कर्मवीरकथा

कर्मवीरकथा

SANSKRIT ( संस्कृत )

1. रामप्रवेश राम का घर कहाँ था और कैसा था ?

उत्तर ⇒ रामप्रवेश का घर भीखनटोला था। इनका घर बाँस और फूस से बना हुआ झोपड़ी था।


2. कर्मवीर कौन था एवं उसके जीवन से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
अथवा, ‘कर्मवीरकथा’ से क्या शिक्षा मिलती है ?
अथवा, कर्मवीरकथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर ⇒ कर्मवीर रामप्रवेश राम था। कर्मवीर शब्द से ही आभास होने लगता है कि निश्चय ही कोई ऐसा कर्मवीर है जो अपनी निष्ठा, उद्यम, सेवाभाव आदि के द्वारा उत्तम पद को प्राप्त किये हुए है। प्रस्तुत पाठ में एक ऐसे ही कर्मवीर की चर्चा है जो अभावग्रस्त जीवन-यापन करते हुए भी स्नेहिल शिक्षक का.. सान्निध्य पाकर विविध बाधाओं से लड़ता हुआ एक दिन शीर्ष पद को प्राप्त कर लेता है। मनुष्य की जीवटता, निष्ठा, सच्चरित्रता आदि गुण उसे निश्चय ही ] सफलता की सीढ़ियों पर अग्रसारित करते हैं। अतः हमें भी जीवटता, निष्ठा आदि को आधार बनाकर सत्कर्म पर बने रहना चाहिए।


3. साक्षात्कार के समय समिति सदस्य रामप्रवेश पर क्यों प्रसन्न हुए ?

उत्तर ⇒ साक्षात्कार में समिति के सदस्यों ने रामप्रवेश के व्यापक ज्ञान से और वह भी उस प्रकार के पारिवारिक परिवेश में उसके श्रम और अभ्यास से बहुत प्रसन्न हुए।


4. महाविद्यालय में प्रवेश के बाद रामप्रवेश किस प्रकार स्वाध्याय में लीन हो गया ?

उत्तर ⇒ महाविद्यालय में प्रवेश के बाद रामप्रवेश बहुत ही मन लगाकर पढ़ने लगा। वह दलित मगर लगनशील और परिश्रमी था। धन के अभाव में भी अध्ययनरत रहा। महाविद्यालय की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उसने केन्द्रीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर समाज के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया।


5. रामनवेश की प्रतिष्ठा कहाँ-कहाँ देखी जा रही है ?

उत्तर ⇒ रामप्रवेश की प्रतिष्ठा अपने गाँव, विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, अपने राज्य और केन्द्रीय प्रशासन में देखी जा रही है।


6. “शिक्षा कर्म जीवनस्य परमागतिः’ रामनवेश राम पर उपरोक्त कथन कैसे घटित होता है ?

उत्तर ⇒ बालक रामप्रवेश राम शिक्षक के सान्निध्य में निरन्तर विद्या प्राप्ति के लिए स्वाध्याय में संलग्न हो गया । अर्थाभाव के बावजूद स्वाध्याय व जिज्ञासु प्रवृत्ति के बल पर अनवरत सफलता प्राप्त करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा में भी उन्नत स्थान प्राप्त किया। इस प्रकार ‘शिक्षा कर्म जीवनस्य परमागतिः’ की उक्ति रामप्रवेश राम पर अक्षरशः घटित हुई प्रतीत होती है।


7. रामप्रवेश राम की चारित्रिक विशेषताएँ क्या थी ?

उत्तर ⇒ कर्मवीर कथा का प्रमुख पात्र रामप्रवेश राम है। रामप्रवेश राम दलित परन्तु लगनशील और परिश्रमी बालक है। गुरु का सान्निध्य पाकर, विद्याध्ययन में लग गया। गुरु का आशीर्वाद और मेहनत से सफलतारूपी सीढ़ी चढ़ने लगा। धन के अभाव में भी अध्ययनरत रहा । विद्यालय और महाविद्यालय की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। केन्द्रीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर समाज के समक्ष आदर्श प्रस्तुत किया। उसकी प्रशासनिक क्षमता और संकटकाल में निर्णय लेने की कुशलता सबों का ध्यानाकर्ष करता है।


8. रामप्रवेश राम का जन्म कहाँ हुआ था ? उन्होंने देश की सेवा से कैसे यश अर्जित की ?

उत्तर ⇒ रामप्रवेश राम का जन्म भीखनटोला नाम के गाँव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रशासन क्षमता तथा संकट के समय निर्णय लेने की सामर्थ्य से देश की सेवा कर यश अर्जित किया।


9. कर्मवीर कौन था ? उनकी सफलता की कहानी पाँच वाक्यों में लिखें।
अथवा, रामप्रवेश राम की जीवनी पर प्रकाश डालें।
अथवा, रामप्रवेश राम का चरित्र-चित्रण करें।

उत्तर ⇒ रामप्रवेश राम ‘कर्मवीरकथा’ का प्रमुख पात्र हैं। इनका जन्म बिहार राज्य अंतर्गत भीखनटोला में हुआ है। कभी खेलों में संलग्न रहनेवाले रामप्रवेशराम अध्यापक का सान्निध्य पाकर विद्याध्ययन में जुट गए। गुरु का आशीर्वाद और मेहनत उनकी सफलता की सीढ़ी बनते गये । धनाभाव के बीच , भी उन्होंने अपना अध्ययन जारी रखा। विद्यालय स्तर से लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करते गए। केन्द्रीय लोक सेवा आयोग परीक्षा में उत्तीर्ण होकर उन्होंने समाज के समक्ष अपना आदर्श प्रस्तुत कर दिया । उनकी प्रशासन क्षमता और संकट काल में निर्णायक सामर्थ्य सभी को आकर्षित करते हैं।


10. रामप्रवेश राम की प्रारंभिक शिक्षा के विषय में आप क्या जानते हैं ?

उत्तर ⇒ रामप्रवेशराम भीखनटोला गाँव का रहनेवाला एक दलित बालक था। उस बालक को एक शिक्षक ने अपने विद्यालय में लाकर शिक्षा देना प्रारंभ किया। बालक रामप्रवेश राम शिक्षक की शिक्षणशैली से आकृष्ट हुआ और शिक्षा को जीवन का परम गति माना । विद्या अध्ययन में रात-दिन लग गया और अपने वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने लगा।


11. कर्मवीरकथा पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।
अथवा, कर्मवीरकथा का सारांश लिखें।

उत्तर ⇒ इस पाठ में एक पुरुषार्थी की कथा है, वह निर्धन एवं दलित जाति में जन्म जैसे विपरीत परिवेश में रहकर भी प्रबल इच्छाशक्ति तथा उन्नति की उत्कट कामना के कारण उच्च पद पर पहुँचता है। यह कथा किशोरों में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान उत्पन्न करती है, विजय के पथ को प्रशस्त करती है। ऐसे कर्मवीर हमारे आदर्श हैं।


12. रामप्रवेश राम किस प्रकार केंद्रीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सफल हुआ ?

उत्तर ⇒ रामप्रवेश राम एक कर्मवीर एवं निर्धन छात्र था । वह कष्टकारक जीवन जीते हुए अध्ययनशील था । वह पुस्तकालयों में अध्ययन किया करता था। वह अपने से नीचे वर्ग के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाकर जीवनयापन करता था। परिणामस्वरूप केंद्रीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने में सफल रहा।

13.कर्मवीर कथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उनर→ कर्मवीर शब्द से ही आभास होने लगता है कि निश्चय ही कोई ऐसा कर्मवीर है जो अपनी निष्ठा, उद्यम, सेवाभाव आदि के द्वारा उत्तम पद को प्राप्त किये हुए है। प्रस्तुत पाठ में एक ऐसे ही कर्मवीर की चर्चा है जो अभावग्रस्त जीवन-यापन करते हुए भी स्नेहिल शिक्षक का सान्निध्य पाकर विविध बाधाओं से लड़ता हुआ एक दिन शीर्ष पद को प्राप्त कर लेता है। मनुष्य की जीवटता, निष्ठा, सच्चरित्रता आदि गुण उसे निश्चय ही सफलता की सीढ़ियों पर अग्रसारित करते हैं। अतः हमें भी जीवटता, ‘निष्ठा आदि को आधार बनाकर सत्कर्म पर बने रहना चाहिए।


