विकास
विकास
सारांश
विकास अथवा प्रगति की धारणा हमेशा से हमारे साथ है। हमारी आकांक्षाएँ और इच्छाएँ हैं कि हम क्या करना चाहते हैं
और अपना जीवन कैसे जीना चाहते हैं? इसी तरह हम विचार रखते हैं कि कोई देश कैसा होना चाहिए? हमें किन अनिवार्य वस्तुओं की आवश्यकता है? क्या सभी का जीवन बेहतर हो सकता है? लोग मिल-जुलकर कैसे रह सकते हैं? क्या और अधिक समानता हो सकती है? विकास इन सभी प्रश्नों पर विचार करने और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के उपायों से जुड़ा है। यह काम जटिल है और इस अध्याय में हम विकास को समझने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। आप उच्च कक्षाओं में इन मुद्दों को अधिक गहराई से सीखेंगे। इसके अतिरिक्त, ऐसे बहुत से प्रश्नों के उत्तर आपको अर्थशास्त्र में ही नहीं बल्कि इतिहास और राजनीति विज्ञान के पाठयक्रम मे भी मिलेंगे। ऐसा इसलिए है कि हम आज जो जीवन जी रहे हैं, वह अतीत से प्रभावित है। हम इसे जाने बिना बदलाव की इच्छा नहीं रख सकते। इसी तरह, हम केवल एक लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया के द्वारा ही इन आशाओं और संभावनाओं को वास्तविक जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।
इसी प्रकार राष्ट्रीय विकास के सदर्भ में लोगों की धारणाएँ अलग-अलग और परस्पर विरोधी भी हो सकती हैं। लेकिन
क्या सभी विचारों को समान महत्त्व देना संभव है? परस्पर विरोध होने पर निर्णय कैसे हो? किसी कार्य को बेहतर करने का तरीका क्या हो सकता है? किसी विचार विशेष से लोगों का कितना लाभ हो सकता है? राष्ट्रीय विकास का अर्थ उपरोक्त प्रश्नों पर विचार करना है। विकास की धारणा में विविधता एवं परस्पर विरोध के साथ-साथ विकास के तरीकों में भी फर्क हो सकता है। यही कारण है कि दुनिया के देशों को विकसित, विकासशील एवं अविकसित देशों की श्रेणी में रखा गया है। देशों की तुलना के लिए उस देश की औसत आय को मापदण्ड बनाया जाता है। परंतु बेहतर आय के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन की सुविधा, सामाजिक सद्भाव, प्रदूषण मुक्त वातावरण, सामूहिक सुरक्षा प्रणाली, छुतहा बीमारियों से बचाव उत्तम जन वितरण प्रणाली आदि भी राष्ट्रीय विकास के संकेतक हैं। UNDP द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट भी देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक एवं स्वास्थ्य स्तर तथा प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है। इसके लिए मानव विकास सूचकांक में कई अवयवों को जोड़ा जाता है। विकास से पूर्व मानव जोड़कर यह स्पष्ट कर दिया गया है कि विकास के लिए लोग महत्त्वपूर्ण हैं, उनका स्वास्थ्य शिक्षा और खुशहाली सबसे अधिक जरूरी है। जहाँ तक विकास की धारणीयता का प्रश्न है, बहुत से वैज्ञानिक मानते हैं कि वर्तमान किस्म और स्तर का विकास धारणीय नहीं है क्योंकि संसाधनों के अति उपयोग के कारण उनके भण्डार में कमी होती जा रही है। दूसरी ओर नवीनीकरण योग्य साधनों का पूर्ण इस्तेमाल नहीं हो रहा। दूषित पर्यावरण की समस्या संपूर्ण विश्व की समस्या बन – गई है। विकास की धारणीयता तुलनात्मक स्तर पर गन का नया क्षेत्र है जिसमें अर्थशास्त्री, समाज शास्त्री, दार्शानिक, वैज्ञानिक आदि सभी मिल-जुलकर कार्य कर रहे हैं।
विकास Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
राष्ट्रीय आय किसे कहते हैं?
उत्तर-
राष्ट्रीय आय का तात्पर्य उस सकल आय से है जिसे देश के अंदर उत्पन्न भी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य के साथ-साथ विदेशों से प्राप्त आय को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।
प्रश्न 2.
साक्षरता दर से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
सात वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षरता के अनुपात को साक्षरता दर कहते हैं।
प्रश्न 3.
निवल हाजिरी अनुपात का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर-
6-10 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले कुल बच्चों का उस आयु-वर्ग कुल बच्चों के साथ अनुपात को निवल हाजिरी अनुपात करते हैं।
प्रश्न 4.
शिशु मृत्यु दर की परिभाषा बताइए।
उत्तर-
किसी वर्ष में पैदा हुए 1000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मर जाने वाले बच्चों के अनुपात __ को शिशु मृत्युदर कहते हैं।
प्रश्न 5.
शरीर द्रव्यमान सूचकांक क्या है?
उत्तर-
शरीर द्रव्यमान सूचकांक अल्पपोषित वयस्कों का गणना करने का एक तरीका है।
प्रश्न 6.
मानव विकास सूचकांक किसे कहते हैं?
उत्तर-
वह सूचकांक जिसके माध्यम से विश्व के किसी भी देश के मानव विकास के स्तर को जाना जाता हे, मानव विकास सूचकांक कहलाता है।
प्रश्न 7.
प्रति व्यक्ति आय क्या होती है?
उत्तर-
प्रति व्यक्ति आय का तात्पर्य उस राशि से है जिसे कुल राष्ट्रीय आय में कुल जनसंख्या को भाग देकर प्राप्त किया जाता है। इसे औसत आय भी कहते हैं। प्रति व्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय / कुल जनसंख्या
प्रश्न 8.
किसी तीन प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
(क) पूँजीवादी अर्थव्यवस्था, (ख) समाजवादी अर्थव्यवस्था, (ग) मिश्रित अर्थव्यवस्था।
प्रश्न 9.
प्रति व्यक्ति आय के आधार पर देशों को किन-किन अर्थव्यवस्थाओं में बाँटा गया है?
उत्तर-
प्रति-व्यक्ति आय के आधार पर विश्व के देशों को निम्नलिखित अर्थव्यवस्था में बाँटा गया हैं.
(क) विकसित अर्थव्यवस्था,
(ख) विकासशील अर्थव्यवस्था
प्रश्न 10.
विश्व बैंक ने प्रति व्यक्ति आय के आधार पर विश्व के देशों को किन-किन भागों में बाँटा है?
उत्तर-
विश्व बैंक ने प्रति व्यक्ति आय के आधार पर विश्व के देशों को तीन भाग में बाँटा है
(क) अधिक आय वाले देश, (ख) मध्ययम आय वाले देश, (ग) निम्न आय वाले देश
प्रश्न 11.
किसी देश की आर्थिक प्रगति मापने के दो प्रमुख आधार कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
किसी देश की आर्थिक प्रगति मापने के दो प्रमुख आधार निम्नलिखित हैं
(क) उस देश की प्रति-व्यक्ति, आय, (ख) उस देश की राष्ट्रीय आय।
प्रश्न 12.
विकसित अर्थव्यवस्था का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
विकसित अर्थव्यवस्था का अभिप्राय उस अर्थव्यवस्था से है जहाँ आर्थिक उत्पादन की दर जनसंख्या वृदृधि दर से अधिक हो।
प्रश्न 13.
किसी देश की प्रति व्यक्ति आय 70, 000 रुपये है। यह देश किस प्रकार की आयवाला देश कहा जाएगा?
