एक ही सप्ताह में प्रदोष व्रत से रथ यात्रा तक, जानें तिथि और पूजन विधि
Weekly Vrat Festival 22-28 June 2025: आने वाला हफ्ता यानी 23 से 28 जून 2025 तक का सप्ताह धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस सप्ताह कई प्रमुख व्रत और त्योहार आ रहे हैं, जिनमें प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, आषाढ़ अमावस्या, गुप्त नवरात्रि और भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा जैसे पावन अवसर शामिल हैं. ये पर्व न केवल आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त हैं, बल्कि ग्रह दोष, पितृ दोष और जीवन की बाधाओं को शांत करने के लिए भी विशेष माने जाते हैं.
आइए जानें, 23 जून से 28 जून 2025 तक किन-किन व्रत-त्योहारों का शुभ संयोग बन रहा है और उनका धार्मिक महत्व क्या है:
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23 जून 2025: प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि
प्रदोष व्रत (Shiv Pradosh Vrat)
- त्रयोदशी तिथि को आने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर होता है.
- इस दिन शाम को शिवलिंग पर बेलपत्र, जल और दूध अर्पित करें.
- व्रत रखने से स्वास्थ्य, शत्रु बाधा और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri)
- चतुर्दशी तिथि की रात शिव आराधना के लिए अति शुभ मानी जाती है.
- रात्रि जागरण, महामृत्युंजय जाप और शिव अभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- यह दिन विशेष रूप से अविवाहितों और संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए फलदायी होता है.
25 जून 2025: आषाढ़ अमावस्या का पावन पर्व
- यह तिथि पितरों की आत्मा की शांति, पितृ दोष निवारण और ग्रह बाधा से मुक्ति के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है.
- इस दिन लोग गंगा, यमुना, नर्मदा, सरयू जैसी पवित्र नदियों में स्नान कर तर्पण, श्राद्ध और दान करते हैं.
- नीम और पीपल जैसे पौधे लगाने से शास्त्रों के अनुसार अद्भुत पुण्य प्राप्त होता है.
महत्वपूर्ण उपाय
तिल, जल, वस्त्र और अन्न का दान करें. घर में तुलसी, नीम या पीपल का पौधा लगाएं.
26 जून 2025: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का आरंभ
- गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना और मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की आराधना के लिए जाना जाता है.
- व्रत, सप्तशती पाठ, हवन और आरती से नकारात्मक शक्तियों पर विजय पाई जा सकती है.
- यह नौ दिन साधना, साधु संगति और आत्मिक शुद्धि के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं.
27 जून 2025: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा
- पुरी (ओडिशा) में मनाई जाने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है.
- भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को विशाल रथों में बैठाकर भक्त खींचते हैं.
- मान्यता है कि इस यात्रा में भाग लेने या दर्शन मात्र से ही सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- देशभर में इस दिन शोभायात्राएं, भजन-कीर्तन और भव्य सजावट होती है.
28 जून 2025: विनायक चतुर्थी
- यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है.
- भक्तगण उपवास रखते हैं और दूर्वा, मोदक और सिंदूर से गणपति पूजन करते हैं.
- यह व्रत कर्ज़ से मुक्ति, कार्य में सफलता और विघ्नहर्ता की कृपा के लिए अति लाभकारी माना गया है.
ध्यान रखें ये खास बातें
- व्रत करते समय सात्विकता और संयम बनाए रखें.
- व्रत पारण से पहले भगवान को नैवेद्य और जल चढ़ाकर भोग लगाएं.
- जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, जलपात्र आदि दान करें—इससे पुण्य कई गुना बढ़ता है.
- इन तिथियों पर मां लक्ष्मी, गणेश, शिव और पितृ पूजन विशेष फल देता है.