डीजल को विदेश भेजने पर अब देना होगा ज्यादा टैक्स, तेल कंपनियों का कम होगा मुनाफा

डीजल को विदेश भेजने पर अब देना होगा ज्यादा टैक्स, तेल कंपनियों का कम होगा मुनाफा

आपको बता दें कि भारत ने ऊर्जा कंपनियों के लाभ पर कर लगाने वाले देशों में शामिल होते हुए पहली बार एक जुलाई को यह टैक्स लागू किया था। इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में कमी आई है।

डीजल के निर्यात पर तेल कंपनियों को होने वाले मुनाफे पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने प्रॉफिट टैक्स बढ़ाकर सात रुपये प्रति लीटर कर दिया है, जो पहले 5 रुपये प्रति लीटर था। इसके साथ ही विमान ईंधन (एटीएफ) पर दो रुपये प्रति लीटर का टैक्स फिर से लगाया गया है। हालांकि घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर टैक्स कम किया गया है। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर टैक्स को 17,500 रुपये प्रति टन से घटाकर 13,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया है।

निर्यात पर टैक्स क्यों: डीजल के निर्यात के प्रॉफिट पर टैक्स बढ़ाया गया है क्योंकि तेल कंपनियां विदेश में ईंधन के निर्यात के जरिए मोटी कमाई कर रही थीं। भारत ने ऊर्जा कंपनियों के लाभ पर कर लगाने वाले देशों में शामिल होते हुए पहली बार एक जुलाई को यह टैक्स लागू किया था। इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में कमी आई है जिससे तेल निर्माताओं और तेल शोधन करने वाली कंपनियों का लाभ घटा है।

एक जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर का निर्यात कर लगाया गया था और डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का कर लागू किया गया था। वहीं, घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर भी प्रति टन 23,250 रुपये अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था। इसके बाद 20 जुलाई और दो अगस्त को निर्यात कर में और कटौती की गई।

source – hindustan

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