लोकतंत्र और विविधता

लोकतंत्र और विविधता

अध्याय का सार

आधुनिक समाज विविधताओं का समाज है। यह विविधाएँ कई प्रकार की होती हैं। लोग श्वेत व अश्वेत भी होते हैं, मोटे व पतले भी होते हैं, हिन्दू व मुसलमान भी होते हैं, हिमाचली व हरियाणवी भी होते हैं, अमीर व गरीब भी होते हैं, सनातन धर्मी व आर्य समाजी भी होते हैं। विविधताओं को मिटाया नहीं जाना चाहिए। प्रत्येक विविध समूह की अपनी भाषा होती है, ‘संस्कृति होती है, अपने रीति-रिवाज होते हैं, अपने धार्मिक तौर-तरीके होते हैं। इन सब के मिलने से सामुदायिक संस्कृति का जन्म होता है। यह सामाजिक वर्ग जितना मिल-जुलकर रहते हैं, उनका भौतिक विकास उतना अधिक होता है। परस्पर सहयोग प्रत्येक अलग सामाजिक वर्ग के हित में होता है; परस्पर सामाजिक तनाव प्रत्येक अलग सामाजिक वर्ग को हानि पहुँचाता सामाजिकविभाजन लोकतंत्र के लिए हानिकारक नहीं है। अलग-अलग विचार व उन विचारों की अभिव्यक्ति लोकतंत्र को मजबूत बनाती है। अतः विविधताओं में एकता स्थापित करना लोकतंत्र का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास होता है जो सभी वर्गों के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक विकास की गारन्टी होता है।

सामाजिक विविधताएँ समय, परिस्थितियों तथा क्षेत्र के अनुरूप अलग-अलग होती हैं। उत्तरी आयरलैंड में कैथोलिकों व प्रोटेस्टेंटों में तनाव हो सकता है, परन्तु नीदरलैंड मे ईसाई ध म के यह दोनों वर्ग एक-दूसरे से मिल-जुलकर रह भी सकते हैं। श्रीलंका में सिंहालियों व तमिलों के बीच टकराव हो सकता है, परन्तु बेल्जियम में डच व फ्रेंच बोलने वालों में राजनीतिक एकता भी हो सकती है।

सामाजिक विभाजन के चलते भी लोगों में एकता हो सकती है। आवश्यकता इस बात की होती है कि प्रत्येक सामाजिक वर्ग को अन्य सामाजिक वर्ग का सम्मान व आदर करना चाहिए, दूसरे सामाजिक वर्ग के अस्तित्व को स्वीकार करना चाहिए, उसके विकास में उसकी सहायता करनी चाहिए। हम हिन्दू व मुसलमान रहते हुए भी भारतीय बन सकते हैं; अश्वेत व श्वेत होते हुए भी अमरीकी बन सकते हैं। यदि ऐसी भावनाओं को ताकत मिलती है तो सामाजिक सहनशीलता में वृद्धि होती है तथा सामाजिक सामंजस्य पनपता है एवं समाज पूरी से विकास भी करता है।

