संघवाद

संघवाद

अध्याय का सार

सत्ता में भागीदार का एक रूप संघवादी व्यवस्था में देखा जा सकता है। संघवाद शासन की वह व्यवस्था है जहाँ शासक-कार्यों की बाँट के आधार पर एक ओर संघीय (इसे केन्द्रीय व राष्ट्रीय) सरकार तथा दूसरी ओर प्रान्तों (इन्हें राज्यों व इकाईयों) की सरकारों की व्यवस्था की जाती है तथा उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में अपने-अपने मामलों पर बनाने व प्रशासन का अधिकार प्राप्त – होता है। शासन कार्यों की बाँट प्रायः संविधान द्वारा की जाती है जिसके अनुरूप संघीय व प्रान्तीय सरकारें अपने-अपने क्षेत्राधि कार में कार्य करती हैं। ऐसे संविधान में बदलाव दोनों प्रकार की सरकारों की सहमति पर ही होता है : सर्वोच्च संविधान होता है। सरकार में स्थापित न्यायालय समस्त संघीय व संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करते हैं। .

संघ व्यवस्था-केन्द्रोन्मुखी-जब स्वतंत्र व प्रभुसत्ता सम्पन्न राज्य अपने प्रभुसत्ता त्याग अपने ऊपर संघीय सरकार की स्थापना करते हैं। केन्द्र विमुख-जब कोई बड़ी व एकात्मक सरकार अपने आपको कुछ राज्यों में विभक्त कर संघीय सरकार बनाती है तरीकों से बनायी जाती है। पहले तरीके में प्रान्तों की सरकारें दूसरे तरीके द्वारा बनी प्रान्तीय सरकारों से अधिक शक्तिशाली होती हैं।
संघीय व्यवस्था की विशेषताओं में निम्नलिखित का उल्लेख किया जा सकता है:

  1. दो अथवा दो से अधिक वाले सरकार-स्तरों का होना;
  2. अलग-अलग सरकार एक ही नागरिक समूह पर शासन करते हैं, परन्तु प्रत्येक सरकार अपने-अपने क्षेत्र में;
  3. सरकारों का अधिकार-क्षेत्र संविधान द्वारा स्पष्ट किया जाता है;
  4. संविधान में बदलाव सभी प्रकार के स्तरों पर बनी सरकारों की अनुमति से होता है;
  5. न्यायालयों के पास अधिकार-क्षेत्र की व्यवस्था की शक्ति होती है।
  6. वित्तीय स्वायतता हेतु प्रत्येक प्रकार की सरकार को कर लगाने की शक्ति प्राप्त होती है।
  7. देश की एकता व सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय विविध ताओं का सम्मान।

भारत में संघीय व्यवस्था को लागू करने हेतु सभी प्रयास किए गए है। स्वतंत्रता पश्चात विभिन्न प्रकार के राज्यों का संघ-राज्यों में बनते-संवरते सम्बन्धों ने भारत की संघीय व्यवस्था भाषायी आधार पर गठन किया गया। संघीय व्यवस्था इसके को सुदृढ़ किया है। संघ शासन के तीन स्तर-केन्द्र, राज्य व व्यवस्थित संचालन हेतु भाषा-नीति व परिस्थितियों के अनुसार स्थानीय इकाईयाँ-अपने-अपने क्षेत्र में सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं।

जानने योग्य शब्द तथा तथ्य एवं उनके भाव ।

गठबन्धन सरकार: एक से अधिक राजनीतिक दलों द्वारा बनायी गयी सरकार। ऐसी सरकार एक राजनीतिक गठजोड़ बनाती है तथा कोई साझाा कार्यक्रम स्वीकार करती है।
संघवाद : एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था जहाँ शासन हेतु शासक-कार्यों की बाँट के फलस्वरूप एक ओर संघीय सरकार बनायी जाती है तथा दूसरी ओर इकाईयों
की सरकारें बनायी जाती हैं।
संघवाद के उदाहरण : भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, स्विटज़रलैंड, कनाडा.
एकात्मक सरकार : वह सरकार जहाँ शासन-शक्तियाँ एक केन्द्रीय सरकार में निहित होती हैं।
एकात्मक सरकार के उदाहरण : श्रीलंका, चीन, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन
विकेन्द्रीकरण : शक्तियों की बाँट
केन्द्रविमुख : किसी बड़े राज्य का अपना एकात्मक रूप छोड़ कुछेक अधीन राज्यों के निर्माण द्वारा संघ-शासन बनाना।

भारत में संघीय शासन के स्तर :

