वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
सारांश
वैश्वीकारण विभिन्न देशों के बीच तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया है। अधिकाधिक विदेशी निवेश और विदेश व्यापार के कारण यह संभव हो रहो है। वैश्वीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ मुख्य भूमिका निभा रही हैं। आधुनिक में उत्पादन कार्य अत्यन्त जटिल तरीके से संपन्न हो रहो हैं इसका कारण यह है कि अधिकांश बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विश्व के उन स्थानों की ओर जा रही हैं जो उनके उत्पादन के लिए सस्ता हो, जहाँ बाजार नजदीक हो और सस्ती दर पर श्रमिक उपलब्ध हों। कभी-कभी ये बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों के साथ गठजोड़ कर उत्पादन करती हैं, जिससे दोनों को फायदा होता है।
विदेश व्यापार के कारण बाजारों के एकीकरण में काफी सहायता मिली है। विदेश व्यापार घरेलू बाजारों को दूसरे बाहर के बाजारों तक पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है। अप्रतिबंधित व्यापार से वस्तुओं का एक बाजर से दूसरे बाजार में आवागमन आसान हो जाता है। बाजार में वस्तुओं का विकल्प बढ़ जाता है। और मूल्य में भी समानता रहती है।
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तीव्र उन्नति ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को अत्यन्त उत्प्रेरित किया है। परिवहन प्रौद्योगिकी में उन्नति के कारण विभिन्न देशों के बीच दूरियाँ कम हो गई हैं, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विशेषकर दूरसंचार, कप्यूटर और इटंरनेट के क्षेत्र में द्रुतगामी परिवर्तन के कारण विभिन्न देशों के बीच सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में क्रांति सी आ गई है।
सन् 1991 ई. में भारत में नई आर्थिक नीति अपनाई गई जिसके चलते उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। इससे भारत को विश्व का व्यापक बाजार प्राप्त हुआ और अपने उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने का मौका मिला। भारत में उपलब्ध विशाल श्रम को विश्व के लिए उपलब्ध कराना अधिक सहज हो गया। परंतु इन सभी लाभों के साथ कुछ हानियाँ भी हुई, जैसे भारतीय लघु एवं कुटीर उद्योग को विशाल बहुराष्ट्रीय कपंनियों से जी-तोड़ मुकाबला करना पड़ रहा है ।
विश्व व्यापार संगठन का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है किंतु व्यवहार में देखा गया है कि डब्ल्यू.टी.ओ. ने व्यापार और निवेश के उदारीकरण के लिए विकासशील देशों पर ही दबाव डाला है, जबकि विकसित देशों ने अनुचित ढंग से व्यापार अवरोधकों को बरकरार रखा है।
वैश्वीकरण से धनी उपभोक्ता, कुशल, शिक्षित एवं धनी उत्पादक काफी लाभान्वित हुए हैं। आज उपभोक्ताओं के समक्ष वस्तुओं तथा सेवाओं का ज्यादा विकल्प हैं अब उन्हें उत्पादों की उत्कृष्टता, गुणवत्ता तथा कम कीमत का लाभ भी मिल रहा है। पणिामतः लोगों का जीवन स्तर भी ऊँचा हुआ है। वैश्वीकरण से सेवा प्रदाता कंपनियों, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी वाली कंपनियों के लिए नये अवसरों का सृजन हुआ है। परंतु बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण अनेक छोटे उत्पादक और श्रमिक प्रभावित भी हुए हैं बढ़ती प्रतिस्पर्धाके कारण अधिकांश नियोक्ता इन दिनों श्रमिकों को रोजगार देने में लचीलापन पसंद करते हैं। इस कारण श्रमिकों को शोषण होता है। उन्हें रोजगार सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती, उन्हें वेतन भी कम मिलता है श्रमिकों से काफी लंबे कार्य-घंटों तक काम लिया जाता है। अतः वैश्वीकरण को अधिकाधिक न्याय संगत बनाने की जरूरत है जिससे वैश्वीकरण के लाभों में सबकी बेहतर हिस्से री हो।
वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Important Questions and Answers
(ख) दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं के आयात से खरीददारों के समक्ष वस्तुओं के विकल्पों का विस्तार होता है।
- विश्व व्यापार संगठन का उद्देश्य है कि सदस्य देश आयात और निर्यात दोनों पर से प्रतिबंध हटा दें।
- विश्व व्यापार संगठन आशा करता है। कि सभी सदस्य देश द्विपक्षीय व्यापारिक समझौतों के स्थान पर बहुपक्षीय व्यापारिक समझौते करें।
