साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज Simple and Compound Interest

साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज   Simple and Compound Interest

 

साधारण ब्याज (Simple Interest )— जब कोई व्यक्ति किसी बैंक आदि से कुछ धन उधार लेता है, तो इस धन का प्रयोग करने के लिए उस व्यक्ति द्वारा बैंक आदि को कुछ अतिरिक्त धन देना पड़ता हैं। इस अतिरिक्त धन को ब्याज कहते हैं। वह ब्याज जो केवल मूलधन पर एक निश्चित समय के लिए एक समान दर से लगाया जाता है, साधारण ब्याज कहलाता है।
मूलधन (Principal)—जो धन बैंक आदि से उधार लिया जाता है, उसे मूलधन कहते हैं। इसे P से निरूपित करते हैं।
मिश्रधन (Amount)— मूलधन व साधारण ब्याज के योग को मिश्रधन कहते हैं। इसे A से निरूपित करते हैं।
माना मूलधन ₹P, ब्याज दर r% वार्षिक, समय वर्ष, साधारण ब्याज SI तथा मिश्रधन ₹A है।
(i) मिश्रधन (A) = मूलधन (P) + साधारण ब्याज (SI)
(ii) साधारण ब्याज (SI)= Px r x t / 100
(iii) A = P {1 +rt / 100}
चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest)—जब एक निश्चित समय के बाद मूलधन के साथ-साथ ब्याज पर भी ब्याज की गणना की जाती है, तो इस प्रकार प्राप्त ब्याज को चक्रवृद्धि ब्याज कहते हैं।
यह समय अवधि साधारणतया वार्षिक, छमाही या तिमाही होती है। यदि प्रश्न में अवधि न दी गई हो, तब समय अवधि को वार्षिक मान लेना चाहिए। चक्रवृद्धि ब्याज के योग को चक्रवृद्धि मिश्रधन कहते हैं। अर्थात्
चक्रवृद्धि मिश्रधन = मूलधन + चक्रवृद्धि ब्याज
यदि मूलधन ₹P, ब्याज की दर r%, समय n वर्ष तथा
मिश्रधन A हो, तो
(i)  A=P { 1+ r/100}n
(ii) A P + CI
(iii) CI = P {(1+r/100)n–1}
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