(i) केन्द्रीय, संघीय अथवा राष्ट्रीय सरकार
(ii) प्रान्तीय, राज्य इकाईयों की सरकारें
(iii) स्थानीय सरकारें : पंचायतें व इकाईयाँ :
संसार में संघीय शासनों की संख्या : 192 में 25 राज्य संघीय शासन हैं जिनकी जनसंख्या संसार की आबादी का 40 प्रतिशत

संघवाद Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
भारत की शासन-व्यवस्था को क्या नाम दिया जाए; एकात्मक, संघात्मक अथवा केन्द्रीकृत। (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 14)
उत्तर-
संघात्मक।

प्रश्न 2.
संघीय व्यवस्था जब सिर्फ बड़े देशों के अनुकूल है तो बेल्जियम ने इसे क्यों अपनाया? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 15)
उत्तर-
बेल्जियम एक छोटा देश है। परन्तु जातीय समूहों में एकता बनाए रखने के लिए वहाँ संघात्मक व्यवस्था अपनायी गयी है।

प्रश्न 3.
क्या यह कुछ अजीब बात नहीं है? क्या हमारे संविधान निर्माताओं को मालूम नहीं था कि संघीय व्यवस्था क्या होती है या वे इसके बारे में कहने से बचना चाहते थे? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ 16)
उत्तर-
वस्तुतः इनमें कोई बात नहीं थी। हमारे संविधान निर्माताओं ने ‘संघ’ के स्थान पर ‘यूनियन’ शब्द का प्रयोग जानबूझ कर किया थाः वह देश की एकता व अखण्डता को बनाए रखने हेतु सशक्त केन्द्र बनाना चाहते थे, परन्तु रूप में संघात्मक।

प्रश्न 4.
अगर कृषि और वाणिज्य राज्य के विषय हैं तो केन्द्र में कृषि और वाणिज्य मंत्री क्यों बनाए जाते हैं? (इन्टैक्सट प्रश्नः पृष्ठ : 17)
उत्तर-
कृषि व वाणिज्य मामलों में एकरूपता बनाए रखने तथा उनकी सामान्य समस्याओं के समाधान हेतु केन्द्र में कृषि व वाणिज्य मंत्री बनाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
क्या आपका गाँव या शहर आजादी के बाद में एक ही प्रांत के अंतर्गत रहा है? अगर नहीं तो इससे पहले के राज्य का क्या नाम था? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठः 19)
उत्तर-
हमारा शहर हरियाणा राज्य में है। स्वतंत्रता से पूर्व यह शहर पंजाब का एक हिस्सा था।

प्रश्न 6.
क्या आप 1947 के तीन राज्यों के ऐसे नामों को याद कर सकते हैं जो आज बदल गए हैं? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 19)
उत्तर-
मैसूर, हैदराबाद, मुम्बई।

प्रश्न 7.
तीन ऐसे राज्यों की पहचान करें जिन्हें बड़े राज्यों को काटकर बनाया गया है। (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 19)
उत्तर-
(1) उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश से) (2) छत्तीसगढ़ (मध्य प्रदेश से) । (3) झारखंड (बिहार से)

प्रश्न 8.
हिन्दी ही क्यों बांग्ला या तेलुगु क्यों नहीं? (इन्टैक्सट प्रश्नः पृष्ठ : 20)
उत्तर-
बांग्ला व तेलुगु भाषाओं की अपेक्षा हिन्दी अधिक लोगों द्वारा बोली, समझी व लिखी जाती है।

प्रश्न 9.
क्या यह आप कह रहे हैं कि क्षेत्रवाद लोकतंत्र के लिए अच्छा है? क्या आप गंभीतरा से ऐसा कह रहे हैं? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 21)
उत्तर-
क्षेत्रवाद लोकतंत्र के लिए अच्छा होता है। यह विविधताओं को नष्ट नहीं करता अपितु उन्हें विकसित करता है जो अन्नतः लोकतंत्र में “विविधताओं में एकता” पैदा करतो है।

प्रश्न 10.
जिला का शासन कलक्टर या जिलाधीश क्यों चलाते हैं? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 25)
उत्तर-
कलक्टर व जिलाधीश राजस्व व कानून-व्यवस्था आदि क्रमशः से सम्बन्धित शासन करते हैं। जिला के विकास के कार्य ग्रामीण व शहरी चुने पदाधिकारियों द्वारा चलाया जाता

प्रश्न 11.
बेल्जियम की केन्द्रीय सरकार संघात्मक व्यवस्था के दायरे में ताकतवर हैं अथवा कमजोर?
उत्तर-
बेल्जियम के संविधान में दिए गए संशोधनों के फलस्वरूप वहाँ की केन्द्रीय सरकार की शक्तियाँ कम कर दी गयी थीं। अतः वह कमजोर सरकार है।