- सभी सदस्य देशों के मध्य व्यापारिक समझौतों का विकास हो।
- विश्व के सभी देशों के मध्य व्यापार का संचालन इस प्रकार हो कि समानता तथा खुलापन बरकार रहें।
- सदस्य देशों में व्यापारिक गतिविधियों में किसी प्रकार का भेदभाव न हों।
- अधिक-से-अधिक उद्योगों का निजी क्षेत्र के लिए खोला जाना।
- निजी क्षेत्र को इस्पात, बिजली, वायु परिवहन, भारी मशीनरी निर्माण तथा रक्षा उपकरणों के निर्माण की अनुमति।
- लाइसेंस के प्रतिबंधों से मुक्ति।
- कच्चे माल के आयात की अनुमति।
- मूल्य निर्धारण तथा वितरण पर नियंत्रण से मुक्ति।
- बड़ी कम्पनियों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध से मुक्ति।
- संचार के क्षेत्र में कम कीमत पर दूरभाषा के अच्छे उपकरण मिलने लगे।
- कम कीमत पर रंगीन टेलीविजन के अच्छे सेट उपलब्ध होने लगे।
- अनेक खाद्य पदार्थ उत्पादन करने वाली कम्पनियों द्वारा खाद्य तथा पेय पदार्थ उपलब्ध कराये जाने के कारण खाद्य पदार्थो के क्षेत्र ने बाजार में ऊँचा स्थान बना लिया।
- विश्व बाजार में भारतीय माल तथा सेवाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है तथा अभी और बढ़ने की प्रचुर सम्भावना है।
- विदेशी कम्पनियों द्वारा भारत में किया जाने वाला निवेश बढ़ने लगा है। सन् 1991 में विदेशी निवेश जहाँ मात्र 174 करोड़ रुपये था वहीं यह सन् 2000 में 9, 338करोड़ रुपये हो गया।
- उदारीकरण तथा वैश्वीकरण के कारण भारत के विदेशी मुद्रा भण्डार में प्रचुर वृद्धि हुई है। यह भण्डार सन् 1991 में मात्र 4, 622 करोड़ था सन् 2000 तक यह बढ़कर 1, 52, 924 करोड़ रुपये हो गया।
- उदारीकरण तथा वैश्वीकरण के अपनाये जाने से मूल्य वृद्धि की दर में कमी आयी हैं। सन् 1990-93 में यह दर 12% थी जबकि 90 के दशक के ही अन्तिम भाग में यह मात्र 8% रह गई
- अर्थव्यवस्था के इस नये रूप के कारण रोजगार के नये अवसरों का सृजन हो रहा है हालांकि जनसंख्या वृद्धि के तेज रफ्तार के चलते रोजगार अवसरों की प्रगति और वृद्धि नाकाफी ही नजर आ रही है।
- 1991-2000 के दशक में उदारीकरण तथा वैश्वीकरण की नीति के कारण वर्याप्त औद्योगि विकास हुआ परन्तु अभी इस ओर प्रगति किये जाने की आवश्यकता है।
वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था Textbook Questions and Answers
पाठ्गत-प्रश्नोत्तर
आओ-इस पर विचार करें (पृष्ठ संख्या 57)
प्रश्न
यह दर्शाने के लिए निम्न कथन की पूर्ति करें कि वस्त्र उद्योग में उत्पादन-प्रक्रिया केसे विश्व-भर फैली हुई हैं।
उत्तर-
एक ब्रांड लेबल पर ‘में इन थाइलैण्ड’ लिखा है, परन्तु उसमें एक भी भाई उत्पाद नहीं है। हम विनिर्माण प्रक्रिया का विश्लेषण करते हैं और प्रत्येक चरा में सर्वोत्तम निर्माण को देखते हैं हम इसे विश्व स्तर पर कर रहे हैं जैसे, वस्त्र निर्माण में कंपनी कोरिया से सूत ले सकता है, चीन में कपडा का विनिर्माण कर सकती है तथा सम्पूर्ण विश्व में बेच सकती है।
आओ-इन पर विचार करें (पृष्ठ संख्या 59)
निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़ें और प्रश्नों का उत्तर दें :
एक अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर्स विश्व के 26 देशों में प्रसार के साथ विश्व की सबसे बड़ी मोटरगाड़ी निर्मामा कंपनी है। फोर्ड मोटर्स 1995 में भारत आयी और चेन्नई के निकट 1, 700 करोड़ रूपए का निवेश करके एक विशाल संयंत्र की स्थापना की। यह संयंत्र भारत में जीपों एवं ट्रकों के प्रमुख निर्माता महिन्द्र एंड महिन्द्र के सहयोग से स्थापित किया गया। वर्ष 2004 तक फोर्ड मोटर्स भारतीय बाजारों में 27,000 कारें बेच रही थी, जबकि 24,000 कारों का निर्यात भारत से दक्षिण अक्रीका, मेक्सिको और ब्राजील किया गया। कंपनी विश्व के दूसरे देशों में अपने संयंत्रों के लिए फोर्ड इंडिया का विकास पुर्जा आपूर्ति केन्द्र के रूप में करना चाहती है।
प्रश्न 1.
क्या आप मानते हैं कि फोर्ड मोटर्स एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है? क्यों?
उत्तर-
फोर्ड मोटर्स एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है। क्योंकि यह एक से अधिक देश में उत्पादन का स्वामित्व अथवा नियंत्रण करती है इसका उत्पादन विश्व के 26 दिनों में 140 संयंत्रों के रूप में फैला हुआ है।
प्रश्न 2.
