शहर के 51 नाले खतरनाक, यहां से गुजरते समय हो जायें सावधान

रांची. राजधानी रांची के 51 नाले खतरनाक हैं. ये वो नाले हैं, जहां भारी बारिश के दौरान सड़क व नाला में अंतर करना मुश्किल हो जाता है. यानी भारी बारिश के बीच यहां से गुजरने के दौरान आपको पता ही नहीं चलेगा कि कहां पर सड़क है और कहां पर नाला. इसे देखते हुए प्रशासक के आदेश पर निगम ने इन सभी नालों को खतरनाक मानते हुए यहां बैरिकेडिंग करने का आदेश दिया है. साथ ही यह नाला खतरनाक है, ऐसा लिखा हुआ साइन बोर्ड लगाने को भी कहा गया है, ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो.

ज्ञात हो कि नगर निगम ने इसको लेकर अभियंताओं और सुपरवाइजरों से पूरे शहर का सर्वे करवाया. सर्वे में यह बात सामने आयी कि साइज में ये नाले बड़ा होने के साथ-साथ काफी गहरे भी हैं. ये नाले स्लैब से भी ढंके हुए नहीं हैं. ऐसे में बरसात के दिनों में अनजाने में किसी के साथ अनहोनी हो सकती है.

इन नालों को निगम ने माना खतरनाक

गोंदा टाउन मछली गली, सर्वोदय नगर, ग्रीन पार्क बड़ा नाला, कुसुम विहार रोड नंबर आठ, बैंक ऑफ बड़ोदा से सीएम आवास, बूटी मोड़ मुख्य पथ शैल विहार, खोरहा टोली पुल, तपोवन नाला, जोड़ा तालाब के पास, धोबी घाट से डिस्टिलरी पुल, रमजान कॉलोनी, कुरैशी मोहल्ला मस्जिद के पास, गुड़िया पेट्रोल पंप के समीप, सिस्टर बंगला गली से लोवाडीह चौक, पटेल चौक पुल के पास, अलबर्ट कंपाउंड नाला, बसर नाला, मिल्लत कॉलोनी, धोबी घाट, गोशाला चौक से पिंजरा पोल, बड़ा लाल स्ट्रीट, मल्लाह टोली, अशोक विहार, उपकार नगर, नया टोली हरमू, शिवाजी लाइन, इरगू टोली, आनंद नगर, अमरूद बागान, शिव शक्ति नगर, सहदेव नगर, आनंद नगर, पुराना विधानसभा भवन के समीप, कटहल कोचा, अमरावती कॉलोनी, रविदास मोहल्ला व कृष्णापुरी हनुमान मंदिर के पास के समीप के नाले को नगर निगम ने खतरनाक माना है.

जहां जान गयी, उस पर नहीं है निगम का ध्यान

वर्ष 2019 में पानी के तेज बहाव में कोकर खोरहाटोली पुल से हजारीबाग का एक युवक बाइक समेत बह गया था. एक सप्ताह तक स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एनडीआरएफ व स्थानीय लोगों ने युवक की खोजबीन की, लेकिन उसका पता नहीं चल सका. इस घटना के बाद यहां बड़ी पुलिया बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया. इसके लिए 1.50 करोड़ की राशि सरकार से मांगी गयी. लेकिन, आज तक सरकार से न तो निगम को फंड मिला और न ही यहां पुलिया का निर्माण हुआ. नतीजा आज भी यहां के लोग इसी पुलिया से आवागमन करने को विवश हैं. जबकि, हल्की बारिश होने पर ही इस पुलिया के ऊपर से बारिश का पानी बहने लगता है. इसके अलावा, वर्ष 2017 में पलक नामक एक बच्ची नाला रोड के खुले नाले में बह गयी थी. एक दिन बाद बच्ची की बॉडी चुटिया में मिली. बच्ची के बहने के बाद निगम ने इस नाले को स्लैब व लोहे की जाली से ढंक दिया. लेकिन, आज स्थिति यह है अधिकतर जाली उखड़ गयी है. ऐसे में फिर से यहां बड़ा हादसा हो सकता है.

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