उत्तर-
मध्यम आय वाला देश।
प्रश्न 14.
विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट 2006 के अनुसार कौन देश समृद्ध और कौन देश निम्न आय वाले देशों की श्रेणी में आते हैं?
उत्तर-
विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट 2006 के अनुसार वे देश जिनकी 2004 में प्रति व्यक्ति आय 10, 066 डॉलर प्रति वर्ष या उससे अधिक है, समृद्ध देश हैं और वे देश जिनकी प्रति व्यक्ति आय 825 डॉलर प्रति वर्ष या उससे कम है उन्हें निम्न आय देश कहा गया है।
प्रश्न 15.
भारत किस आय वर्ग के देशों में आता है?
उत्तर-
भारत निम्न आय वाले देशों की रेणी में आता है क्योंकि उसकी प्रति व्यक्ति आय 2004 में केवल 620 डॉलर प्रतिवर्ष थी।
प्रश्न 16.
समद्ध देशों को आमतौर पर किस नाम से पुकारा जाता है?
उत्तर-
विकसित देश।
प्रश्न 17.
निवल राज्य घरेलू उत्पाद को दूसरा क्या नाम दिया जा सकता है?
उत्तर-
राज्य की प्रति व्यक्ति आय।
प्रश्न 18.
आमतौर से किसी देश का विकास किन चीजों से निर्धारित किया जा सकता है?
उत्तर-
आमतौर से किसी देश का विकास उसकी निम्नलिखित चीजों से निर्धारित किया जा सकता है
(क) प्रति-व्यक्ति आय,
(ख) औसत साक्षरता स्तर,
(ग) लोगों का स्वास्थ्य स्तर।
प्रश्न 19.
केरल में शिशु मृत्यु दर कम क्यों है?
उत्तर-
केरल में शिशु मृत्यु दर कम है क्योंकि वहाँ शिक्षा एवं स्वास्थ्य की मौलिक सुविधाएँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
प्रश्न 20.
किन राज्यों में लोगों के स्वास्थ्य एवं पौषणिक स्तर बेहतर होने की … है?
उत्तर-
उन राज्यों में जहाँ जन वितरण प्रणाली ठीक प्रकार काम करती है जैसे-तमिलनाडु में ग्रामीण क्षेत्रों के 75% लोग राशन की दुकानों का इस्तेमाल करते हैं।
प्रश्न 21.
UNDP द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट देशों की तुलना किस आधार पर करती है?
उत्तर-
UNDP द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट देशों की तुलना लोगों की शैक्षिक एवं स्वास्थ्य स्तर तथा प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है।
प्रश्न 22.
मानव विकास रिपोर्ट 2006 के अनुसार मानव विकास सूचकांक के संदर्भ में विश्व में भारत का क्रमांक कितना है?
उत्तर-
मानव विकास रिपोर्ट 2006 के अनुसार विश्व में मानव विकास सूचकांकक के संदर्भ में भारत का क्रमाक 126
प्रश्न 23.
मानव विकास रिपोर्ट 2006 के अनुसार भारत के नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय कितनी थी?
उत्तर-
3, 139 रुपये।
प्रश्न 24.
यदि दुनिया के लोग कच्चे तेल का प्रयोग मौजूदा तरीके से करते रहे तो यह भंडार कितने दिनों तक चल सकेगा?
उत्तर-
यदि दुनिया के लोग कच्चे तेल का प्रयोग मौजूदा तरीके से करते रहे तो यह भंडार 43 वर्षों में खत्म हो जाएगा।
प्रश्न 25.
धारणीयता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
धारणीयता का अर्थ है विकास के एक निश्चित स्तर को प्राप्त करना इसके बाद इस प्राप्त स्तर को और ऊँचा उठाने का प्रयास करना या कम से कम ऐसी कोशिश करना जिससे आनेवाली पीढ़ियों के लिए यह स्तर बना रहे।
प्रश्न 26.
विकास का क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
विकास अथवा प्रगति की धारणा सदा से मानव के साथ रही है। वास्तव में हमारी इच्छाएँ और आकांक्षाएँ व्यक्तिगत जीवन में हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। हम इसी तरह के विचार देश के बारे में भी रख सकते हैं। हमें किन आवश्यक वस्तुओं की आवश्यकता है? सभी का जीवन बेहतर कैसे हो सकता है? लोग आपस में मिल-जुलकर कैसे रह सकते हैं? क्या और अधिक समानता हो सकती है? यदि हाँ, तो कैसे? विकास इन सभी प्रश्नों पर विचार करने तथा इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के उपायों से जुड़ा है।
प्रश्न 27.
“विकास के लिए लोग मिले-जुले लक्ष्यों को देखते हैं।” सिद्ध कीजिये।
उत्तर-
(क) हमारा जीवन द्रव्य या उससे खरीदी जा सकने वाली भौतिक वस्तुओं के साथ-साथ अन्य अभौतिक वस्तुओं पर भी निर्भर करता हैं इसलिये विकास के लिए लोग मिले-जुले लक्ष्यों को देखते हैं।
(ख) उदाहरण के तौर पर, यदि महिलाएँ वेतन भोगी कार्य करती हैं तो घर और समाज में उनका आदर बढ़ता है। यह भी सच है कि यदि हम महिलाओं का आदर करते हैं तो । घर में उनके काम-काज में भी हाथ बटायेंगे। आजकल कामकाजी महिलाओं को अधिक स्वीकार भी किया जाता है। सुरक्षित वातावरण में ज्यादा महिलाएँ विभिन्न प्रकार की नौकरियाँ या व्यापार कर सकती हैं।
प्रश्न 28.
राष्ट्रीय विकास से आपका क्या अभिप्राय हैं?
उत्तर-
(क) देश के विकास के विषय में विभिन्न लोगों की धारणाएँ भिन्न या परस्पर विरोधी हो सकती हैं। . (ख) लेकिन क्या सभी विचारों को बराबर महत्त्व दिया जा सकता है? विचारों में यदि परस्पर विरोध हो तो निर्णय किस प्रकार हो?
(ग) सभी के लिए सही और न्यायपूर्ण राह क्या होगी? किसी काम को करने का बेहतर तरीका क्या हो सकता है? क्या इस विचार से बहुत से लोगों का लाभ होगा या नहीं? राष्ट्रीय विकास का अभिप्राय इन सब प्रश्नों पर विचार करना
प्रश्न 29.
क्या देशों में तुलना के लिए कुल आय एक अच्छा मापदण्ड है?
उत्तर-
(क) देशों के बीच तुलना के लिए कुल आय एक अच्छा मापदण्ड नहीं है। क्योंकि अलग-अलग देशों की जनसंख्या भी अलग-अलग होती है। कुल आय की तुलना करने से व्यक्ति की औसत आय का पता नहीं चलता है। यह कैसे पता चलेगा कि किस देश के लोग बेहतर स्थिति में हैं।
(ख) इसलिए हम औसत आय जिसे प्रति व्यक्ति आय भी कहा जाता है, की तुलना करते हैं।
प्रश्न 30.
विश्व बैंक रिपोर्ट, 2006 के अनुसार देशों के वर्गीकरण के लिए क्या मापदण्ड इस्तेमाल किया गया है?
उत्तर-
(क) विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट, 2006 में देशों का वर्गीकरण के लिए औसत आय या प्रति व्यक्ति आय को मापदण्ड के रूप में इस्तेमाल किया गया है।
(ख) वे देश जिनकी 2004 में प्रति व्यक्ति आय 10, 066 डॉलर प्रति वर्ष या उससे अधिक है, समृद्ध देश हैं और वे देश जिनकी प्रति व्यक्ति आय 825 डॉलर प्रतिवर्ष या उससे कम है उन्हें निम्न आय वाला देश कहा जाता है।
(ग) भारत निम्न आय वर्ग की श्रेणी में आता है क्योंकि यहाँ लोगों की प्रतिव्यक्ति आय 2004 में 620 डॉलर प्रति वर्ष थी।
(घ) समृद्ध देशों को आमतौर से विकसित देश कहा जाता है। जिसमें मध्य पूर्व और कुद अन्य छोटे देश शामिल नहीं हैं।
प्रश्न 31.
नागरिक कितनी भौतिक वस्तुएँ और सेवाएँ इस्तेमाल कर कसते हैं, इसके लिए आय पर्याप्त संकेतक नहीं है। सोदाहरण समझाइए।
उत्तर-
(क) यह सत्य है कि आय पूर्ण रूप से इस बात का पर्याप्त संकेतक नहीं है कि नागरिक कितनी वस्तुएँ एवं सेवाएँ इस्तेमाल कर सकते हैं।
(ख) जो धन जेब में रखा हो, वह जरूरी नहीं कि एक बेहतर जीवन जीने के लिए आवश्यक वस्तुएँ एवं सेवाएँ खरीद सके।
(ग) उदाहरण के लिए, साधारण तौर पर धन से प्रदूषण-मुक्त वातावरण नहीं खरदा जा सकता है। इसी प्रकार, धन से बिना मिलावट की दवाएँ नहीं खरीदी जा सकती हैं जब तक हम ऐसे समुदाय में जाकर नहीं रहने लगें जहाँ ये सुविधाएँ पहले से मौजूद हों।
(घ) जब तक पूरा समुदाय बचाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाता तब तक पैसे के बल पर छू तहा बीमारियों से भी बचा नहीं जा सकता है।
प्रश्न 32.
अल्पोषित वयस्कों की गणना का तरीका क्या
उत्तर-
अल्पोषित वयस्कों की गणना के एक तरीके को पोषण वैज्ञानिक, शरीर द्रव्यमान सूचकांक कहते हैं। इसे मापने के लिए किसी व्यक्ति का वजन किलोग्राम में और उसकी लंबाई मीटर में लीजिए। इसके बाद वजन को लंबाई के वर्ग से भाग दीजिाये। यदि यह संख्या 18.5 से कम है तो वह व्यक्ति अल्पपोषित कहा जाएगा और यदि यह शरीर द्रव्यमान सूचकांक 25 से अधिक है तो वह व्यक्ति अतिवजनी है।
प्रश्न 33.
आय के महत्त्व के बारे में इससे क्या सीख निकाल सकते हैं कि केवल जिसकी प्रति-व्यक्ति आय कम है, उसका मानव विकास क्रमांक पंजाब से बेहतर है?
उत्तर-
कुछ चयनित राज्यों की प्रति व्यक्ति आय-
उपरोक्त तालिका के विश्लेषण से स्पष्ट है कि इन तीनों राज्यों में पंजाब की प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा है और बिहार की सबसे कम। अर्थात् पंजाब में एक व्यक्ति एक वर्ष में औसतन 26,000 रुपये कमाता है, जबकि बिहार में वह केवल 5,7000 रुपये कमाता है।
अब इन्हीं राज्यों के कुछ और आँकड़ों पर नजर डालते हैं
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि केरल में 1000 जीवित बच्चों में से 11 बच्चे एक वर्ष की आयु से पहले ही मार जाते हैं। जबकि पंजाब में यही अनुपात 49 है जो केरल की तुलना में 5 गुना है। दूसरी ओर 1995-96 में 1 से 5 कक्षा तक का निवल हाजिरी अनुपात पंजाब में 81 था जबकि केरल में यही अनुपात 91 था। इससे स्पष्ट होता है कि मानव विकास क्रमांक का मापना सिर्फ आय से नहीं बल्कि किसी राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति से भी हो सकता है।
प्रश्न 34.
क्या यह कहना सही होगा कि पर्यावरण का अवक्रमण केवल राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है? उदाहरण देकर सचित्रण कीजिये।
उत्तर-
यह सत्य है कि पर्यावरण का अवक्रमण केवल राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है। दुनिया के प्रायः सभी देश पर्यावरण की समस्या से ग्रसित हैं। यही कारण है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रकृति कभी मानव के बीच विभेद नहीं करती है। भौगोलिक सीमायें मनुष्यों ने तय की हैं। प्रकृति और पर्यावरण के विनाश के लिए मनुष्य जिम्मेदार है। वातावरण में प्रदूषण के कारण यदि ओजोन परत में छिद्र हो गया है और सूर्य से निकलने वाली हानिकारक विकिरणों के कारण पृथ्वी के पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है तो इसका खामियाजा किसी देश विशेष को नहीं वरन सभी देशों को भुगतना पड़ रहा है। इसी प्रकार ग्लोबल वार्मिग के कारण अन्टारर्कटिक में बर्फ के पिघलने से समुद्री जल स्तर में वृद्धि हो रही है। इसका प्रभाव संपूर्ण विश्व पर पड़ता है।
प्रश्न 35.
मान लीजिए कि दो देशों में केवल 4-4 परिवार हैं। निम्नलिखित तालिका का ध्यान से अध्ययन कीजिए और नीचे लिखे सवालों का जवाब दीजिये।
(i) रिक्त स्थान को इस तरह भरिए कि दोनों देश x और Y की औसत आय एक हो।
उत्तर-
14,000 रुपये
(ii) अब यह बताइए कि कौन सा देश बेहतर है और क्यों?
उत्तर-
उपरोक्त दोनों देशों में देश Y की स्थिति बेहतर है।
हाँलाकि दोनों देशों की औसत आय 12, 500 रुपये है, लेकिन देश X में चार परिवारों में तीन गरीब है तथा एक अमीर जिसकी आय 35, 000 रुपये है। दूसरी और देश Y में चारों परिवारों की आय लगभग समान है। यहाँ लोग न तो बहुत गरीब हैं, न बहुत अमीर।
प्रश्न 36.
“अलग-अगल लोगों के विकास के लक्ष्य भिन्न हो सकते हैं।” सिद्ध कीजिये।
उत्तर-
(क) समाज में विभिन्न वर्ग के लोग रहते हैं। उनके विकास के लक्ष्य भी अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे-एक भूमिहीन ग्रामीण मजदूर काम करने के अधिक दिन तथा बेहतर मजदूरी चाहता है, वहीं एक समृद्ध किसान अपनी उपज के लिए ज्यादा समर्थन मूल्य की आशा करता हैं एक शहरी बेरोजगार युवक अपने लिए रोजगार चाहता है। शहर के एक अमीर परिवार का लड़का अपना जीवन स्वछंद तरीके से जीना चाहता है। आधुनकि लड़के-लड़कियाँ फैशन के दौड़ में किसी से पीछे नहीं रहना चाहती हैं।
(ख) इस प्रकार, सभी लोग ऐसी चीजें चाहते हैं जो उनके लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं। जिससे वह अपनी इच्छाओं व आकांक्षाओं की पूर्ति कर सकें।
(ग) वास्तव में, कई बार दो व्यक्ति या दो गुट ऐसी चीजें चाह सकते हैं जिनमें परस्पर विरोध भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, एक लड़की अपने भाई के बराबर अवसर और आजादी चाहती है और यह भी आशा रखती है कि घर के कामकाज में वह भी हाथ बंटायेगा लेकिन हो सकता है कि भाई को यह सब पसंद नहीं हो।
(घ) उद्योगपति चाहते हैं कि अधिक से अधिक बिजली पाने के लिए नदियों पर बाँध बनाए जाएँ, लेकिन इस कारण जो लोग बेघर हो जाएंगे और जिनकी जमीन जलमग्न हो सकती है वे उसका विरोध करेंगे। यह भी हो सकता है कि अपने खेतों की सिंचाई के लिए वे लोग केवल चैक बाँध या तालाब पसंद करें।
(ङ) इस तरह स्पष्ट है कि अलग-अलग लोगों के विकास के लक्ष्य भिन्न हो सकते हैं। यह भी हो सकता है कि जो एक के लिए विकास है वह किसी दूसरे के लिए विनाशकारी सिद्ध हो।
प्रश्न 37.