विदेशी निवेश क्या है? फोर्ड मोटर्स में कितना निवेश किया था?
उत्तर-
बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं फोर्ड मोटर्स भारत में 1700 करोड़ रुपये का निवेश किया।
प्रश्न 3.
भारत में उत्पादन संयंत्र स्थापित करके फोर्ड मोटर्स जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां केवल भारत जैसे देशों के विशाल बाजार का ही लाभ नहीं उठाती हैं, बल्कि कम उत्पादन लगात का भी लाभ प्राप्त करती हैं। कथन की व्याख्या करें।
उत्तर-
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उतपादन संयंत्र की स्थापना सामान्यत: वहाँ करती है। जहाँ:
(क) संभावित बाजार नजदीक हो।
(ख) कुशल और अकुशल श्रमिक कम लगातों पर उपलब्ध हों।
(ग) उत्पादन क अन्य कारकों की उपलब्धता सुनिश्चित हों।
(घ) संबंधित सरकारी नीतियाँ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अनुकूल हो।
इसलिए भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक मनपसंद देश है।
प्रश्न 4.
आपके विचार से कंपनी अपने वैश्विक कारोबार के लिए कार के पुजों के विनिर्माण केद्रं के रूप में भारत का विकास क्यों करना चाहती है? निम्न कारकों पर विचार करें-(अ) भारत में श्रम और अन्य संसाधनों पर लागत (ब) कई स्थानीय विनिर्माताओं की उपस्थिति, जो फोर्ड मोटर्स को कल-पुर्जो की आपूर्ति करते हैं। (स) अधिक संख्या में भारत और चीन के ग्राहकों से निकटता।
उत्तर-
(अ) भारत में श्रम और अन्य संसाधनों की लागत कम है। बड़ी संख्या में कुशल और अकुशल श्रमिक कम मजदूरी पर उपलब्ध होते हैं।
(ब) भारत में कई स्थानीय विनिर्माता फोर्ड मोटर्स को कल-पुर्जो की आपूर्ति करते हैं, जिनके पास कीमत, गुणवत्ता प्रदान करते और श्रम दशाओं को निर्धारित करने की अपार क्षमता होती है।
(स) यह कंपनी भारत को कार के पुों के विनिर्माण करने के लिए आधार के रूप में विकसित करना चाहती है, क्योंकि भारत और चीन में बड़ी संख्या में संभावित क्रेता हैं।
प्रश्न 5.
भारत में फोर्ड मोटर्स द्वारा कारों के निर्माण से उत्पादन किस प्रकार परस्पर संबंधित होगा?
उत्तर-
(क) फोर्ड मोटर्स ने भारत में जीपों एवं ट्रकों के प्रमुख निर्माता महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन संयंत्र स्थापित किया।
(ख) यह कंपनी भारत में छोटे उत्पादकों को उत्पादन हेतु आदेश देती है।
(ग) यह स्थानीय कंपनियों से निकट प्रतिस्पर्धा करती है।
प्रश्न 6.
बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ, अन्य कंपनियों से किर प्रकार अलग हैं?
उत्तर-
बहुराष्ट्रीय कंपनी
- यह एक से अधिक देशों में उत्पादन का स्वामित्व या नियंत्रण रखती है।
- यह उन देशों में उत्पादन हेतु कारखाने या कार्यालय स्थापित करती है। जहाँ श्रम एवं अन्य संसाधन सस्ता होता है।
- बहुराष्ट्रीय कंपनी के लिए उत्पादन की लागत कम होती है, इसलिए यह अधिक लाभ कमाती है।
अन्य कंपनी
- यह एक देश के भीतर ही उत्पादन का स्वामित्व या नियंत्रण रखती है।
- इसके पास ऐसा कोई विकल्प नहीं होता है।
- इसके पास अधिक लाभ कमाने लिए ऐसी कोई संभावना नहीं होती है।
प्रश्न 7.
लगभग सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ, अमेरिका, जापान या यूरोप की हैं जैसे, नोकिया, कोका-कोला, पेप्सी, होन्डा, नाइक। क्या आप अनुमान कर सकते हैं कि ऐसा क्यों हैं?
उत्तर-
बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देश के बाहर अपने उत्पादन और बाजारों का विस्तार करने के लिए बड़ी मात्रा में धन की आवश्यकता होती है। इतना अधिक धन सामान्यतः अविकसित या विकासशील देशों की कंपनियों के पास नहीं होती है यही कारण है कि प्रायः सभी प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अमेरिका, जापान या यूरोप की हैं।
आओं-इन पर विचार करें (पृष्ठ संख्या 61)
प्रश्न 1.
अतीत में देशों को जोड़ने वाला मुख्य माध्यम क्या था? अब यह अलग कैसे है?
उत्तर-
अतीत में देशों को जोड़ने वाला मुख्य माध्य विदेश व्यापार था। अतीत में विदेश व्यापार समुद्री मार्गो द्वारा किए जाते थे परतु अब यह कई मार्गो, जैसे-समुद्री मार्गो, वायु मार्गो, थल मार्गो अर्थात् सड़कों, दूरसंचार माध्यमों आदि के द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 2.
