अम्ल, क्षारक एवं लवण Acid, Base and Salt
अम्ल, क्षारक एवं लवण Acid, Base and Salt
अम्ल
♦ अम्ल ऐसे यौगिक पदार्थ होते हैं, जिनमें हाइड्रोजन प्रतिस्थाप्य के रूप में रहता है।
♦ विलयन में H+ (aq) आयन के निर्माण के कारण ही पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है।
♦ जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तब हाइड्रोजन का उत्सर्जन होता है, साथ ही संगत लवण का निर्माण होता है।
♦ जब अम्ल किसी धातु कार्बोनेट या धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट से अभिक्रिया करता है तो यह संगत लवण कार्बन डाइऑक्साइड गैस एवं जल उत्पन्न करता है।
♦ अम्ल का जलीय विलयन नीले लिटमस को लाल कर देता है।
♦ अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं।
♦ खट्टे दूध में लैक्टिक अम्ल पाया जाता है।
♦ सिरके एवं आचार में एसीटिक अम्ल होता है।
♦ नींबू एवं सन्तरे में साइट्रिक अम्ल होता है।
♦ नाइट्रिक अम्ल का उपयोग सोने एवं चाँदी के शुद्धिकरण में किया जाता है।
♦ कपड़े से जंग के धब्बे हटाने के लिए ऑक्जैलिक अम्ल का प्रयोग होता है।
♦ 3:1 के अनुपात में सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सान्द्र नाइट्रिक अम्ल का ताजा मिश्रण ‘अम्लराज’ (Aqua regia) कहलाता है। यह सोने एवं प्लेटिनम को गलाने में समर्थ होता है।
भस्म या क्षारक
♦ भस्म या क्षारक ऐसा यौगिक है जो अम्ल से प्रतिक्रिया कर लवण एवं जल देता है।
♦ जब भस्म किसी धातु से अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस के उत्सर्जन के साथ एक लवण का निर्माण होता है। जिसका ऋण आयन एक धातु एवं ऑक्सीजन के परमाणुओं से संयुक्त रूप से निर्मित होता है।
♦ जल में क्षारकीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं, क्योंकि ये हाइड्रॉक्साइड आयन का निर्माण करते हैं।
♦ भस्म दो प्रकार के होते हैं— जल में विलेय भस्म एवं जल में अविलेय भस्म ।
♦ जल में विलेय भस्म को ‘क्षार’ कहा जाता है। यह लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है तथा स्वाद में कड़वा होता है, जैसे-पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड, सोडियम हाइड्रॉक्साइड आदि ।
♦ जल में अविलेय भस्म, अम्ल के साथ प्रतिक्रिया कर लवण एवं जल बनाते हैं, किन्तु क्षार के अन्य गुण प्रदर्शित नहीं करते, जैसे- कॉपर हाइड्रॉक्साइड।
♦ कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड ऐसा भस्म है, जिसका उपयोग घरों में चूना पोतने में, ब्लीचिंग पाउडर बनाने में, जल को मृदु बनाने में तथा चमड़े के ऊपर के बाल साफ करने में किया जाता है।
♦ कास्टिक सोडा या सोडियम हाइड्रॉक्साइड भी एक भस्म है। इसका उपयोग साबुन बनाने में, दवा बनाने में, पेट्रोलियम साफ करने में एवं कपड़ा व कागज बनाने में किया जाता हैं।
♦ मिल्क ऑफ मैग्नेशिया या मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड नामक भस्म का उपयोग पेट की अम्लीयता को दूर करने में किया जाता है।
क्या होता है लिटमस-पत्र ?
लिटमस पत्र एक प्राकृतिक सूचक होता है, जिसे थैलोफाइटा समूह के लाइकेन (lichen) नामक पौधे से प्राप्त किया जाता है। लिटमस विलयन जब न तो अम्लीय होता है न ही क्षारकीय, तब यह बैंगनी रंग का होता है।
pH स्केल क्या है?
♦ किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल विकसित किया गया, जिसे pH स्केल कहते हैं।
♦ इस pH में p अक्षर जर्मन भाषा के शब्द Potz से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है ‘शक्ति’ । इस pH स्केल से सामान्यत: शून्य से चौदह तक pH को ज्ञात किया जा सकता है।
♦ pH स्केल का उपयोग अम्ल या क्षारक की प्रबलता की जाँच में होता है।
♦ किसी विलयन के pH का मान 7 से जितना कम होगा, उसकी अम्लीयता उतनी ही अधिक होगी तथा किसी विलयन के pH का मान 7 से जितना अधिक होगा, उसकी क्षारीयता उतनी ही कम होगी। एक उदासीन विलयन के pH का मान 7 होता है।
♦ हमारा शरीर 7.0 से 7.8pH परास के बीच कार्य करता है। वर्षा के जल का pH मान जब 5.6 से कम हो जाता है तो वह ‘अम्लीय वर्षा’ कहलाती है।
♦ समुद्री जीवों में उपापचय की क्रिया pH की एक इष्टतम सीमा में होती है।
♦ मुँह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का क्षय प्रारम्भ हो जाता है।
♦ जीवित प्राणी केवल संकीर्ण pH परास में ही जीवित रह सकता है।
कुछ सामान्य पदार्थों के pH मान
लवण
♦ अम्ल एवं भस्म की अभिक्रिया के फलस्वरूप लवण का निर्माण होता है।
♦ प्रबल अम्ल एवं प्रबल भस्म से निर्मित लवण का pH मान 7 होता है तथा ये उदासीन होते हैं।
♦ जब प्रबल अम्ल एवं दुर्बल भस्म के लवण के pH का मान 7 से कम होता है तो ये ‘अम्लीय’ होते हैं।
♦ जब प्रबल भस्म एवं दुर्बल अम्ल के लवण के pH का मान 7 से अधिक होता है तो ये ‘क्षारकीय’ होते हैं।
♦ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन की अभिक्रिया से उत्पन्न लवण ‘सोडियम क्लोराइड’ (साधारण नमक) का उपयोग हम भोजन में करते हैं।
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