आप कैसे कह सकते हैं कि औसतें तुलना के लिहाज से उपयोगी होती हैं?
उत्तर-
यह सत्य हे कि औसतें तुलना के लिहाज से उपयोगी हैं, इससे असमानताएँ छुपती हैं। उदाहरण के तौर पर हम दो देश क और ख को लेते हैं और मान लेते हैं कि प्रत्येक देश में पाँच निवासी हैं।
दो देशों की तुलना
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि हालाँकि दोनों देशों की औसत आय में बहुत भिन्नता हनी है, फिर भी क्या हमें देशों में रहने में बराबर खुशी हागीं? हममें से कुछ लोग देश ‘ख’ में रहना पसंद कर सकते हैं यदि हमें यह आवश्यवास हो कि हम उस देश के पाँचवें नागरिक होंगे। लेकिन यदि हमारी नागरिकता संख्या लॉटरी के जरिए निश्चित हो तो शायद हममें से ज्यादा लोग देश ‘क’ में रहना पंसद करेगे। क्योंकि देश ‘क’ के लोग ने तो ज्यादा बमीर हैं न बहुत गरीब जबकि देश ‘ख’ के ज्यादार नागरिक गरीब हैं और सिर्फ एक व्यक्ति बहुत अमीर है। इसलिए यहा कहा जाता है कि हालांकि औसत आम-तुलना के लिए उपयोगी हैं परंतु इससे यह पता नहीं चलता कि इस आय का वितरण किस प्रकार हुआ है।
प्रश्न 38.
किसी क्षेत्र या देश के विकास को मापने के लिए औसत आय के अलावा और कौन से मापदण्ड महत्त्वपूर्ण होते हैं और क्यों?
उत्तर-
जिस प्रकार व्यक्तिगत विकास के लिए बेहतर आय के साथ-साथ सुरक्षा, आजादी, दूसरों से आदर और बराबरी का व्यवहार पाना आदि तथ्य महत्त्वपूर्ण होता है, इसी प्रकार जब हम किसी क्षेत्र या देश के विकास के बारे में सोचते हैं।तो औसत आय के अलावा अन्य लक्षणों का भी महत्त्व होता है। इस तथ्य को निम्नलिखित उदाहरण के माध्यम से समझा जा सकता है।
चयनिम राज्यों की प्रति व्यक्ति आय
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि इन तीनों राज्यों में पंजाब की प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा हे और बिहार की सबसे कम। यदि विकास को मापने के लिए प्रति व्यक्ति आय को
आधार बनाया जाए तो इन तीनों में पंजाब सबसे अधिक विकसित और बिहार सबसे कम विकसित माना जाएगा।
अब इन तीनों राज्यों के कुछ और आँकड़ों पर दृष्टिपात करते हैं।
उपरोक्त आँकड़ों के अध्ययन से स्पष्ट है कि केवल में 1000 जीवित पैदा हुए बच्चों में से 11 बच्चे 1 वर्ष की आयु तक पहुँचने से पहले मर जाते हैं। लेकिन पंजाब में यही अनुपात 49 है जो करल की तुलना में 5 गुना ज्यादा है वर्ष 2001 में केरल में साक्षरता दर 91% थी जबकि पंजाब में मात्र 70% थी। इसी प्रकार 1995-96 में कक्षा 1 से पाँच तक का निवल हाजिरी केरल में 91% पंजाब में 81% और बिहार मे मात्र 41% थी। दुखद स्थिति यह है कि यह हमारी आजादी के 56 वर्ष बाद की कहानी है।
प्रश्न 39.
मानव विकास रिपोर्ट 2006 के आधार पर भारत व उसके पड़ोसी देशो की तुलना कीजिये।
उत्तर-
पिछले लगभग एक दशक में औसत आय के साथ-साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य से जुड़े मानक व्यपक स्तर पर विकास के माप लिए इस्तेमाल किए जाने लगे हैं। यू.एन.डी. पी.द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक एवं स्वास्थ्य स्तर और प्रति व्यक्ति आय के आध र पर करती है। मावन विकास रिपार्ट 2006 के आँकड़ों के अध्ययन से कइ महत्त्वपूर्ण तथ्यों का पता चलता है।
वर्ष 2004 के लिए भारत व उसके पड़ोसी देशों के कुछ
उपरोक्त आँकड़ों के अध्ययन से स्पषट है कि हमारे पड़ज्ञेस का एक छज्ञेआ सा देश, श्रीलंका हर मायने में भारत से आगे हैं श्रीलंका के विकास सूचकांक का क्रमांक 93 है जबकि भारत 126वें स्थान पर है। यह भी गौरतलब है कि हालांकि नेपाल की प्रति व्यक्ति आय भारत की तुलना में आध ी हैं फिर भी वह भारत से आयु संभाविता और साक्षरता दर में बहुत पीछे नहीं है।
प्रश्न 40.
धारणीयता से आप क्या समझते हैं? क्या मौजूदा किस्म और स्तर का विकास धारतणीय हैं? उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिये।
उत्तर-
धारणीयता का अर्थ है विकास के एक निश्चित स्तर को प्राप्त करना। तत्पश्चात् इस प्राप्त स्तर को और ऊँचा उठाने का प्रयास करना या कम से कम ऐसी कोशिश करना जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए यह स्तर बना रहे लेकिन 20वीं सदी के उत्तारर्ध में कई वैज्ञानिकों ने यह चेतावदी दी है कि मौजूदा किस्म और स्तर का विकास धारणीय नहीं है।
केद्रीय भूमिगत जल बोर्ड, जलसंसाधन मंत्रालय, भरता सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे देया के कई हिस्सों में भूमिगत जल के अति उपयोग का खतरा पसैदा हो गया है। देश के 306 जिलों में पिछले 20 वष्रे में पानी के स्तर में 4 मीटर से अधिक की गिरावट आई है देश लगभग एक-तिहाई हिस्सा, भूमिगत जल का अति उपयोग कर रहा हैं यदि जल संसाधन का उपयोग इसी प्रकार होता रहा तो अगले 25 वर्षों में देश का 60% हिस्सा इसका अति उपयोग कर रहा होगा।
1995 के विश्व ऊर्जा की BP स्टेस्टिकल रिव्यू के कच्चे तेल के आँकड़ों से पता चलता है कि यदि दुलिया के लोग कच्चे तेल का प्रयोग मौजूदा तरीके से करते रहे तो यह भंडार अगले 43 सालों में समाप्त हो जाएगा। भारत जैसे कुछ देश कच्चे तेल के आयात पर निर्भर हैं जिनके लिए कच्चे तेल की कीमतें बढ़ना-उनकी अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त बाझे बढ़ा देता है। वहीं, दूसरी ओर संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश हैं जिनके पास अतिरिक्त भंडार तो कम है पर वे सैन्य व आर्थिक बल पर इसे पाना चाहते हैं।
विकास Textbook Questions and Answers
पाठगत-प्रश्नोत्तर
आओ-इन पर विचार करें (पृष्ठ संख्या 6)
प्रश्न 1.