विदेश व्यापार और विदेशी निवेश में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
विदेश व्यापार-इसका अर्थ विदेशों से वस्तुओं को खरीदना और बेचना है। यह उत्पादकों को घरेलू बाजारों के बाहर पहुँचने का अवसर प्रदान करता है। … विदेशी निवेश-अधिक लाभ कमाने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं।
प्रश्न 3.
हाल के वर्षों में चीन, भारत से इस्पात आयात कर रहा है। व्याख्या करें कि चीन द्वारा इस्पात का आयात कैसे प्रभावित करेगा
(क) चीन की इस्पात कंपनियों को
(ख) भारत की इस्पात कंपनियों को
(ग) चीन में अन्य औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन के लिए इस्पात खरीदने वाले उद्योगों को
उत्तर-
(क) चीन की इस्पात कंपनियाँ उत्पादों को कम बेच पाएगी जिससे उन्हें घाटा हो सकता है।
(ख) भारत की स्टील कंपनियाँ अपने व्यवसायों का विस्तार करेंगी।
(ग) चीन में अन्य औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन के लिए इस्पात खरीदने वाले उद्योगों को इससे लाभ होगा क्योंकि उनहें कम कीमतों पर चुनाव का अवसर अधिक मिलेगा।
प्रश्न 4.
चीन के बाजारों में भारत से इस्पात का आयात किस प्रकार दोनों देशों के इस्पात-बाजार के एकीकरण में सहायता करेगा? व्याख्या करें।
उत्तर-
(क) भारतीय इस्पात घरेलू वाजार से चीन के बाजार तक पहुँचेगा।
(ख) बाजारों में इस्पातों के चुनाव में वृद्धि होगी।
(ग) दोनों बाजारों में समान गुणवत्ता वाले इस्पातों की कीमतें बराबर होंगी।
(घ) दोनों देशों के उत्पादक एक-दूसरे से निकट प्रतिस्पध f कर सकेंगे।
आओं-इन पर विचार करें। (पृष्ठ संख्या 62)
प्रश्न 1.
विदेश व्यापार के उदारीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
विदेश व्यापार और विदेशी निवेश पर सरकार द्वारा निर्धारित अवरोधकों एवं प्रतिबन्धों को हटाने की प्रक्रिया ही विदेश व्यापार का उदारीकरण कहलाता है।
प्रश्न 2.
आयात पर कर एक प्रकार का व्यापार अवरोधक है। सरकार आयात होने वाली वस्तुओं की संख्या भ्ज्ञी सीमित कर सकती हैं इसे कोटा कहते हैं। क्या आप चीन के खिलौनों के उदाहरण से व्याख्या कर सकते हैं कि व्यापार अवरोधक के रूप में कोटा का प्रयोग कैसे किया जा सकता हैं? आपके विचार से क्या इसका प्रप्रयोग किया जाना चाहिए? चर्चा करें। .
उत्तर-
यदि भारतीय सरकार चीन के खिलौफ पर कोटा लगाती है तो भारतीय बाजारों में इन खिलौनों की आपूर्ति कम हो जागीए। भारतीय क्रेताओं के पास सस्ती कीमतों पर चीन के खिलौने खरीदने का विकप्ल कम हो जाएगा। भारतीय खिलौना निर्माताओं को अधिक हानि नहीं उठानी पड़ेगी क्योंकि भारतीय खिलौनों की माँग मे थोड़ी मात्रा में ही गिरावट आएगी। इस प्रकार, कोटा का प्रयोग व्यापार अवरोधक के रूप में किया जा सकता है।
भारत में अब इसके प्रयोग की आवश्यकता नहीं है। बल्कि भारतीय उत्पादकों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए।
आओ-इन पर विचार करें (पृष्ठ संख्या 66)
प्रश्न 2.
आपके विचार से विभिन्न देशें के बीच अधिकाधिक न्यायसंगत व्यापार के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर-
(क) विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को मजबूत बनाया जाना चाहिए।
(ख) विकासशील देशें को, अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के सामने मिलकर और मजबूती से अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहिए।
प्रश्न 3.
उपर्युक्त उदाहरण में, हमने देखा कि अमेरिकी सवरकार किसानों को उत्पादन के लिए भारी धन राशि देती है। कभी-कभी सरकार कुछ विशेष प्रकार की वस्तुओं जैसे पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहायता देती है। यह न्यायसंगत है या नहीं, चर्चा करें।
उत्तर-
यदि सरकारें कुछ विशेष प्रकार की वस्तुओं जैसे पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहायता देती है। तो वह अनुचित नहीं है। क्योंकि पर्यावरण समस्या सम्पूर्ण विश्व के लिए चिन्ता का विषय है इसलिए विश्व के सम्पूर्ण देशों के लिए समान कानून होना चाहिए।
आओ-इन पर विचार करें (पृष्ठ संख्या 67)
प्रश्न 1.
प्रतिस्पर्धा से भारत के लोगों को कैसे लाभ हुआ है?