प्रश्न 12.
बेल्जियम ने कब संघात्मक व्यवस्था अपनायी थी?
उत्तर-
1993 में।

प्रश्न 13.
किसी ऐसे राज्य का नाम बताइए जो आकार व जनसंख्या की दृष्टि से एक बड़ज्ञ राज्य है परन्तु वहाँ एकात्मक व्यवस्था अपनायी गयी है?
उत्तर-
जनवादी चीन का गणराज्य।

प्रश्न 14.
संसार में अधिकतर बड़े देश संघीय हैं। कोई अपवाद बताइए।
उत्तर-
जनवादी चीन का गणराज्य।

प्रश्न 15.
संघीय व्यवस्था में संघीय सरकार के पास प्रायः कौन-से विषय कारण बनाने के लिए होते हैं?
उत्तर-
वह विषय जो राष्ट्रीय महत्त्व के हों।

प्रश्न 16.
संघीय व्यवस्था के गठन तथा नामकरण के लिए दो प्रमुख तत्व क्या हैं?
उत्तर-
(i) विभिन्न स्तरों की सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा।
(ii) इन स्तरों की सरकारों को एक-दूसरे पर भरोसा कि _वह अपने-अपने अधिकार-क्षेत्र में रहेंगे।

प्रश्न 17.
आदर्श संघीय राज्य के दो पक्ष बताइए।
उत्तर-
सरकारों को एक-दूसरे पर परस्पर भरोसा तथा साथ रहने पर सहमति।

प्रश्न 18.
संघीय व्यवस्था बनाने की केन्द्रोन्मुखी तरीका क्या है?
उत्तर-
दो अथवा दो से अधिक स्वतंत्र राज्यों का एक साथ मिलकर एक बड़ी इकाई गठित करना।

प्रश्न 19.
संघीय व्यवस्था के गठन के केन्द्रोन्मुखी तरीके की दो मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
(i) अपनी अलग-अलग पहचान को बनाए रखने की इच्छा; (ii) अपनी सुरक्षा व खुशहाली बढ़ज्ञने की लालसा। .

प्रश्न 20.
संघीय व्यवस्था बनाने का केन्द्रविमुखी तरीका क्या है?
उत्तर-
एक बड़े राज्य का अपने आपको कुछ राज्यों में बदलने के बाद संघीय व्यवस्था बनाना।

प्रश्न 21.
भारतीय संघीय व्यवस्था में संघीय सूची में कुल कितने विषय हैं? किन्हीं पाँच विषयों के नाम बताइए।
उत्तर-
97 विषय : प्रतिरक्षा, विदेशी मामले, बैंकिंग, संचार, मुद्रा।

प्रश्न 22.
राज्य सूची में कुल कितने विषय हैं? किन्हीं पाँच विषयों के नाम बताइए।
उत्तर-
66 विषय : पुलिस, व्यापार, वाणिज्य, कृषि, सिंचाई।

प्रश्न 23.
समवर्ती सूची के कुल विषयों की संख्या बताइए किन्हीं पाँच विषयों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
47 विषयः शिक्षा, वन, मजदूर संघ, विवाह, गोद लेना।

प्रश्न 24.
अवशेष शक्तियों का कोई एक उदाहरण बताइए। ऐसे विषयों पर कौन कानून बना सकता है?
उत्तर-
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर अवशेष शक्तियों पर कानून बनाने का अधिकार केन्द्रीय सरकार के पास होता है।

प्रश्न 25.
संघीय सरकार संघीय सूची पर तथा राज्य सरकारें राज्य सूची पर कानून बनाती हैं? समवर्ती सूची के विषयों पर कौन कानून बनाता है?
उत्तर-
समवर्ती सूची के विषयों पर केन्द्र सरकार कानून बनाती है तथा राज्य भी ऐसे विषयों पर कानून बना सकते हैं। परन्तु यदि दोनों सरकारें अमुक समवर्ती विषय पर कानून बना लेती हैं तो संघीय कानून मान्य होता है।

प्रश्न 26.
भारतीय राज्यों में कौन-सा एकमात्र राज्य हैं जिसका अपना अलग संविधान है? नाम बताइए।
उत्तर-
जम्मू-कश्मीर।

प्रश्न 27.
भारत में राज्य का गठन किन आधारों पर किया गया है?
उत्तर-
आरम्भ में भाषायी आधार पर, परन्तु शीघ्र ही अन्य आधार जैसे-संस्कृति, भूगोल अथवा जातीयताओं के आधार पर।

प्रश्न 28.
भारत में वास्तविक विकेन्द्रीकरण की ओर कब एक प्रयास किया गया?
उत्तर-
1992 में जब ग्रामीण व शहरी स्वशासी निकायों को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ था।

प्रश्न 29.
संघीय शासन व्यवस्था की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
(1) संघीय शासन व्यवस्था में सर्वोच्च सत्ता केन्द्रीय. सरकार व राज्यों की सरकार में बंटी होती है।
(2) ऐसी व्यवस्था में प्रायः सरकार दो स्तर की होती है।
(3) केन्द्रीय सरकार राष्ट्रीय महत्त्व के मामलों पर तथा राज्य सरकारें प्रान्तीय महत्त्व के मामलों पर कानून बनाती है।
(4) दोनों प्रकार की सरकारें अपने-अपने स्तर पर स्वतंत्र होकर अपना-अपना कार्य करती हैं।

प्रश्न 30.
भारत की संघीय व्यवस्था में संघ सूची पर कौन कानून बना सकता है? इस सूची के कुछेक विषयों की जानकारी दीजिए।
उत्तर-
i) प्रतिरक्षा, (ii) विदेशी मामले, (iii) बैंकिंग, (iv) . संचार, (v) मुद्रा, जैसे राष्ट्रीय महत्त्व के पास तो होते हैं। मामलों पर एकरूपता की जरूरत होती है, वह विषय संघीय सूची में सम्मिलित होते हैं। इन पर कानून का अधिकार संघीय सरकार का होता है।

प्रश्न 31.
राज्य सूची के मुख्य विषय बताइए। ऐसे विषयों पर कौन कानून बना सकता है?
उत्तर-
राज्य सूची में पुलिस, व्यापार, वाणिज्य, कृषि और सिंचाई जैसे प्रान्तीय व स्थानीय महत्त्व के विषय होते हैं। इन पर कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकारों का होता है। किन्हीं विशेष परिस्थितियों में संघीय सरकार राज्य सूची ने विषय पर कानून बना सकती है जैसे राज्य में राष्ट्रपति राज लागू होने की स्थिति में।

प्रश्न 32.
समवर्ती सूची के मुख्य विषयों का वर्णन कीजिए। इस सूची पर कौन कानून बना सकता है?
उत्तर-
समवर्ती सूची में शिक्षा, वन, मजदूर संघ, विवाह, गोद लेना और उत्तराधिकार जैसे विषय हैं। इन विषयों पर राज्य व संघ सरकारें कानून बना सकती हैं। यदि जब दोनों सरकारों के कानूनों में टकराव हो तो केन्द्र सरकार द्वारा बनाया कानून ही मान्य होता है। समवर्ती सूची में वह विषय सम्मिलित होते हैं जिन पर संघ व राज्य सरकार, दोनों की रूचि होती है।

प्रश्न 33.
अवशेष शक्तियाँ क्या होती हैं? उन पर कानून बनाने का अधिकार किसका होता है?
उत्तर-
वह सभी विषय जो भारत में शक्तियों की बाँट के अंतर्गत किसी भी सूची (अर्थात संघीय, राज्य व समवर्ती सूची) में सम्मिलित नहीं होते, वह अवशेष शक्तियों में सम्मिलित होते हैं। उदाहरणार्थ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर ऐसा ही एक विषय है। ऐसे विषयों पर संघ सरकार को कानून बनाने की शक्ति है।

प्रश्न 34.
केन्द्र व राज्यों के बीच सत्ता की बाँट में कैसे बदलाव लाया जा सकता है?
उत्तर-
केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता का यह बँटवारा हमारे संविधान की बुनियादी बात है। अधिकारों के इस बँटवारे में बदलाव करना आसान नहीं है। अकेले संसद इस व्यवस्था में बदलाव नहीं कर सकती। ऐसे किसी भी बदलाव को पहले संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से मंजूर किया जाना होता है। फिर कम से कम आधे राज्यों की विधान सभाओं से उसे मंजूर करवाना होता है।

प्रश्न 35.
भारत में राज्यों के गठन में क्या-क्या आधार अपनाए गए थे?
उत्तर-
नए राज्यों को बनाने के लिए 1950 के दशक में भारत के कई पुराने राज्यों की सीमाएँ बदली गयीं थीं। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि एक भाषा बोलने वाले लोग एक राज्य में आ जाएँ। इसके बाद कुछ अन्य राज्यों का गठन भाषा के आधार पर नहीं बल्कि संस्कृति, भूगोल अथवा जातीयताओं (एथनीसिटी) की विभिन्नता को रेखांकित करने और उन्हें आदर देने के लिए भी किया गया। इनमें नगालैंड, उत्तराखंड और झारखंड जैसे राज्य शामिल हैं।