अलग-अलग लोगों की विकास की ध परणाएँ अलग क्यों हैं? नीचे दी गई व्याख्याओं में कौन सी अधिक महत्त्वपूर्ण है और क्यों?
(क) क्योंकि लोग भिन्न होते हैं।
(ख) क्योंकि लोगों के जीवन की परिस्थितियाँ भिन्न हैं।
उत्तर-
(क) क्योंकि लोगों के जीवन की परिस्थितियाँ भिन्न हैं।
क्योंकि लोग उन्हीं वस्तुओं को चाहते हैं जो उनके लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होती हैं।
प्रश्न 2.
क्या निम्न दो कथनों का एक अर्थ है, कारण सहित उत्तर दीजिए।
(क) लोगों के विकास के लक्ष्य भिन्न होते हैं।
(ख) लोगों के विकास के लक्ष्यों में परस्पर विरोध होता है।
उत्तर-
उपरोक्त दोनों कथनों के अर्थ भिन्न हैं। इसे निम्न उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।
शहरी अमीर परिवार का लड़का अच्छी शिक्षा और निवेश के लिए पूँजी चाहता है। दूसरी ओर, नर्मदा घाटी का आदिवासी
पुनर्वास और नियमित कार्य चाहता है। ये विकास के लक्ष्य भिन्न अवश्य हैं, परन्तु परस्पर विरोधी नहीं हैं।
प्रश्न 3.
कुछ ऐसे उदाहरण दीजिए, जहाँ आय के अतिरिक्त अन्य कारक हमारे जीवन के महत्त्वपूर्ण पहलू
उत्तर-
निम्नलिखित स्थितियों में आय के अतिरिक्त कुछ और कारक हमारे जीवन के महत्त्वपूर्ण पहलू होते हैं
(क) ग्रामीण महिला के लिए लिंग समानता, आय की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण होता है। __(ख) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए सामाजिक समानता, सम्मान, आय से अधिक महत्त्वपूर्ण
(ग) अनियत श्रमिकों के लिए रोजगार सुरक्षा, आय से अधिक महत्त्वपूर्ण कारक है।
प्रश्न 4.
ऊपर दिये गए खण्ड के कुछ महत्त्वपूर्ण विचारों को अपनी भाषा में समझाइए।
उत्तर-
आय और अन्य लक्ष्य खण्ड के कुछ महत्त्वपूर्ण विचार निम्नलिखित है
(क) लोग नियमित कार्य, बेहतर मजदूरी और अपने उत्पादों के लिए अच्छी कीमतों द्वारा अधिक आय चहाते हैं।
(ख) आय के अतिरिक्त भी लोगों के अन्य विकास लक्ष्य होते हैं जैसे, समाज में बराबरी, स्वतंत्रता, सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आत्म-सम्मान आदि।
(ग) यदि महिलाएँ वेतनभोगी कार्य करती हैं तो घर और समाज में उनका आदर बढ़ता है।
(घ) एक सुरक्षित वातावरण के कारण ज्यादा महिलाएँ विभिन्न प्रकार की नौकरियाँ या व्यापार कर सकती हैं।
आओ-इन विचार करें (पृष्ठ संख्या 7)
निम्नलिखित स्थितियों पर चर्चा कीजिए
प्रश्न 1.
दाहिनी ओर दिए गए चित्र को देखिए। इस प्रकार के क्षेत्र के विकासात्मक लक्ष्य क्या होने चाहिए?
उत्तर-
इस प्रकार के क्षेत्र के लिए विकासात्मक लक्ष्य निम्नलिखित होने चाहिए
(क) झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के लिए पकके घर बनाए जाने चाहिए।
(ख) उनके लिए जल आपूर्ति और सफाई सुविधाओं का उचित प्रबन्ध।
(ग) नियमित कार्य और बेहतर मजदूरी के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि।
(घ) उनके बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रश्न 2.
इस अखबार की रिपोर्ट देखिए और दिए गए प्रश्नों के उनर दीजिए।
एक जहाज ने 500 टन तरल जहरीले अवशेष एक शहर के खुले कूड़े घर और आसपास के समुद्र में डाल दिए। यह अफ्रीका देश के आइवरी कोस्ट में अबिदजान शहर में हुआ। इन ख़तरनाक जहरीले अवशेषों से निकलने वाले धुएँ से लोगों ने जी मितलाना, चमड़ी पर ददोरे पड़ना, बेहोश होना, दस्त लगना इत्यादि की शिकायतें की। एक महीने के बाद 7 लोग मारे गए, 20 अस्पताल में भरती हुए और विषाक्तता के कारण 26, 000 लोगों का इलाज किया गया।
पेट्रोल और धातुओं से संबंधित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ने आइवरी कोस्ट की एक स्थानीय कंपनी को अपने _जहाज़ से जहरीले पदार्थ फेंकने का ठेका दिया था।
(क) किन लोगों को लाभ हुआ और किन को नहीं?
(ख) इस देश के विकास के लक्ष्य क्या होने चाहिए?
उत्तर-
(क) स्थानीय कंपनी मालिक और बहुराष्ट्रीय कंपनी को इससे लाभ हुआ जबकि आइवरी कोस्ट, अफ्रीका के आबिदजान शहर के बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को इस कार्य से हानि हुई।
(ख) इस देश के विकास के लक्ष्य औद्योगिक कचरों की उचित निकासी और जन-सामान्य के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविध होनी चाहिए।
प्रश्न 3.
आपके गाँव या शहर या स्थानीय इलाके के विकास के लक्ष्य क्या होने चाहिए?
उत्तर-
हमारे गाँव के विकास के लक्ष्य निम्न होने चाहिए
(क) रोजगार के अवसर।
(ख) स्थानीय विद्यालयों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था।
(ग) गरीब परिवारों के लिए पक्के घर।
(घ) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और अस्पताल।
कार्यकलाप 1
यदि विकास की धारणा में ही भिन्नता और परस्पर विरोध हो सकता है, तो निश्चित रूप से विकास के तरीकों में भी भिन्नता हो सकती है। अगर आप ऐसे किसी विवाद से परिचित हैं, तो आप विभिन्न व्यक्तियों के तर्क जानने का प्रयास कीजिए। यह आप लोगों से बातचीत करके या अख़बारों और टेलीविजन के मामयम से जान सकते हैं।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न
तालिका 1.2 में दिए आंकड़ों के अनुसार, दोनों देशों की औसत आय निकालिए। (पृष्ठ संख्या 9)
(क) क्या आप इन दोनों में रहकर समान रूप से सुखी होंगे?
(ख) क्या दोनों देश बराबर विकसित हैं?
उत्तर-
(क) नहीं, हमें दोनों देशों में रहने में बराबर खुशी नहीं होगी। इसका कारण कि देश ख में आय का वितरण समान
नहीं है।
(ख) नहीं, दोनों देश बराबर विकसित नहीं हैं। देश क में
नागरिकों में आया क वितरण समान है। दूसरी ओर, देश ख में 5 में से 4 नागरिक गरीब है।
आओ-इन पर विचार करें (पृष्ठ संख्या 9)
प्रश्न 1.