उत्तर-
(क) उपभोक्ताओं, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में रह रहे धनी वन के उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से अधिक विकल्प हैं। वे अब अनेक वस्तुओं की उत्कृष्टता, गुणवत्ता और कम कीमत से लाभान्वित हो रहे हैं। परिणामतः ये लोग पहले की तुलना मे आज अपेक्षाकृत उच्चतर जीवन स्तर का उपभोग कर रहे हैं।
(ख) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विशेषज्ञकर सेलफोन, मोटरगाडियां, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, ठंडे पेय पदार्थो और जंक खाद्य (fast food) पदार्थो जैसी वस्तुओं एवं बैंकिग जैसी सेवाओं में निवेश की हैं। अतः इन उद्योगों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए
(ग) इन उद्योगों की कच्चे माल आदि की आपूर्ति करने वाली स्थानीय कंपनियों का विकास हुआ है।
(घ) कई बड़ी कंपनियों ने उन्नत प्रौद्योगिकी और उत्पादन विधियों में निवेश कर अपना उत्पादन मानकों में वृद्धि की है।
(ङ) कुछ कंपनियों ने विदेशी कंपनियों के साथ सफलतापूर्वक सहयोग कर लाभ-अर्जित किया है।
(च) कुछ बड़ी भारतीय कंपनियां अपने काम-काज को विश्व-भर में फैलाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रूप में उभरी हैं। उदाहरण के लिए, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, रैनबैक्सी आदि।
प्रश्न 2.
क्या और भारतीय कंपनियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रूप में उभारना चाहिए? इससे देश की जनता को क्या लाभ होगा?
उत्तर-
भारतीय कंपनियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रूप में अवश्य उभारना चाहिए। इससे देश की जनता को निम्नलिखित लाभ होगा
(क) भारतीयों को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। (ख) ये कंपनियाँ नयी प्रौद्योगिकी लाएँगी।
(ग) ये कंपनियां सस्ती दरों पर गुणवत्ता वाली वस्तुएँ उपलब्ध कराएँगी।
(घ) ये अपने साथ देश के लिए विदेशी मुद्रा लाएँगी।
प्रश्न 3.
सरकारें अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने का प्रयास क्यों करती हैं?
उत्तर-
(क) विदेशी निवेशों से देश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
(ख) यह स्थानीय कंपनियों को परिवहन एवं प्रशिक्षण एजेंटों जैसी सहायक सेवाओं में अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित करती है।
(ग) विदेशी निवेश से प्राप्त लाभों का एक हिस्सा प्रायः संबंधित उद्योगों के विस्तार एवं आधुनिकीकरण में निवेश किया जाता है।
(घ) सरकार विदेशी फर्मों के लाभ पर कर लगाकर राजस्व प्राप्त करती है।
आओ-इन पर विचार करें (पृष्ठ संख्या 68)
प्रश्न 1.
रवि की लघु उत्पादन इकाई बढ़ती प्रतिस्पध से किस प्रकार प्रभावित हुई?
उत्तर-
(क) सरकार ने 2001 में विश्व व्यापार संगठन में हुए समझौते के अनुसार संधारित्रों के आयात पर से प्रतिबंधों को हटा लिया।
(ख) बहुराष्ट्रीय कंपनियों के ब्राड़ो से प्रतिस्पर्धा ने भारतीय टेलिविजन कंपनियों जो रवि के संधारित्रों की क्रेता थीं, को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए संयोजन कार्य करने के लिए विवश कर दिया।
(ग) इसक अतिरिक्त, कई टेलिविजन कंपनियों ने संध रित्रों का आयात करना अधिक लाभप्रद समझा क्योंकि आयातित सामानों की कीमत रवि जैसे लोगों द्वारा निर्धारित कीमत से आधी होती थी।
(घ) रवि अब पहले की अपेक्षा आधे से भी कम संध रित्रों का उतपादन करता है। साथ ही, अब उसके साथ केवल सात कर्मचारी काम कर रहे हैं।
प्रश्न 2.
दूसरे देशों के उत्पादकों की तुलना में उत्पादन लागत अधिक होने के कारण क्या रवि जैसे उत्पादकों को उत्पादन रोक देना चाहिए? आप क्या सोचते हैं?
उत्तर-
रवि जैसे उत्पादकों को उत्पादन नहीं रोकना चाहिए, बल्कि उन्नत प्रौद्योगिकी एवं उत्पादन विधियों को अपनाकर __ अपनी लागत घटानी चाहिए एवं उत्पादन मानकों में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
इसके अलावा सरकार को ऐसे उत्पादकों को उचित ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करानी चाहिए।
प्रश्न 3.
नवीनतम अध्ययनों ने संकेत किया है कि भारत के लघु उतपादकों को बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा के लिए तीन चीजों की आवश्यकता हैं-
(अ) बेहतर सड़कें, बिजली, पानी, कच्चा माल, विपणन और सूचना तंत्र,
(ब) प्रौद्योगिकी में सुधार एवं आधुनिकीकरण और
(स) उचित ब्याज दर पर साख की समय पर उपलब्धता।
(i) क्या आप व्याख्या कर सकते हैं कि ये तीन चीजें भारतीय उत्पादकों को किस प्रकार मदद करेंगी?