प्रश्न 36.
भारत में गठबंधनीय सरकारों की रचना कैसे
उत्तर-
1990 के पश्चात भारत में सिथति ऐसे बनी कि किसी एक दल को लोकसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला, तो प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों को क्षेत्रीय दलों समेत अनेक पार्टियों का गठबंधन बनाकर सरकार बनानी पड़ी। इससे सत्ता में साझेदारी और राज्य सरकारों की स्वायत्तता का आदर करने की नई संस्कृति पनपी। इस प्रवृत्ति को सुप्रीम कोर्ट के एक बड़े फैसले से भी बल मिला। इस फैसले के कारण राज्य सरकार को मनमाने ढंग से भंग करना केंद्र सरकार के लिए मुश्किल हो गया।

प्रश्न 37.
संघीय व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संघीय व्यवस्था की कुछेक महत्त्वपूर्ण विशेषताओं का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है
1. यहाँ सरकार दो या अधिक स्तरों वाली होती है।
2. अलग-अलग स्तर की सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती हैं पर कानून बनाने, कर वसूलने और प्रशासन का उनका अपना-अपना अधिकार-क्षेत्र होता है।
3. विभिन्न स्तरों की सरकारों के अधिकार-क्षेत्र संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित होते हैं इसलिए संविधान सरकार के हर स्तर के अस्तित्व और प्राधिकार की गारंटी और सुरक्षा देता है।
4. संविधान के मौलिक प्रावधानों को किसी एक स्तर की सरकार अकेले नहीं बदल सकती। ऐसे बदलाव दोनों स्तर की सरकारों की सहमति से ही हो सकते हैं।
5. अदालतों को संविधान और विभिन्न स्तर की सरकारों के अधिकारों की व्याख्या करने का अधिकार है। विभिनन स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों के विवाद की स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय निर्णायक की भूमिका निभाता है।
6. वित्तीय स्वायत्तता निश्चित करने के लिए विभिन्न स्तर की सरकारों के लिए राजस्व के अलग-अलग स्रोत निर्धारित हैं।
7. इस प्रकार संघीय शासन व्यवस्था के दोहरे उद्देश्य हैं: देश की एकता की सुरक्षा करना और उसे बढ़ावा देना तथा इसके साथ ही क्षेत्रीय विविधताओं का पूरा सम्मान करना। इस कारण संघीय व्यवस्था के गठन और कामकाज के लिए दो चीजें सबसे महत्त्वपूर्ण हैं। विभिन्न स्तरों की सरकारों के बीच सत्ता के बँटवारे के नियमों पर सहमति होना चाहिए और इनका एक-दूसरे पर भरोसा होना चाहिए कि वे अपने-अपने अधिकार-क्षेत्रों को मानेंगे। आदर्श संघीय व्यवस्था में ये दोनों पक्ष होते हैं: आपसी भरोसा और साथ रहने पर सहमति।

प्रश्न 38.
संघीय शासन व्यवस्थाओं का कैसे गठन किया जाता है?
उत्तर-
संघीय शासन व्यवस्थाएँ आमतौर पर दो तरीकों से गठित होती हैं। पहला तरीका है दो या अधिक स्वतंत्र राष्ट्रों को साथ लाकर एक बड़ी इकाई गठित करने का। इसमें दोनों स्वतंत्र राष्ट्र अपनी संप्रभुता का त्याग करते हैं, अपनी अलग-अलग पहचान को भी बनाए रखते हैं और अपनी संप्रभुता का त्याग करते हैं, अपनी अलग-अलग पहचान को भी बनाए रखते हैं और अपनी सुरक्षा तथा खुशहाली बढ़ाने का रास्ता अख्तियार करते हैं। साथ आकर संघ बनाने के उदाहरण हैं-संयुक्त राज्य अमरीका, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया वगैरह। इस तरह की संघीय व्यवस्था वाले मुल्कों में आमतौर पर प्रांतों को समान अधिकार होता है और वे केंद्र से ज्यादा ताकतवर होते हैं।

संघीय शासन व्यवस्था के गठन का दूसरा तरीका है बड़े देश द्वारा अपनी आंतरिक विविधता को ध्यान में रखते हुए राज्यों का गठन करना और फिर राज्य और राष्ट्रीय सरकार के बीच
सत्ता का बँटवारा कर देना। भारत, बेल्जियम और स्पेन इसके उदाहरण हैं। इस दूसरी श्रेणी वाली व्यवस्था में राज्यों की अपेक्षा केंद्र सरकार से ज्यादा ताकतवर हुआ करती है।

प्रश्न 39.
भारत में संघीय व्यवस्था की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
भारत में संघीय व्यवस्था की विशेषताओं का संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित है-

(1) भारत में सरकारों के अनेक स्तर हैं: केन्द्रीय प्रान्तीय व स्थानीय स्वशासी निकाय।
(2) सत्ता बाँट संविधान द्वारा की गयी है। कानून बनाने का अधिकार क्षेत्र संघीय सरकार का भी है, राज्य सरकारों का भी तथा स्थानीय (पंचायत) व नगरीय निकाय इकाईयों का भी है।
(3) सत्ता बाँट में परिवर्तन लाने हेतु संघ विधानपालिका व राज्यों की विधानपालिकाओं में निहित हैं।
(4) सत्ता बाँट में विवाद होने पर उच्च न्यायालयों व सर्वोच्च न्यायालयों का निर्णय देने का अधिकार है।
(5) संघ, राज्य व स्थानीय स्वशासी निकायों के पास कर लगाने के अपने-अपने अधिकार हैं।
(6) संविधान के अंतर्गत बनी इन विभिन्न स्तरों की सरकारें अपने-अपने क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।

प्रश्न 40.
भारत में अपनायी गयी भाषा-नीति का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
हमारे संविधान में किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया। हिन्दी को राजभाषा माना गया पर हिन्दी सिर्फ 40 फीसदी (लगभग) भारतीयों की मातृभाषा है इसलिए अन्य भाषाओं के संरक्षण के अनेक दूसरे उपाय किए गए। संविधान में हिन्दी के अलावा अन्य 21 भाषाओं को अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है। केंद्र सरकार के सिी पद का उम्मीदवार इनमें से किसी भी भाषा में परीक्षा दे सकता है बशर्ते उम्मीदवार इसको विकल्प के रूप में चुने। राज्यों की भी अपनी राजभाषाएँ हैं। राज्यों का अपना अधिकांश काम अपनी राजभाषा में ही होता है। हमारे देश के नेताओं ने हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देने के मामले में बहुत सावधानी भरा व्यवहार किया। संविधान के अनुसार सरकारी कामकाज की भाषा के तौर पर अंग्रेजी का प्रयोग 1965 में बद हो जाना चाहिए था पर अनेक गैर-हिन्दी भाषी प्रदेशों ने मांग की कि अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखा जाए। राजभाषा के रूप में हिन्दी को बढ़ावा देने की भारत सरकार की नीति बनी हुई है पर बढ़ावा देने का मतलब यह नहीं कि केंद्र सरकार उन राज्यों पर भी हिन्दी को थोप सकती है जहाँ लोग कोई और भाषा बोलते हैं।

ब्राजील का एक अनूठा प्रयोग ब्राजील के शहर पोतों एलग्रे ने विकेंद्रीकरण और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी वाले लोकतंत्र के मेल का एक प्रयोग किया है। इस शहर के नगर-परिषद् के समांतर एक संगठन खड़ा किया गया और अपने शहर के बारे में वास्तविक फैसले करने का अधिकार स्थानीय निवासियों को दिया गया है। इस शहर के करीब 13 लाख लोग अपने शहर का बजट तैयार करने में भागीदारी करते हैं। शहर को अनेक उप-क्षेत्रों में बाँटा गया है-लगभंग, वैसे ही जिन्हें हम वार्ड कहते हैं। हर उप-क्षेत्र की अपनी-अपनी बैठक होती है जिसका स्वरूप ग्राम सभा की तरह है और इसमें उस इलाके के सभी नागरिक भाग ले सकते हैं। फिर, कुछ बैठकें पूरे शहर को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर होती हैं और उसमें शहर को कोई भी नागरिक भाग ले सकते हैं। फिर. कुछ बैठकें पूरे शहर को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर होती हैं और उसमें शहर को कोई भी नागरिक भाग ले सकता है। इसमें शहर के बजट पर चर्चा होती है। इसके बाद इन प्रस्तावों को नगरपालिका के सामने पेश किया जाता है जो अंतिम फैसला लेती है।