तीन उदाहरण दीजिए, जहाँ स्थितियों की तुलना के लिए औसत का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
निम्न स्थितियों की तुलना के लिए औसत का इस्तेमाल किया जाता है
(क) क्रिकेट खिलाड़ियों के उपलब्धिों की तुलना के लिए।
(ख) अनियत श्रमिकों की आय की तुलना के लिए।
(ग) किसी परीक्षा में छात्रों की उपलब्धियों की तुलना के लिए।
प्रश्न 2.
आप क्यों सोचते हैं कि औसत आय विकास को समझने का एक महत्त्वपूर्ण मापदण्ड है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
विभिन्न देशों की जनसंख्या भिन्न-भिन्न होती है, इसलिए. कुल आय की तुलना करने में हमें यह पता नहीं चलता कि औसत व्यक्ति कितना कमा रहा है। यह औसत आय से ही जाना जा सकता है।
प्रश्न 3.
प्रतिव्यक्ति आय के माप के अतिरिक्त, । आय के कौन से अन्य लक्षण हैं जो दो या दो से अधिक देशों की तुलना के लिए महत्त्व रखते हैं?
उत्तर-
प्रति व्यक्ति आय के आकार के अतिरिक्त, आय का समान वितरण दो या दो से अधिक देशों की तुलना के लिए महत्त्व रखते हैं।
प्रश्न 4.
मान लीजिए कि रिकॉर्ड ये दिखाते हैं कि किसी देश की आय समय के साथ बढ़ती जा रही है। क्या इससे हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि अर्थव्यवस्था के सभी भाग बेहतर हो गए हैं? अपना उत्तर उदाहरण सहित दीजिए।
उत्तर-
समय के साथ किसी देश की औसत आय में वृद्धि का यह अर्थ नहीं होता है कि अर्थव्यवस्था के सभी भाग बेहतर हो गए हैं। जेसे भारत की औसत आय कुछ विशेष वर्षों को छोड़कर स्वतंत्रता के बाद से निरन्तर बढ़ रही है। परन्तु देश की कुल आय में कृषि का योगदान निरन्तर घट रहा है।
प्रश्न 5.
विश्व विकास रिपोर्ट 2012 के अनुसार निम्न-आय वाले देशों की प्रतिव्यक्ति आय ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
विश्व विकास रिपोर्ट 2006 के अनुसार मध्य आय देशों की प्रति व्यक्ति आय आधार वर्ष के रूप में 2004 में 37,000 रुपये से 453,000 रुपये के बीच है।
प्रश्न 6.
एक अनुच्छेद लिखिए कि भारत को एक विकसित देश बनने के लिए क्या करना या प्राप्त करना चाहिए?
उत्तर-
एक विकसित देश बनने के लिए भारत को अपनी जी.डी.पी. में वृद्धि दर बढ़ानी चाहिए। कृशि एवं लघु उद्योगों के विकास पर अधिक ध्यान देने की जरूरत हैं।
भारत की कुल श्रम-शक्ति का 60% से भी अधिक भाग कृषि क्षेत्र में लगा हुआ है, जो भारतीय सकल राष्ट्रीय उत्पाद में केवल 27% का योगदान देता हैं वैश्वीकरण की प्रक्रिया में इस क्षेत्र की उपेक्षा के कारण इस क्षेत्र की वृद्धि दर में गिरावट आई है। अतः यह जरूरी है कि किसानों को कृषि आगतों,
प्रशिक्षण, ऋण एवं विपणन आदि सुविधाएँ प्रदान कर इस क्षेत्र की वृद्धि दर को बढ़ाया जाय।।
हमारी कुल श्रम-शक्ति का लगभग 16% भाग उद्योग क्षेत्र में है, जो भारत के जी.डी.पी. में लगभग 25% का ही योगदान देता हैं अतः हमें बुनियादी सरंचना, उत्पादन की श्रम-गहन तकनीक, प्रशिक्षण, ऋण एवं विपणन सुविधाओं में विस्तार करना चाहिए।
आओ-इन पर विचार करे (पृष्ठ संख्या 12)
प्रश्र 1.
तालिका 1.3 और 1.4 के आँकड़ों को देखिए। क्या हरियाणा केरल से साक्षरता दर आदि में उतना ही आगे है जितना कि प्रतिव्यक्ति आय के विषय में?
तालिका 1.3 चयनित राज्यों की प्रति-व्यक्ति आय
तालिका 1.4 हरियाणा, केरल और बिहार के कुछ तुलनात्मक आँकड़
उत्तर-
नहीं, हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय बिहार की प्रति व्यक्ति आय से लगभग पाँच गुणा अधिक हैं परन्तु हरियाण की साक्षरता दर (82%) बिहार की साक्षरता दर (62%) से लगभग डेढ़ गुण ही अधिक है।
प्रश्न 2.
ऐसे दूसरे उदाहरण सोचिए, जहाँ वस्तुएँ और सेवाएँ व्यक्तिगत स्तर की अपेक्षा सामूहिक स्तर पर उपलब्ध कराना अधिक सस्ता है।
उत्तर-
(क) अस्पताल-सामूहिक या सार्वजनिक असपताल निश्चय ही अधिक सस्ता और बेहतर है, क्योंकि प्रत्येक परिवार के लिए घर पर ये सुविधाएँ रखना संभव नहीं है।
(ख) बिजली-राज्य विद्युत बोर्ड से बिजली प्राप्त करना धार में जेनरेअर रखने से अधिक सस्ता है।
(ग) पानी-घरों में जल बोर्ड द्वारा पानी सप्लाई सस्ता है।
प्रश्न 3.
अच्छे स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की उपलब्धता क्या केवल सरकार द्वारा इन सुविधाओं के लिए किए गए व्यय पर ही निर्भर करती है? अन्य कौन से कारक प्रासांगिक हो सकते हैं?
उत्तर-यद्यपि अच्छे स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की उपलब्धाता इन सुविधाओं पर सरकार द्वारा व्यय की गई मुद्रा की रकम पर अत्यधिक निर्भर करती है, परन्तु यह केवल इसी कारक पर निर्भर नहीं करती है। अन्य महत्त्वपूर्ण कारक निम्नलितखत है-
(क) इन सुविधाओं के प्रति सरकार का समर्पण
(ख) इन क्षेत्रों में निजी सहभागिता
(ग) स्वास्थ्य और शिक्षा प्रति जनजागरण।
प्रश्न 4.
तमिलनाडु में ग्रामीण क्षेत्रों के 90 प्रतिशत लोग राशन की दुकानों का प्रयोग करते हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में केवल 35 प्रतिशत ग्रामीण निवासी इसका प्रयोग करते हैं। कहाँ के लोगों का जीवन बेहतर होगा और क्यों?