जानने योग्य शब्द तथा तथ्य एवं उनके भाव

एफ्रो-अमरीकी : यह शब्द उन अश्वेत अमरीकी लोगों के वंशजों के लिए प्रयुक्त होता है जिन्हें 17वीं से 19वीं शताब्दियों तक अमरीका में गुलाम बनाकर लाया गया था।
अमरीका का नागरिक अधिकार आंदोलन : 1954-1968 के बीच घटनाओं व सुधारा के वह आन्दोलन जिनका लक्ष्य एफ्रो-अमरीकी लोगों के विरुद्ध होने वाले नस्ल पर आधारित भेदभाव को मिटाना था।
मार्टिन लूथर किंग जूनियर : एक अमरीकी नागरिक अधिकार आन्दोलन चलाने वाला नेताः उनके द्वारा ऐसा आन्दोलन अंहिसात्मक रूप से चलाया गया था : अंततः उन्हें सफलता प्राप्त हुई थी।
अश्वेत शक्ति आन्दोलन : 1966 में उभरा यह आन्दोलन 1975 तक चलता रहा। नस्लवाद को लेकर यह आन्दोलन अधिकतर उग्र रूप का था।
समरूप समाज : एक ऐसा समाज जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक अथवा जातीय विभिन्नताएँ ज्यादा गहरी नहीं होती।
सामाजिक भेदभाव : समाज के विभिन्न वर्गों में भेदभाव की भावना से व्यवहार करना।
प्रोटेस्टेंट : ईसाई धर्म का एक अन्य वर्ग जो कैथोलिक वर्ग का विरोध करता है तथा
जिसका कैथोलिक ईसाई भी विरोध करते हैं।
कार्लोस व स्मिथ : एफ्रो-अमरीकी खिलाड़ी जिन्होंने अश्वेतों के साथ भेदभाव का विरोध किया।
पीटर नार्मन : एक ऑस्ट्रेलियाई ओलंपिक खिलाड़ी जिसने कार्लोस व स्मिथ का समर्थन किया।

लोकतंत्र और विविधता Important Questions and Answers

प्रश्न-1.
क्या सामाजिक विभाजन भारत जैसे गरीब देशों में ही होता है? (इन्टैक्सट प्रश्न : पृष्ठ : 36)
उत्तर-
सामाजिक विभाजन तो किसी भी देश में किसी एक अथवा दूसरे कारण से हो सकता है। भारत कोई अपवाद नहीं

प्रश्न-2.
क्या एक बड़े विभाजन को जगह अनेक छोटे विभाजन लाभकर होते हैं? क्या राजनीति एकता पैदा करने वाली शक्ति है?
उत्तर-
सामाजिक विभाजन तो विभाजन ही है : छोटे व बड़े दोनों ही सामाजिक विभाजन हानिकारक हो सकते हैं। राजनीति (बेल्जियम का उदाहरण) एकता पैदा कर सकती है।

प्रश्न-3.
टॉमी स्मिथ तथा जान कार्लोस कौन थे तथा किस देश से उनका सम्बन्ध था?
उत्तर-
अमेरिकन खिलाड़ी। दोनो एफ्रो-अमरीकी मूल के सदस्य थे।

प्रश्न-4.
क्या चीज एफ्रो-अमरीकनों के लिए आत्म-गौरव का प्रतीक हुआ करता था?
उत्तर-
काला मफलर

प्रश्न-5.
सामाजिक विभाजन कब होते हैं?
उत्तर-
सामाजिक विभाजन तब होते हैं जबकि सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विफलताओं से ऊपर व बड़े हो जाते हैं।

प्रश्न-6.
संयुक्त राज्य अमेरिका के किसी एक सामाजिक विभाजन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
संयुक्त राज्य अमेरिका में श्वेतों व अश्वतों में अंतर सामाजिक विभाजन का एक उदारहण है।

प्रश्न-7.
‘अप्रकट रंग भेद’ क्या होता है?
उत्तर-
वह रंग भेद जो स्पष्ट दिखायी ने : जब ऐसा लिखा हुआ मिले : “यहाँ हर जाति के लोगों को पानी पीने की अनुमति है।” स्पष्ट है कि लोग अनेक जातियों में बंटे हुए हैं।

प्रश्न-8.
उत्तरी आयरलैंड में कैथोलिकों ने कौन-से राजनीतिक दल बनाये हुए हैं?
उत्तर-
नेशनलिस्ट पार्टियाँ।

प्रश्न-9.
उत्तरी आयरलैंड में प्रोटेस्टेंटों ने कौन-से दल बनाए हुए हैं?
उत्तर-
यूनियनिस्ट पार्टियाँ।

प्रश्न-10.
राजनीतिक दल विभिन्न सामाजिक समूहों से अलग-अलग वायदे क्यों करते हैं?
उत्तर-
उन्हें अपने वोट बैंक को बनाए रखना होता है।

