नमकीन और कैंसर की दवा हो गई सस्ती, जीएसटी परिषद ने घटाई टैक्स दरें

GST: देश में कैंसर की दवा और नमकीन के पैकेट सस्ते हो गए हैं. सोमवार को जीएसटी परिषद की बैठक में कैंसर की दवा और नमकीन पर लगने वाले वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दरें कम कर दिया गया है. इसके साथ-साथ लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स की दरों को भी घटाए जाने की उम्मीद है. नवंबर में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर फैसला किया जा सकता है. जीएसटी परिषद हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर टैक्स की दर को कम करने पर आम सहमति के स्तर पर पहुंच गई है.

इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर विचार करेगा मंत्री समूह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए दो मंत्री समूह (जीओएम) बनाने का फैसला किया है. इसमें से एक मंत्री समूह लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर जीएसटी पर विचार करेगा, जबकि दूसरा क्षतिपूर्ति उपकर (सेस) से जुड़े मुद्दों पर गौर करेगा. मंत्री समूह जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के आगे की राह के बारे में सुझाव देगा. आम तौर पर सेस विलासिता और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर लगाया जाता है.

कैंसर की दवा पर 7% घटा टैक्स, नमकीन पर 6%

जीएसटी परिषद ने कैंसर की दवाओं में ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और ड्यूरवालुमैब पर टैक्स की दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया है. इसके अलावा, नमकीन की कुछ श्रेणियों पर 18% से घटाकर 12% करने का फैसला किया गया है. हालांकि, कार सीटों पर जीएसटी दर 18% से बढ़ाकर 28% कर दी गई है. यह दर मोटरसाइकिल की सीटों के साथ समानता लाने के लिए लगाने का निर्णय लिया गया है, जिन पर पहले से ही 28% की जीएसटी लगता है.परिषद ने यह भी निर्णय किया है कि हेलिकॉप्टर सेवा पर यात्रियों के लिए सीट शेयर के आधार पर 5% और हेलिकॉप्टर चार्टर पर 18% जीएसटी लगेगा. इसके साथ ही, डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) की ओर से अनुमोदित उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) की संचालित उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को जीएसटी से छूट दी गई है.

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हेल्थ इंश्योरेंस पर अक्टूबर में रिपोर्ट देगा मंत्री समूह

निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने चिकित्सा और स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स को कम करने के मुद्दे पर चर्चा की. बैठक में यह महसूस किया गया कि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और कंपनियों का समूह बीमा पॉलिसी के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किये गये प्रीमियम और जीवन बीमा के संबंध में अधिक चर्चा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने महसूस किया है कि इंश्योरेंस से जुड़े मामले में कई आयाम हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि मामले पर मंत्रियों का समूह विचार करे और अक्टूबर के अंत तक इस पर अपनी रिपोर्ट दे, ताकि नवंबर में जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर निर्णय किया जा सके. फिलहाल, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगाया जाता है.

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