(ii) क्या आप मानते हैं कि बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए इच्छुक होंगी? क्यों?
(iii) क्या आप मानते हैं कि इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सरकार की भूमिका हैं? क्यों?
(iv) क्या आप कोई ऐसा उपाय सुझा सकते है। जिसे कि सरकार अपना सके? चर्चा करें।
उत्तर-
(i) ये चीजें भारतीय उत्पादकों को निम्न प्रकार से मदद कगी
(अ) बेहतर सड़कें-ये कच्चे मालों एवं उत्पादित वस्तुओं के परिवहन में सहायता देंगी।
बिजली-यह मशीनों को चलाने के लिए अति आवश्यक जल-यह उत्पादन प्रक्रिया के लिए आवश्यक है।
कच्चा माल-यह वस्तुओं के उत्पादन के लिए मूलभूत आवश्यकता है। विपणन और सूचना तंत्र-उत्पादित वस्तुओं को बेचने के लिए अच्छे विपणन और सूचना तंत्र की आवश्यकता होती है।
(ब) प्रौद्योगिकी में सुधार एवं उसका आध निकीकरण-वस्तुओं की गुणवत्ता में वृद्धि करती है और उनकी लागतों को कम करती है।
(स) उचित ब्याज दरों एवं समय पर साख की उपलब्धता-उद्यमियों को नयी प्रौद्योगिकी एवं उत्पादन विधियों
में निवेश के लिए प्रेरित करती है। इससे वस्तुओं की गुणवता __ में वृद्धि होगी ओर कीमतों में कमी आएगी और छोटे उत्पादक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा की स्थिति में होंगे।
(ख) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए इच्छुक होंगी। क्योंकि इन क्षेत्रों में निवेश करने से पूंजी विलम्ब से वासप प्राप्त होती है। और कमाई भी बहुत कम होती है।
(ग) इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सरकार की मुख्य भूमिका होती है। क्योंकि इन सुविधाओं से सामाजिक कल्याण में वृद्धि होती हैं जो किसी भी सरकार का प्रमुख उद्दश्य होता है।
(घ) सरकार को अपने कार्यालयों से भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद आदि दूर करना चाहिए और उद्यमियों को और अधिक सुविधाएँ उपलब्ध करानी चाहिए।
आओ-इन पर विचार (पृष्ठ संख्या 70)
प्रश्न 1.
वस्त्र उद्योग के श्रमिकों, भारतीय निर्यातकों और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धा ने किस प्रकार प्रभावित किया हैं?
उत्तर-
(क) श्रमिक
(क) श्रमिक अब अस्थायी रूप से काम करते हैं।
(ख) उन्हें अधिक घंटे काम करने पड़ते हैं। उसके लिए अतिरिक्त भुगतान नहीं मिलता है।
(ग) उनहें व्यस्त मौसम में नियमित रूप से रात के समय में भ्ज्ञी काम करने पड़ते हैं।
(घ) मजदूरी कम हो गई है।
(ख) भारतीय निर्यातक
(क) उन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियों से सस्ती दरों पर उत्पादन आदेश प्राप्त होता हैं
(ख) उन्हें अपनी लागतों को कम करने के लिए कठिन प्रयास करना पड़ता है।
(ग) वे श्रम लागतों को कम करने के लिए विवश हैं। (घ) वे श्रमिकों को अस्थयी रूप से ही काम पर लगते
(ग) विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ
(क) वे अपने लाभ को बढ़ाने के लिए सस्ती वस्तुएँ प्राप्त करने में सक्षम होती है।
(ख) वस्त्र निर्यातकों में प्रतिस्पर्धा के फलस्वरूप इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अत्यधि लाभ प्राप्त हुआ है।
प्रश्न 2.
वैश्वीकरण से मिले लाभों में श्रमिकों को न्यायसंगत हिस्सा मिल सके, इसके लिए प्रत्येक निम्न वर्ग क्या कर सकता है?
(क) सरकार
(ख) निर्यातक फैक्ट्रियों के नियोक्ता
(ग) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ
(घ) श्रमिक
उत्तर-
(क) सरकार-श्रम कानून बनाकर और उन्हें उचित ढंग से लागू कर श्रमिकों को संरक्षण प्रदान कर सकती है।
(ख) निर्यातक फैक्ट्रियों के नियोक्ता-ये श्रमिकों को उचित मजदूरी और रोजगार सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
(ग) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ-इन्हें उन निर्यातकों को उत्पादन-आदेश देना चाहिए जो श्रम कानूनों का उचित रूप में पालन करते हों।
(घ) श्रमिक-मजदूर संघों की स्थापना कर उनके माध्यम से लाभ में अपना उचित हिस्सा प्राप्त करने हेतु निर्यातकों पर दबाव डाल सकते हैं।
प्रश्न 3.
