ललन सिंह 150 दे रहे थे, नीतीश बोले- 50 तक ही समेट देना है; भाजपा से इस कदर गुस्‍सा हैं बिहार के सीएम

ललन सिंह 150 दे रहे थे, नीतीश बोले- 50 तक ही समेट देना है; भाजपा से इस कदर गुस्‍सा हैं बिहार के सीएम

ललन सिंह 150 दे रहे थे, नीतीश बोले- 50 तक ही समेट देना है; भाजपा से इस कदर गुस्‍सा हैं बिहार के सीएम

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अब मिशन मोड में आ गए हैं। जनता दल यूनाइटेड की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में इसका स्‍पष्‍ट ऐलान कर दिया गया है। मणिपुर विधानसभा में जदयू के छह में से पांच विधायकों के बीजेपी में चले जाने से नाराज नीतीश कुमार अब भाजपा को जरा भी माइलेज देने के मूड में नहीं हैं।

90 के पहले वाले हालात में लाना चाहते भाजपा को 

नीतीश कुमार, भाजपा से किस कदर गुस्‍सा हैं, यह उन्‍होंने शनिवार को खुले तौर पर जाहिर कर दिया। लोकसभा में फिलहाल 303 सांसदों के साथ अपने दम पर स्‍पष्‍ट बहुमत पाने वाली भाजपा को अब वे 1990 के पहले वाले हालात में लाने का ऐलान कर रहे हैं। बिहार में भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेताओं के तेवर और तल्‍ख होते जा रहे हैं।

ललन सिंह से बोले- 150 क्‍यों 50 पर ही समेट देना है 

जदयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ललन सिंह ने पहले कहा था कि वे लोग मिलकर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भाजपा की 50 सीटें कम करने के लिए काम करेंगे। लेकिन, शनिवार को उन्‍होंने कहा कि भाजपा को 150 पर ही समेट देना है। लेकिन नीतीश कुमार को इससे संतोष नहीं है। जदयू की बैठक के बाद उन्‍होंने ललन सिंह की बात को काटते हुए कहा कि 150 क्‍यों, भाजपा को इस बार 50 पर ही समेट देना है।

नाम नहीं लेते, पर निशाना पीएम नरेंद्र मोदी ही

नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ बोलते हुए हमेशा यह जरूर जाहिर करते हैं कि उन्‍हें दिक्‍कत इस पार्टी के मौजूदा नेतृत्‍व से है। वे नाम नहीं लेते, लेकिन उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहते हैं। 2019 का लोकसभा चुनाव साथ लड़ने के बावजूद जदयू की ओर से केंद्रीय मंत्रिमंडल में भागीदारी नहीं दिए जाने के सवाल पर भी वे कई बार बोल चुके हैं। वे भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी के दौर की याद दिलाते हैं और कहते हैं कि तब की बात कुछ और ही थी।

विपक्षी एकता के भरोसे नीतीश कुमार की मुहिम

नीतीश कुमार यह बात जानते हैं कि नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकना आसान नहीं है। इसलिए वे इसके लिए विपक्षी एकता पर जोर देते हैं। शनिवार को भी उन्‍होंने कहा कि सभी छोटे-बड़े मतभेदों को भुलाकर विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़े, तो 2024 में भाजपा को 50 पर समेटा जा सकता है। दरअसल, विपक्षी वोट में बिखराव का फायदा भाजपा को किस तरह होता है और इसका नुकसान जदयू को किस तरह होता है, यह 2014 के लोकसभा चुनाव में दिख चुका है। इस चुनाव में जदयू 20 सीटों से सीधे केवल दो सीटों पर आ गया था।

प्रधानमंत्री पद पर नजर, लेकिन दावेदारी संभल के

जदयू की नजर प्रधानमंत्री के पद पर भी है। जनता दल यू के नेता लगातार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लिए योग्‍य नेता हैं। हालांक‍ि जदयू अध्‍यक्ष ललन सिंह यह भी जोड़ते हैं कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लिए उम्‍मीदवार नहीं हैं। उनका और पार्टी के दूसरे नेताओं का भी यही कहना है कि पहली कोशिश विपक्षी एकता की है। इसके बाद प्रधानमंत्री पद का उम्‍मीदवार भी तय किया जाएगा।

source – jagran

हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *