गौतम अदाणी को बड़ी राहत, अमेरिकी आरोप के बावजूद कर्जदाताओं और निवेशकों ने नहीं की कार्रवाई
Gautam Adani: भारत के अरबपति उद्योगपति और अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी को कर्जदाताओं और निवेशकों की ओर से बड़ी राहत मिली है. अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स की ओर सोलर एनर्जी का कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए रिश्वतखोरी का आरोप लगाए जाने के बावजूद कर्जदाताओं और निवेशकों ने गौतम अदाणी के खिलाफ किसी प्रकार की नकारात्मक कार्रवाई नहीं की. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अदाणी ग्रुप के पास कर्ज की अदायगी और कैपिटल एक्सपेंडिचर को पूरा करने के लिए पर्याप्त नकदी और ऑपरेटिंग कैश फ्लो मौजूद है.
अदाणी ग्रुप के पास बेहतर एबिटा
क्रिसिल की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अदाणी ग्रुप के पास वित्तीय बाजारों में विकास और भविष्य की पूंजी उपलब्धता के आधार पर डिस्क्रेशिनरी कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) को कम करने की गुंजाइश है. उसके पास बेहतर अर्निंग बिफोर टैक्स (एबिटा) और नकदी संतुलन है. इससे ऑपरेशन को बनाए रखने के लिए बाहरी कर्ज पर उसकी निर्भरता को कम करता है.
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अदाणी ग्रुप की कंपनियों की रेटिंग निर्धारित करती है क्रिसिल
अपनी रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘क्रिसिल रेटिंग्स ने इन घटनाक्रमों और अदाणी ग्रुप की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी पर उनके संभावित प्रभाव पर गौर किया. एजेंसी की ओर से गौर की गई बातों में अदाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में गिरावट, बॉण्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव और एजीईएल की 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर की बॉण्ड पेशकश को रद्द करना शामिल है.’’ क्रिसिल अदाणी ग्रुप की बुनियादी ढांचा समेत होल्डिंग यूनिट्स की भी साख (रेटिंग) निर्धारित करती है. क्रिसिल ने कहा, ‘‘ये ‘रेटिंग’ मुख्य रूप से उनके व्यवसाय और फाइनेंशियल रिस्क की मजबूती पर निर्भर होती हैं.
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अमेरिकी न्याय मंत्रालय और एसईसी ने लगाए हैं आरोप
अमेरिका के न्याय मंत्रालय और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन (एसईसी) ने न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले की अदालत में अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के प्रमुख पदाधिकारियों गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन के खिलाफ 20 नवंबर 2024 को अभियोग जारी करने के साथ दीवानी शिकायत की थी. ये आरोप सिक्योरिटी धोखाधड़ी, वायर धोखाधड़ी और एसईसी दिशानिर्देशों के उल्लंघन से संबंधित हैं. इस कारण एजीईएल के बॉण्ड पेशकश दस्तावेजों में रिश्वत रोधी और भ्रष्टाचार रोधी नीतियों के संबंध में झूठे और भ्रामक बयान दिए गए.
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