भारतीय परमाणु अनुसन्धान

भारतीय परमाणु अनुसन्धान

♦ 1948 में डॉ. होमी जे भाभा की अध्यक्षता में परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना हुई तथा परमाणु ऊर्जा अनुसन्धान के क्षेत्र में कार्य प्रारम्भ हुए।
♦ भारत के प्रधानमन्त्री की अध्यक्षता में परमाणु ऊर्जा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए 1954 ई. में परमाणु ऊर्जा विभाग की स्थापना की गयी।

♦ परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम परमाणु ऊर्जा विभाग तीन चरणों में नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम चला रहा है।
1. पहले चरण में दाबित गुरुजल रिएक्टरों (PHWR) को बनाने का प्रावधान है। इन रिएक्टरों में प्राकृतिक यूरेनियम को ईंधन के रूप में तथा गुरुजल को मॉडरेटर एवं कूलेंट के रूप में प्रयोग किया जाता है।
2. द्वितीय चरण में फास्ट ब्रीडर रिएक्टर बनाने का प्रावधान है। इसमें प्लूटोनियम को यूरेनियम-238 के विखण्डन से प्राप्त किया जाता है।
3. तीसरा चरण थोरियम- यूरेनियम-233 चक्र पर आधारित है। यूरेनियम 233 को थोरियम के विकिरण से हासिल किया जाता है।
परमाणु अनुसन्धान से सम्बन्धित केन्द्र
1. भाभा परमाणु अनुसन्धान केन्द्र (BARC)
मुम्बई में स्थापित (1967) बार्क देश का प्रमुख अनुसन्धान केन्द्र है।
♦ भाभा केन्द्र ने उद्योग, औषधि तथा कृषि के क्षेत्र में रेडियो आइसोटोप के चिकित्सीय उपयोगों सहित परमाणु ऊर्जा के शान्तिपूर्ण कार्यों में उपयोग की प्रौद्योगिकी का विकास किया है।
♦ कनाडा के सहयोग से बार्क में स्थापित साइरस (CYRUS) तापीय रिएक्टर का मुख्य उद्देश्य समस्थानिकों का उत्पादन एवं उनके प्रयोग को प्रोत्साहन देना है।
♦ ध्रुव (DHRUV) अनुसन्धान रिएक्टर में रेडियो समस्थनिकों को तैयार करने के साथ-साथ परमाणु प्रौद्योगिकियों व पदार्थों में शोध पर कार्य किया जाता है।
♦ 1964 ई. में BARC ने गैलियम-आर्सेनिक अर्द्धचालक लेसर का निर्माण किया।
♦ कामिनी का इस्तेमाल ज्यादातर विभिन्न पदार्थों की रेडियोग्राफी के लिए किया जाता है।
2. इन्दिरा गाँधी परमाणु अनुसन्धान केन्द्र (IGCAR)
♦ कलपक्कम (तमिलनाडु) में स्थापित 1971 में।
♦ कार्य फास्ट ब्रीडर रिएक्टर के सम्बन्ध में अनुसन्धान एवं विकास करना।
फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर की विशेषताएँ
♦ इसमें श्रृंखलागत अभिक्रिया को तीव्र न्यूट्रॉनों के माध्यम से निरन्तर जारी रखा जाता है। ताप रिएक्टर की अपेक्षा फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में यूरेनियम का 60 से 70 गुना ज्यादा प्रयोग होता है।
♦ इसमें शीतलक के रूप में सोडियम का प्रयोग किया जाता है जबकि ताप रिएक्टर में भारी जल का।
3. उच्च प्रौद्योगिक केन्द्र (CAT)
♦ इन्दौर में 1984 में स्थापित।
♦ कार्य लेसर एवं त्वरकों के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का विकास करना।
♦ लेसर एक ऐसा तरीका है जिसमें विकिरण ऊर्जा के उत्सर्जन के द्वारा एकवर्णी प्रकाश प्राप्त किया जाता है।
4. परिवर्तनीय ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केन्द्र (VECC)
♦ मुख्यालय कोलकाता, 1977
♦ यह केन्द्र परमाणु भौतिकी, परमाणु रसायनशास्त्र, विभिन्न उद्योगों के लिए रेडियो समस्थानिकों के उत्पादन एवं रिएक्टरों को विभिन्न स्तरों से होने वाली क्षति के उच्च अध्ययन का राष्ट्रीय केन्द्र है।
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