शांति का दावा करने वाला देश आतंकियों को शरण नहीं देता, UN में भारत ने पाकिस्तान को लताड़ा
शांति का दावा करने वाला देश आतंकियों को शरण नहीं देता, UN में भारत ने पाकिस्तान को लताड़ा
प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, ‘एक देश जो दावा करता है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा।’
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को लताड़ लगाई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत मिशन के प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने UNGA में भारत के जवाब के अधिकार का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान को घेरा। उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि पाकिस्तान के PM ने इस सभा में भारत पर झूठे आरोप लगाए। उन्होंने अपने देश में दुष्कर्मों को छिपाने और भारत के खिलाफ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए ऐसा किया।
प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, ‘एक देश जो दावा करता है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा और न ही मुंबई आतंकवादी हमले के योजनाकारों को आश्रय देगा। शांति की बात करके आतंकवाद फैलाना आपका काम है।’
‘पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत’
भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने से पहले पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झांकने की याद दिलाई। विंटो ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर पर दावा करने के बजाय इस्लामाबाद को सीमा पार आतंकवाद को रोकना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब अल्पसंख्यक समुदाय की हजारों की संख्या में युवा महिलाओं को एसओपी के रूप में अपहरण कर लिया जाता है, तो हम इस मानसिकता के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?’
मिजिटो विनिटो ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी अत्याचारों की विश्व को याद दिलाई। उन्होंने पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई परिवारों की लड़कियों के जबरन अपहरण और शादी की हालिया घटनाओं का जिक्र किया। पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण की घटनाएं भी सबके सामने हैं। राजनयिक ने कहा कि यह मानवाधिकार, अल्पसंख्यक अधिकारों और बुनियादी शालीनता से जुड़ा मामला है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने क्या आरोप लगाए?
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा था कि PAK भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ अमन चाहता है, लेकिन दक्षिण एशिया में स्थायी शांति व स्थिरता कश्मीर मुद्दे के उचित समाधान पर निर्भर करती है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए शरीफ ने दावा किया, ‘जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बदलने के लिए 5 अगस्त, 2019 को भारत के अवैध और एकतरफा कदम ने शांति की संभावनाओं को और कमतर किया है और क्षेत्रीय तनाव को भड़काया है।’
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here