आपके होम लोन की ईएमआई में जल्द होगी कटौती, शुक्रवार को ऐलान करेगा आरबीआई

RBI MPC Meeting: होम लोन और कार लोन लेने वालों के लिए यह महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है. आपके होम लोन और कार लोन की ईएमआई में जल्द ही कटौती होने वाली है. इसका कारण यह है कि नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को तय करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक बैठक बुधवार को शुरू हो गई है. इस बैठक की अध्यक्षता गवर्नर संजय मल्होत्रा कर रहे हैं. बैठक तीन दिनों तक चलेगी और 7 जून शुक्रवार को इसके फैसलों की आधिकारिक घोषणा की जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय बैंक शुक्रवार को रेपो रेट में 0.50% या 50 बेसिस प्वाइंट कटौती करने का ऐलान कर सकता है. इससे होम लोन और कार लोन की ईएमआई में कमी आने की भी संभावना है.

रेपो रेट में लगातार तीसरी बार कटौती संभव

मौजूदा वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए इस बार भी रेपो रेट में कटौती की संभावना जताई जा रही है. इस समय रेपो रेट 6% है. फरवरी और अप्रैल में आरबीआई पहले ही रेपो रेट में कुल 0.50% की कटौती कर चुका है. यदि शुक्रवार को फिर कटौती होती है, तो यह लगातार तीसरी बार दरों में राहत होगी.

विशेषज्ञों की राय और संभावित कटौती

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि 0.25% की और कटौती हो सकती है. एसबीआई की रिसर्च टीम जैसे कुछ विश्लेषकों ने यह भी संभावना जताई है कि आरबीआई इस बार भी 0.50% की ‘जंबो’ कटौती कर सकता है, जिससे ब्याज दरों में बड़ी राहत मिल सकती है.

गिरती महंगाई से बढ़ा लचीलापन

रेटिंग एजेंसी केयरएज रेटिंग के अनुसार, महंगाई दर में गिरावट ने आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती के लिए अधिक लचीलापन दिया है. हालांकि, असमान खपत, निजी पूंजी व्यय में कमी और विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट जैसी चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए नीतिगत निर्णय लिया जाएगा.

एमपीसी में कौन-कौन हैं शामिल

एमपीसी में कुल छह सदस्य होते हैं, जिनमें तीन आरबीआई के और तीन सरकार की ओर से नियुक्त बाहरी विशेषज्ञ होते हैं.

एमपीसी में आरबीआई के सदस्य

  • गवर्नर संजय मल्होत्रा
  • डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव
  • कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन

एमपीसी के बाहरी सदस्य

  • डॉ नागेश कुमार
  • सौगत भट्टाचार्य
  • प्रोफेसर राम सिंह

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लोन सस्ता होने की उम्मीद

अगर एमपीसी इस बार भी ब्याज दरों में कटौती करती है, तो इससे लोन सस्ता होगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है. इसके साथ ही, अगस्त की बैठक में भी इसी रुख के जारी रहने की उम्मीद है.

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