प्रश्न-11.
‘अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना’ क्यों सामाजिक तनाव पैदा करती है?
उत्तर-
अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना से लोग अपने आपको दूसरों से अलग समझने लगते हैं और इस कारण सामाजिक तनाव बढ़ते हैं।

प्रश्न-12.
क्या राजनीतिक दलों व सामाजिक विभाजनों का मेल विस्फोटक होता है?
उत्तर-
पहली नजर में तो राजनीति और सामाजिक विभाजनों का मेल बहुत खतरनाक ओर विस्फोटक लगता है। लोकतंत्र में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच प्रतिद्वंद्विता का माहौल होता है। इस प्रतिद्वंद्विता के कारण कोई भी समाज फूट का शिकार बन सकता है। अगर राजनीतिक दल समाज में मौजूद विभाजनों के हिसाब से राजनीतिक होड़ करने लगे तो इससे सामाजिक विभाजन राजनीतिक विभाजन में बदल सकता है और ऐसे में देश विखंडन की तरफ जा सकता है। ऐसा कई देशों में हो चुका है। परन्तु यदि बुद्धिमता से काम लिया जाए तो राजनीति सामाजिक एकता पैदा करने में सहायक बन सकती है।

प्रश्न-13.
क्या कार्लोस व स्मिथ द्वारा अमरीकी समाज के आन्तरिक मामलों को अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर उठाना सही था? अमेरिका में इन दोनों खिलाड़ियों के साथ क्या व्यवहार किया गया?
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने कार्लोस और स्मिथ द्वारा राजनीतिक बयान देने की इस युक्ति को ओलंपिक भावना के विरुद्ध बताते हुए उन्हें दोषी करार दिया और उनके पदक वापस ले लिए गए। नार्मन को भी अपने फैसले की कीमत चुकानी पड़ी और अगले ओलंपिक में उन्हें ऑस्ट्रेलिया की टीम में जगह नहीं दी गई पर इनके फैसलों ने अमरीका में बढ़ते नागरिक अधिकार आन्दोलन के प्रति दुनिया का ध्यान खींचने में सफलता प्राप्त की।

प्रश्न-14.
कालोस व स्मिथ द्वारा उठाई गयी आवाज का क्या प्रभाव हुआ?
उत्तर-
रंगभेद के विरुद्ध कार्लोस व स्मिथ द्वारा उठायी गयी आवाज की सकारात्मक प्रतिक्रिया हुई। हाल में सैन होज स्टेट विश्वविद्यालय ने, जहाँ इन दोनों ने पढ़ाई की थी, इन दोनों का अभिनंदन किया गया और विश्वविद्यालय के भीतर उनकी मूर्ति लगवाई गई। जब 2006 में नार्मन की मौत हुई तो उनकी अरथी को कंधा देने वालों में स्मिथ और कार्लोस भी थे।

प्रश्न-15.
स्पष्ट कीजिए कि सामाजिक विभाजन जन्म पर आधारित होता है।
उत्तर-
सामाजिक विभाजन अधिकांशतः जन्म पर आध रित होता है। सामान्य तौर पर अपना समुदाय चुनना हमारे वश में नहीं होता। हम सिर्फ इस आधार पर किसी खास समुदाय के सदस्य हो जाते हैं कि हमारा जन्म उस समुदाय के एक परिवार में हुआ होता है। हम अपने चारों ओर जन्म पर आधारित सामाजिक विभाजन देखते हैं।

प्रश्न-16.
उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए कि हर सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं होती।
उत्तर-
हर सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती। सामाजिक विभिन्नताएँ लोगों के बीच बँटवारे का एक बड़ा कारण होती जरूर हैं लेकिन यही विभिन्नताएँ कई बार अलग-अलग तरह के लोगों के बीच पुल का काम भी करती हैं। विभिन्न सामाजिक समूहों के लोग अपने समूहों की सीमाओं से परे भी समानताओं और असमानताओं का अनुभव करते हैं। कार्लोस और स्मिथ तो एक हिसाब से समान थे (दोनों एफ्रो अमरीकी थे) जबकि नार्मन श्वेत थे। पर इन तीनों में एक समानता थी कि वे सभी नस्ल आधारित भेदभाव के खिलाफ थे।

