दिल्ली में 15 फरवरी से एक्रेक्स इंडिया एक्सपो-2024, 40 देशों की 500 से अधिक कंपनियां लगाएंगी प्रदर्शनी

नई दिल्ली : दिल्ली के प्रगति मैदान में आगामी 15 फरवरी से एक्रेक्स इंडिया एक्सपो के 23वें संस्करण का आयोजन किया जाएगा. इस एक्सपो में दुनिया भर के करीब 40 से अधिक देशों के 500 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे. यह व्यापार प्रदर्शनी इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रीजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स (ईशरे) के सहयोगी संगठन इर्न्फोमा मार्केट्स इन इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है. एयर कंडीशनिंग, हीटिंग, वेंटीलेशन और इंटेलीजेन्ट बिल्डिंग्स को समर्पित दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी प्रदर्शनी का विषय ‘पावरिंग ग्लोबल एचवीएसी सप्लाई चेन’ है. प्रदर्शनी भारत में एचवीएसी मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के विकास पर केंद्रित रहेगी. अनुमान है कि 2028 तक एचवीएसी मैनुफैक्चरिंग सेक्टर मार्केट वैल्यू बढ़कर 1.78 करोड़ रुपये तक हो जाएगी.

25 हजार से अधिक उद्यमी करेंगे शिरकत

एक्रेक्स इंडिया 2024 देशी-विदेशी निर्माताओं को सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के दिग्गजों एवं यूजर्स को जोड़ने और उनके कारोबार लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मंच प्रदान करेगा. एक्सपो 40 देशों के 500 से अधिक प्रदर्शक शामिल होंगे, जिसमें बेल्जियम, चीन, चैक गणराज्य, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कोरिया, मलेशिया, सउदी अरब, सिंगापुर, स्पेन, स्विट्ज़रलैण्ड, ताईवान, नीदरलैण्ड्स, यूएई, यूके, युक्रेन और यूएसए जैसे देश शामिल है. तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में करीब 25000 से अधिक कारोबारियों के शामिल होने की उम्मीद है. इसमें फुजित्सु जनरल इंडिया, डैकिन, डेनफोस, ब्लूस्टार, टाटा वोल्टास, मित्सुबिशी हैवी, शार्प इंडिया, हायर एचवीएसी सोल्युशन्स, ऐज टेक आदि प्रमुख हैं.

प्रदर्शनी का क्या है उद्देश्य

इसके बारे में एक्रेक्स इंडिया के चेयरमैन सुशील चौधरी ने कहा कि एक्रेक्स इंडिया भारत के एचवीएसी सेक्टर में डी-कार्बोनाइजेशन, तकनीकी विकास, इनोवेशन एवं सप्लाई चेन के इंटीग्रेशन जैसे पहलुओं पर रोशनी डालेगा. यह ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण के अनुरूप भारत को विश्वस्तरीय मैनुफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करेगा. उद्योग जगत ने महामारी के बाद के दौर में भारत की दृढ़ता का उदाहरण प्रस्तुत किया है.

एसी के इस्तेमाल से बिजली खपत में इजाफा

उन्होंने कहा कि 2023 के दौरान भारत में एयर कंडीशनर्स के उपयोग की वजह से तकरीबन 190 टीडब्ल्यूएच बिजली की खपत हुई. यह राष्ट्रीय स्तर पर खपत होने वाली बिजली की 10 फीसदी से अधिक है. उन्होंने कहा कि भारत में एयर कंडीशनर्स के उपयोग से बिजली खपत का आंकड़ा 2038 तक 600 टीडब्ल्यूएच तक पहुंचने की उम्मीद है. देश के वन, टू और थ्री टीयर शहरों में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है.

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