बिहार में अब तालाब-पोखर वाले कमाएं लाखों रुपए, बैंक्वेट हॉल से बोटिंग तक… सरकार करेगी पूरी व्यवस्था

Bihar News: बिहार सरकार अब वाटर टूरिज्म को ग्रामीण स्तर पर भी विस्तार देने जा रही है. इसके लिए राज्य में जल्द ही “तालाब पर्यटन विकास योजना” की शुरुआत होने वाली है. इस योजना के तहत 5 एकड़ या उससे बड़े राजकीय और निजी तालाबों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. इसका मकसद न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करना है.

604 बड़े तालाबों की सूची तैयार

पर्यटन और लघु जल संसाधन विभाग ने अब तक 604 ऐसे तालाबों की पहचान की है जो 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैले हुए हैं. ये तालाब मुख्य रूप से पटना, गया, नालंदा, भागलपुर और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में स्थित हैं. योजना की खास बात यह है कि अगर किसी निजी व्यक्ति के पास भी इतना बड़ा तालाब है, तो वह सरकार को आवेदन देकर इस योजना में शामिल हो सकता है.

तालाब किनारे बनेगा पिकनिक और टूरिज्म जोन

सरकार इन तालाबों के आसपास पैदल पथ, बेंच, रेस्ट शेड, नाव सेवा, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र और पर्यटक सूचना केंद्र जैसी सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रही है. इससे गांवों में भी एक नया पर्यटन अनुभव मिलेगा और स्थानीय लोगों को नौकरी और व्यापार के अवसर मिलेंगे.

लीज पर मिलेंगे सरकारी तालाब

राजकीय तालाबों को 5 साल की अवधि के लिए लीज पर दिया जाएगा. इनका रखरखाव और संचालन स्थानीय व्यक्ति या समूह को सौंपा जाएगा, जिससे उन्हें सीधी आय होगी. निजी तालाब मालिकों के लिए भी यह योजना एक कमाई का जरिया बन सकती है.

वाटर टूरिज्म को नई ऊंचाई

बिहार सरकार ने पहले ही कुढ़नी डैम, बांका, रोहतास और सासाराम जैसे क्षेत्रों में वाटर टूरिज्म की दिशा में कई पहलें की हैं. अब यह योजना तालाब आधारित पर्यटन को नई ऊंचाई देने की कोशिश है. यह योजना ना सिर्फ पर्यटन का नया चेहरा बनेगी, बल्कि ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम साबित हो सकती है.

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