उत्तर-
तमिलनाडु के लोग बेहतर स्थिति में होंगे। इसका कारण है कि यहाँ ग्रामीण क्षेत्रों के 75% लोग राशन की दुकानों का इस्तेमाल करते हैं। ये लोग राशन की दुकानों से खाद्यान्न, चीनी, मिट्टी का तेल आदि बाजार की कीमत से कम कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं, राशन कार्ड के साथ कोई भी परिवार प्रत्येक महीना राशन की दुकान से इइ वस्तुओं की एक निध रित मात्रा खरीद सकता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुकान या राशन की दुकान कम कीमतों पर गरीब उपभोक्ताओं को खाद्यान्न उपलब्ध कराने और कीमत स्थिर रखने में सरकारी नीति का सार्वधिक प्रभावी उपकरण साबित हुआ है।
कार्यकलाप 2
तालिका 1.5 को मयान से अमययन कीजिए और निम्न अनुच्छेदों में रिक्त स्थानों को भरिए। हो सकता है इसके लिए आपको तालिका के आधार पर कुछ गणना करनी पड़े।
तालिका 1.5 उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनसंख की शैक्षिक उपलब्धि श्रेणी
उत्तर-
(क) सभी आयु वर्गों की साक्षरता दर, जिसमें युवक और वृद्ध दोनों सम्मिलित हैं, ग्रामीण. पुरुषों के लिए 52% थी और ग्रामीण महिलाओं के लिए 19% थी। यही नहीं कि बहुत से वयस्क स्कूल ही नहीं जा पाए। 52.5% इस समय स्कूल में नहीं हैं।
(ख) 69% प्रतिशत ग्रामीण लड़कियाँ और 36% प्रतिशत ग्रामीण लड़के स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसलिए, 10 से 14 की आयु के बच्चों में से 61% प्रतिशत ग्रामीण लड़कियाँ और 32% प्रतिशत ग्रामीण लड़के निरक्षर हैं। . (ग) हमारी स्वतंत्रता के 68 वर्षों के बाद भी, 10-14
आयु के वर्ग में इस उच्च स्तर की निरक्षरता बहुत चिंताजनक है। बहुत से अन्य राज्यों में भी 14 वर्ष की आयु तक के सभी बच्चों को निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के संवैध निक लक्ष्य के निकट भी नहीं पहुँच पाए हैं, जबकि इस लक्ष्य को 1960 तक पूरा करना था।
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सामान्यतः किसी देश का विकास किस आधार पर निर्धारित किया जा सकता है-
उत्तर-
(क) प्रतिव्यक्ति आय
(ख) औसत साक्षरता स्तर
(ग) लोगों की स्वास्थ्य स्थिति
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पड़ोसी देशों में से मानव विकास के लिहाज से किस देश की स्थिति भारत से बेहतर है?
उत्तर-
(क) बांग्लादेश
(ख) श्रीलंका
(ग) नेपाल
(घ) पाकिस्तान
प्रश्न 3.
मान लीजिए कि एक देश में चार परिवार हैं। इन परिवारों की प्रतिव्यक्ति आय 5, 000 रुपये हैं। अगर तीन परिवारों की आय व्मशः 4, 000, 7, 000 और 3, 000 रुपये हैं, तो चौथे परिवार की आय क्या
उत्तर-
(क) 7, 500 रुपये
(ख) 3, 000 रुपये
(ग) 2, 000 रुपये
(घ) 6, 000 रुपये
प्रश्न 4.
विश्व बैंक विभिन्न वगोछद्व का वर्गीकरण करने के लिये किस प्रमुख मापदण्ड का प्रयोग करता है? इस मापदण्ड की, अगर कोई हैं, तो सीमाए! क्या हैं?
उत्तर-
(क) विश्व बैंक विभिन्न वर्गों का वर्गीकरण करने के लिए प्रति व्यक्ति अप जिसे औसत आय भी कहते हैं, को प्रमुख मापदण्ड के रूप इस्तेमाल करता है।
(ख) इस मापदण्ड की एक सीमा यह है कि हालाँकि औसत आय तुलना के लिए उपयोगी है परंतु इससे यह पता नहीं चलता कि यह आय लोगों में किस तरह वितरित है।
प्रश्न 5.
विकास मापने का यू.एन.डी.पी. का मापदण्ड किन पहलुओं में विश्व बैंक के मापदण्ड से अलग है?
उत्तर-
(क) यू. एन. डी. पी. द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक, स्वास्थ्य स्तर एवं प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है।
(ख) जबकि विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट 2006 में, देशों का वर्गीकरण करने में प्रति व्यक्ति आय आ औसत आय का इस्तेमाल किया गया है।
प्रश्न 6.
हम औसत का प्रयोग क्यों करते हैं? इनके प्रयोग करने की क्या कोई सीमाए! हैं? विकास से जुड़े अपने उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(क) विभिन्न देशों के बीच तुलना के लिए कुल आय को अच्छा मापदण्ड नहीं माना जाता है। क्योंकि विभिन्न देशों की जनसंख्या अलग-अलग होती है। अतः कुल आय की तुलना करने से यह पता नहीं चल पाता है कि औसत व्यक्ति क्या कमा सकता है। इससे यह भी पता नहीं चल पाता है कि क्या एक देश के लोग दूसरे देश के लोगों से बेहतर परिस्थिति में हैं?
(ख) इसलिए औसत का प्रयोग किया जाता है, जिससे तुलना करने में आसानी होती है।
औसत आय = राष्ट्रीय आय
कुल जनसंख्या
(ग) औसतें तुलना के दृष्टिकोण से उपयोगी है, इससे असमानताएँ छुप जाती हैं। उदाहरण के लिए मान लीजिये देश A और B में पाँच-पाँच निवासी रहते हैं जिनकी मासिक औसत आय निम्नलिखित तालिका के अनुसार है।
इस तालिका से स्पष्ट है कि दोनों देश बराबर विकसित नहीं हैं। यदि हमें इन दो देशों में से किसी एक देश में रहने को कहा जाय तो हममें से कुछ लोग B देश में रहना पसंद करेंगे यदि हमें यह आश्वासन मिले कि हम उस देश के पाँचवें नागरिक होंगे। मगर यदि हमारी नागरिकता लॉटरी द्वारा निश्चित हो तो ज्यादातर लोग A देश में रहना चाहेंगे क्योंकि हालाँकि दोनों देशों की औसत आय लगभग एक समान है परंतु A देश के लोग न तो बहुत हमीर हैं न ही बहुत गरीब, पर B देश के हर पाँच नागरिक में सिर्फ एक अमीर है जबकि अन्य चार गरीब हैं।
(घ) हालाँकि औसत आय तुलना के लिए उपयोगी है लेकिन इससे यह पता नहीं चलता कि यह आय लोगों में किस तरह वितरित है।
प्रश्न 7.
प्रतिव्यक्ति आय कम होने पर भी केरल का मानव विकास क्रमांक हरियाणा से ऊँचा है। इसलिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है और राज्यों की तुलना के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। क्या आप सहमत हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर-
प्रतिव्यक्ति आय विकास के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मापदंडों में से एक है। क्योंकि अर्थिक आय से अधिक से मात्रा में भौतिक वस्तुएँ उपलब्ध हो सकती हैं। विकास के मापदंड के रूप में प्रतिव्यक्ति आय का प्रयोग विश्व बैंक द्वारा भी किया जाता है। अतः यह कहना उचित नहीं है कि प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापंदड नहीं है। परंतु इस मापंदड की निम्नलिखित सीमाएँ हैं
(क) प्रति व्यक्ति आय और मानव-विकास क्रमांक का अंर्तसंबंध किसी समरूपता का परिचायक नहीं है।
(ख) मुद्रा की सहायता से अच्छे जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएँ एवं सेवाएँ नहीं खरीदी जा सकती। जैसे-मृद्रा हमारे लिए प्रदूषण मुक्त पर्यावरण नहीं खरीद सकता है।
(ग) आय स्वयं में उन सेवाओं और वस्तुओं का पर्याप्त सूचक नहीं है जो लोग प्रयोग कर सकते हैं।
प्रश्न 8.
भारत के लोगों द्वारा ऊर्जा के किन पेतों का प्रयोग किया जाता है? ज्ञात कीजिए। अब से 50 वर्ष पश्चात् क्या संभावनाएँ हो सकती हैं?
