेन्शेविक का अर्थ ‘अल्पसंख्यक’ होता है ।
◆ वोल्शेविक दल का नेता लेनिन था
◆ 16 अप्रैल, 1917 ई० में लेनिन ने रूस में क्रांतिकारी योजना प्रकाशित की, जो ‘अप्रैल थीसिस’ के नाम से जानी जाती है ।
◆ 1921 ई० में लेनिन ने रूस में नई आर्थिक नीति लागू की ।
◆ आधुनिक रूस का निर्माता स्टालिन को माना जाता है ।
◆ लेनिन की मृत्यु 1924 ई० में हो गयी ।
◆ ‘राइट्स ऑफ मैन’ का लेखक टॉमस पेन है ।
◆ ‘मदर’ की रचना मैक्सिम गोर्की ने की ।
◆ स्थायी क्रांति के सिद्धांत का प्रवर्तक ट्राटस्की था ।
◆ प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लेनिन का नारा था ‘युद्ध का अन्त करो’ ।
◆ कार्ल मार्क्स का आजीवन साथी रहा—फ्रेडरिक एंजेल्स ।
7. औद्योगिक क्रांति
◆ औद्योगिक क्रांति की शुरुआत इंगलैंड में हुई, क्योंकि इंगलैंड के पारा उपनिवेशों के कारण कच्चे माल और पूँजी की अधिकता थी ।
◆ इंगलैंड में औद्योगिक क्रांति की शुरूआत सूती कपड़ा उद्योग से हुई
◆ सबसे पहले स्कॉटलैंड के मैकेडम नामक व्यक्ति ने पक्की सड़कें बनाने की विधि निकाली ।
◆ 1761 ई० में ब्रिडले नामक इंजीनियर ने मैनचेस्टर से वर्सले तक नहर बनायी ।
◆ 1814 ई० में जॉर्ज स्टीफेंसन ने रेल द्वारा खानों से बन्दरगाहों तक कोयला ले जाने के लिए भाप इंजन का प्रयोग किया । –
◆ औद्योगिक क्रांति की दौड़ में जर्मनी इंगलैंड का प्रतिद्वन्द्वी था ।
8. इंगलैंड में क्रांति
◆ इंगलैंड में गृह युद्ध चार्ल्स प्रथम के शासनकाल में 1642 ई० में हुआ ।
◆ इंगलैंड में गौरवपूर्ण क्रांति 1688 ई० में हुई । उस समय इंगलैंड का शासक जेम्स द्वितीय था ।
◆ सौ वर्षीय युद्ध इंगलैंड एवं फ्रांस के बीच हुआ था ।
◆ गुलाबों का युद्ध इंगलैंड में हुआ ।
◆ इंगलैंड के सामन्तों ने राजा जॉन को सन् 1215 ई० में एक अधिकार पत्र पर हस्ताक्षर करने को मजबूर किया । इस अधिकार पत्र को मैग्नाकार्टा कहा जाता है । यह सर्वसाधारण के अधिकारों का घोषणा-पत्र था ।
◆ ट्यूडर वंश के शक्तिशाली राजाओं के शासनकाल में संसद उनके हाथों की कठपुतली बनी रही ।
◆ एलिजाबेथ प्रथम का संबंध ट्यूडर वंश से था ।
◆ इंगलैंड में गृह युद्ध सात वर्षों तक चला ।
◆ इंगलैंड के राजा चार्ल्स प्रथम को फाँसी की सजा दी गयी ।
◆ गृह युद्ध के दौरान राजा के समर्थकों को कैवेलियर कहा गया था और संसद के समर्थकों को राउंडहेड्स कहा गया ।
9. प्रथम विश्वयुद्धं
◆ प्रथम विश्व युद्ध की शुरूआत 28 जुलाई, 1914 ई० को हुई । यह चार वर्षों तक चला । इसमें 37 देशों ने भाग लिया ।
◆ प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण आस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिनेंड की बोस्निया की राजधानी सेराजेवो में हत्या थी ।
◆ प्रथम विश्वयुद्ध में सम्पूर्ण विश्व दो खेमों में बँट गया— मित्रराष्ट्र एवं धुरी राष्ट्र |
◆ धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी ने किया। इसमें शामिल अन्य देश थे— आस्ट्रिया, हंगरी और इटली आदि ।
◆ मित्रराष्ट्रों में इंगलैंड, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस एवं फ्रांस शामिल था ।
◆ गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक बिस्मार्क था ।
◆ आस्ट्रिया, जर्मनी एवं इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण 1882 ई० में हुआ।
◆ सर्बिया की गुप्त क्रांतिकारी संस्था थी— काला हाथ
◆ रूस-जापान युद्ध (1904-05 ई०) का अन्त अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट की मध्यस्थता से हुआ ।
◆ मोरक्को संकट 1906 ई० में पैदा हुआ ।
◆ प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी ने रूस पर आक्रमण 1 अगस्त, 1914 ई० में एवं फ्रांस . पर आक्रमण 3 अगस्त, 1914 ई० में किया ।
◆ 8 अगस्त, 1914 को इंगलैंड प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ ।
◆ 26 अप्रैल, 1915 ई० को इटली मित्रराष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ ।
◆ प्रथम विश्वयुद्ध के समय अमेरिका का राष्ट्रपति वुडरो विल्सन था ।
◆ अमेरिका 6 अप्रैल, 1917 ई० को प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ ।
◆ जर्मनी के यू-बोट द्वारा इंगलैंड के लूसीतानिया नामक जहाज को डुबाने के बाद अमेरिका प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ, क्योंकि उस जहाज पर मरनेवाले 1153 व्यक्तियों में 128 व्यक्ति अमेरिकी थे ।
◆ प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति 11 नवम्बर, 1918 ई० को हुई ।
◆ 18 जून, 1919 ई० को पेरिस शांति सम्मेलन हुआ, जिसमें 27 देश भाग ले रहे थे, मगर शांति-संधियों की शर्तें केवल तीन देश–ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका तय कर रहे थे ।
◆ पेरिस शांति सम्मेलन में शांति-संधियों की शर्तें निर्धारित करने में जिन राष्ट्राध्यक्षों ने मुख्य भुमिका निभाई, वे थे— अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लॉयड जार्ज और फ्रांस के प्रधानमंत्री जॉर्ज क्लेमेसो ।
◆ वर्साय की संधि 28 जून, 1919 ई० को जर्मनी के साथ हुई ।
◆ युद्ध के हर्जाने के रूप में जर्मनी से 6 अरब 50 करोड़ पौंड की राशि की माँग की गयी ।
◆ अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रथम विश्वयुद्ध का सबसे बड़ा योगदान राष्ट्रसंघ की स्थापना थी ।
◆ प्रथम विश्व युद्ध के दौरान होनेवाली वर्साय की संधि में द्वितीय विश्व युद्ध का बीजारोपण हुआ ।
10. चीनी क्रांति
◆ मंचू राजवंश का पतन 1911 ई० में हुआ ।
◆ 1911 ई० में हुई चीनी क्रांति का नायक सनयात सेन था ।
◆ 1905 ई० में सनयात सेन ने तुंग-मेंग दल की स्थापना की, जिसका उद्देश्य चीन में मंचू वंश के शासन को समाप्त करना था ।
◆ क्रांतिकारियों ने 29 दिसम्बर, 1911 ई० में सनयात सेन को अपनी सरकार का अध्यक्ष चुना ।
◆ कोवीनेड लीग सोसायटी का संस्थापक सनयात सेन था ।
◆ 1911 ई० की क्रांति के बाद चीन में गणतंत्र शासन पद्धति की स्थापना हुई ।
◆ दुआन शीह काई के समर्थन में सनयात सेन ने अपना नेतृत्व वापस ले लिया ।
◆ 1912 ई० में सनयात सेन ने कुओमिनतांग पार्टी की स्थापना की। इस पार्टी के पुनर्गठन के लिए सेन ने माइकेल बोरोदिन को आमंत्रित किया ।
◆ डॉ० सनयात सेन ने अपनी सेना के संगठन के लिए जनरल गैलेन को चुना।
◆ डॉ० सनयात सेन के तीन सिद्धान्त थे – राष्ट्रवाद, लोकतंत्रवाद और सामाजिक न्याय ।