हर साल फैसले लेने की इस प्रक्रिया में करीब 20,000 लोग हिस्सा लेते हैं। इस तरीके को अपनाने से यह सुनिश्चित हो गया है कि बजट को सिर्फ अमीर लोगों की बस्तियों में ही खर्च नहीं किया जाएगा। अब सभी गरीब बस्तियों तक बसें जाती हैं और पुनर्वास का इंतजाम किए बगैर भवन-निर्माता झुग्गी वालों को उजाड़ नहीं सकते। अपने देश में भी केरल के कुछ इलाकों में ऐसे प्रयोग किए गए हैं। वहाँ आम लोगों ने अपनी बतियों के विकास की योजना तैयार करने में भागीदारी की।

प्रश्न 41.
1992 में हुए विकेन्द्रीकरण के अंतर्गत स्थानीय स्वशासन निकायों की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत में विकेन्द्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम 1992 में उठाया गया। संविधान में संशोधन करके लोकतांत्रिक
शासन व्यवस्था के इस तीसरे स्तर को ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावी बनाया गया।

1. अब स्थानीय स्वशासी निकायों के चुनाव नियमित रूप से कराना संवैधानिक बाध्यता है।
2. निर्वाचित स्वशासी निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
3. कम-से-कम एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
4. हर राज्य में पंचायत और नगरपलिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है।
5. राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ हिस्सा इन स्थानीय स्वशासी निकायों को देना पड़ता है। सत्ता में भागीदारी की प्रकृति हर राज्य में अलग-अलग है।

संघवाद Textbook Questions and Answers

प्रश्नावली

प्रश्न 1.
भारत के खाली राजनीतिक नक्शे पर इन राज्यों की उपस्थिति दर्शाएँ: मणिपुर, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और गोवा।
HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 संघवाद 1


उनर-
भारत का मानचित्र देखें: संकेत :
(1) मणिपुर,
(2) सिक्किम,
(3) छत्तीसगढ़,
(4) गोवा।

प्रश्न 2.
विश्व के खाली राजनीतिक मानचित्र पर भारत के अलावा संघीय शासन वाले तीन देशों की अवस्थिति बताएँ और उनमे नक्शे को रंग से भरें।
उत्तर-
संकेत : ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस।
HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 संघवाद 2

प्रश्न 3.
भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता और उससे अलग एक विशेषता को बताएँ।
उत्तर-
भारत तथा बेल्जियम में मिलती संघीय व्यवस्था की एक विशेषता यह है कि दोनों देशों में जातीय विविधता है। दोनों देशों की संघीय व्यवस्था में एक अलग विशेषता यह है कि बेल्जियम एक सामुदायिक संघ है जबकि भारत एक केन्द्रकृत संघ है।

प्रश्न 4.
शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या मुख्य अंतर है? इसे उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करें।
उत्तर-
संघात्मक स्वरूप में सरकार दो अथवा दो से अधि …क स्तर की होती है जबकि एकात्मक स्वरूप में सरकार का एक स्तर होता है। भारतीय संघात्मक स्वरूप में एक संघीय सरकार है, उसके अधीन स्तर पर प्रान्तीय सरकारें हैं तथा उससे भो अध तीन आगे स्थानीय (पंचायतें व नगर इकाईयाँ) सरकारें हैं। ब्रिटेन जैसे एकात्मक स्वरूप में सरकार का स्तर एक है अर्थात् वहाँ एक केन्द्रीय सरकार है जो पूरे देश पर शासन करती है। स्थानीय सरकारों को केन्द्रीय सरकार द्वारा कुछेक अधिकार प्राप्त हैं।

प्रश्न 5.
1992 के संविधान संशोधन के पहले और बाद के स्थानीय शासन के दो महत्त्वपूर्ण अंतरों को बताएँ।
उत्तर-
1992 के संविधान संशोधन से पहले ग्रामीण व शहरी स्थानीय इकाईयों को कोई संवैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं था; इन इकाईयों पर राज्य सरकार का खासा नियन्त्रण रहता था। 1992 के संशोधन के पश्चात इन स्थानीय इकाईयों (पंचायतों व नगर स्वशासकीय सरकारों) को संवैधानिक स्तर प्राप्त है, प्रत्येक राज्य में राज्य वित्त आयोग व राज्य निर्वाचन आयोग की व्यवस्था की गयी है।

प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों को भरें:
चूँकि अमरीका ……………. तरह का संघ है इसलिए वहाँ सभी इकाइयों को समान अधिकार है। संघीय सरकार – के मुकाबले प्रांत ……………. हैं। लेकिन भारत की संघीय
प्रणाली …………. की है और यहाँ कुछ राज्यों को औरों से ज्यादा शक्तियाँ प्राप्त हैं।
उत्तर-
केन्द्रोन्मुखी, ताकतवर, केन्द्रविमुखी।

