तीन बालश्रमिकों को कराया गया मुक्त, कार्रवाई से मचा हड़कंप

गोपालगंज. बालश्रम के खिलाफ जिले में एक बार फिर प्रशासन ने सख्ती दिखायी है. श्रम संसाधन विभाग और जिला पदाधिकारी पवन कुमार सिन्हा के निर्देश पर गठित विशेष धावा दल द्वारा शुक्रवार को बालश्रम निषेध अधिनियम-1986 के तहत बड़ी कार्रवाई की गयी. इस अभियान के दौरान जिले के तीन अलग-अलग व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से तीन बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया. अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई के तहत केशव स्वीट्स हाउस, कोन्हवा मोड़, गोपालगंज से एक बाल श्रमिक, लक्ष्मी स्वीट्स, बघौच रोड, सासामुसा से एक अन्य बाल श्रमिक तथा द-इंडियन रेस्टोरेंट, हथुआ से एक बाल श्रमिक को मुक्त कराया गया. तीनों ही नाबालिग बच्चों से व्यवसायिक कार्य लिये जा रहे थे, जो बाल एवं किशोर श्रमिक (प्रतिबंधन एवं विनियमन) अधिनियम 1986 का सीधा उल्लंघन है. इस अभियान में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, गोपालगंज सदर, सिधवलिया, बरौली, कुचायकोट एवं बैकुंठपुर के अधिकारी, गोपालगंज पुलिस लाइन के पदाधिकारी एवं संबंधित थाना के पुलिस पदाधिकारी तथा पुलिस बल की उपस्थिति में संयुक्त रूप से कार्रवाई की गयी. धावा दल ने तीनों स्थलों पर जाकर सघन जांच की और आवश्यक दस्तावेजों के साथ श्रमिक बच्चों को रेस्क्यू किया. श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई जिला प्रशासन की बाल श्रम के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ के तहत की गयी है. उन्होंने कहा कि संबंधित प्रतिष्ठान संचालकों के खिलाफ़ तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने तथा अन्य सभी कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को दिया गया है. श्री कुमार ने यह भी बताया कि विमुक्त कराये गये बच्चों की रेस्क्यू रिपोर्ट तैयार कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया भी आरंभ की जायेगी ताकि भविष्य में वे पुनः किसी प्रकार के शोषण का शिकार न हों.

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