14. रामप्रवेश राम का चरित्र-चित्रण करें।

उनर→रामप्रवेश राम ‘कर्मवीरकथा’ का प्रमुख पात्र है। इनका जन्म बिहार राज्य अन्तर्गत भीखनटोला में हुआ है । कभी खेलों में संलग्न रहनेवाले रामप्रवेश राम अध्यापक का सान्निध्य पाकर, विद्याध्ययन में जुट गये। गुरु का आशीर्वाद और मेहनत उनकी सफलता की सीढ़ी बनते गये। धनाभाव के बीच भी उन्होंने अपना अध्ययन जारी रखा। विद्यालय स्तर से लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करते गये । केन्द्रीय लोक सेवा आयोग परीक्षा में उत्तीर्ण होकर उन्होंने समाज के समक्ष अपना आदर्श प्रस्तुत कर दिया । उनकी प्रशासन क्षमता और संकट काल में निर्णायक सामर्थ्य सभी को आकर्षित करते हैं।


15. कर्मवीरकथा पाठ का पाँच, वाक्यों में परिचय दें।

उनर→इस पाठ में एक पुरुषार्थी की कथा है जो निर्धनता एवं दलित जाति में जन्म जैसे विपरीत परिवेश में भी रहकर प्रबल इच्छाशक्ति तथा उन्नति की उत्कट कामना के कारण उच्च पद पर पहुँचता है। यह कथा किशोरों में आत्मविश्वास की ओर आत्मसम्मान उत्पन्न करती है, विजय के पथ को प्रशस्त करती है । ऐसे कर्मवीर हमारे आदर्श हैं।


16. भीखनटोला कैसा गाँव है ?

उनर→भीखनटोला बिहार प्रांत के दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित है। यहाँ के लोग प्रायः निर्धन और अशिक्षित हैं तथा कष्टमय जीवन बिताते हैं। कुछ अत्यंत निर्धन परिवार गाँव के बाहर टूटी कुटियाओं में रहते हैं। भीखनटोला से लगभग एक कोश की दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय है।


17.रामप्रवेशराम की प्रारंभिक शिक्षा के विषय में आप क्या जानते हैं ?

उनर→रामप्रवेशराम भीखनटोला गाँव का रहनेवाला एक दलित बालक था । उस बालक को एक शिक्षक अपने विद्यालय में लाकर शिक्षा देना प्रारंभ किए। बालक रामप्रवेशराम शिक्षक की शिक्षणशैली से आकष्ट हआ और शिक्षा को जीवन का परम गति माना । विद्या अध्ययन में रात-दिन लग गया और अपने वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने लगा।


18. रामप्रवेशराम किस प्रकार केंद्रीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सफल हुआ?

उनर→रामप्रवेशराम एक कर्मवीर एवं निर्धन छात्र था। वह कष्टकारक जीवन जीते हुए अध्ययनशील था । वह पुस्तकालयों में अध्ययन किया करता था । वह अपने से नीचे वर्ग के छात्रों को टयूशन पढ़ाकर जीवनयापन करता था । परिणामस्वरूप केंद्रीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने में सफल रहा।


19. ’कर्मवीर कथा’ पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

उनर→कर्मवीर कथा पाठ से हमें शिक्षा मिलती है कि गाँव में रहनेवाले दलित एवं निर्धन छात्र भी मेहनत के बल पर सर्वोच्च शिखर पर पहुँच सकते हैं। लगन उत्साह और धैर्य से मनुष्य किसी भी कठिनाई पर विजय प्राप्त कर सकता है।

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