प्रश्न 7.
भारत की भाषा नीति पर नीचे तीन प्रतिक्रियाएँ दी गई हैं। इनमें से आप जिसे ठीक समझते हैं उसके पक्ष में तर्क और उदाहरण दें।
संगीता : प्रमुख भाषाओं को समाहित करने की नीति ने राष्ट्रीय एकता को मज़बूत किया है।
अरमान : भाषा के आधार पर राज्यों के गठन ने हमें बाँट दिया है। हम इसी कारण अपनी भाषा के प्रति सचेत हो गए हैं।
हरीश: इस नीति ने अन्य भाषाओं के ऊपर अंग्रेजी के प्रभुत्व को मजबूत करने भर का काम किया है।
उत्तर-
इन तीन प्रतिक्रियाओं में संगीता द्वारा भारत की भाषा नीति की प्रतिक्रिया सही है। भारत विविधताओं में एकता का प्रतीक है। हमारी संस्कृति सामुदायिक रूप की है। अतः हम एक-दूसरे के प्रति सम्मान व आदर की नीति का अनुसरण करते हैं। हम अपनी मातृभाषा के अध्ययन के साथ भारत में प्रचलित अन्य भाषाओं का अध्ययन भी करते हैं तथा उनका आदर भी।

प्रश्न 8.
संघीय सरकार की एक विशिष्टता है:
(क) राष्ट्रीय सरकार अपने कुछ अधिकार प्रांतीय सरकारों को देती है।
(ख) अधिकार विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच बँट जाते हैं।
(ग) निर्वाचित पदाधिकारी ही सरकार में सर्वोच्च ताकत का उपयोग करते हैं।
(घ) सरकार की शक्ति शासन के विभिन्न स्तरों के बीच बँट जाती है।
उत्तर-
(घ) सरकार की शक्ति के विभिन्न स्तरों के बीच बँट जाती है।

प्रश्न 9.
भारतीय संविधान की विभिन्न सूचियों में दर्ज कुछ विषय यहाँ दिए गए हैं। इन्हें नीचे दी गई तालिका में संघीय सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची वाले समूहों में लिखें।
(क) रक्षा; (ख) पुलिस; (ग) कृषि; (घ) शिक्षा, (ङ) बैंकिंग; (च) वन; (छ) संचार; (ज) व्यापार; (झ) विवाह।
संघीय सूची
राज्य सूची
समवर्ती सूची
उत्तर-
संघीय सूची : रक्षा, बैंकिंग, संचार राज्य सूची : पुलिस, कृषि, व्यापार समवर्ती सूची : शिक्षा, वन विवाह

प्रश्न 10.
नीचे भारत में शासन के विभिन्न स्तरों और उनके कानून बनाने के अधिकार-क्षेत्र के जोड़े दिए गए हैं। इनमें से कौन-सा जोड़ा सही मेल वाला नहीं है?
(क) राज्य सरकार – राज्य सूची
(ख) केंद्र सरकार – संघीय सूची
(ग) केंद्र और राज्य सरकार – समवर्ती सूची
(घ) स्थानीय सरकार- अवशिष्ट अधिकार
उत्तर-
(क) राज्य सरकार : राज्य सूची
(ख) केंद्र सरकार : संघीय सूची
(ग) केंद्र और राज्य सरकार : समवर्ती सूची
(घ) केंद्र सरकार – अवशिष्ट अधिकार

प्रश्न 11.
सूची I और सूची II में मेल ढूँढें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही उत्तर चुनें।
HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 संघवाद 3
उत्तर-
‘गा’ उत्तर सही है।

प्रश्न 12.
इन बयानों पर गौर करें:
(अ) संघीय व्यवस्था में संघ और प्रांतीय सरकारों के अधिकार स्पष्ट रूप से तय होते हैं।
(ब) भारत एक संघ है क्योंकि केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकार संविधान में स्पष्ट रूप से दर्ज हैं और अपने-अपने विषयों पर उनका स्पष्ट अधिकार है।
(स) श्रीलंका में संघीय व्यवस्था है क्योंकि उसे प्रांतों में बाँट दिया गया है।
(द) भारत में संघीय व्यवस्था नहीं रही क्योंकि राज्यों के कुछ अधिकार स्थानीय शासन इकाईयों में बाँट दिए गए हैं।
ऊपर दिए गए बयानों में कौन-कौन सही हैं।
(सा) अ, ब और स
(रे) अ, स और द
(गा) अ और ब
(मा) ब और स .
उत्तर-
‘गा’ (अ और ब) सही हैं।

The Complete Educational Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *