रामायण की ये 3 बातें इंसान को बनाएंगी तनावमुक्त, मुश्किल हालात में भी मिलेगा जीने का हौसला

Life Tips: रामायण हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ है. रामायण भगवान श्रीराम की जीवन गाथा को बताती है. जो इंसान रामायण को अच्छी तरीके से पढ़कर समझ लेता है, तो उसका जीवन धन्य हो जाता है. वह भविष्य में किसी भी तरह की परेशानियों में नहीं उलझता है. भगवान राम का चरित्र बुरी से बुरी परिस्थितियों में भी सरल ढंग से जीवन जीने की प्रेरणा देता है. हालांकि, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और कॉर्पोरेट लाइफ की वजह से लोगों के पास खुद के लिए ज्यादा समय नहीं बचता है. जिसके कारण लोग तनावग्रस्त रहते हैं. लोगों में बहुत जल्द ही चिड़चिड़ापन और किसी बात को लेकर गुस्सा आ जाता है. ऐसे में अगर आप भी किसी तनाव से गुजर रहे हैं तो रामायण की इन तीन बातों को जरूर याद रखें ये आपको तनाव मुक्त बनाने का काम तो करेगा ही साथ ही यह कठिन परिस्थितियों में भी चिंता मुक्त जीवन जीने की राह बताती हैं.

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धैर्य और सकारात्मक सोच

जब अयोध्या में भगवान श्री राम के राज्याभिषेक की तैयारी चल रही थी. उसी समय कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वर मांगा, जिसमें भरत को अयोध्या का राजा और राम को 14 साल का वनवास शामिल था. ऐसे में भगवान राम को अगले दिन वनवास के लिए जाना पड़ा. लेकिन ध्यान देने योग्य यह बात है कि भगवान राम माता कैकेयी की वचनों के हिसाब से 14 साल के लिए वनवास के लिए निकल गए. भगवान राम का कभी धैर्य का बांध नहीं टूटा और वह सकारात्मक गुणों के साथ वन की ओर कूच कर गए. लिहाजा भगवान राम का यही गुण हमें बताता है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी व्यक्ति को धैर्य और सकारात्मक सोच के साथ ही आगे बढ़ना चाहिए.

अच्छी हो संगत

जब माता सीता का रावण ने अपहरण कर लिया, तो भगवान राम ने सीता की खोज के लिए वानर राज सुग्रीव का साथ मांगा. पहले राम भगवान ने सुग्रीव को किष्किंधा का राजपाट दिलाया. फिर उसके बाद माता सीता की खोज के लिए सुग्रीव ने पूरी वानर सेना को लगा दिया। यह बात हमें सिखाती है कि व्यक्ति के आसपास रहने वाले लोग अच्छे होने चाहिए. अगर संगत अच्छी होगी तो रावण रूपी कठिन से कठिन परिस्थितियों से भी आसानी से निपटा जा सकता है.

लक्ष्य की प्राप्ति तक आराम न करें

राम भगवान माता सीता की खोज के लिए बिना आराम किए निकले. वह रात-दिन माता सीता की खोज करते रहे और जब तक माता सीता का पता नहीं मिल गया तब तक उन्होंने आराम नहीं किया. ऐसे में इस बात से हमें यह सीख मिलती है कि जब तक आप अपने लक्ष्य को प्राप्त न कर लें तब काम करते रहना चाहिए.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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