बिलकिस बानो के लिये इंसाफ तथा राजस्थान जालौर के मासूम बच्चे के लिए न्याय की मांग को ले मिर्जापुर चौक से आयकर चौराहा तक निकाला गया प्रतिवाद मार्च।
बिलकिस बानो के लिये इंसाफ तथा राजस्थान जालौर के मासूम बच्चे के लिए न्याय की मांग को ले मिर्जापुर चौक से आयकर चौराहा तक निकाला गया प्रतिवाद मार्च।
दरभंगा
बिलकिस बानो के लिये इंसाफ तथा राजस्थान जालौर के मासूम बच्चे के लिए न्याय की मांग को ले मिर्जापुर चौक से आयकर चौराहा तक प्रतिवाद मार्च निकाला गया। प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व भाकपा(माले) के राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, एपवा के जिला अध्यक्ष साधना शर्मा, जिला सचिव शनिचरी देवी, आइसा के जिलाध्यक्ष प्रिंस कुमार कर्ण, जिला सचिव मयंक कुमार, इंसाफ मंच के अकबर रजा, भाकपा(माले)नगर सचिव सादिक भारती, एआईपीएफ के भूषण मंडल,रंजन सिंह, केशरी यादव ने संयुक्त रूप से किया।
प्रतिवाद मार्च आयकर चौराहा कॉ भोगेंद्र झा चौक पहुंचकर प्रतिवाद सभा में तब्दील हो गया। प्रतिवाद सभा की अध्यक्षता भूषण मंडल ने किया। प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज महिला , सामाजिक , सांस्कृतिक संगठन व जागरूक नागरिक गुजरात राज्य सरकार के इस अन्यायपूर्ण निर्णय के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करते हैं कि जब स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर जब देश के प्रधानमंत्री नारी शक्ति व नारी सम्मान की बात कर रहे थे ठीक उसी समय गुजरात राज्य सरकार ने क्षमा नीति के तहत 11 बलात्कारियों व हत्यारों को रिहा कर दिया । उल्लेखनीय है कि गुजरात दंगे में 5 महीने की गर्भवती बिल्कीस बानो को इन बर्बर अपराधियों ने सामूहिक बलात्कार का शिकार बनाया और उसके परिवार के सात लोगों सहित 14लोगों की हत्या कर दी थी । बिल्कीस की तीन साल की बेटी को गोदी से छीनकर ज़मीन पर कुचलकर मार दिया । सीबीआई ने जांच के बाद 12,( एक की मौत हो गई ) लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत के आधार पर इन्हें उम्र कैद की सजा हुई किन्तु आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर ऐसे जघन्य अपराधियों को रिहा करना और उनका फूल मालाओं से स्वागत करना , हिंदुस्तान की महिलाओं के अपमान के साथ देश के हर संवेदनशील नागरिक का भी अपमान है । इस निर्णय ने बलात्कार पीड़िताओं के मनोबल को कमज़ोर किया है । बिल्कीस ने इंसाफ़ के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी और आज उस पीड़िता व उसके परिवार के साथ पुनः नाइंसाफी हो गई । बिल्कीस का परिवार आज भय और असुरक्षा के साये में जी रहा है । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने उसके परिवार के एक सदस्य को नौकरी का और एक आवास का वायदा पूरा नहीं किया है । हम गुजरात सरकार के इस फैसले से बहुत आहत और आक्रोशित हैं । यह फैसला निश्चित रूप से दंगाईयों , हत्यारों व बलात्कारियों को एक विशेष समुदाय के खिलाफ किये गये अपराध को सरकार की मौन स्वीकृति देता है और अपराधियों को राजनैतिक संरक्षण भी देता है ।
वक्ताओं ने कहा कि हमलोग इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हैं कि बिल्कीस बानो मामले में हत्या और सामूहिक बलात्कार के दोषियों की सजा माफ करने के गुजरात सरकार के अमानवीय और दुस्साहसिक फैसले को रद्द करें। हम सरकार से बिल्कीस के परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग करते हैं ।
वक्ताओं ने आगे कहा कि आज़ादी के इस अमृतकाल में राजस्थान के जालौर में एक 9 साल के मासूम की जातिगत ज़हर के कारण हुई हत्या की सख्त निंदा करते हैं । यद्यपि हत्यारा शिक्षक गिरफ्तार हो चुका है किन्तु आज़ादी के 75 वर्षों बाद भी आये दिन आजाद हिंदुस्तान में इस तरह की घटनाओं का होना निश्चित रूप से हमारी सरकारों व समाज पर भी एक बड़ा प्रश्नचिन्ह है ।
उन्होंने कहा कि हमारा संविधान देश के हर व्यक्ति को जाति और धर्म के भेदभाव से मुक्ति देकर एक नागरिक का गरिमापूर्ण स्थान देता है किन्तु कुछ राजनीतिक स्वार्थी ताकतें हमारे देश में “मनुस्मृति” के सिद्धांतों को गौरवान्वित कर रहीं हैं । आज़ादी के 75 वर्षों बाद हमारे समाज में सामंती व्यवस्था की बर्बर मानसिकता को बढ़ाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है ।
आगे कहा कि हम इस सामंती मानसिकता का सख़्त विरोध करते हैं । सर्वोच्च न्यायालय से बिल्कीस के लिए इंसाफ की मांग करते हैं, तथा समाज में फैलाये जा रहे जातिगत ज़हर के खिलाफ लड़ाई का ऐलान करते हैं । प्रतिवाद मार्च में इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, आइसा के जिला अध्यक्ष प्रिंस कुमार कर्ण, जिला सचिव मयंक, संदीप कुमार,इनौस के राज्य कार्यकारिणी सदस्य मकसूद आलम पप्पू खां, ए आई पी एफ के भूषण मंडल, रंजन प्रसाद सिंह, जसम के समीर वत्स, भाकपा(माले) महानगर सचिव सदिक भारती, योगेंद्र राम, सोनू यादव, विजय महासेठ भाकपा(माले) राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, ऐपवा जिला अध्यक्ष साधना शर्मा, जिला सचिव शनिचरी देवी, इंसाफ मंच के जिलाध्यक्ष अकबर रजा, बसंती देवी, पूजन देवी पंचायत समिति सदस्य केशरी कुमार यादव, पप्पू पासवान, दिनेश यादव, कोमलकांत यादव, कैलाश पासवान, गोविंद यादव, बैद्यनाथ यादव, ललित चौपाल, साजन दास आदि शामिल थे।
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