◆ डॉ० सनयात सेन को चीन का राष्ट्रपिता कहा जाता है ।
◆ डॉ० सनयात सेन की मृत्यु 1925 ई० में हो गयी ।
◆ डॉ० सनयात सेन की मृत्यु के बाद च्यांग काई शेक ने 1926 ई० में कुओमिनतांग पार्टी का नेतृत्व संभाला ।
◆ 1927 ई० में कुओमिनतांग पार्टी से साम्यवादी लोग अलग हुए ।
◆ चीन में गृह युद्ध 1928 ई० में शुरू हुआ ।
◆ 1925 ई० को हूनान के विशाल किसान आन्दोलन का नेतृत्व माओत्से तुंग ने किया ।
◆ माओत्से तुंग का जन्म 1893 ई० में हुनान में हुआ था ।
◆ च्यांग काई शेक ने केन्द्रीय सरकार की सत्ता नानकिंग में सँभाली ।
◆ च्यांग काई शेक ने अपनी सरकार की स्थापना फारमोसा में की।
◆ साम्यवादियों के दमन करने के लिए च्यांग काई शेक ने ब्लूशर्ट आतंकवादी दल का गठन किया ।
◆ माओत्से तुंग के नेतृत्व में 1 अक्टूबर, 1949 ई० में जनवादी गणराज्य की स्थापना चीन में की गई ।
◆ चीनी साम्यवादी गणतंत्र का प्रथम अध्यक्ष माओत्से तुंग था ।
◆ चीनी जनवादी गणराज्य का प्रथम प्रधानमंत्री चाऊ – एन-लाई था ।
◆ चीन के जनवादी गणराज्य की राजधानी हूनान था ।
◆ खुले द्वार की नीति चीन में अपनाई गयी थी ।
◆ चीन के द्वार खोलने का श्रेय ब्रिटेन को दिया जाता है ।
◆ खुले द्वार की नीति का प्रतिपादक जॉन हे था ।
◆ चीन ‘एशिया का मरीज’ के नाम से जाना गया ।
◆ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना 1921 ई० में हुई ।
11. तुर्की
◆ तुर्की को ‘यूरोप का मरीज’ कहा जाता था ।
◆ पान इस्लालिज्म का नारा अब्दुल हमीद द्वितीय ने दिया था ।
◆ युवा तुर्क आन्दोलन की शुरूआत अब्दुल हमीद द्वितीय के शासनकाल में 1908 ई० में हुई ।
◆ प्रथम विश्वयुद्ध के बाद तुर्की के साथ भीषण अपमानजनक संधि सेब्र की संधि 10 अगस्त 1920 ई० को की गयी । मुस्तफा कमालपाशा ने इसे मानने से इंकार कर दिया ।
◆ आधुनिक तुर्की का निर्माता मुस्तफा कमाल पाशा को माना जाता है । इसे ‘अतातुर्क’ (तुर्की का पिता) के उपनाम से भी जाना जाता है ।
◆ मुस्तफा कमाल पाशा का जन्म 1891 ई० में सेलेनिका में हुआ था ।
◆ तुर्की में एकता और प्रगति समिति का गठन 1889 ई० में हुआ ।
◆ प्रारंभ में कमाल पाशा एकता और प्रगति समिति के प्रभाव में आया ।
◆ एक सेनापति के रूप में कमाल पाशा ने गल्लीपोती युद्ध में शानदार सफलता हासिल की। इसके बाद 1919 ई० में कमाल पाशा ने सैनिक पद से इस्तीफा दे दियां ।
◆ 1919 ई० के अखिल तुर्क काँग्रेस के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता मुस्तफा कमाल पाशा ने की।
◆ 1923 ई० में तुर्की एवं यूनान के बीच में लोजान की संधि हुई ।
◆ 23 अक्टूबर, 1923 ई० को तुर्की गणतंत्र की घोषणा हुई ।
◆ कमाल पाशा ने तुर्की में 3 मार्च, 1929 ई० को खिलाफत को समाप्त कर दिया ।
◆ 20 अप्रैल, 1924 ई० को तुर्की में नये संविधान की घोषणा हुई ।
◆ तुर्की के नए गणतंत्र का राष्ट्रपति मुस्तफा कमाल पाशा हुआ ।
◆ रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी का संस्थापक मुस्तफा कमाल पाशा था ।
◆ मुस्तफा कमाल पाशा द्वारा किए गए महत्त्वपूर्ण कार्य निम्न था –
(i) 1932 ई० में तुर्की भाषा परिषद् की स्थापना
