विराट-रोहित के पास समय ही नहीं बचा था, इसलिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, वर्ल्ड कप विजेता कोच का दावा
Paras Mhambre on Virat Kohli and Rohit Sharma Test Cricket Retirement: आईपीएल 2025 के बीच में ही भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गजों ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. 7 मई 2025 को भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. इसके पांच दिन बाद, 12 मई को विराट कोहली ने भी यही फैसला लिया. महज पांच दिनों में भारत ने लगभग 200 टेस्ट मैचों के अनुभव और ढेर सारी यादों को अलविदा कह दिया. भारत के इंग्लैंड सीरीज से पहले दोनों खिलाड़ियों के रिटायरमेंट ने टीम इंडिया में खालीपन पैदा कर दिया. रोहित और कोहली बिना फेयरवेल के सफेद जर्सी वाले फॉर्मेट से रिटायर हो गए. कोहली और रोहित जैसे दिग्गजों ने अलविदा कहा तो मन में यह सवाल उठता है क्या ये दोनों थोड़ा और नहीं खेल सकते थे? कम से कम इस आगामी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप साइकिल तक?
रोहित और कोहली में कितना क्रिकेट बचा था?
रोहित शर्मा इस समय 38 साल के हैं तो कोहली 36 के हैं. कोहली की फिटनेस पर किसी को कोई शक नहीं, लेकिन भारत जैसे देश में जहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, वहां भविष्य की ओर देखना जरूरी हो जाता है. भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे का कहना है कि कोहली और रोहित दोनों को एहसास था कि उनके पास टेस्ट क्रिकेट के लिए अब पांच साल नहीं बचे हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “विराट के पास पांच साल का टेस्ट करियर नहीं था, यह तो हम सभी जानते थे. उनके जो व्यक्तिगत संघर्ष रहे हैं, उन्हें भी शायद एहसास हो गया था कि अब समय आ गया है.”
कोहली और रोहित दोनों ही ऐसे क्रिकेटर रहे हैं जो मैदान पर सब कुछ झोंक देते हैं. भारत की टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रहे म्हाम्ब्रे ने कहा कि जब उन्हें लगा कि वे 100 फीसदी नहीं दे सकते, तो उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया. पारस ने कहा, “उन्होंने हमेशा इस बात को महत्व दिया कि वे कितनी उपयोगी भूमिका निभा सकते हैं. और कभी-कभी यह मोटिवेशन का भी सवाल होता है. शायद अब टेस्ट फॉर्मेट के लिए उनमें पहले जैसी प्रेरणा नहीं रही और वे जानते थे कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाएंगे. इसलिए यह दोनों का बहुत ही निःस्वार्थ फैसला था.”

विराट-रोहित का टेस्ट करियर
कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. जून 2025 तक वह 113 टेस्ट खेल चुके थे, जिसमें उन्होंने 49.29 की औसत से 8900+ रन बनाए. उन्होंने 29 शतक और 30 अर्धशतक जड़े, जिसमें सात दोहरे शतक शामिल हैं, जो किसी भी भारतीय कप्तान के लिए रिकॉर्ड है. वहीं रोहित शर्मा की टेस्ट करियर की शुरुआत अलग रही. उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले ही टेस्ट सीरीज में दो शतक जड़े, लेकिन उसके बाद मिडल ऑर्डर में वह जगह पक्की नहीं कर पाए. 2019 में विराट कोहली और रवि शास्त्री ने उन्हें ओपनर बनाया और यहीं से उनका करियर रफ्तार पकड़ने लगा. रोहित ने 67 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 40.57 की औसत से 4,301 रन बनाए. रोहित ने अपने करियर में 12 शतक और 18 अर्धशतक बनाए.
पिछले 12 महीने टेस्ट क्रिकेट में निराश करने वाले रहे
हालांकि दोनों खिलाड़ियों के लिए पिछले 12 महीनों में उनके लिए चीजें बेहद कठिन रहीं. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह रन नहीं बना सके. उनका फॉर्म इतना खराब था कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद संन्यास ही ले लिया. इन दोनों खिलाड़ियों के साथ रविचंद्रन अश्विन ने भी इसी सीरीज के बीच टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. मुंबई इंडियंस के वर्तमान गेंदबाजी कोच म्हाम्ब्रे ने कहा कि भारत को आने वाले समय में रोहित, कोहली और रविचंद्रन अश्विन की कमी जरूर महसूस होगी.
भारत को रोहित, कोहली और अश्विन की कमी खलेगी
म्हाम्ब्रे ने कहा, “यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों (कोहली और रोहित) इतने कम अंतराल में रिटायर हो गए. कभी-कभी ऐसा होता है कि एक दिग्गज रिटायर होता है और दूसरा कुछ समय तक टीम में बना रहता है ताकि युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन मिल सके. लेकिन हां, यही इस फॉर्मेट की सच्चाई है. उन्होंने जो फैसला लिया है, वो बहुत ही आत्मनिष्ठ और ईमानदार रहा है. लेकिन हां, तीनों – रोहित, कोहली और अश्विन की कमी हमें जरूर खलेगी.”
भारत को इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज 20 जून से खेलनी है. इन तीनों खिलाड़ियों के बिना युवा इंडियन टीम की कमान शुभमन गिल को सौंपी गई है. इसी सीरीज से दोनों टीमें अपने WTC 2025-25 साइकल की शुरुआत करेंगी. पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच शुक्रवार से लीड्स हेडिंग्ले में खेला जाएगा.
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