‘बिना सिक्योरिटी गार्ड के बिहार के किसी गांव में पैर नहीं रख सकते नीतीश कुमार’, प्रशांत किशोर का CM पर निशाना
‘बिना सिक्योरिटी गार्ड के बिहार के किसी गांव में पैर नहीं रख सकते नीतीश कुमार’, प्रशांत किशोर का CM पर निशाना
पटना, एजेंसी। कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद बिहार की सियासत में उबाल आ गया है। राजद के नेता से लेकर विपक्ष के लोग भी अब कुढ़नी में जदयू प्रत्याशी की हार के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसी कड़ी में राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने भी सीएम नीतीश कुमार की जमकर आलोचना की है। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता मुख्यमंत्री से तंग आ चुकी है। कुढ़नी के नतीजे इसका साफ उदाहरण है कि महागठबंधन सरकार के खिलाफ सूबे की जनता किस तरह आक्रोशित है।
मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) के घोड़ासहन इलाके में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को कहा कि लोग महागठबंधन सरकार के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं। मैं पिछले कई दिनों से लोगों के साथ बातचीत कर रहा हूं और पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यहां की जनता राज्य में बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है। किशोर ने का कि कुढ़नी उपचुनाव का नतीजा नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों के गुस्से को दर्शाता है।
कुढ़नी में लोगों ने कुर्सियां फेंककर किया सीएम का स्वागत
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि लोगों का आक्रोश इस कदर है कि मुख्यमंत्री राज्य के एक छोटे से गांव में भी बिना सुरक्षा गार्ड के नहीं चल सकते। 5 दिसंबर को कुढ़नी में मतदान से दो दिन पहले जब नीतीश कुमार चुनाव अभियान के लिए पहुंचे थे, तो जनता ने उनका विरोध प्रदर्शनों के साथ स्वागत किया। नीतीश कुमार के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की और कुर्सियां फेंकी… सीएम के खिलाफ लोगों का गुस्सा हर जगह देखा जा सकता है।
राजद नेता ने सीएम नीतीश से मांगा इस्तीफा
बता दें कि इससे पहले राजद नेता और कुढ़नी के पूर्व विधायक रहे अनिल कुमार सहनी ने भी सीएम नीतीश को कुढ़नी की हार के लिए खूब कोसा। अनिल सहनी ने कहा कि सीएम नीतीश में जरा भी नैतिकता बची है तो उन्हें इस्तीफा देकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कुढ़नी सीट पर राजद उम्मीदवार अनिल कुमार सहनी की जीत हुई थी। मगर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते राजद के अनिल सहनी को विधायकी से बर्खास्त कर दिया गया, जिसके बाद वहां उपचुनाव कराया गया।
source – jagran
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