प्रश्न-17.
सामाजिक विभाजन की स्थिति क्यों पैदा होती है? समझाइए।
उत्तर-
सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। अमरीका में श्वेत और अश्वेत का अंतर एक सामाजिक विभाजन बन जाता है क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर गरीब हैं, बेघर हैं, भेदभाव का शिकार हैं। हमारे देश में भी दलित आमतौर पर गरीब और भूमिहीन हैं। उन्हें भी अक्सर भेदभाव और अन्याय का शिकार होना पड़ता है। जब एक तरह का सामाजिक अंतर अन्य अंतरों से ज्यादा महत्त्वपूर्ण बन जाता है
और लोगों को यह महसूस होने लगता है कि वे दूसरे समुदाय के हैं तो इससे एक सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा होती

प्रश्न-18.
आयरलैंड व नीदरलैंड का उदाहरण देते हुए बताइए कि क्यों नीदरलैंड से तनाव नहीं होते और उत्तरी आयरलैंड में तनाव होते हैं?
उत्तर-
उत्तरी आयरलैंड और नीदरलैंड दोनों ही ईसाई बहुल देश हैं। यहाँ के लोग प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक खेमे में बँटे हैं। उत्तरी आयरलैंड में वर्ग और धर्म के बीच गहरी समानता है। वहाँ का कैथोलिक समुदाय गरीब है। लंबे समय से उनके साथ भेदभाव होता आया है। नीदरलैंड में वर्ग और धर्म के बीच ऐसा मेल दिखाई नहीं देता। वहाँ कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट, दोनों अमीर और गरीब हैं। परिणाम यह है कि उत्तरी आयरलैंड में कैथोलिकों और प्रोटेस्टेंटों के बीच भारी मारकाट चलती रही है, परन्तु नीदरलैंड में ऐसा नहीं होता। जब सामाजिक विभिन्नताएँ एक-दूसरे से गुंथ जाती है तो एक गहरे सामाजिक विभाजन की जमीन तैयार होने लगती है। जहाँ ये सामाजिक विभिन्नताएँ एक साथ कई समूहों में विद्यमान होती हैं वहाँ उन्हें सँभालना अपेक्षाकृत आसान होता है।

प्रश्न-19.
मैक्सिको नगर में ओलंपिक मुकाबलों में नागरिक अधिकार आन्दोलन घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मैक्सिको नगर में ओलंपिक मुकाबलों (1968) में नागरिक अधिकार आन्दोलन की एक प्रमुख घटना का वर्णन मिलता है। 200 मीटर दौड़ के पदक समारोह के दौरान अमरीकी राष्ट्रगान बज रहा है और सिर झुकाए तथा मुट्ठी ताने हुए दो खिलाड़ी खड़े हैं, वे हैं अमरीकी धावक टॉमी स्मिथ और जॉन कार्लोस। ये एफ्रो-अमरीकी हैं। इन्होंने क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीता था। उन्होंने जूते नहीं पहने थे। सिर्फ मोजें चढ़ाए पुरस्कार लेकर दोनों ने यह जताने की कोशिश की कि अमरीकी अश्वेत लोग गरीब हैं। स्मिथ ने अपने गले में एक काला मफलर जैसा परिधान भी पहना था जो अश्वेत लोगों के आत्म-गौरव का प्रतीक है। कार्लोस ने मारे गए अश्वेत लोगों की याद में काले मनकों की एक माला पहनी थी। अपने इन प्रतीकों और तौर-तरीकों से उन्होंने अमरीका में होने वाले रंभेद के प्रति अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान खींचने की कोशिश की। काले दस्ताने और बँधी हुई मुट्ठियाँ अश्वेत शक्ति का प्रतीक थीं। रजत पदक जीतने वाले ऑस्ट्रेलियाई धावक पीटर नार्मन ने पुरस्कार समारोह में अपनी जर्सी पर मानवाधिकार का बिल्ला लगाकर इन दोनों अमरीकी खिलाड़ियों के प्रति अपना समर्थन जताया।

प्रश्न-20.
उत्तरी आयरलैंड में हो रहे टकराव का कारण क्या था? टकराव कैसे समाप्त हुआ?
उत्तर-
उत्तरी आयरलैंड ग्रेट ब्रिटेन का एक हिस्सा है। यह हिस्सा एक लम्बे समय से हिंसा, जातीय कटुता और राजनीतिक टकराव की गिरफ्त में रहा है। यहाँ की आबादी मुख्यतः ईसाई लोगों का ही है पर वह इस धर्म के दो प्रमुख पंथों में बुरी तरह बँटी है। 53 फीसदी आबादी प्रोटेस्टेंट है जबकि 44 फीसदी रोमन कैथोलिक। कैथोलिकों का प्रतिनिधित्व नेशनलिस्ट पार्टियाँ करती हैं। उनकी मांग है कि उत्तरी आयरलैंड को आयरलैंड गणराज्य के साथ मिलाया जाए जो कि मुख्यतः कैथोलिक बहुल है। प्रोटेस्टेंट लोगों का प्रतिनिधित्व यूनियनिस्ट पार्टियाँ करती हैं जो ग्रेट ब्रिटेन के साथ ही रहने के पक्ष में हैं क्योंकि ब्रिटेन मुख्यतः प्रोटेस्टेंट देश है। यूनियनिस्टों और नेशनलिस्टों के बीच चलने वाले हिंसक टकराव में ब्रिटेन के सुरक्षा बलों सहित सैकड़ों लोग और सेना के जवान मारे जा चुके हैं। 1998 में ब्रिटेन की सरकार और नेशनलिस्टों के बीच शांति समझौता हुआ जिसमें दोनों पक्षों ने हिंसक आन्दोलन बंद करने की बात स्वीकार की।

प्रश्न-21.
सामाजिक विभिन्नताएँ किस प्रकार लोकतंत्र को सुदृढ़ करती हैं?
उत्तर-
सामाजिक विभिन्नताएँ लोकतंत्र को सुदृढ़ कर सकती हैं। लोकतंत्र में सामाजिक विभाजन की राजनीतिक अभिव्यक्ति एक सामान्य बात है और यह एक स्वस्थ राजनीति का लक्षण भी है। इसी से विभिन्न छोटे सामाजिक समूह, हाशिये पर पड़ी जरूरतों और लक्षण भी है। इसी से विभिन्न छोटे सामाजिक समूह, हाशिये पर पड़ी जरूरतों और परेशानियों को जाहिर करते करते हैं और सरकार का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं। राजनीति में विभिन्न तरह के सामाजिक विभाजनों की
भी करती हैं। इसके चलते कोई भी सामाजिक विभाजन एक हद से ज्यादा उग्र नहीं हो पाता। इस स्थिति में लोकतंत्र मजबूत ही होता है।

लोकतंत्र और विविधता Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।
उत्तर-
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा निम्नलिखित की जा सकती
1. लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना। अगर लोग खुद को सबसे विशिष्ट और अलग मानने लगते हैं तो उनके लिए दूसरों के साथ तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल हो जाता है। जब तक उत्तरी आयरलैंड के लोग खुद को सिर्फ प्रोटेस्टेंट या कैथोलिक के तौर पर देखते रहेंगे तब तक उनका शांत हो पाना संभव नहीं है। अगर लोग अपनी बहुस्तरीय पहचान के प्रति सचेत हैं और उन्हें राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा या सहयोगी मानते हैं तब कोई समस्या नहीं होती। जैसे, बेल्जियम के अधिकतर लोग खुद को बेल्जिमाई ही मानते हैं, भले ही वे डच या जर्मन बोलते हों। इस नजरिए से उन्हें साथ-साथ रहने में मदद मिलती है।