(ii)1933 ई० में तुर्की में प्रथम पंचवर्षीय योजना का लागू होना
(iii) 1924 ई० में तुर्की को धर्मनिरपेक्ष राज्य की घोषणा ।
(iv) इस्ताबुल में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना
(v) ग्रेगोरियन कैलेंडर का प्रचलन (26 दिसम्बर, 1925 ई० से लागू)
◆ इस्ताम्बुल का पुराना नाम कुस्तुनतुनिया था ।
◆ 25 नवम्बर, 1925 ई० को तुर्की में टोपी और औरतों को बुरका पहनने पर कानूनी प्रतिबंध लगाया गया ।
◆ कमाल पाशा की मृत्यु 1938 ई० में हो गयी ।
12. इटली में फासिस्टों का उदय
◆ फासिज्म का उदय सर्वप्रथम इटली में हुआ । इसका जन्मदाता मुसोलिनी को माना जाता है।
◆ मुसोलिनी का जन्म 1883 ई० में रोमाग्ना में हुआ था ।
◆ मुसोलिनी के दल का नाम फासिस्टवाद था । इसकी स्थापना मिलान में की गयी थी ।
◆ ड्यूस के नाम से मुसोलिनी को पुकारा जाता था ।
◆ फासीवादी राष्ट्रवाद का समर्थन करते थे ।
◆ फासीवादी दल के स्वयंसेवक काली कमीज पहनते थे ।
◆ मुसोलिनी ने डियाज को सेना का अधिकारी नियुक्त किया ।
◆ मुसोलिनी द्वारा बनाए गए निगमों की संख्या 22 थी ।
◆ राष्ट्रपति निगम परिषद् का अध्यक्ष मुसोलिनी था, जिसकी सदस्यों की संख्या 500 थी ।
◆ ग्रैण्ड कौंसिल ऑफ फासिस्ट पार्टी के सदस्यों की संख्या 25 थी ।
◆ मुसोलिनी ने अक्टूबर 1922 ई० में रोम पर और 1935 ई० में अबीसीनिया पर आक्रमण किया ।
◆ जापान एवं जर्मनी के साथ मुसोलिनी ने रोम-बर्लिन- टोकियो धुरी का निर्माण 1936 ई० में किया ।
◆ मुसोलिनी ने 10 जून, 1939 ई० को द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्रराष्ट्रों के विरूद्ध युद्ध की घोषणा की ।
◆ इटली में फासीवाद का अन्त 28 अप्रैल, 1945 ई० को माना जाता है ।
13. जर्मनी में नाजीवाद का उदय
◆ जर्मनी ने नाजी दल का उत्थान हिटलर के नेतृत्व में हुआ ।
◆ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल, 1889 ई० को वॉन में हुआ ।
◆ जर्मन सम्राट कैंसर विलियम द्वितीय ने 10 नवम्बर, 1918 ई० को अपने पद से इस्तीफा दे दिया ।
◆ 1920 ई० में हिटलर ने नेशनल सोशलिस्ट पार्टी या नाजी दल की स्थापना की ।
◆ जर्मन वर्क्स पार्टी का संस्थापक हिटलर था ।
◆ 1933 ई० में हिटलर जर्मनी का प्रधानमंत्री बना । उस समय राष्ट्रपति हिण्डेनवर्ग था ।
◆ .’एक राष्ट्र एक नेता’ का नारा हिटलर ने दिया ।
◆ हिटलर की आत्मकथा का नाम My Kemf (मेरा संघर्ष ) है ।
◆ नाजी दल का प्रचार कार्य गोयबल्स संभालता था ।
◆ जर्मन सुरक्षा परिषद् की स्थापना 4 अप्रैल, 1933 ई० में हुई ।
◆ ‘हिटलर ने 16 मार्च 1935 ई० में जर्मनी में पुनः शस्त्रीकरण की घोषणा की ।
◆ हिटलर ने 1 सितम्बर, 1939 ई० को पौलेंड पर आक्रमण किया ।
◆ हिटलर की विस्तारवादी नीति का पहला शिकार आस्ट्रिया हुआ ।
◆ एडोल्फ हिटलर के लिए शामी विरोधी नीति का अर्थ था- यहूदी विरोधी नीति ।
◆ हिटलर ने 30 अप्रैल, 1945 ई० को आत्महत्या की ।
14. जापानी साम्राज्यवाद
◆ जापान के साम्राज्यवाद का सबसे पहला शिकार चीन हुआ ।
◆ 1863 ई० में एक अमेरिकी नाविक पेरी ने बल प्रयोग कर जापान का द्वार अमेरिकी व्यापार के लिए खोला ।
◆ जापान में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत मूतसुहीतों ने की ।
