आज से बाइक टैक्सी सेवा बंद, कोर्ट के फैसले के बाद रैपिडो का बड़ा ऐलान

Bike Taxi Ban: कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के बाद 16 जून 2025 से राज्य में बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लागू हो गया है.कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जब तक राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम के तहत बाइक टैक्सी सेवाओं को नियमित करने के लिए स्पष्ट नियम नहीं बनाती, तब तक इन सेवाओं का संचालन नहीं किया जा सकता.

रैपिडो ने हटाया ‘बाइक टैक्सी’ विकल्प, अब ‘पार्सल सेवा’ शुरू

मनीकंट्रोल की स्पॉट जांच में सामने आया कि रैपिडो (Rapido) ने अपने ऐप से “बाइक टैक्सी” का विकल्प हटा दिया है और उसकी जगह “बाइक पार्सल” सेवा जोड़ दी है.ऐप पर एक संदेश भी दिख रहा है. “16 जून 2025 से, हमारे बाइक टैक्सी सेवा को कर्नाटक में हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में अस्थायी रूप से रोक दिया गया है.” रैपिडो ने बयान में कहा, “हमें बाइक टैक्सी की सुविधा पर गर्व है, लेकिन हम न्यायालय का सम्मान करते हैं और उसके आदेशों का पूरी तरह पालन करेंगे.हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में यह सेवा दोबारा शुरू की जा सकेगी.”

ओला और उबर पर अब भी दिखाई दे रहा विकल्प

हालांकि रैपिडो ने सेवा रोक दी है, लेकिन ओला और उबर जैसे ऐप्स पर बाइक टैक्सी का विकल्प अब भी मौजूद है, हालांकि प्रतीक्षा समय (वेटिंग टाइम) अधिक दिख रहा है.दोनों कंपनियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, “हमने कोर्ट में अपना पक्ष साफ तौर पर रखा है और हम आदेश का पालन करते हुए सख्ती से इस पर कार्रवाई करेंगे.” परिवहन विभाग ने कहा है कि जो भी कंपनियाँ इस प्रतिबंध का उल्लंघन करेंगी, उन पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

Namma Bike Taxi Association ने जताई चिंता

इस फैसले के विरोध में नम्मा बाइक टैक्सी एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखा है और इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.संगठन ने चेतावनी दी है कि इस बैन से राज्य भर के हजारों गिग वर्कर्स की रोज़ी-रोटी पर संकट आ जाएगा. राज्य के श्रम मंत्री संतोष लाड ने मनीकंट्रोल से कहा, “हमें अभी तक बाइक टैक्सी एसोसिएशन से कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है.वैसे भी इस मामले में निर्णय परिवहन विभाग का होता है, श्रम विभाग की भूमिका इसमें नहीं है.”

केस की अगली सुनवाई 24 जून को

बाइक टैक्सी कंपनियों ओला और उबर ने इस बैन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.एकल न्यायाधीश की 2 अप्रैल की उस व्यवस्था को चुनौती दी गई है जिसमें नियमों की अनुपस्थिति के आधार पर सेवा पर रोक लगाई गई थी.इस मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी.

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