पिछले लोकसभा चुनाव में बीरभूम की सात विधानसभा सीटों में से तीन पर तृणमूल थी आगे

बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल में 13 मई को चौथे चरण के तहत बीरभूम जिले के दो सीटों पर मतदान समाप्त हुआ. छिटपुट घटनाओं को छोड़ यदि देखा जाए तो जिले में पहली बार शांति पूर्ण मतदान हुआ. बाहुबली तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल (Anubrata Mandal) के तिहाड़ जेल में जाने के बाद भाजपा बीरभूम की दो लोकसभा सीट को पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. वही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अनुब्रत विहीन बीरभूम जिले की दोनों सीट को बचाए रखने के लिए कई बार अपना चुनावी दौरा किया. पांच जिला नेताओं को लेकर कोर कमेटी गठन की थी. काजल शेख को भी बाद में कोर कमेटी में शामिल किया. सोमवार को मतदान के समाप्त होने के बाद मंगलवार को जिले के कई क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस अपनी संभावित जीत को लेकर हरा गुलाल और अबीर खेलना शुरू कर दिया.

उड़ा हरा अबीर और गुलाल

विजय जुलूस बीरभूम के जिला परिषद सभाधिपति काजल शेख के अनुयायियों ने निकाला.आज सुबह स्वय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने काजल शेख से प्रसन्न होकर उन्हें बधाई दी है. इस दौरान विजय जुलूस में स्थानीय तृणमूल के कई नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे. यह विजय जुलूस नानूर विधानसभा क्षेत्र के पापुड़ी समेत कई गांवों में निकाला गया. काजल शेख ने कहा, हम पूरे साल पढ़ाई करते हैं. हम पहले से ही जानते हैं कि परिणाम क्या होगा.काजल शेख का अनुमान है कि बीरभूम में तृणमूल उम्मीदवार के रूप में शताब्दी राय एक से डेढ़ लाख वोटों के अंतर से और बोलपुर में तृणमूल उम्मीदवार के रूप में असित कुमार माल ढाई से तीन लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल करेंगे.

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पिछले लोकसभा चुनाव में बीरभूम की सात विधानसभा सीटों में से तीन पर तृणमूल थी आगे

पिछले लोकसभा चुनाव में बीरभूम की सात विधानसभा सीटों में से तीन पर तृणमूल आगे थी. बाकी चार सीटों पर बीजेपी आगे थी. फिर पिछले लोकसभा चुनाव में बोलपुर में बीजेपी और तृणमूल के बीच सिर्फ 6 फीसदी वोटों का अंतर था. बीरभूम शहर में तृणमूल के नतीजे खराब रहे. लेकिन इस बार दोनों तृणमूल उम्मीदवार अपनी जीत को लेकर आशान्वित हैं. बीरभूम में तृणमूल की राजनीतिक तस्वीर के कई रंग हैं. बीरभूम में चुनाव का परिणाम क्या होगा यह देखने वाली बात होगी. लेकिन चुनाव के नतीजे के आने के पूर्व ही तृणमूल का विजय जुलूस निकालना कही उनके लिए बड़ा झटका ना बन जाए यह बड़ा सवाल है जिसका जवाब महज कुछ दिनों बाद देखने को मिल ही जायेगा की ऊंट किस करवट बैठा है?

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