वर्तमान समय में भारत में बहस है कि क्या कंपनियों को रोजगार नीतियों के मुद्दे पर लचीलापन अपनाना चाहिए। इस अध्याय के आधार पर नियोक्ताओं और श्रमिकों के पक्षों का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
नियोक्ताओं का पक्ष
(क) वे श्रमिकों को अस्थायी रूप से काम पर लगाना पसंद करते हैं।
(ख) नियोक्ता प्रतिस्पर्धा के कारण अपनी लागतों को कम करने का भरपूर प्रयास करते हैं।
(ग) वे श्रमिकों को केवल अस्थायी रूप से रोजगार पर इसलिए लगाना चाहते हैं ताकि उन्हें श्रमिकों को पूरे वर्ष भुगतान न करना पड़े।
श्रमिकों का पक्ष-
(क) वे रोजगार की लचीली नीतियों के पक्ष में नहीं होते हैं। इसलिए रोजगार की यह दशा दर्शाती है कि श्रमिकों को वैश्वीकरण के लाभ का उचित हिस्सा नहीं मिला है।
(ख) उनकी आय पहले की अपेक्षा आधे से भी कम हो गई है उन्हें दैनिक मजदूरी के अलावा और कोई अन्य नहीं मिलता है।
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वैश्वीकरण विभिन्न देशों के बीच तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया है। अधिकाधिक विदेशी निवेश और विदेश व्यापार के कारण यह संभव हो रहा है। वैश्वीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुख्य भूमिका निभा रही है। आधुनिक समय में उतपादन कार्य अत्यन्त जटिल तरीके से संपनन हो रहा है। इसका कारण यह है कि अधिकांश बहुराष्ट्रीरा कंपनियाँ विश्व के उन स्थानों की ओर जा रही हैं जो उकने उत्पादन के लिए सस्ता हो, जहाँ बाजार नजदीक हो और ससती दर पर श्रमिक उपलब्ध हों। कभी-कभी ये बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों के साथ गठजोड़ कर उत्पादन करती हैं, जिससे दोनों को फायदा होता है।
प्रश्न 2.
भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?
उत्तर-
(क) 1947 ई. में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत सरकार ने विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगा रखा था। क्योंकि घरेलू उत्पादकों को विदेशी प्रतिस्पर्धाक खिलाफ संरक्षण देने के लिए यह आवश्यक था।
(ख) 1950 एवं 1960 के दशक में जब उद्योगों की स्थापना हुई तो इन नवोदित उद्योगों को आयात से प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति नहीं दी गई।
(ग) सन् 1991 में भारत सरकार ने यह निश्चय किया कि भारतीय उत्पादक विश्व-स्तरीय उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं।
(घ) यह भी महसूस किया गया कि प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों के प्रदशन में सुधार आएगा और उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। कई प्रभावशली अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी इस निर्णय का समर्थन किया। इसलिये सरकार ने इन अवरोध कों को हटाने का निश्चय किया।
प्रश्न 3.
श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा?
उत्तर-
(क) भारत में विदेशी निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने श्रम काननों में लचीलापन अपनाने की अनुमति दी है। हाल के वर्षों में सरकार न कंपनियों को अनेक नियमों से छूट लेने की अनुमति भी दी है।
(ख) अब नियमित आधार पर श्रमिकों को रोजगार देने के बजाय कंपनियाँ छोटी अवधि जब काम का बदाव धिक होता है।, के लिए श्रमिकों को रोजगार पर रखती हैं। इससे कंपनी की श्रम-लागत कम होती है और उनका लाभांश बढ़ता है। विश्वव्यापी नेटवक से युक्त बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अधि क लाभ अर्जित करने के लिए सस्ती वसतुओं की मांग करती हैं इससे उनहें प्रतिस्पर्धा में बनने रहने में सहायता मिलती है।
प्रश्न 4.
दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती है?
उत्तर-
(क) सामान्यत: बहुराष्ट्रीय कंपनियां उसी स्थान पर उत्पादन कार्य शुरू करती हैं जहाँ बाजार नजदीक हो, सस्ते दर पर श्रमिक उपलब्ध हों और सरकारी नीतियां भ्ज्ञी उनके हितों के अनुकूल हों।
(ख) बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सामान्य तरीका होता हैं, स्थानीय कंपनियों को खरीदना, उसके बाद उतपादन का प्रसार करना।
(ग) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ एक अन्य तरीके से भी उत्पादन नियंत्रित करती हैं। विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आदेश देती हैं वस्त्र, जूत चप्पल एवं खेल के सामान आदि ऐसे उद्योग हैं। जिनका उत्पादन छोटे स्तर के उत्पादकों द्वारा किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इन उतपादों की अपूर्ति कर दी जाती है। जो अपने ब्रांड नाम से बाजार में बेचती हैं।
प्रश्न 5.
विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवा का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले मे ऐसी मांग करनी चाहिए?
उत्तर-
(क) विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ प्रायः उन स्थानों पर उत्पादन कार्य संचालित करना चाहिए हैं जो बाजार के नजदीक हों, जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हों तथा उस देश की सरकारी नीतियाँ भ्ज्ञी ऐसी हां जो उनके हितों के अनुरूप हों।
(ख) विकासशील देशों में ये सारी सुविधाएँ मौजूद हैं अतः विकसित देश विकासशील देशों से उनके व्यापार और -निवेश का उदारीकरण चाहते हैं।
(ग) विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी मांग अवश्य करनी चाहिये क्योंकि विकसित देशों में अनुचित ढंग से व्यापार अवरोधकों को बरकरार रखा है। जबकि, विश्व व्यापर संगठन के नियमों के कारण विकासशील देश व्यापार अवरोधकों को हटाने के लिए विवश हुए हैं। कृषि उतपादों के व्यापार पर वर्तमान बहस इसका एक ज्वलंत उदाहरण हैं।
प्रश्न 6.
वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है। इस कथन की अपने शब्दो में व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
(क) वैश्वीकरण का लाभ धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को अधिक हुआ है। इन उपभोक्ताओं के पास आज पहले की अपेक्षा ज्यादा विकल्प हैं। उत्पादों की उत्कृष्टता, गुणवता तथा कम कीमत का लाभ भी उन्हें मिल रहा है। इनका जीवन स्तर भी ऊँचा हुआ है।
(ख)विगत वर्षों में विदेशी निवेश उन्ही उद्योगों और सेवाओं में हुआ है, जिनमें निर्यात की संभावना ज्यादा है। इन श्रेत्रकों में नये उद्योगों की स्थापना भी हुई है और नये रोजगार का भी सृजन हुआ है इन उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली स्थानीय कंपनियों का भी विस्तार हुआ है। और कुछ ने तो अपनी उत्पादन प्रक्रिया का आधुनिकीकरण भी किया।
(ग) दूसरी ओर वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण अधिकांश नियोक्ता इन दिनों रोजगार देने में लचीलापन पंसद करते हैं। इस कारण श्रमिकों को रोजगार सुरक्षा का लाभ नहीं मिल पाता है।
(घ) अधिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से नियोक्ता श्रम लागत में कौती करने की कोशिश करते हैं। इसलिए श्रमिकों को अस्थायी रोजगार मिलता है। उनहें बहुत लंबे कार्य घंटों तक काम करना पड़ता है लेकिन मजदूरी कम मिलती है। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि वैश्वीकरण का प्रभाव समान नहीं है।
प्रश्न 7.
व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में सहायता कैसे पहुँचाती हैं?
उत्तर-
(क) सरकारें विदेश व्यापार में बढ़ोत्तरी या कमी करने तथा देश में आयतित वस्तुओं की मात्रा निश्चित करने के लिए व्यापार अवरोधक लगाती हैं।
(ख) उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना तथा घरेलू उत्पादकों को संरक्षण प्रदान करना भी इसका एक कारण हो सकता है।
(ग) विगत कुछ वर्षों में अनेक देशों के बीच अधिकाधि क व्यापार व निवेश में योगदान करने वाला मुख्य कारक हैं-अनेक प्रकार के व्यापार और निवेश अवरोधकों या प्रतिबंध ों में कटौती करना जैसे-पिछले दो दशकों में भारत सरकार ने व्यापार व निवेश अवरोधको में कमी की है।
(घ) परिणामतः वस्तुओं के आयात में सुविधा होती है। और विदेशी कंपनियाँ दूसरी जगहों पर अपने कार्यालय और कारखाने सथापित कर सकेंगी।
(ङ) व्यापार के उदारीकरण से व्यापारियों को मुक्म रूप से निर्णय लेने की अनुमति होती हैं, जिससे वह अपनी इच्छानुसार आयात-निर्यात कर सकते हैं।
प्रश्न 8.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प है। यह ………. की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। भारत के बाजारों में अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ ………… बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियो द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम भारत के बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही है। क्योंकि ……..। जबकि बाजार में उपभोक्ताओं
के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते …………..और …….. …..के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम …… ……।
उत्तर-
वैश्वीकरण; व्यापार; भारत एक बड़ा बाजार है; उत्पादन; वैश्वीकरण; प्रतिस्पर्धा।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए-
(क) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों पर खरीदती हैं।
(ख) आयात पर कम और कोटा का उपयोग व्यापार नियमन के लिए किया जाता है
(ग) विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय
(घ) आई टी ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में साहयता की है।
(ङ) अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया है।
उत्तर-
(क)-ब;
(ख)-य;
(ग)-द;
(घ)-स;
(ङ)-अ।
प्रश्न 10.
सही विकल्प का चयन कीजिए
(अ) वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में द्रुत आवागमन देखा गया है
(क) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
(ग) देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का
उत्तर-
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
(आ) विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग हैं।
(क) नये कारखानों की स्थापना
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना
(ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना
उत्तर-
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना
(इ) वैश्वीकरण ने जीवन-स्तर के सुधार में सहायता पहुँचाई हैं।
(क) सभी लोगों के
(ख) विकसित देशों के लोगों के
(ग) विकासशील देशों के श्रमिकों के
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।