◆ 1872 ई० में जापान में सैनिक सेवा अनिवार्य कर दी गई ।
◆ 1905 ई० में जापान ने रूस को हराया ।
◆ जापान-रूस युद्ध की समाप्ति 5 सितम्बर, 1905 को पार्ट्समाऊथ की संधि के द्वारा हुई ।
◆ जापान ने 1931 ई० में अपनी साम्राज्यवादी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए मंचूरिया पर आक्रमण किया ।
◆ 20 मार्च, 1933 ई० को जापान ने राष्ट्रसंघ की सदस्यता त्याग दी ।
◆ पीत आतंक से जापान को संबोधित किया जाता था ।
◆ द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान ने धुरी राष्ट्र का साथ दिया था ।
◆ अमेरिका ने जापान पर पहला अणु बम 6 अगस्त, 1945 ई० को हिरोशिमा पर गिराया था ।
◆ द्वितीय विश्वयुद्ध में 10 सितम्बर, 1945 ई० को जापान ने आत्मसमर्पण किया ।
◆ हिरोशिमा और नागासाकी पर अणु बम गिराए जाने के कारण जापान ने द्वितीय विश्वयुद्ध में आत्मसमर्पण किया था ।
15. द्वितीय विश्वयुद्ध
◆ द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरूआत 1 सितम्बर, 1939 ई० को हुई। यह 6 वर्षों तक लड़ा गया । इसका अन्त 2 सितम्बर, 1945 ई० को हुआ । इसमें 61 देशों ने भाग लिया ।
◆ द्वितीय विश्वयुद्ध का तात्कालिक कारण जर्मनी का पौलेंड पर आक्रमण था ।
◆ द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मन जनरल रोम्मेल का नाम डेजर्ट फॉक्स रखा गया था ।
◆ म्यूनिख पैक्ट सितम्बर, 1938 ई० में सम्पन्न हुआ।
◆ जर्मनी ने वर्साय की संधि का उल्लंघन 1935 ई० में किया ।
◆ स्पेन में गृह युद्ध 1936 ई० में शुरू हुआ ।
◆ संयुक्त रूप से इटली एवं जर्मनी का पहला शिकार स्पेन था।
◆ जर्मनी द्वारा सोवियत संघ पर आक्रमण करने की एक योजना को ऑपरेशन बारबोसा कहा गया ।
◆ 23 अगस्त, 1939 ई० को जर्मनी – रूस आक्रमण समझौते पर हस्ताक्षर हुए । जर्मनी ने रूस पर समझौता उल्लंघन का आरोप लगाकर उस पर जून 1941 ई० में आक्रमण कर दिया ।
◆ जर्मनी की ओर से द्वितीय विश्वयुद्ध में 10 जून, 1940 ई० को इटली ने प्रवेश किया ।
◆ अमेरिका का द्वितीय विश्वयुद्ध में प्रवेश 8 सितम्बर, 1941 ई० को हुआ ।
◆ द्वितीय विश्वयुद्ध के समय इंगलैंड का प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल एवं अमेरिका का राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी० रूजवेल्ट था ।
◆ इंगलैंड की शानदार अलगाववाद की नीति का विचारक सेलिसेवरी था ।
◆ वर्साय की संधि को आरोपित संधि के नाम से जाना जाता 2 45 है ।
◆ द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी की पराजय का श्रेय रूस को दिया जाता है ।
◆ द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने 6 अगस्त, 1945 ई० को जापान पर अणुबम का प्रयोग किया ।
◆ द्वितीय विश्वयुद्ध में मित्रराष्ट्रों द्वारा पराजित होनेवाला अंतिम देश जापान था ।
◆ अमेरिका ने हिरोशिमा पर फैटमैन तथा नागासाकी पर लिट्ल बॉय नामक एटम बम जो 100 मेगावाट का था गिराया ।
◆ अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में द्वितीय विश्वयुद्ध का सबसे बड़ा योगदान संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here