उत्तर-
(क) परंपरागत स्त्रोत : (i) प्राकृतिक गैस, (ii) पेट्रोलियम, (iii) बिजली, (iv) कोयला
(ख) गैर-परंपरागत स्त्रोत : (i) पवन उर्जा, (ii) ज्वारीय उर्जा, (iii) सौर उर्जा, (iv) बायो गैस
ऐसी संभावना है कि अब से 50 पश्चात् भारत में उर्जा के गैर-परंपरागत स्त्रोतों को अधिकाधिक उपयोग हो रहा होगा। क्योंकि उर्जा के परंपरागत स्त्रोतों स्टॉक सीमित है।
प्रश्न 9.
धारणीयता का विषय विकास के लिए क्यों महन्वपूर्ण है?
उत्तर-
धारणीयता वह विकास है जो वर्तमान में पर्यावरण को क्षति पहुँचाए बिना होना चाहिए। इस क्रम में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
निम्नलिखित कारणों से धारणीयता का विषय विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है
(क) प्राकृतिक संसाधनों जैसे, कोयला, कच्चा तेल आदि का भंडार सीमित है।
इनके खत्म हो जाने पर भविष्य में विश्व में सभी देशों व विकास खतरे में पड़ सकती है।
(ख) कोयला, कच्चा तेल, खनिज पदार्थ आदि विकास के लिए आवश्यक है परंतु ये हमारे वातावरण को प्रदूषित करते है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।
प्रश्न 10.
धरती के पास सब लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन एक भी व्यक्ति के लालच को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यह कथन विकास की चर्चा में कैसे प्रासंगिक है? चर्चा कीजिए।
उत्तर-
यह सत्य है कि पृथ्वी के पास सब लोगों की जरूरतें पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन एक भी
व्यक्ति के लोभ को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। धरती के भीतर लौह खनिज जैसे-लौह आयस्क, मैंगनीज आयस्क, क्रोमाइट, पाइराइट, टंगस्टन, निकिल, कोबाल्ट; अलौह खनिज जैसे-सोना, चाँदी, सीसा, टिन, बॉक्साइट, मैग्नीशियम आदि तथा अधात्विक खनिज जैसे-पोटाश, अभ्रक, कोयला, जिप्सम, पेट्रोलियम आदि का भंडार है। इसके साथ प्रकृति ने हवा, पानी जंगल, विभिन्न प्रकार के जीव जंतु आदि उपलब्ध कराए हैं। इन सभी संसाधनों का उपयोगकर्ता मानव मात्र हैं। इन संसाधनों के सदुपयोग से मानव जीवन सुखी बन सकता है।
परंतु अपने लोभ के कारण मनुष्य प्रकृति के विनाश पर आमादा है। कई प्राकृतिक संसाधन नाशवान होते हैं। चूँकि ऐसे संसाधन एक बार उपयोग के बाद पुन: उपयोग में नहीं आ सकते अतः इनके समुचित प्रबंधन तथा संरक्षण की अतीव आवश्यकता है, जिससे उनका उपयोग लंबे समय तक किया जा सके। लेकिन वास्तविकता यह है कि अत्यधिक लाभ के लिए इन संसाधनों का दोहन इस तरह किया जा रहा है कि इनका भंडार तो खत्म हो ही रहा है साथ ही पर्यावरण संतुलन को भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
प्रश्न 11.
पर्यावरण में गिरावट के कुछ ऐसे उदाहरणों की सूची बनाइए जो आपने अपने आस-पास देखे हों।
उत्तर-
(i) पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और जंगलों का विनाश।
(ii) शहर की गंदगी नदी में फेंकने के कारण नदी का जल प्रदूषण।
(iii) घर का कूड़ा इधर-उधर फेंकने के कारण गंदगी __ और बीमारियों के फैलने का खतरा।
(iv) फैक्टरियों के चिमनियों से निकलने वाले धुएँ के कारण वायु प्रदूषण।
प्रश्न 12.
तालिका 1.6 में दी गई प्रत्येक मद के लिए ज्ञात कीजिए कि कौन-सा देश सबसे। पर है और कौन-सा सबसे नीचे।
उत्तर-
(i) प्रतिव्यक्ति आय (अमरीकी डॉलर में)
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (4, 390)
b. सबसे नीचा-मयनमार (1, 027)
(ii) जन्म के समय संभावित आयु
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (74 वर्ष)
b. सबसे नीचा-मयनमार (61 वर्ष)
(iii) साक्षारता दर 15+ वर्ष की जनसंख्या के लिए
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (91)
b. सबसे नीचा-बांग्लादेश (41)
(iv) तीन स्तरों के लिए सकल नामांकत अनुपात
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (69%)
b. सबसे नीचा-पाकिस्तान (35%)
(v) विश्व में मानव विकास सूचकांक का क्रंमाक
a. सबसे ऊँचा-श्री लंका (93)
b. सबसे नीचा-मयनमार (138)।
प्रश्न 13.
नीचे दी गई तालिका में भारत में अल्प-पोषित व्यस्कों के अनुपात को दिखाया गया है। यह वर्ष 2001 में देश के विभिन्न राज्यों के एक सर्वेक्षण पर आधारित है। तालिका का अध्ययन कर निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिये।
(क) उपरोक्त आँकड़ों के आधार पर केरल और मध्य प्रदेश के लोगों के पोषण स्तरों की तुलना कीजिए।
उत्तर-
अपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि केरल में पुरुष वर्ग में 22 लोग कुपोषित थे जबकि मध्यप्रदेश में यही संख्या 43 थी अर्थात् केरल की अपेक्षा लगभग दो गुना। इसी प्रकार महिला वर्ग में केरल में 19 महिलाएँ कुपोषित थीं जबकि मध्य प्रदेश में 42 महिलाएँ कुपोषित थीं। अर्थात् दो गुना से भी ज्यादा।
(ख) क्या आप अन्दाजा लगा सकते हैं कि देश के 40 प्रतिशत लोग अल्पपोषित क्यों है, यद्यपि यह तर्क दिया जाता है कि देश में पर्याप्त खाद्य है? अपने शब्दों में विवरण दीजिए।
उत्तर-
1970 के दशक में खाद्य सुरक्षा का अर्थ था-‘आध रिक खाद्य पदार्थों की सदैव पर्याप्त उपलब्धता’। अमर्त्य सेन ने खाद्य सुरक्षा में एक नया आयाम जोड़ा और हकदारियों के आध र पर खाद्य तक पहुँच पर जोर दिया। हकदारियों का अभिप्राय राज्य का सामाजिक रूप से उपलब्ध कराई गई अन्य पूर्तियों के साथ-साथ उन वस्तुओं से है, जिनका उत्पादन और विनिमय बाजार में किसी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है। तदनुसार, खाद्य सुरक्षा के अथ्र में काफी परिवर्तन हुआ है। विश्व खाद्य शिखर सम्मेलन, 1995 में यह घोषणा की गई कि ‘वैयक्तिक, पारिवारिक, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय तथ वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा का अस्तित्व तभी है, तब सक्रिय और स्वस्थ जीवन व्यतीत करने के लिए आहार संबंधी जरूरतों और खाद्य पदार्थो को पूरा करने के लिए पर्याप्त, सुरक्षित एवं पौष्टिक खाद्य तक सभी लोगों की भौतिक एवं आर्थिक पहुँच सदैव हो।’ इसके अतिरिक्त घोषणा में यह भी स्वीकार किया गया कि “खाद्य तक पहुँच बढ़ाने में निर्धनता का उन्मूलन किया जाना परमावश्यक है।”