2. किसी समुदाय की माँगों को राजनीतिक दल कैसे उठा रहे हैं? संविधान के दायरे में आने वाली और दूसरे समुदाय को नुकसान न पहुँचाने वाली माँगों को मान लेना आसान है। श्रीलंका में श्रीलंका केवल सिंहालियों के लिए’ की माँग तमिल समुदाय की पहचान और हितों के खिलाफ थी। यूगोस्लाविया में, विभिन्न समुदायों के नेताओं ने अपने जातीय समूहों की तरफ से ऐसी माँगें रख दी जिन्हें एक देश की सीमा के भीतर पूरा करना असंभव था।

3. सरकार का रुख। सरकार इन मांगों पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करती है, यह भी महत्त्वपूर्ण है। बेल्जियम और श्रीलंका के उदाहरणों से स्पष्ट है कि अगर शासन सत्ता में साझेदारी करने को तैयार हो और अल्पसंख्यक समुदाय की उचित माँगों को पूरा करने का प्रयास ईमानदारी से किया जाए तो सामाजिक विभाजन मुल्क के लिए खतरा नहीं बनते। अगर सरकार राष्ट्रीय एकता के नाम पर किसी ऐसी माँग को दबाना शुरू कर देती है तो अक्सर उलटे और नुकसानदेह परिणाम ही निकलते हैं। ताकत के दम पर एकता बनाए रखने की कोशिश अक्सर विभाजन की ओर ले जाती है।

प्रश्न 2.
सामाजिक अंतर कब और कैसे सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेते हैं?
उत्तर-
जब सामाजिक अंतरो को मेल-मिलाप व सहयोग की भावनाओं से नहीं सुलझाया जाता, तब ऐसे अंतर सामाजिक विभाजनों का रूप धारण कर लेते हैं। एक जाति व एक भाषा व एक क्षेत्र के लोगों को परस्पर अंतरों को हवा देने की बजाए एक-दूसरे के साथ सामंजस्य पैदा करने का प्रयास करना चाहिए। तब यह अंतर सामाजिक विभाजन का रूप नहीं होते।

प्रश्न 3.
सामाजिक विभाजन किस तरह से राजनीति को प्रभावित करते हैं? दो उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर-
सामाजिक अंतर राजनीति को नकारात्मक व सकारात्मक तरीकों से प्रभावित कर सकते हैं! यदि एक सामाजिक समूह अपने से विपरीत के सामाजिक समूह के साथ अपने अंतर के बूते पर अड़ा रहता है तो दोनों समूहों में तनाव हो सकते हैं। श्रीलंका में सिंहालियों व तमिलों में ऐसा ही तनाव देखा जा सकता है। बेल्जियम में दोनों समूह अलग-अलग भाषी होने के बावजूद भी एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं।

प्रश्न 4.
………… सामाजिक अंतर गहरे सामाजिक विभाजन औरप तनावों की स्थिति पैदा करते हैं। .. ……… सामाजिक अंतर सामान्य तौर पर टकराव की स्थिति तक नहीं जाते।
उत्तर-
विरोधी, परस्पर।

प्रश्न 5.
सामाजिक विभाजनों को सँभालने के संदर्भ में इनमें से कौन-सा बयान लोकतांत्रिक व्यवस्था पर लागू नहीं होता?
(क) लोकतंत्र में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते सामाजिक विभाजनों की छाया राजनीति पर भी पड़ती है।
(ख) लोकतंत्र में विभिन्न समुदायों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से अपनी शिकायतें जाहिर करना संभव है।
(ग) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है।
(घ) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखंडन की ओर ले जाता है।
उत्तर-
(घ) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखंडन की ओर ले जाता है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित तीन बयानों पर विचार करें:
(अ) जहाँ सामाजिक अंतर एक-दूसरे से टकराते हैं वहाँ सामाजिक विभाजन होता है।
(ब) यह संभव है कि एक व्यक्ति की कई पहचान हो।
(स) सिर्फ भारत जैसे बड़े देशों में ही सामाजिक विभाजन होते हैं। इन बयानों में से कौन-कौन-से बयान सही हैं।
(क) अ, ब और स (ख) अ और ब (ग) ब और स (घ) सिर्फ स
उत्तर-
(ख) ‘अ’ और ‘ब’ सही हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित बयानों को तार्किक क्रम से लगाएँ और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही जवाब
(अ) सामाजिक विभाजन की सारी राजनीतिक
(ब) हर देश में किसी-न-किसी तरह के सामाजिक विभाजन रहते ही हैं।
(स) राजनीतिक दल सामाजिक विभाजनों के आध र पर राजनीतिक समर्थन जुटाने का प्रयास करते हैं।
(द) कुछ सामाजिक अंतर सामाजिक विभाजनों का रूप ले सकते हैं।
(क)द, ब, स, अ
(ख) द, ब, अ, स
(ग) द, अ, स, ब
(घ) अ, ब, स, द
उत्तर-
(ख) द, ब, अ, स का तार्किक क्रम सही है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में किस देश को धार्मिक और जातीय पहचान के आधार पर विखंडन का सामना करना पड़ा?
(क) बेल्जियम
(ख) भारत
(ग) यूगोस्लाविया
(घ) नीदरलैड
उत्तर-
यूगोस्लाविया को।

प्रश्न 9.
मार्टिन लूथर किंग जूनियर के 1963 के प्रसिद्ध भाषण के निम्नलिखित अंश को पढ़ें। वे किस सामाजिक विभाजन की बात कर रहे हैं? उनकी उम्मीदें और आशंकाएँ क्या-क्या थीं? क्या आप उनके बयान और मैक्सिको ओलंपिक की उस घटना में कोई संबंध देखते हैं जिसका जिक्र इस अध्याय में था?
“मेरा एक सपना है कि मेरे चार नन्हें बच्चे एक दिन ऐसे ‘मुल्क में रहेंगे जहाँ उन्हें चमड़ी के रंग के आधार पर नहीं, बल्कि उनक चरित्र के असल गुणों के आधार पर परखा जाएगा। स्वतंत्रता को उसके असली रूप में आने दीजिए। स्वतंत्रता तभी कैद के बाहर आ पाएगी जब यह हर बस्ती, हर गाँव तक पहुँचेगी, हर राज्य और हर शहर में होगी और हम उस दिन को ला पाएँगेजब ईश्वर की सारी संतानें-अश्वेत स्त्री-पुरुष, गोरे लोग, यहूदी तथा गैर-यहूदी, प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक-हाथ में हाथ डालेंगी और इस पुरानी नीग्रो प्रार्थना को गाएँगी-‘मिली आजादी, मिल आजादी! प्रभु बलिहारी, मिली आजादी!’ मेरा एक सपना है कि एक दिन यह देश उठ खड़ा होगा और अपने वास्तविक स्वभाव के अनुरूप कहेगा, “हम इस स्पष्ट सत्य को मानते हैं कि सभी लोग समान हैं।” .
उत्तर-
वह संयुक्त राज्य अमेरिका में अश्वेत-श्वेतों के सामाजिक विभाजन बात कर रहे हैं। वह चाहते थे कि अमेरिका में त्वचा के रंग पर लोगों की योग्यता नहीं आंकी जानी चाहिए; योग्यता का आधार ज्ञान, बुद्धि व चरित्र होना चाहिए। उनके ब्यान व मैक्सिको ओलंपिक में हुई घटनाओं में सम्बन्ध है।
ओलंपिक खेलों में दो एफ्रो-अमरीकी खिलाड़ियों ने रंग-भेद का विरोध किया था।

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